महाराष्ट्र संकट के बीच सूबे के मुख्यमंत्री Uddhav Thackeray ने बुधवार शाम फेसबुक लाइव करते हुए अपना संबोधन दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे किसी पद से कोई मोह नहीं है. जिस समय मैं मुख्यमंत्री बना उस समय भी मेरे लिए ये पद अनापेक्षित था. इसलिए अगर मेरे किसी विधायक को लगता है कि मैं कुर्सी पकड़कर बैठने वाला हूं तो वो गलत हैं.
मुंबई: Uddhav Thackeray ने कहा कि आज मेरे विधायक ही मेरे साथ नहीं है. उनको चाहिए कि वो मुझसे बात करें. अगर विधायकों को लगता है कि मुझे सीएम नहीं होना चाहिए तो मैं ये पद छोड़ दूंगा. लेकिन इसलिए उन्हें पहले आकर बात करनी होगी.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां (Uddhav Thackeray)
- Uddhav Thackeray ने की अपने विधायकों से अपील. कहा- पहले आकर मुझसे बात करें. मुझे किसी पद का मोह नहीं है. आपको किसी भी फैसले पर पहुंचने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी.
- Uddhav Thackeray ने कहा कि मैं फिर कहना चाहता हूं कि मैं मजबूर नहीं हूं. ज्यादा से ज्यादा क्या होगा मैं हार जाऊंगा लेकिन मैं फिर लडूंगा. बाला साहेब ने जो शिवसैनिक मुझे दिए हैं मैं उनके साथ आगे भी लड़ता रहूंगा. जो लोग कह रहे हैं कि मैं बाला साहेब वाला शिवसेना नहीं रहा हूं उनके लिए भी मेरे पास जवाब है. अगर आपको लगता है कि मैं शिवसेना प्रमुख बनने लायक नहीं हूं तो मैं ये पद भी छोड़ने को तैयार हूं.
- विधायकों को उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं ये भी मान लूंगा कि मेरी जगह कोई और मुख्यमंत्री बने. लेकिन उसका शिवसैनिक होना जरूरी है.
- Uddhav Thackeray ने अपने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं चाहता हूं कि वो मेरे से बात करें. मुझे कहें कि हमे आने में संकोच हो रहा है लेकिन मैं आपको मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहता. मैं ये पद छोड़ दूंगा लेकिन आप बात तो करें. पद पर बैठकर काम करना जरूरी है. जनता को आप पसंद आ रहे हैं या नहीं वो ज्यादा जरूरी है. जनता खुद कहती है कि जब मैं बात करता हूं तो मैं उनके घर जैसा लगता हूं. लेकिन अगर आपको लगता है कि मुझे सीएम नहीं रहना है तो आप मेरे मुंह पर कहिए.
- उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में शरद पवार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुझे शरद पवार का शुरू से समर्थन मिला है लेकिन आज मेरे साथ मेरे लोग ही नहीं हैं.
- उद्धव ठाकरे ने कहा कि सूरत और कहीं और जाकर बात करने से अच्छा था कि वो मेरे पास आकर बात करते और मुझे कहते कि आप मुख्यमंत्री मत रहिए. तो मैं इसे ज्यादा बेहतर समझता.अगर एक भी विधायक कहता है कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए तो मैं आज के आज में इस्तीफा दे दूंगा. मैं कोई कुर्सी पकड़कर नहीं बैठने वाला आदमी है. लेकिन ये कहना है कि य हमारी शिवसेना नहीं है ये गलत है.
- 2014 में जब हमने चुनाव लड़ा और 68 विधायक जीतकर आए थे तो भी हम बाला सााहेब ठाकरे के ही शिवसैनिक थे. मैं खुद बीते ढाई साल से मुख्यमंत्री हूं. शिवसेना के खुद विधायक पहले सूरत गए फिर वहा से गुवाहाटी गए. कुछ जा रहे हैं कुछ आ रहे हैं. मैं इसपर बात नहीं करना चाहता हूं.
- विधान परिषद चुनाव से पहले भी हमें अपने विधायकों को अपने साथ रखना पड़ रहा है. ये कौन सा लोकतंत्र है. हमे अपने लोगों के पीछे ही घूमना पड़ रहा है ये कहां से सही है. क्या आपकी कोई जवाहदेही नहीं है. मैंने शिवसेना प्रमुख को जो वचन दिया कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा मैंने उसे पूरा करूंगा. अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो क्या एकनाथ शिंदे इस बात को सुनिश्चत करेंगे कि अगला सीएम भी शिवसैनिक ही हो.
- महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक कोहराम के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया संबोधन. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा देने का मन तो बना लिया है लेकिन बैगर अपने विधायकों से बात किए मैं कुछ नहीं करूंगा.
- इससे पहले शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने अपने साथ 46 विधायकों के होने की बात कहकर सनसनी मचा दी थी. हालांकि एकनाथ शिंदे ने ये कहा है कि अभी तक उनके पास सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने कोई प्रपोजल नहीं भेजा है.