पेपर लीक मामले में जुड़ा राजभर विधायक बेदी राम का नाम, नौकरी दिलाने का कर रहे हैं सौदा, वीडियो वायरल

विधायक बेदी राम नाम के एक नेता का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में वे लोगों को नौकरी दिलाने की कोशिश करने और पेपर लीक में शामिल होने की बात कर रहे हैं। बेदी राम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) नामक एक राजनीतिक दल के सदस्य हैं और वे गाजीपुर के जखनिया नामक स्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं। पेपर लीक में शामिल होने के आरोप में पुलिस उन्हें पहले भी गिरफ्तार कर चुकी है।

बिहार के पटना में रहने वाले बिजेंद्र गुप्ता परीक्षा में नकल करने के आरोप में मुश्किल में पड़ चुके हैं और दो बार जेल जा चुके हैं। उन्होंने हाल ही में मीडिया से कहा कि बेदी राम नाम का एक नेता भी नकल में शामिल है। बेदी राम उत्तर प्रदेश के एक राजनेता हैं। बिजेंद्र के बयान ने राज्य की राजनीति में काफी ड्रामा मचा दिया है। बेदी राम का एक वीडियो भी है जिसमें वे लोगों को नौकरी दिलाने के लिए पैसे लेने की बात कर रहे हैं।

एक वीडियो जिसे बहुत से लोग देख रहे हैं, उसमें विधायक बेदी राम नाम के एक नेता को लोगों को नौकरी दिलाने और परीक्षा में नकल करने के लिए सौदे करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में बेदी राम इन सेवाओं के लिए पैसे लेने की बात कर रहे हैं। वह महत्वपूर्ण काम करने का दावा करता है और दावा करता है कि वह उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी भर्ती परीक्षाओं में हेराफेरी कर सकता है। वीडियो कहां का है और इसे कब रिकॉर्ड किया गया, यह अभी भी अज्ञात है।

परीक्षा में नकल करने वाले एक अन्य व्यक्ति बिजेंद्र गुप्ता ने भी नकल कांड के सिलसिले में बेदी राम का नाम लिया है। वीडियो में विधायक बेदी राम ने कहा कि वह एक बार में 40 लोगों को काम पर रखता है। वीडियो सामने आने के बाद, परीक्षा में नकल करने के लिए मशहूर बिजेंद्र ने मीडिया को बेदी राम के बुरे अतीत के बारे में बताया। हालांकि, न्यूज 18 ने वीडियो की पुष्टि नहीं की है। 2014 में उत्तर प्रदेश की पुलिस ने बेदी राम को पकड़ा था।

2014 में बेदी राम को रेलवे की नौकरी की परीक्षा में नकल करने के आरोप में लखनऊ की पुलिस ने हिरासत में लिया था। उस पर एक अन्य परीक्षा में भी नकल करने का संदेह था। बेदी राम उत्तर प्रदेश के एक सरकारी मंत्री ओम प्रकाश राजभर के मित्र हैं। पिछले छह महीनों में पुलिस के लिए कुछ महत्वपूर्ण नौकरियों की घोषणाएँ इसलिए रद्द हो गईं क्योंकि सूचना लीक हो गई थी। इससे कई युवा और नौकरी चाहने वाले परेशान हैं।

इस मुद्दे पर अन्य राजनीतिक दलों द्वारा सरकार की आलोचना की जा रही है। साथ ही, एक अन्य लीक मामले में शामिल एक अपराधी अब इस नौकरी लीक मामले में एक राजनेता पर आरोप लगा रहा है।

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