Eknath Shinde बने महाराष्ट्र के 20वें CM:बाला साहेब को याद कर शपथ ली, Fadnavis बने डिप्टी; प्रधानमंत्री ने दी बधाई

सियासी फिल्म के 11वें दिन की शाम… अटकलों और अनुमानों पर पूर्ण विराम। एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनके साथ देवेंद्र Fadnavis ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों को बधाई भी दी। ये तो हुआ फिल्म का क्लाइमैक्स… लेकिन अब इससे पहले के सीन पर भी नजर डाल लीजिए… जगह मुंबई। काले माइक के सामने Fadnavis बोलते हुए और उनकी दायीं ओर सिर पर लाल टीका लगाए हाथ बांधे मौन बैठे शिंदे। कुछ पुरानी बातें और फिर सीधे हीरो के नाम का ऐलान- ‘एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री। आज ही शाम साढ़े सात बजे शपथ लेंगे, वो भी अकेले। भाजपा उनका समर्थन करेगी। सरकार में शामिल भी होगी, लेकिन मैं सरकार से बाहर रहूंगा।’ ये ऐसी घोषणा थी जिसने सभी न्यूजरूम की बनी-बनाई खबर बिगाड़ दी। सबने फडणवीस को मुख्यमंत्री लिख रखा था। हमने भी, लेकिन खबर में चौंकाने वाला एंगल आना फिर बाकी था। Fadnavis ने जैसे ही सरकार से बाहर रहने की बात कही, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाया है। अब उन्हें डिप्टी CM का पद स्वीकार करना चाहिए। इसके बाद अमित शाह ने कहा कि फडणवीस सरकार में शामिल होने के लिए मान गए हैं। इसके बाद फौरन राजभवन में दो की जगह तीन कुर्सी लगाई गई। मोदी बोले- Fadnavis भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नई सरकार को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- देवेंद्र फडणवीस जी को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर बधाई। वह हर भाजपा कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा हैं। उनका अनुभव और विशेषज्ञता सरकार के लिए एक संपत्ति होगी। मुझे विश्वास है कि वह महाराष्ट्र के विकास पथ को और मजबूत करेंगे। शाह और नड्‌डा ने Fadnavis के सरकार में शामिल होने की पुष्टि कीमहाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री की घोषणा और फडणवीस के सरकार में शामिल नहीं होने के ऐलान के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा मीडिया के सामने आए और फडणवीस को बड़े दिल वाला नेता बताया। उन्होंने फडणवीस से गुजारिश की कि वे नई सरकार में शामिल हों और डिप्टी सीएम की कुर्सी संभालें। नड्‌डा ने इसके बाद कहा कि केंद्रीय नेतृत्व का भी ये निर्देश है कि देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम पद की शपथ लें। इधर, नड्‌डा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी Fadnavis के सरकार में शामिल होने की पुष्टि की है। इसके बाद फडणवीस ने भी ट्वीट कर लिखा- एक कार्यकर्ता के नाते पार्टी के आदेश का मैं पालन करता हूं। जिस पार्टी ने मुझे सर्वोच्च पद तक पहुंचाया, उसका आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है। शिंदे बोले- भाजपा ने बड़ा दिल दिखायाप्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे ने कहा- बाला साहेब के हिंदुत्व और राज्य के विकास के एजेंडे के साथ हम साथ आए हैं। हम पिछली सरकार में रहते हुए भी कुछ कर नहीं पा रहे थे। इसमें किसी का कोई स्वार्थ नहीं है। बड़ी पार्टी होते हुए भी बीजेपी ने मुझे मौका दिया। देवेंद्र जी ने बड़ा दिल दिखाया। इसके लिए देवेंद्र जी का शुक्रगुजार हूं। मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी, गृहमंत्री अमित शाहजी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का शुक्रगुजार हूं। विधायकों को खरोंच भी नहीं आने दूंगादेवेंद्र जी कैबिनेट में नहीं होंगे, लेकिन हमें मार्गदर्शन देते रहेंगे। एक तरफ बड़े-बड़े नेता हैं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे जैसे कार्यकर्ता को मौका दिया जा रहा है। एक मजबूत सरकार हम लोगों को देखने को मिलेगी। यह सरकार देश में एक मिसाल होगी। सहयोगियों को भी धन्यवाद देता हूं। मैं छोटा कार्यकर्ता हूं, लेकिन 50 विधायकों ने मुझमें जो भरोसा दिखाया है। उस भरोसे को मैं एक खरोंच भी नही आने दूंगा। केंद्र सरकार महाराष्ट्र को मदद करेगी। इससे राज्य का विकास होगा। Fadnavis बोले- सत्ता के लिए पाला बदलाराजभवन में फडणवीस ने मीडिया से कहा कि जनता ने महाविकास अघाड़ी को बहुमत नहीं दिया था। चुनाव के बाद भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी। शिवसेना ने हमारे साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन शिवसेना ने कांग्रेस और NCP के साथ मिलकर सरकार बना ली। सत्ता के लिए बाला साहेब ठाकरे के विचारों को भी ताक पर रख दिया। दाउद से जुड़े मंत्री को पद से नहीं हटायाफडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सरकार के दो-दो मंत्री जेल में हैं। बालासाहेब ने हमेशा दाउद का विरोध किया, लेकिन उद्धव सरकार का एक मंत्री दाउद से जुड़ा हुआ है। जेल में जाने के बाद भी उसे मंत्री पद से हटाया नहीं गया। यह बाला साहेब का अपमान है। बुधवार देर रात उद्धव खुद कार ड्राइव कर इस्तीफा देने पहुंच� उद्धव ठाकरे बुधवार रात करीब सवा 11 बजे इस्तीफा देने खुद ही ड्राइव कर राजभवन के लिए निकले थे। उनके साथ कार में दोनों बेटे आदित्य और तेजस ठाकरे भी थे। उद्धव जब राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने पहुंचे तो राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था बनने तक अपने पद पर बने रहने को कहा। राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य के साथ एक मंदिर में पूजा की। इसके बाद वे अपने आवास मातोश्री पहुंचे थे।

महाराष्ट्र की लड़ाई LIVE:Aditya Thackeray बोले- हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो जवाब देते

Aditya Thackeray:महाराष्ट्र का सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। 16 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच सोमवार को इस पर सुनवाई करेगी । शनिवार को डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने 16 विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा था। इस बीच, शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी से सीधे 40 विधायकों के शव मुंबई आएंगे, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए विधानसभा भेजेंगे। वहीं Aditya Thackeray ने बताया कि एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव जी की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की। बोले-हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो जवाब देते। सियासी संकट के 3 बड़े अपडेट्स… शिवसेना के मंत्री उदय सावंत गुवाहाटी पहुंच गए। सुबह से उनका मोबाइल फोन बंद था। सावंत उद्धव के करीबी हैं। शिवसेना में उठे विद्रोह को रोकने के लिए उद्धव की पत्नी रश्मि Thackeray ने भी मोर्चा थाम लिया है। सूत्रों के मुताबिक रश्मि ने बागी विधायकों की पत्नियों को मैसेज भेजा है और कहा है कि अपने पति को मनाएं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के डीजीपी,मुंबई पुलिस कमिश्नर और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को को चिट्ठी लिखकर बागी शिवसेना विधायकों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने की मांगी की है। केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को Y प्लस सुरक्षा दी है। विधायकों के घरों और दफ्तरों पर शिव सैनिकों के हमलों के बाद यह फैसला लिया गया है। ठाणे में एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत का पुतला जलाया। शिंदे के पोस्टर से 10 दिन में बाल Thackeray गायब एकनाथ शिंदे के पोस्टर से 10 दिन के भीतर बाल ठाकरे गायब हो गए हैं। 16 जून को सोशल मीडिया पर शिंदे ने एक पोस्टर शेयर किया था, जिसमें बाल ठाकरे, उद्धव और आदित्य नजर आ रहे हैं। वहीं रविवार को शिंदे ने जो पोस्टर शेयर किया है, उसमें उद्धव और आदित्य के साथ बाल ठाकरे भी गायब हैं। बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें बागी विधायक भरतशेट गोगावले कह रहे हैं कि सीएम उद्धव ठाकरे ने 2.5 साल में शिवसेना के उन विधायकों के साथ कोई बैठक नहीं की जो 2019 का चुनाव हार गए थे। इसके उलट उप मुख्यमंत्री ने उन ‌एनसीपी उम्मीदवारों को फंड दिया जो 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। शिंदे गुट फ्लोर टेस्ट का सामना करने को तैयारएकनाथ शिंदे खेमे के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एकनाथ शिंदे समूह को मान्यता दी जानी चाहिए। हम महा विकास अघाड़ी सरकार के साथ नहीं जाएंगे। एक से दो विधायक और आएंगे और हमारे साथ जुड़ेंगे। उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ हमारी संख्या 51 हो जाएगी। हम 3-4 दिनों में किसी निर्णय पर पहुंचेंगे जिसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे पवार के घर भी कानूनी मसलों पर राय मशविरा इधर, शरद पवार के घर पर भी कानूनी मसलों को लेकर राय-मशविरा जारी है। सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में इस बात पर डिस्कस किया जा रहा है कि डिप्टी स्पीकर के पास क्या विकल्प है? सियासी संकट के बीच 3 बड़े बयान… राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी-मुझे आज अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। मैं बिल्कुल ठीक हूं। हालांकि, मुझे कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी गई है। NCP चीफ शरद पवार – मुझे उद्धव Thackeray पर भरोसा है। विधायक गुवाहाटी से आए तो गठबंधन को सपोर्ट करेंगे। संजय राउत का शव वाला बयान सही नहीं है। शिवसेना सांसद संजय राउत-महाराष्ट्र को तीन टुकड़े करने की साजिश रची जा रही है। शिवसेना को भी तोड़ने की कोशिश है, मगर कामयाबी नहीं मिलेगी। अब 5 प्वॉइंट में जानिए 5 दिन का घटनाक्रम पहले दिन करीब 30 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ सूरत के होटल में पहुंचे। इन विधायकों को ली मेरेडियन होटल में रखा गया। कांग्रेस ने कमलनाथ को मुंबई भेजा। दूसरे दिन सूरत से करीब 40 विधायकों को गुवाहाटी ले जाया गया। मुख्यमंत्री उद्धव ने बागी एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की। बागियों को समझौते का प्रस्ताव दिया गया तीसरे दिन एकनाथ शिंदे ने 34 विधायकों की सूची जारी की। शिवसेना ने 12 विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए डिप्टी स्पीकर से शिकायत की। शरद पवार संजय राउत से मिले। चौथे दिन शिवसेना हिंसा पर उतर आई। शिवसैनिकों ने कुर्ला में बागी विधायक के घर पर तोड़फोड़ की। हिंसा को देखते हुए महाराष्ट्र में हाईअलर्ट जारी किया गया। पांचवे दिन शिवसैनिकों ने शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत के दफ्तर पर तोड़फोड़ की। वहीं शिवसे

Thackeray सरकार पर संकट LIVE:गठबंधन बनाने में जुटा बागी गुट; देर रात गुवाहाटी से इंदौर होते वडोदरा गए शिंदे, फडणवीस से मिले

Thackeray सरकार पर संकट महाराष्ट्र में सियासी संग्राम के बीच बागी गुट ने सियासी गठबंधन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शुक्रवार देर रात एकनाथ शिंदे गुवाहाटी से इंदौर होते हुए वडोदरा गए थे, जहां उनकी मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस से हुई। सूत्रों के मुताबिक वडोदरा में फडणवीस से मुलाकात के बाद शिंदे रात में ही गुवाहाटी लौट आए। वहीं शनिवार सुबह शिंदे गुट ने दावा कर दिया कि उसके पास 38 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे दलबदल कानून उन पर लागू नहीं होगा। शिंदे ने MVA गठबंधन को बताया अजगरदेर शााम एकनाथ शिंदे ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा- प्रिय शिवसैनिकों, अच्छी तरह से समझें, महा विकास अघाड़ी (MVA) के खेल को पहचानो..! मैं शिवसेना और शिवसैनिकों को MVA के अजगर के चंगुल से मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहा हूं। यह लड़ाई आप शिवसैनिकों के फायदे के लिए है। शिवसैनिकों का शिंदे के बेटे के दफ्तर पर हमलापॉलिटिकल ड्रामे के पांचवे दिन यानी शनिवार को शिवसेना के कार्यकर्ता हिंसा पर भी उतर आए। शिवसैनिकों ने पहले पुणे में बागी विधायक तानाजी सावंत के घर पर तोड़फोड़ की। इसके बाद शिंदे के बेटे व कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे के दफ्तर पर पत्थरबाजी की। मुंबई में क्या हो रहा है: शिवसेना की मीटिंग में उद्धव Thackeray को मिला कार्रवाई का अधिकारशिवसेना की हाईलेवल मीटिंग में उद्धव ने शिंदे पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा- शिंदे पहले नाथ थे, लेकिन अब दास हो गए हैं। उद्धव Thackeray ने आगे कहा कि सुलगते बम पर बागी बैठे हुए हैं। बालासाहब का नाम लेकर कोई पॉलिटिक्स नहीं कर पाएंगे। उद्धव की मीटिंग में 6 प्रस्ताव पास किया गया। शिवसेना बालासाहब की है और रहेगी और किसी को भी बालासाहब के नाम का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा।बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे से शिवसेना संगठन में से नेता का पद छीन लिया जाए।बागी विधायको पर कारवाई करने का अधिकार शिवसेना चीफ उद्धव Thackeray को दिया गया है।मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे शिवसेना और आक्रमक रवैया अपनाएगी।कोरोना काल में उद्धव ठाकरे किए काम और धारावी मॉडल की सराहना को लेकर धन्यवाद पेश किया गया।मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में फिर से शिवसेना की जीत का संकल्प लिया गया गुवाहाटी में क्या हो रहा है: शिंदे गुट ने दो तिहाई बहुमत होने का दावा कियाशिवसेना के शिंदे गुट ने कहा कि हमने अभी पार्टी नहीं छोड़ी है। हमारे पास दो तिहाई बहुमत है और जिनके पास बहुमत होता है, उसके पास ही नेता चुनने का अधिकार होता है। विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्णय को कोर्ट में चुनौती देंगे। शिंदे ने शनिवार सुबह 38 विधायकों की एक सूची जारी की थी। बागी विधायकों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए दीपक केसरकर ने कहा- यहां का खर्च शिंदे उठा रहे हैं। कुछ लोग जानबूझकर हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सियासी संकट के 5 बड़े अपडेट्स… राज्य में लगातार हो रही हिंसा के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा है कि विधायकों की सुरक्षा हटा ली गई है, अगर उनके परिवार को कुछ हुआ, तो उसके लिए उद्धव और आदित्य जिम्मेदार होंगे। शिंदे के करीबी दीपक केसरकर ने बताया कि गुवाहाटी में बागी विधायकों ने शिवसेना बालासाहब ठाकरे नाम से नए गुट बनाने की घोषणा की है। केसरकर ने आगे कहा- हम लोग अभी गुवाहाटी में ही रहेंगे। अगर महाराष्ट्र गए, तो वहां दंगा हो सकता है। पुणे में हिंसा को देखते हुए मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है। मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिसकर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करेंगे। डिप्टी स्पीकर ने एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों को नोटिस जारी कर 27 जून तक जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि क्यों न आपकी सदस्यता रद्द कर दी जाए? मुंबई में शिवसेना की मीटिंग के बाद संजय राउत ने कहा कि बालासाहब नहीं, अपने बाप के नाम पर वोट मांगें। वहीं शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि असली शिवसेना अब उन्हीं लोगों के पास है। घमासान के बीच 2 बड़े बयान… संजय राउत बोले-शिवसेना आग है, आग से मत खेलो। हम चुप हैं, इसका मतलब नामर्द नहीं हैं। शिवसैनिक भड़के, तो सब कुछ जल जाएगा। जनता में आक्रोश है और गुवाहाटी में बैठे लोगों को यह नहीं दिख रहा है। एकनाथ शिंदे बोले-विधायकों की सुरक्षा हटा ली गई है। अगर उनके परिवार वालों को कुछ हुआ तो उद्धव ठाकरे, शरद पवार, संजय राउत और आदित्य ठाकरे जिम्मेदार होंगे।उद्धव Thackeray ने शुक्रवार शाम शरद पवार के साथ दो घंटे मीटिंग की। इसके बाद उन्होंने शिवसेना के नगरसेवकों को संबोधित किया। ठाकरे ने कहा कि कुछ दिन पहले जब मुझे बगावत का शक हुआ तो मैंने एकनाथ शिंदे को फोन किया और कहा कि शिवसेना को आगे ले जाने का अपना कर्तव्य निभाओ, ऐसा करना सही नहीं है। उन्होंने मुझसे कहा कि NCP-कांग्रेस हमें खत्म करने की कोशिश कर रही है और विधायक चाहते हैं कि हम BJP के साथ जाएं। मैंने उनसे कहा था कि जो विधायक ऐसा करना चाहते हैं उन्हें मेरे पास लाओ। भाजपा, जिसने हमारी पार्टी, मेरे परिवार को बदनाम किया है, वही है जिसके साथ जाने की आप बात कर रहे हैं। ऐसा सवाल ही नहीं उठता। विधायक अगर वहां जाना चाहते हैं तो वे सभी जा सकते हैं। मैं नहीं रोकूंगा। अगर कोई जाना चाहता है, चाहे वह विधायक हो या कोई और। आओ और हमें बताओ और फिर जाओ।

महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम :कुर्ला Shivsena MLA के ऑफिस में तोड़फोड़, शिंदे की तस्वीर पर कालिख पोती; चांदीवाली विधायक का पोस्टर फाड़ा

कुर्ला Shivsena MLA के ऑफिस में तोड़फोड़, शिंदे की तस्वीर पर कालिख पोती महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम अब हिंसक रूप लेने लगा है। शुक्रवार को कुर्ला में Shivsena के बागी विधायक मंगेश कुंडालकर के दफ्तर पर कुछ लोगों ने हमला किया है। उन्होंने मेन गेट पर तोड़फोड़ की है। उनके पोस्टर और नेम प्लेट तोड़े गए हैं। अहमदनगर में भी बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे की तस्वीर पर कालिख पोती गई है। यहां Shivsena उद्धव समर्थकों ने शिंदे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की साथ ही उन्हें गद्दार बताया। साकीनाका इलाके में भी बागी विधायक दिलीप लांडे के पोस्टर फाड़े गए हैं। लांडे गुरुवार को ही गुवाहाटी पहुंचे थे और शिंदे को अपना समर्थन दिया था। बागी विधायकों के समर्थकों का आरोप है कि तोड़फोड़ करने वाले ये लोग उद्धव ठाकरे के लोग हैं। तोड़फोड़ की घटना के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया है। उद्धव ने कल राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाईइधर, मातोश्री में महा विकास अघाड़ी गठबंधन के प्रमुख सहयोगी NCP और उद्धव ठाकरे के बीच बैठक चल रही है। इसमें NCP चीफ शरद पवार, डिप्टी सीएम अजीत पवार, कैबिनेट मिनिस्टर जयंत पाटिल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और संजय राउत शामिल हैं। वहीं उद्धव ठाकरे ने शनिवार दोपहर एक बजे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। उद्धव बोले- CM हाउस छोड़ा है, मुख्यमंत्री का पद नहींइधर, चौथे दिन महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई आर-पार के मूड में आ गई है। मातोश्री में एक मीटिंग के दौरान Shivsena चीफ उद्धव ने कहा कि ठाकरे का नाम लिए बिना ये लोग नहीं रह सकते हैं। कभी Shivsena के लिए मरने की बात कहते थे, अब पार्टी तोड़ना चाहते हैं। मैंने CM हाउस छोड़ा है, मुख्यमंत्री का पद नहीं। वहीं गुवाहाटी से मुंबई के लिए निकले बागी नेता एकनाथ शिंदे शहर में 3 घंटे घूमने के बाद वापस होटल लौट आए हैं। डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने के लिए नोटिसशिंदे गुट के 2 निर्दलीय विधायक महेश बलदी और विनोद अग्रवाल ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने के लिए नोटिस दिया है। नरहरी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिना सलाह लिए अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता चुन लिया। 5 बड़े अपडेट्स… सूत्रों के मुताबिक शिंदे मुंबई आकर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल से मुलाकात कर सकते हैं। शिंदे विधायकों के समर्थन वाला लेटर भी जिरवाल को सौंप सकते हैं। उद्धव सरकार ने बागी 40 विधायकों के निजी सचिव अधिकारी, कमांडो और कांस्टेबल के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश दिया है। शिवसेना ने 4 और विधायकों को अयोग्य ठहराने की चिट्ठी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को भेजी है। शिवसेना ने गुरुवार को 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की चिट्ठी पहले ही लिख चुकी है। शिवसेना की लीगल टीम भी विधानसभा पहुंची है। शिवसेना के विधायकों का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे कैंप को जॉइन करने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार सुबह खबर आई है कि मुंबई से दो और शिवसेना विधायक दिलीप लांडे और भास्कर जाधव गुवाहाटी के लिए रवाना हो गए हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने एकनाथ शिंदे को हटाकर अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता चुना है। आज के 4 बड़े बयान… संजय राउत बोले-बातचीत का वक्त खत्म हो गया है। अब हम बागियों को बताएंगे कि शिवसेना क्या है? अब हम हार नहीं मानेंगे। फ्लोर टेस्ट होने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। मुंबई आकर लड़ाई करें, फिर परिणाम दिखेगा। आदित्य ठाकरे बोले-कांग्रेस धोखा देती तो इतना बुरा नहीं लगता; हमारे ही लोगों ने साथ छोड़ दिया है। उद्धव जी ने कहा जो जा रहा है, जाने दो। 3.. एकनाथ शिंदे बोले-उद्धव सरकार अल्पमत में है। हमारे विधायकों को डराने की कोशिश की जा रही है। हमें कोई डरा नहीं सकता है। हमारे पास शिवसेना के 39 और निर्दलीय 14 विधायक हैं। हिमंता बिस्वा सरमा बोले-विधायक छुट्टी पर आए हैं। हम उद्धव ठाकरे जी से भी कहेंगे कि आप भी असम घूमने आइए। विधायक अगर होटल बुक करेंगे, तो मैं उसे नहीं रोक नहीं सकता।

Sarkar और सेना दोनों के eknath LIVE:शिंदे बागियों से BJP का नाम लिए बगैर बोले- महाशक्ति हमारे साथ; कुछ और MLA गुवाहाटी पहुंचे

Sarkar और सेना दोनों के eknath LIVE: महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के बागी विधायकों के नेता eknath shinde का एक वीडियो सामने आया है। इसमें शिंदे तमाम विधायकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। यहां शिंदे ने विधायकों से कहा कि हमारे हर निर्णय के साथ एक महाशक्ति, राष्ट्रीय दल खड़ा है। eknath shinde का इशारा भाजपा की ओर था। इधर, रात करीब साढ़े 9 बजे गुवाहाटी के रेडिसन होटल में 7 लोग और पहुंचे हैं। इनमें दो एमएलए और 1 एमएलसी हैं। बाकी इनमें स्टाफ हैं। बताया जा रहा है कि बागी विधायकों की संख्या और बढ़ सकती है। वहीं, शिवसेना के नवनियुक्त विधायक दल के नेता अजय चौधरी ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो बुधवार को हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उद्धव ने पार्टी के मुंबई विभाग प्रमुखों के साथ मीटिंग कीएक दिन पहले सरकारी आवास वर्षा छोड़कर मातोश्री पहुंचे उद्धव ठाकरे ने गुरुवार देर शाम शिवसेना के मुंबई विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की। ठाकरे ने पदाधिकारियों से कहा कि वे बीएमसी चुनाव की तैयारियां शुरू करें। सारा फोकस बीएमसी चुनाव पर ही होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी संगठन को भी मजबूत करने पर जोर दिया। आज के 3 बड़े बयान… 1.eknath shinde ने बागी विधायकों से कहा-जो कुछ भी सुख-दुख है, वह हम सभी का एक है। चाहे जो कुछ हो जाए, हम सब एकजुट हैं और वह भी हमारे अपने ही हैं। वे नेशनल पार्टी हैं। वे महाशक्ति हैं। जिन्होंने पूरे पाकिस्तान यानी आप समझ रहे हैं, वहां कौन है। उन्होंने मुझसे कहा है कि तुमने यह जो निर्णय लिया है, वह बहुत ही ऐतिहासिक है। तुम्हारे पीछे हमारी पूरी शक्ति है। यदि कहीं कुछ भी कमी महसूस हुई तो हम वह महसूस नहीं होने देंगे। इस बात का आश्वासन उन्होंने मुझे दिया है। शरद पवार ने कहा-सरकार बचाने के लिए हर कोशिश करेंगे। बागियों को बड़ी कीमत चुकानी होगी। सरकार बहुमत में है, ये बात तो विधानसभा में तय होगी। उद्धव ठाकरेजी ने कहा है कि मुंबई आकर बात करें बागी। वो मुंबई आएंगे तो सब साफ होगा। हम सरकार बचाने के लिए हर कोशिश करेंगे। अगर वे हमसे भी कहते कि गठबंधन से अलग होना है तो हम अलग भी हो सकते थे। 3.संजय राउत बोले-विचार-विमर्श से रास्ता निकल सकता है। चर्चा हो सकती है। घर के दरवाजे खुले हैं। जंगल में क्यों भटकना है? आइए गुलामी के बजाय स्वाभिमान से फैसला करें। भाजपा भी सरकार बनाने की तैयारी मेंसूत्रों के मुताबिक सरकार गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर महाराष्ट्र भाजपा में भी बैठक शुरू हो गई है। भाजपा ने शिंदे को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है। साथ ही केंद्र में भी 2 मंत्री पद देने की पेशकश की है। सियासी घमासान के 5 बड़े अपडेट्स… फडणवीस भाजपा नेताओं के साथ बैठक के बाद दिल्ली रवाना हुए। उद्धव ठाकरे ने आज शाम मातोश्री पर बैठक बुलाई। इसमें जिला स्तर के शिवसेना नेता शामिल होंगे। ठाकरे गुट के 3 और MLA eknath shinde गुट से जुड़े, इनमें रविन्द्र फाटक, दादाजी भउसे और संजय राठौड़ शामिल हैं। पहले ये जानकारी सामने आ रही थी कि ये तीनों बागी विधायकों को समझाने गए थे। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायकों से मिलने होटल में पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना के विधायकों को गोवा ले जाया जा सकता है, जिसके बाद वहां से परेड कराने के लिए मुंबई राजभवन लाया जाएगा।

Top 10 Point : Uddhav Thackeray ने कहा मेरे लोगों को ही मेरे पर भरोसा नहीं 

महाराष्ट्र संकट के बीच सूबे के मुख्यमंत्री Uddhav Thackeray ने बुधवार शाम फेसबुक लाइव करते हुए अपना संबोधन दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद से कोई मोह नहीं है. जिस समय मैं मुख्यमंत्री बना उस समय भी मेरे लिए ये पद अनापेक्षित था. इसलिए अगर मेरे किसी विधायक को लगता है कि मैं कुर्सी पकड़कर बैठने वाला हूं तो वो गलत हैं. मुंबई: Uddhav Thackeray ने कहा कि आज मेरे विधायक ही मेरे साथ नहीं है. उनको चाहिए कि वो मुझसे बात करें. अगर विधायकों को लगता है कि मुझे सीएम नहीं होना चाहिए तो मैं ये पद छोड़ दूंगा. लेकिन इसलिए उन्हें पहले आकर बात करनी होगी. मामले से जुड़ी अहम जानकारियां (Uddhav Thackeray) Uddhav Thackeray ने की अपने विधायकों से अपील. कहा- पहले आकर मुझसे बात करें. मुझे किसी पद का मोह नहीं है. आपको किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी. Uddhav Thackeray ने कहा कि मैं फिर कहना चाहता हूं कि मैं मजबूर नहीं हूं. ज्यादा से ज्यादा क्या होगा मैं हार जाऊंगा लेकिन मैं फिर लडूंगा. बाला साहेब ने जो शिवसैनिक मुझे दिए हैं मैं उनके साथ आगे भी लड़ता रहूंगा. जो लोग कह रहे हैं कि मैं बाला साहेब वाला शिवसेना नहीं रहा हूं उनके लिए भी मेरे पास जवाब है. अगर आपको लगता है कि मैं शिवसेना प्रमुख बनने लायक नहीं हूं तो मैं ये पद भी छोड़ने को तैयार हूं. विधायकों को उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं ये भी मान लूंगा कि मेरी जगह कोई और मुख्यमंत्री बने. लेकिन उसका शिवसैनिक होना जरूरी है. Uddhav Thackeray ने अपने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि वो मेरे से बात करें. मुझे कहें कि हमे आने में संकोच हो रहा है लेकिन मैं आपको मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहता. मैं ये पद छोड़ दूंगा लेकिन आप बात तो करें. पद पर बैठकर काम करना जरूरी है. जनता को आप पसंद आ रहे हैं या नहीं वो ज्यादा जरूरी है. जनता खुद कहती है कि जब मैं बात करता हूं तो मैं उनके घर जैसा लगता हूं. लेकिन अगर आपको लगता है कि मुझे सीएम नहीं रहना है तो आप मेरे मुंह पर कहिए. उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में शरद पवार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुझे शरद पवार का शुरू से समर्थन मिला है लेकिन आज मेरे साथ मेरे लोग ही नहीं हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा कि सूरत और कहीं और जाकर बात करने से अच्छा था कि वो मेरे पास आकर बात करते और मुझे कहते कि आप मुख्यमंत्री मत रहिए. तो मैं इसे ज्यादा बेहतर समझता.अगर एक भी विधायक कहता है कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए तो मैं आज के आज में इस्तीफा दे दूंगा. मैं कोई कुर्सी पकड़कर नहीं बैठने वाला आदमी है. लेकिन ये कहना है कि य हमारी शिवसेना नहीं है ये गलत है. 2014 में जब हमने चुनाव लड़ा और 68 विधायक जीतकर आए थे तो भी हम बाला सााहेब ठाकरे के ही शिवसैनिक थे. मैं खुद बीते ढाई साल से मुख्यमंत्री हूं. शिवसेना के खुद विधायक पहले सूरत गए फिर वहा से गुवाहाटी गए. कुछ जा रहे हैं कुछ आ रहे हैं. मैं इसपर बात नहीं करना चाहता हूं. विधान परिषद चुनाव से पहले भी हमें अपने विधायकों को अपने साथ रखना पड़ रहा है. ये कौन सा लोकतंत्र है. हमे अपने लोगों के पीछे ही घूमना पड़ रहा है ये कहां से सही है. क्या आपकी कोई जवाहदेही नहीं है. मैंने शिवसेना प्रमुख को जो वचन दिया कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा मैंने उसे पूरा करूंगा. अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो क्या एकनाथ शिंदे इस बात को सुनिश्चत करेंगे कि अगला सीएम भी शिवसैनिक ही हो. महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक कोहराम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया संबोधन. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा देने का मन तो बना लिया है लेकिन बैगर अपने विधायकों से बात किए मैं कुछ नहीं करूंगा. इससे पहले शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने अपने साथ 46 विधायकों के होने की बात कहकर सनसनी मचा दी थी. हालांकि एकनाथ शिंदे ने ये कहा है कि अभी तक उनके पास सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने कोई प्रपोजल नहीं भेजा है.

Video: कांग्रेस नेत्री Netta D’Souza ने पुलिसकर्मियों पर थूका; वीडियो हो रहा है Viral

कांग्रेस नेत्री Netta D’Souza ने पुलिसकर्मियों पर थूका Netta D’Souza :ईडी लगातार नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस लीडर राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है. उनसे इस पूछताछ को लेकर एक प्रदर्शन भी हुआ. जिसमें कांग्रेस लीडर नेट्टा D’Souza ने ऐसी हरकत कर दी जिसको लेकर उन्हें काफी ट्रोल किया जा रहा है. नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से रोजाना ईडी पूछाताछ कर रही है. आज भी ईडी ने उन से पूछताछ की इसी दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया. इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेट्टा D’Souza ने ऐसी हरकत कर दी जिसके लेकर उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. सुरक्षाकर्मियों पर थूकादरअसल कांग्रेस नेत्री नेट्टा D’Souza ने सुरक्षाकर्मियों के साथ अभद्र बर्ताव किया और न पर थूक दिया. कांग्रेस नेत्री पर आरोप है कि उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को भद्दी गालियां भी दी. इस पूरी घटना का वीडियो कैमरा में कैद गो गया. दरअसल नेट्टा D’Souza काग्रेस लीडर राहुल गांधी की पूछताछ के विरोध में प्रदर्शन में शामिल थीं. इसी दौरान उन्हें एक महिला सुरक्षाकर्मी गाड़ी में बैठाने लगीं. लेकिन वह गाड़ी के दरवाजे पर ही बैठ विरोध करने लगीं. इसी दौरान उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर थूक दिया. एएनआई ने ट्वीट करते हुए बताया- नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ के लिए ईडी के खिलाफ दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने पुलिसकर्मियों पर थूक दिया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ईडी की पकड़आपको बता दें बीते सोमवार को भी ईडी ने राहुल गांधी से हेराल्ड केस में पूछताछ की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल से सवाल किया गया कि क्या सही में एसोसिएट जनरल लिनिटेड की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें लॉन लेना पड़ा. इसके अलावा ईडी ने पूछा कि एसोसिएटेड प्रेस का ऑफिस 2011 में लखनऊ से दिल्ली में क्यों ट्रांस्फर किया गया.

महाराष्ट्र संकट का पास्ट, प्रेजेंट और फ्यूचर:ढाई साल पहले CM पद shinde के हाथ से निकला, अब बगावत क्यों? 8 सवालों में सब जानिए

शिवसेना से बगावत के बाद Eknath Shinde का पहला बयान आया है। उन्होंने कहा कि हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे। Eknath Shinde फिलहाल शिवसेना के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं। इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं। मुख्यमंत्री तक का फोन नहीं उठा रहे हैं। इससे सवाल उठने लगा है कि उद्धव सरकार बचेगी या जाएगी? Hindustani reporter एक्सप्लेनर में जानिए उद्धव सरकार पर संकट से जुड़े 8 सबसे बड़े सवालों के जवाब… सवाल-1: Eknath Shinde कौन हैं जो अचानक बगावत पर उतर आए? 59 साल के Eknath Shinde शिवसेना के कद्दावर नेता और फिलहाल महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री हैं। 2019 में उद्धव ठाकरे ने शिंदे को विधायक दल का नेता बना दिया था। उस वक्त माना जा रहा था कि शिंदे ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि एनसीपी और कांग्रेस उद्धव ठाकरे को ही मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी। इस तरह शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए। पिछले कुछ दिनों से शिंदे शिवसेना से नाराज हैं। मुंबई से नागपुर के बीच बन रहा सुपर कम्युनिकेशन हाईवे फडणवीस का ड्रीम प्रोजेक्ट था। समृद्धि महामार्ग नाम के इस प्रोजेक्ट को फडणवीस ने शिंदे को सौंप रखा था। उद्धव सरकार में भी यह प्रोजेक्ट है तो Eknath Shinde के पास, लेकिन उसका श्रेय उन्हें नहीं दिया जा रहा है। शिंदे शिवसेना के उन नेताओं में शामिल हैं जो कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के खिलाफ थे। इस खेमे का कहना है कि उद्धव ठाकरे ने सीएम बनने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाकर शिवसेना को काफी नुकसान पहुंचाया है। महाराष्ट्र में मोटे तौर पर शिवसेना को मराठा अस्मिता के लिए काम करने वाली हिंदूवादी पार्टी माना जाता है। पवार की एनसीपी को मराठाओं की पार्टी और कांग्रेस की इमेज मुस्लिम समर्थक होने की है। शिंदे का कहना था कि कांग्रेस की इस इमेज से शिवसेना का वोटबैंक काफी कमजोर पड़ा है। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाअघाड़ी सरकार बनने के बाद से शिवसेना में संजय राउत, अनिल देसाई और आदित्य ठाकरे की ताकत काफी बढ़ गई। वहीं एकनाथ शिंदे खुद को दरकिनार महसूस कर रहे थे। सवाल-3: मौजूदा संकट की शुरुआत कहां से हुई? 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव से ही महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। राज्यसभा की 6 सीटों पर सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी यानी शिवसेना+कांग्रेस+NCP के 3 और BJP के 3 उम्मीदवार जीत गए। देखा जाए तो महाराष्ट्र विधानसभा में BJP के पास सिर्फ 106 विधायक हैं, निर्दलियों को मिलाकर यह संख्या 113 से ज्यादा हो रही थी, लेकिन राज्यसभा चुनाव में उसे 123 वोट मिले तो एमएलसी चुनाव में 134 वोट मिले हैं। इसका सीधा मतलब हुआ कि BJP ने राज्यसभा चुनाव में सत्तापक्ष के 10 विधायकों को तोड़ा था। वहीं MLC चुनाव में BJP को 134 वोट मिले। यानी BJP के साथ अब तक सत्तापक्ष के 21 विधायक आ गए थे। सवाल-4: Eknath Shinde के साथ कौन-कौन से विधायक गए हैं? खबरों के मुताबिक Eknath Shinde साथ कुल 30 विधायक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में फिलहाल शिंदे के साथ गए 23 विधायकों की लिस्ट सामने आ रही है। अब्दुल सत्तार राज्य मंत्री, सिलोड, औरंगाबाद शंबुराजे देसाई, राज्य मंत्री, सतारा पाटन प्रकाश अबितकर, राधानगरी कोल्हापुर संजय राठौड़, डिग्रास, यवतमाल संजय रायमुलकर, मेहकर संजय गायकवाड़, बुलढाणा महेंद्र दलवी, अलीबाग विश्वनाथ भोईर, कल्याण, ठाणे भरत गोगवाले, महाड रायगढ़ संदीपन भुमरे, राज्य मंत्री प्रताप सरनाइक, मजीवाड़ा, ठाणे शाहजी पाटिल तानाजी सावंत शांताराम मोरे श्रीनिवास वनगा संजय शीर्षसत अनिल बाबर बालाजी किन्निकर यामिनी जाधव किशोर पाटिल गुलाबराव पाटिल रमेश बोरानारे उदय राजपूत सवाल-5: उद्धव सरकार कैसे बनी थी? फिलहाल किसकी कितनी हिस्सेदारी? महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में बात नहीं पाई। ऐसे में 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई। सवाल-6: कितने विधायक टूटने पर गिर जाएगी उद्धव सरकार? इस वक्त Eknath Shinde के साथ करीब 30 विधायक गुजरात के सूरत में ठहरे हुए बताए जा रहे हैं। आगे हम 2 सिनैरियो के आधार पर जानेंगे कि क्या उद्धव सरकार को खतरा है… सिनैरियाे 1 : अगर 25 विधायक टूटते हैं 170 में से 25 विधायकों के समर्थन को घटा भी दें तो 145 विधायकों का समर्थन अब भी महा विकास अघाड़ी के पास है। ऐसे में महा विकास अघाड़ी के 25 विधायकों को टूटने से फिलहाल कोई खतरा सरकार पर नहीं दिख रहा है। लेकिन ये आंकड़ा बढ़ा तो उद्धव सरकार खतरे में आ जाएगी। सिनैरियो 2 : अगर 30 विधायक टूटते हैं कुल 170 विधायकों के उद्धव सरकार को समर्थन है, ऐसे में 30 विधायक टूट गए तो ये आंकड़ा गिरकर 140 हो जाएगा। वहीं, बहुमत का आंकड़ा 144 साफ है कि महाविकास अघाड़ी सरकार गहरे संकट में फंस जाएगी। सवाल-7: उद्धव सरकार का गणित बिगाड़ने में बीजेपी का क्या रोल है? बीजेपी के अब तक का ऑफिशियल स्टैंड है कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। यह शिवसेना और महाविकास अघाड़ी का भीतरी झगड़ा है। हालांकि, 2019 चुनाव के बाद से महाराष्ट्र में बीजेपी पहले भी सरकार बनाने की कोशिश कर चुकी है। जब सुबह-सुबह अजित पवार को बीजेपी ने डिप्टी सीएम की शपथ दिला दी थी। बीजेपी का मध्य प्रदेश और कर्नाटक समेत दूसरे राज्यों में सरकार बनाने को लेकर जो आक्रामक पॉलिसी रही है, उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि इस पूरे मामले में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है। महाराष्ट्र में राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग होना इसका सबूत है। सवाल-8: अगर उद्धव सरकार गिर गई तो आगे क्या होगा? अगर महाविकास अघाड़ी से 30 विधायक अलग हो जाते हैं तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी। ऐसे में विपक्षी दल बीजेपी सदन बुलवाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश करेगी। ऐसे हालात में राज्यपाल की भूमिका सबसे अहम होगी। वहीं, अगर सदन में

“Congress के वरिष्ठ नेताओं पर जानलेवा हमला; धक्का-मुक्की में पी. चिदंबरम की टूटी पसलियां”

राहुल गांधी की ईडी के समक्ष पेशी के विरोध में सोमवार को देश के कई राज्यों में Congress के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. इस बीच प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया है कि पुलिस ने पार्टी के कई नेताओं पर जानलेवा हमला किया है. नई दिल्लीः Congress ने सोमवार को दावा किया कि राहुल गांधी की प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेशी पर पार्टी की तरफ से निकाले गए विरोध मार्च के दौरान पुलिस की धक्कामुक्की में उसके कई नेताओं को चोटें आई हैं. मुख्य विपक्षी दल के इस दावे पर फिलहाल पुलिस का रद्देअमल नहीं आया है. Congress के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक वीडियो जारी कर कहा, ”पूरे दिन कांग्रेस के नेताओं पर जानलेवा हमला किया गया. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल पर जानलेवा हमला बोला गया. सांसद शक्ति सिंह गोहिल पर हमला हुआ. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीटा गया.” पी.चिदंबरम के साथ पुलिस की धक्कामुक्की हुई सुरजेवाला ने यह भी दावा किया, ”मोदी सरकार बर्बरता की हर हद पार कर गई है. पूर्व गृह मंत्री पी.चिदंबरम के साथ पुलिस की धक्कामुक्की हुई, चश्मा ज़मीन पर फेंका गया, उनकी बायीं पसलियों में हेयरलाइन फ्रैक्चर है. सांसद प्रमोद तिवारी को सड़क पर फेंका गया. सिर में चोट और पसली में फ्रैक्चर है.” सुरजेवाला ने सवाल किया, ”क्या यह प्रजातंत्र है? क्या विरोध जताना अपराध है?” राहुल गांधी के समर्थन में Congress कार्यकर्ता सड़क पर उतरे गौरतलब है कि ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में सोमवार को दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने एक बयान में कहा, ”भाजपा दमनकारी नीति अपनाकर आम लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. ” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जगह-जगह कांग्रेसजनों को प्रताड़ित कर रही है. कांग्रेस ने इल्जाम लगाया कि भाजपा सरकार द्वारा लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, अराजकता, भ्रष्टाचार से हटाने के लिए वह कांग्रेस नेताओं को दुर्भावनावश गलत तरीके से परेशान करने का प्रयास कर रही है.

Rajasthan: Bundi में मौलाना का भड़काऊ बयान, बोले- हमारे पैंगंबर पर किसी ने आंख उठाई तो…

Bundi News: राजस्थान के बूंदी में में मौलाना का भड़काउ बयान वायरल हो रहा है. जिसमें मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर ने भड़काउ बयान देते हुए कहा कि यदि कोई आंख उठाएगा उसकी आंख नोच लेंगे. Bundi Maulana Statement: राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी (Bundi) में एक मौलाना द्वारा भड़काऊ भाषण देने का मामला सामने आया है. बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे. इसी बीच मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर ने भड़काऊ बयान दिया और कहा कि यदि कोई आंख उठाएगा उसकी आंख नोच लेंगे, यदि कोई उंगली उठाएगा तो उसकी उंगली तोड़ देंगे. कोई हाथ उठाएगा तो हाथ काट देंगे. मौलाना यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन हमारे पैगंबर के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई नहीं करेगा और एक्शन नहीं लेगा तो मुस्लिम समाज रिएक्शन करना भी जानता है. उन्होंने बूंदी शहर व देश के मुसलमानों को उकसाते हुए कहा कि हमने जब जब भी किसी के खिलाफ आवाज उठाई है तो वह बचा नहीं है, तारीख उठा कर देख लें. पैगबंर के खिलाफ कोई बोला तो जुबान काट लेंगे- मुफ्ती नदीम मुफ्ती नदीम ने कहा कि यदि पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ बोलने वालों पर एक्शन नहीं होगा तो मुस्लिम समाज पूरे देश भर में रिएक्शन देगा. यह प्रशासन कान खोल कर सुन ले. मौलाना यहीं नहीं रुके उन्होंने प्रशासन से कहा कि यह कोई गुजारिश नहीं है यह खुली चेतावनी है. मौलाना ने कहा कि पैगंबर के खिलाफ बोलने वाले पर पूरा देश का मुसलमान उठेगा और बदला लेना अच्छी तरह से जानता है. मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर ने कहा कि तारीख को उठा कर देख लें, हम पैगंबर के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुन सकते चाहे हमें गाली दे दे, हमारे मां-बाप को गाली दे दे लेकिन हम पैगंबर के खिलाफ एक लफ्ज़ भी नहीं सुनेंगे, यदि कोई बोलेगा तो उसकी जुबान काट देंगे. फिर तुम चाहो तो हम हमें जेल में डाल देना, हमारे ऊपर लाठी चलाना लेकिन हम पैगंबर के खिलाफ एक लफ्ज़ नहीं सुनेंगे.बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा के एक बयान को लेकर नाराजगी उधर इस मामले में बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने मौलाना के वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा है कि राजस्थान पुलिस के सामने मौलाना खुलेआम गर्दन काटने हाथ काटने की धमकी दे रहा है लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही शायद इनके आका ने इन्हें मना किया है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व एक न्यूज़ चैनल के डिबेट में भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब के विरुद्ध की गई टिप्पणी से पूरे देश भर के मुस्लिम समाज में बयान का विरोध है और अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इसी बीच बूंदी में भी मुस्लिम समाज बूंदी कलेक्ट्रेट पर जुलूस के रूप में प्रदर्शन करने के लिए पहुंचा था. तभी मुफ्ती नदीम अख्तर ने विवादित बयान देने के बाद सोशल मीडिया पर मौलाना का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद बूंदी पुलिस सतर्क हो गई है.