कुवैत अग्निकांड: मुझे लगा मैं मर जाऊंगा…, कुवैत अग्निकांड में जीवित बचे व्यक्ति ने सुनाई भयावह कहानी, जिसमें 49 लोग जलकर मर गए थे

नलक्षण केरल में रहते हैं और कुवैत में लगी आग से बचने वाले भाग्यशाली लोगों में से एक थे। उन्होंने दुर्घटना के दौरान कुछ बहुत ही डरावनी चीजें देखीं और इसके बारे में एक बहुत ही दुखद कहानी सुनाई। जब आग लगी, तो मैं कुछ भी नहीं देख पा रहा था क्योंकि बहुत अधिक धुआं था। आग अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को जला रही थी। मुझे लगा कि मैं शायद ज़िंदा नहीं बच पाऊंगा, इसलिए मैं बचने के लिए पानी की टंकी में कूद गया। शुक्र है कि मैं बच गया। कुवैत में लगी आग से बचकर निकलने वाले नलक्षण ने एक घंटे बाद रोते हुए अपने परिवार के साथ यह डरावनी कहानी साझा की। कुवैत आग त्रासदी में 49 लोगों की जान चली गई, जिनमें से 42 भारतीय थे। उनमें से ज़्यादातर केरल और मलयालम से थे और पैसे कमाने के लिए कुवैत गए थे। आग ने कई बच्चों के पिता को लील लिया और कुछ के माथे का सिंदूर भी मिट गया। लेकिन केरल के त्रिकारीपुर के रहने वाले नलक्षण उन लोगों में से एक हैं जो बच गए क्योंकि उन्होंने मौत को मात दे दी। जब उनका फ़ोन आया, तो परिवार ने राहत की सांस ली। उनके कई दोस्त उस आग का शिकार हो गए। आग लोगों को बहुत ज़्यादा गर्म करके उन्हें नुकसान पहुँचा रही थी। नलक्षण एक डरावनी स्थिति में था जहाँ आग जल रही थी और लोग बचने के लिए भाग रहे थे। वह तीसरी मंजिल पर फँस गया था और उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। जब आग करीब पहुँची, तो उसे नीचे एक पानी की टंकी याद आई और उसने खुद को बचाने के लिए उसमें छलांग लगा दी। उसे चोट तो लगी लेकिन वह ज़िंदा होने के लिए शुक्रगुज़ार था। रंजीत को जुलाई में आना था। भारत के कई लोग, खासकर केरल और तमिलनाडु राज्यों से, कुवैत में लगी एक बड़ी आग में मारे गए। वे वहाँ काम करने और अपने परिवारों के लिए पैसे कमाने गए थे। उनमें से कुछ एक ही घर में साथ रह रहे थे। पीड़ितों में से एक स्टीफन अब्राहम साबू नाम का एक युवा इंजीनियर था, जिसकी माँ और दो भाई थे। एक अन्य पीड़ित, रंजीत ने अभी-अभी एक नया घर बनवाया था और जल्द ही अपने गाँव जाने की योजना बना रहा था। अब, उनके परिवार उनकी मौत से बहुत दुखी और सदमे में हैं।

VIDEO: इस पुलिसकर्मी ने अकेले ही 7 डकैतों पर किया काबू, फिल्मी स्टाइल में लुटेरों को सिखाया सबक!

पश्चिम बंगाल में पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक डकैती की कहानी शेयर की। उन्होंने बताया कि डकैती के दौरान किसी ने 20 बार बंदूक चलाई, लेकिन भागने से पहले चोरी की गई आधी चीज़ें ही ले गया। पुलिस ने डकैती में शामिल एक व्यक्ति को पकड़ लिया और बाकी की तलाश कर रही है। रानीगंज में पिछले हफ़्ते 7 लुटेरों के एक समूह ने एक ज्वेलरी स्टोर से चोरी करने की कोशिश की। सौभाग्य से, एक बहादुर पुलिस अधिकारी वहाँ मौजूद था और उसने उन्हें रोक दिया। पुलिस अधिकारी ने अकेले ही लुटेरों से मुकाबला किया और उन्हें 4 करोड़ रुपये लूटने से रोका। पूरी घटना स्टोर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वीडियो में आप सब-इंस्पेक्टर मेघनाद मंडल को एक खंभे के पीछे से लुटेरों का सामना करते हुए देख सकते हैं। पश्चिम बंगाल में पुलिस ने एक वेबसाइट पर शेयर किया कि किसी ने एक जगह पर बंदूक चलाई। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति ने 20 बार गोली चलाई, कुछ चीज़ें लीं और फिर भाग गया। पुलिस ने इसमें शामिल एक व्यक्ति को पकड़ लिया और बाकी की तलाश कर रही है। रविवार दोपहर को, नकाब पहने और बंदूक लिए सात लोग एक ज्वेलरी स्टोर में घुस गए। उन्होंने दुकान के मालिक और ग्राहकों को डरा दिया और जल्दी से 4 करोड़ रुपये से ज़्यादा के गहने चुरा लिए। मंडल नाम का एक पुलिस अधिकारी अपना काम कर रहा था। उसने सामान्य कपड़े पहने हुए थे, लेकिन उसके पास उसकी बंदूक थी। उसने एक दुकान के पास कुछ अजीबोगरीब चीजें होते हुए देखीं और देखा कि लोग डरे हुए लग रहे थे। इससे उसे लगा कि कुछ बुरा हो सकता है। पुलिस अधिकारी मंडल दुकान के पास एक खंभे के पीछे छिप गया और अपनी बंदूक चलाने ही वाला था कि एक लुटेरे ने उसे देख लिया। लुटेरे ने फिर दुकान में मौजूद दूसरे लुटेरों को बताया और गोली चलानी शुरू कर दी। फिर पुलिस अधिकारी और लुटेरे दोनों ने एक-दूसरे पर गोली चलानी शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी 30 सेकंड तक बहादुरी से खड़ा रहा और एक खंभे के पीछे से लुटेरों पर गोली चलाता रहा। उसने एक लुटेरे को गोली मारी और लुटेरा गिर गया। फिर दूसरे लुटेरे भी शामिल हो गए और उन्होंने भी गोली चलानी शुरू कर दी। मंडल बहुत बहादुर था और जब लुटेरे उस पर गोली चला रहे थे, तो वह डरा नहीं। लुटेरे मंडल की बहादुरी से डर गए और भाग गए। वे अपने घायल दोस्त को बाइक पर ले गए और बहुत सारे पैसे के गहने चुरा लिए। जल्दी में लुटेरे बाइक, गहने, बैग और गोलियां जैसी कुछ कीमती चीजें पीछे छोड़ गए। पुलिस अधिकारी ने हार नहीं मानी और लुटेरों का पीछा किया, लेकिन लुटेरे लगातार गोली चलाते रहे। जब वह खुद उन्हें पकड़ नहीं पाया तो अधिकारी ने बैकअप के लिए बुलाया और पास के एक राज्य में पुलिस को भी सूचित किया। जब लुटेरे एक कार पर गोली चला रहे थे और उसमें बैठे लोगों को ले जा रहे थे, तो पुलिस तुरंत मदद के लिए आ गई। उन्होंने लुटेरों में से एक सूरज सिंह को पकड़ लिया और अपहृत लोगों को बचाया।

रसोई में काम कर रही महिला के सामने सिलेंडर फटा, मच गई चीख-पुकार

इस दुखद वीडियो में, एक महिला रसोई में बर्तन धो रही है, तभी उसके बगल में रखा गैस सिलेंडर अचानक फट जाता है। आज, एक वीडियो ऑनलाइन फैल रहा है, जिसमें रसोई में एक भयानक दुर्घटना दिखाई गई है। एक महिला बर्तन धो रही थी, तभी उसके बगल में रखा गैस सिलेंडर फट गया। सौभाग्य से, वह बच गई, लेकिन वीडियो से पता चलता है कि वह कितनी डरी हुई और आहत थी। एक बहुत ही दुखद वीडियो जो आपके दिल में गहरी भावनाओं को जगाता है। एक डरावना वीडियो सोशल मीडिया पर @klip_ent नाम के किसी व्यक्ति ने शेयर किया है। 28 सेकंड के इस वीडियो में, एक भयावह दृश्य दिखाया गया है, जिसमें रसोई में सिलेंडर फटने पर एक महिला डर जाती है। वह नीचे गिर जाती है और रसोई का सारा सामान उड़ जाता है। फिर महिला डर के मारे चीखते हुए रसोई से बाहर भागती है। यह वीडियो कमज़ोर दिल वाले लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है। यह पूरी घटना घर में लगे कैमरे में कैद हो गई और बहुत से लोगों ने इसे इंटरनेट पर देखा। हमें नहीं पता कि यह कहां हुआ। 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने वीडियो देखा है। इसे देखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि उन्हें खुशी है कि महिला को कोई चोट नहीं आई। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि शायद टैंक में अधिक गैस नहीं थी, इसलिए विस्फोट इतना भयानक नहीं था।

‘शिवपुरी जाना है…’ तेज रफ्तार थी लग्जरी कार, अंदर बैठे थे 6 युवक, पुलिस ने रोका, तलाशी ली तो सबके होश उड़ गए

धौलपुर में पुलिस सड़क पर कारों की जांच कर रही थी, तभी उन्हें एक कार तेज गति से आती दिखाई दी। ड्राइवर ने बताया कि वह शिवपुरी जा रहा है, लेकिन पुलिस को लगा कि कुछ गड़बड़ है। ड्राइवर से पूछताछ करने पर उसने चौंकाने वाली बात कबूल की। ​​आइए जानते हैं क्या हुआ। धौलपुर शहर में सदर थाने की पुलिस और साइबर टीम ने मिलकर 6 साइबर अपराधियों को पकड़ा। उन्होंने अपराधियों से 6 फोन और एक कार भी छीन ली। पुलिस अब अपराधियों से उनके द्वारा किए गए अन्य साइबर अपराधों के बारे में पूछ रही है। थाना प्रभारी रामनरेश मीना ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए उन्हें धौलपुर में साइबर सेल की मदद मिली। साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस और साइबर टीमों ने मिलकर काम किया। पुलिस एक बड़ी सड़क पर व्यस्त चौराहे पर कारों की जांच कर रही थी। उन्होंने एक कार को रोका, जिसमें 6 युवक सवार थे। ड्राइवर ने बताया कि वे शिवपुरी नामक स्थान पर जा रहे थे। पुलिस को लगा कि कुछ गड़बड़ है और उन्होंने काफी देर तक उनकी तलाशी ली। जब उन्होंने युवकों से सवाल किए, तो उन्हें कुछ चौंकाने वाली जानकारी मिली। पुलिस स्टेशन के प्रभारी व्यक्ति को 6 फोन, 11 सिम कार्ड और एक कार मिली, जिसमें कुछ लोग ऑनलाइन गलत काम कर रहे थे। उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और उन पर कानून तोड़ने का आरोप लगाया गया। उन्हें अदालत ले जाया गया और उनसे उनके समूह में शामिल अन्य लोगों के बारे में पूछा जा रहा है। ये बुरे लोग भोले-भाले लोगों को अपने बैंक खाते देने के लिए धोखा देते थे और फिर उनमें चोरी का पैसा डाल देते थे। वे लोगों को पैसे देने और उसे दोगुना करने का वादा करने के लिए भी धोखा देते थे, लेकिन वे बस उसे चुरा लेते थे। अलग-अलग राज्यों के लोगों ने इन बुरे लोगों द्वारा धोखा दिए जाने की सूचना दी है। पुलिस ने इन लोगों को हिरासत में ले लिया क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने कुछ गलत किया है। पुलिस ने अलग-अलग इलाकों से अलग-अलग नाम और पते वाले छह लोगों को कानून तोड़ने के आरोप में गिरफ़्तार किया।

बलौदा बाजार हिंसा: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में बवाल, कलेक्टर कार्यालय पर आगजनी और पथराव, अमर गुफा से जुड़ा है मामला

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में कुछ लोग बहुत गुस्से में आ गए और उत्पात मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के बाहर कुछ कारों में आग लगा दी और पथराव किया। इससे पुलिस को उत्पात रोकने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सोमवार को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में काफी शोर-शराबा हुआ। कलेक्टर कार्यालय के बाहर कई लोग जमा हो गए और कुछ कारों में आग लगा दी। अमर गुफा में जैतखाम को नुकसान पहुंचाने की वजह से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन समुदाय के लोग नाराज हो गए क्योंकि उन्हें लगा कि उन्होंने गलत लोगों को पकड़ लिया है। उन्होंने पुलिस से लड़ाई शुरू कर दी और कुछ इमारतों और कारों में आग लगा दी। इसी वजह से सभी परेशान हैं। सतनामी समुदाय इसलिए नाराज है क्योंकि कुछ लोगों ने उनके गांव में एक पवित्र स्थान पर हमला किया और उनके लिए महत्वपूर्ण प्रतीक को नुकसान पहुंचाया। वे यह सुनिश्चित करने के लिए विरोध कर रहे हैं कि जिम्मेदार लोगों को पकड़ा जाए और उन्हें सजा मिले। सतनाम समुदाय विरोध कर रहा था, लेकिन यह नियंत्रण से बाहर हो गया और कार्यालय की इमारत में आग लगा दी गई। लोग पुलिस से भिड़ गए और आग में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और बाइक जलकर खाक हो गए। अब पुलिस अतिरिक्त सावधानी बरत रही है और क्षेत्र में अधिक अधिकारियों को भेज रही है।

NEET Result 2024 Controversy: नीट परीक्षा को लेकर विवाद, सोशल मीडिया पर तैर रहे हैं ये 5 सवाल

2024 में होने वाले नीट परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी सामने आई है। कई छात्र कह रहे हैं कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं में गलतियां हैं। कुछ छात्रों का कहना है कि उनकी उत्तर पुस्तिकाएं फटी हुई थीं या उन पर गलत अंक थे। इससे परीक्षा का आयोजन करने वाली संस्था को काफी परेशानी हो रही है। 2024 में होने वाले NEET परीक्षा के नतीजों ने काफी परेशानी और विवाद पैदा किया है। कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि उनका मानना ​​है कि परीक्षा में गलतियां हुई हैं और गलत तरीके से अतिरिक्त अंक दिए गए हैं। कई अन्य छात्र भी सोशल मीडिया पर अपनी समस्याएं साझा कर रहे हैं। इससे परीक्षा की निष्पक्षता को लेकर चिंता बढ़ गई है और परीक्षा देने वाले करीब 23 लाख छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। NEET UG परीक्षा में अतिरिक्त अंक दिए जाने की समस्या को हल करने के लिए शिक्षा मंत्रालय और NTA ने चार लोगों का एक समूह बनाया है। यह समूह अतिरिक्त अंक पाने वाले 1500 छात्रों के अंकों की जांच करेगा और उन स्कूलों का दौरा करेगा जहां उन्होंने परीक्षा दी थी। लोग सोशल मीडिया पर NEET परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ियों के बारे में कहानियां साझा कर रहे हैं। 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुई और NEET UG परीक्षा में भी अच्छे अंक नहीं आए, जो कि शीर्ष मेडिकल प्रवेश परीक्षा है। अंजलि नाम की एक छात्रा ने सोशल मीडिया पर अपने परीक्षा परिणाम साझा किए। उसने NEET UG नामक मेडिकल प्रवेश परीक्षा में वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया, जिसमें उसे 720 में से 705 अंक मिले। लेकिन उसने अपनी 12वीं कक्षा की परीक्षा में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, वह भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे कुछ विषयों में असफल रही। इसके बावजूद, उसने NEET UG परीक्षा में रसायन विज्ञान और भौतिकी में उच्च प्रतिशत अंक प्राप्त करके शानदार प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश के भोपाल की निशिता सोनी ने NEET UG नामक परीक्षा दी और उसे 340 अंक मिले। लेकिन जब उसने अपने उत्तरों की जाँच की, तो उसे वास्तव में 617 अंक मिलने चाहिए थे। उसने परीक्षा के प्रभारी लोगों को बताया, लेकिन उन्होंने उसके अंक ठीक नहीं किए। अब वह मध्य प्रदेश की एक अदालत से मदद माँग रही है। किसी पर जानबूझकर बुलबुले वाले कागज को फाड़ने का आरोप लगाना। लखनऊ की आयुषी पटेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कहा गया कि उसके साथ NEET UG नामक एक महत्वपूर्ण परीक्षा में धोखाधड़ी की गई। वह अदालत गई क्योंकि उसका मानना ​​है कि उसकी उत्तर पुस्तिका जानबूझकर फाड़ी गई थी। आयुषी को परीक्षा प्राधिकरण से एक ईमेल मिला जिसमें कहा गया था कि वे फटी हुई शीट के कारण उसका परिणाम नहीं दे सकते। जब उसने अपने उत्तरों की जाँच की तो उसे 715 अंक मिले, लेकिन उसका परिणाम नहीं मिल सका। यह उसकी तीसरी बार परीक्षा थी और उसका परिवार भी परेशान है।

कंगना को थप्पड़ मारने की ‘कार्रवाई पर प्रतिक्रिया’, पहले निलंबन, अब कुलविंदर कौर पर एक और बड़ी ‘कार्रवाई’, क्या जाएंगी जेल?

कंगना रनौत को थप्पड़ मारा गया और एक पुलिस अधिकारी दिल्ली से चंडीगढ़ यह पता लगाने आया कि आखिर हुआ क्या है। कुलविंदर कौर नाम की एक महिला पुलिस अधिकारी कथित तौर पर कंगना रनौत नाम की एक मशहूर अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ को पीटने के आरोप में मुश्किल में पड़ गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अधिकारी के बॉस दिल्ली से चंडीगढ़ यह पता लगाने आए हैं कि आखिर हुआ क्या है। कंगना रनौत इसलिए मुश्किल में हैं क्योंकि किसी ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर उन्हें चोट पहुंचाई और उन्हें आगे बढ़ने से रोका। लेकिन चिंता न करें, वह अभी भी कुछ पैसे देकर इस मुश्किल से बाहर निकल सकती हैं। इस बीच, विनय कुमार काजला नाम के एक पुलिस अधिकारी को दिल्ली से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर यह पता लगाने के लिए भेजा गया है कि आखिर हुआ क्या है। काजला जो कुछ भी पाएंगे, उसके बारे में रिपोर्ट लिखेंगे और अपने बॉस को देंगे। शुक्रवार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर कंगना रनौत को एक महिला सुरक्षा गार्ड ने पीटा। यह गुरुवार दोपहर को हुआ। गार्ड का नाम कुलविंदर कौर है। कंगना भाजपा की बैठक के लिए दिल्ली जा रही थीं, तभी विमान में चढ़ते समय गार्ड ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। कंगना ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई और गार्ड को नौकरी से निलंबित कर दिया गया। चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर हुए बुरे बर्ताव के बाद कंगना ने एक बयान में इस घटना के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी चुपचाप उनके पीछे आया और उनके चेहरे पर मारा। कंगना ने अपने सोशल मीडिया पर गौरव आर्या नाम के एक व्यक्ति का संदेश शेयर किया, जिसमें कहा गया कि उन पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारी की नौकरी जा सकती है। कंगना को लगता है कि अधिकारी ने उन पर हमला करने की योजना बनाई थी और उनका मानना ​​है कि अधिकारी एक खास राजनीतिक समूह से जुड़कर समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। कंगना ने यह भी उल्लेख किया कि उन पर हमला करने वाले व्यक्ति ने यह नहीं बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और ऐसा लग रहा था कि वह मीडिया का ध्यान आकर्षित करने में अधिक रुचि रखते थे। कंगना का मानना ​​है कि यह घटना पंजाब में एक राजनीतिक आंदोलन से जुड़ी है।

सीएम नीतीश की सुरक्षा में बड़ी चूक, तेल खत्म होने के कारण हेलीकॉप्टर की हुई इमरजेंसी लैंडिंग, सड़क मार्ग से लौटे पटना

एक बैठक से वापस लौटते समय नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर का तेल खत्म हो गया, जिसके कारण उसे आपात स्थिति में उतारना पड़ा। इसके बजाय उन्हें कार से वापस पटना की यात्रा पूरी करनी पड़ी। फिलहाल बिहार के नेता नीतीश कुमार को लेकर एक अहम खबर आ रही है. ऐसा लगता है कि बिहार की राजधानी पटना के पास मसौढ़ी में नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर बड़ी दिक्कत हुई. सूत्रों का कहना है कि जब नीतीश कुमार एक रैली से वापस आ रहे थे, तो हेलीकॉप्टर का ईंधन खत्म हो जाने के कारण उसे मसौढ़ी में आपात स्थिति में उतारना पड़ा. सीएम नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर में तेल खत्म होने के कारण अचानक लैंडिंग करनी पड़ी. उन्हें अपनी पटना वापसी की यात्रा कार से पूरी करनी पड़ी. कुछ लोग इस बात से नाराज़ हैं क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती थी. हेलीकॉप्टर को उतरते देखने के लिए कई लोग आए, लेकिन एक नेता ने कहा कि इस बारे में खबर सच नहीं है. सीएम नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर में ईंधन खत्म हो गया, इसलिए उन्हें वापस लेने के लिए पटना से एक गाड़ी आनी पड़ी. उन्हें पटना वापस जाने के लिए कार से सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ी। ऐसा क्यों हुआ इस पर कोई बात नहीं कर रहा है, लेकिन नीतीश कुमार अभी भी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं.

लड़के ने किया ऐसा काम, घर पहुंची पुलिस, अफसर ने पूछा- क्यों किया ये सब, जवाब सुनकर हर कोई रह गया हैरान

हाथरस में एक लड़के ने कुछ ऐसा कर दिया कि पुलिस को उसके घर आकर गिरफ्तार करना पड़ा. जब पुलिस ने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया तो उसके जवाब ने सभी को चौंका दिया. आइए जानें क्या हुआ. हाथरस में एक लड़के ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में चूहे मारने वाली दवा खाने का नाटक किया। पुलिस को इसके बारे में पता चला और उसने लड़के को पकड़कर उससे पूछा कि क्या हुआ था। हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने स्थिति को गंभीरता से लिया और उस स्थान पर गए जहां यह घटना हुई थी। उन्होंने थाना हाथरस गेट के पुलिस इंस्पेक्टर को सच्चाई बताई। युवक को समझाइश दी गई और फिर सही कानूनी कदम उठाने को कहा गया. पुलिस ने नयावांस किले के एक 19 वर्षीय लड़के का स्थान खोजने के लिए इलेक्ट्रॉनिक निगरानी का उपयोग किया। उन्होंने उसे हाथरस गेट पुलिस स्टेशन में पाया और पूछा कि उसने खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश क्यों की और इसके बारे में इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। युवक ने पुलिस को बताया कि उसने अपने दोस्तों को हंसाने के लिए मजाक के तौर पर इंस्टाग्राम पर कुछ पोस्ट किया था. उन्होंने चूहे मारने वाली दवा के खाली पैकेट के साथ एक स्टोरी पोस्ट की, लेकिन उनका इरादा कोई नुकसान पहुंचाने का नहीं था। पुलिस ने उससे बात की और उसने दोबारा ऐसा न करने का वादा किया. उन्होंने उसे उसके परिवार के साथ घर जाने दिया। पुलिस ने एक युवक से उसके माता-पिता के सामने बात की और उसने वादा किया कि वह दोबारा कुछ बुरा नहीं करेगा. उसने इसे लिखकर पुलिस को भी दे दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे परिवार सहित घर जाने दिया।

बीजापुर के जंगलों में सैकड़ों जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी, 12 नक्सलियों के मारे जाने की खबर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर से बड़ी खबर! पुलिस नक्सली कहे जाने वाले कुछ बुरे लोगों के खिलाफ लड़ रही है। इन्हें रोकने के लिए बहुत सारे सैनिक मिलकर काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बीजापुर नामक जगह से एक अहम खबर है. पुलिस और कुछ सैनिक नक्सली नामक एक समूह के खिलाफ लड़ रहे हैं। लड़ाई वन क्षेत्र में हो रही है. पुलिस को सूचना मिली कि वहां कुछ बड़े नक्सली नेता छुपे हुए हैं. अब तक लड़ाई में 12 नक्सली मारे गए हैं. सूचना मिलते ही 6 टीमों के जवानों को बीजापुर मुख्यालय से 70 किमी दूर दंतेवाड़ा जिले की सीमा के पास स्थित गांव पीडिया भेजा गया. सुरक्षा बल जंगलों में नक्सलियों के अहम नेताओं की तलाश कर रहे हैं और उनकी तलाश तेज कर दी है. हाल की मुठभेड़ों में कई नक्सली मारे गए हैं और सरकार ने उन्हें आत्मसमर्पण करने या परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। 29 नक्सली मारे गये. 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में नक्सली कहे जाने वाले बुरे लोगों और सैनिकों जैसे अच्छे लोगों के बीच एक बड़ी लड़ाई हुई। 29 नक्सली मारे गये और दो जवान घायल हो गये. जवानों को एके-47 समेत कई बंदूकें मिलीं। शंकर राव नाम का एक शीर्ष नक्सली नेता भी मारा गया. 30 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दूसरे हिस्से में जवानों ने और भी नक्सलियों को घेर लिया और उनमें से 10 को मार गिराया. जवानों को 3 महिलाओं समेत 10 नक्सलियों के शव भी मिले.