आखिर राखी सावंत को देखकर गौहर खान को क्यों आया गुस्सा? खुलेआम दिया ये बयान

राखी सावंत हाल ही में अबाया नामक एक प्रकार के कपड़े पहन रही हैं। इससे गौहर खान काफी नाराज हो गई हैं और उन्होंने राखी को फातिमा कहकर भद्दी-भद्दी बातें कहीं। गौहर खान ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और काफी लोग इसे शेयर कर रहे हैं. राखी सावंत और आदिल दुर्रानी कुछ दिनों से एक-दूसरे से बहस कर रहे हैं। हाल ही में राखी मक्का-मदीना की यात्रा पर गईं और वापस आईं। अब, वह चाहती है कि लोग उसे फातिमा कहें और वह अबाया नामक एक विशेष पोशाक पहनती है। राखी के इस ड्रेस पहनने से गौहर खान काफी नाराज हैं और उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखा है, जिसे कई लोग शेयर कर रहे हैं. गौहर उस शख्स से खफा हैं जो इस्लाम नाम के एक खास धर्म का मजाक उड़ा रहा है. यह व्यक्ति एक पवित्र स्थान पर भी बहुत उपद्रव और नाटक कर रहा है। गौहर को समझ में नहीं आता कि यह व्यक्ति एक मिनट में कैसे कह सकता है कि वे इस्लाम में विश्वास करते हैं, लेकिन फिर अगले ही मिनट कहते हैं कि उन्होंने वास्तव में इस पर विश्वास करना नहीं चुना। View this post on Instagram A post shared by Gauahar Khan (@gauaharkhan) नाटक तब होता है जब लोग ध्यान आकर्षित करने या दूसरों को उन पर ध्यान दिलाने के लिए कुछ करते या कहते हैं। हो सकता है कि वे जो कहते या करते हैं उसका वास्तव में कोई मतलब न हो, वे बस चाहते हैं कि लोग उनके बारे में बात करें या सोचें कि वे महत्वपूर्ण हैं। गौहर कह रही हैं कि कोई असल में इस्लाम को समझ नहीं रहा है और उसकी सराहना नहीं कर रहा है. वे केवल मुस्लिम होने का दिखावा कर रहे हैं जब यह उनके लिए सुविधाजनक हो। गौहर को लगता है कि सऊदी अरब या भारत में इस्लामी अधिकारियों के लिए इस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है ताकि वे अब इस्लाम का मजाक न बना सकें। View this post on Instagram A post shared by Waahiid Ali Khan (@sshaawntv) नाटक कभी-कभी लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें किसी चीज़ में दिलचस्पी लेने के लिए बनाया जाता है। गौहर ने कुछ ऐसा लिखा जिसका कोई मतलब नहीं है. वे कह रहे हैं कि कोई केवल यह समझ सकता है कि इस्लाम कितना सुंदर है जब वह ध्यान आकर्षित करना चाहता है या जब इससे उसे लाभ होता है। लेकिन यह सच नहीं है, आप सिर्फ उन कारणों से मुसलमान नहीं बन सकते। गौहर चाहती हैं कि सऊदी अरब या भारत में इस्लामिक अधिकारी इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, ताकि लोग अब इस्लाम का मजाक न उड़ाएं।

नवजात के होंठ और जीभ खा रही थीं चींटियां: झाड़ियों में मिला 7 दिन का बच्चा; 3 दोस्तों ने मुझे उठाया और हॉस्पिटल ले गए

दौसा जिले के बांदीकुई जिले में एक तरफ इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीर तो दूसरी तरफ इंसान के रूप में 3 देवदूत भी सामने आए। सोमवार सुबह 11 बजे गांधी पार्क के प्रवेश द्वार के पास एक नवजात शिशु मिला। तेज धूप में पड़े बच्चे के मुंह में चींटियाँ भरी थीं। चिएंटियां बच्चे की जीभ और मूंछों को काट रही थीं। इस बीच तीन दोस्त मोनिका प्रजापत (17), संजय मीना (18) और अजित बैरवा (17) बांदीकुई स्टेशन की तरफ जा रहे थे। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर देश हैरान रह गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। तभी उन्हें गांधी पार्क के गेट के पास से नवजात के कराहने की आवाज आई। त्रिस्तरीय झील तक समुद्र तट तो बच्चे के शरीर को चियांटियां काट रही थीं। बिना वक्त गंवाए उन्होंने बच्चे को गोद में उठा लिया। रूमाल से उसका चेहरा और शरीर साफ किया गया। मुथ और सुपरमार्केट पर लगी चिएंटियां हटाईं और बांदीकुई सरकारी अस्पताल लेकर पहुंच गए। बच्चा बहुत भूखा था और बहुत दर्द कर रहा था। बांदीकुई अस्पताल के कार्यालय के निदेशक मीनार मीनार ने बताया- नवजात शिशु को लेकर तब भी आया जब उसके शरीर पर चिंटियाँ बच्चे चिपकी हुई थीं। बच्चे को दर्द और भूख से पीड़ा हो रही थी। मेडिकल स्टाफ ने बच्चे के शरीर और मुंह से सारी चीजें निकालीं और दूध मंगाकर बच्चे को पिलाया। दूध पीकर बच्चे ने रोना बंद कर दिया। लोगों ने कहा- पहले पुलिस बुलाओ यूक्रेनिया पेजपत ने बताया- मैं अपने दोस्त संजय और अजित के साथ स्कूल यूनिफॉर्म की कंपनी की ओर से रेलवे स्टेशन के पास मार्केट की ओर जा रहा था। रेलवे लाइन से थोड़ी दूर गांधी पार्क के गेट के पास बच्चे के रोने की आवाज तो सोखी थी पार्क के कोई बच्चा रो रहा था, लगातार आ रही थी, हमने अंदर खोजा तो आवाज से आ रही। वहां बच्चा रखा था. बच्चे की हालत देख चिंता हुई, दिल ज़ोरों से देखने लगा। मैंने उसे गोद में उठा लिया। हमने इधर-उधर देखे और पार्क में मौजूद कुछ लोगों के बारे में बताया। उन्होंने सलाह दी कि बच्चा कहाँ था, कहाँ रख दो और पुलिस को बुलाओ। बच्चे को दर्द से पीड़ा हो रही थी। रोये जा रहा था. हम बच्चे को लेकर जिला अस्पताल, बांदीकुई पहुंचे। वहां मौजूद स्टाफ से पूरी बात बताई गई। मेडिकल टीम ने तुरंत शुरू किया बच्चे का इलाज। पुलिस भी अस्पताल में पहुंची। पुलिस को वह जगह दिखाई दी जहां बच्चा मिला था। डॉक्टर और पुलिस इस बच्चे की जान बचाने के लिए अब हमारी सराहना कर रहे हैं। मैं वास्तव में खुश और गौरवान्वित महसूस करता हूं क्योंकि मैंने बच्चे की जान बचाई, लेकिन मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना अच्छा लग रहा है। अरीथ, संजय और अजित त्रिया बीएन जोशी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बांदीकुई के 11वीं कक्षा के छात्र हैं। चावला बांदीकुई के कुम्हार मोहन, संजय गणेश मंदिर के पास और अजित टीकाली इलाके में रहते हैं। इधर, बांदीकुई पुलिस इलाके के सुपरमार्केट में रहती है। पुलिस का कहना है कि सोमवार की सुबह अंधेरे की खाड़ी में शायद ही किसी बच्चे को यहां फेंक दिया गया हो।

क्राइम: मुंबई में 23 साल की एयर होस्टेस की गला रेतकर हत्या, फ्लैट में मिला शव, हड़कंप

पवई नामक स्थान पर पुलिस को बताया गया कि एक महिला की किसी ने गला दबाकर हत्या कर दी है। उन्हें बताया गया कि उसका शव मरोल नामक पड़ोस के एक अपार्टमेंट में है। जब पुलिस वहां पहुंची तो उन्हें महिला का शव उसके ही अपार्टमेंट में मिला। वहां उसके साथ उसकी बहन और एक दोस्त भी रहती थी. महाराष्ट्र में एक हवाई अड्डे के पास मरोल नामक स्थान से कुछ बहुत दुखद और डरावनी खबर है। एयर होस्टेस के रूप में काम करने वाली एक युवती अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गई। किसी ने उसका गला काटकर उसे बहुत बुरी तरह चोट पहुंचाई। पुलिस ने सोमवार को इस बारे में सभी को बताया. पुलिस को सूचना मिली कि मरोल नामक स्थान पर एक महिला की किसी ने गला दबाकर हत्या कर दी है. वे तुरंत वहां गए और उसके अपार्टमेंट में उसका शव पाया। वह अपनी बहन और एक दोस्त के साथ अपार्टमेंट में रहती थी। पुलिस कह रही है कि उसकी बहन और दोस्त अभी शहर में नहीं हैं. पवई पुलिस स्टेशन और क्राइम ब्रांच की पुलिस उस जगह पर है जहां कुछ हुआ था, और वे अधिक जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में पप्पू नाम के शख्स की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. पप्पू 42 साल का था और सुलभ शौचालय के ठेकेदार के रूप में काम करता था। हमें अभी तक नहीं पता कि उसे क्यों मारा गया, लेकिन डॉक्टरों द्वारा उसके शरीर की जांच करने के बाद हमें और अधिक जानकारी मिल सकती है। पप्पू मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला था लेकिन जब यह घटना हुई तब वह शास्त्री नगर में रह रहा था।

ओडिशा में 2 घंटे में 61 हजार बार गिरी बिजली, जानें ऐसा कब और क्यों होता है?

पूर्वी भारत के एक स्थान ओडिशा में प्रकाश की बहुत बड़ी चमक और तेज़ आवाज़ें थीं। ऐसा बिजली गिरने की वजह से हुआ, यानी जब बिजली आसमान से ज़मीन पर आती है. ऐसा केवल दो घंटों में 61,000 बार हुआ! दुर्भाग्य से, इन बिजली हमलों के कारण 12 लोग घायल हो गए या उनकी मृत्यु हो गई। आकाशीय बिजली सबसे अधिक कुछ स्थानों पर गिरती है, जैसे ओडिशा। भारत की एक जगह ओडिशा में कुछ बहुत ही डरावना हुआ। महज दो घंटे में 61 हजार बार गिरी बिजली! इससे बहुत से लोगों को डर लगने लगा. सौभाग्य से, ज्यादा लोगों को चोट नहीं आई। 12 लोगों की मौत हो गई और 14 घायल हो गए. सभी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी संभाल रहे लोगों का कहना है कि दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच 61 हजार से ज्यादा बार बिजली गिरी। मौसम के जानकारों का कहना है कि अगले चार दिनों तक ओडिशा में खूब बारिश होने वाली है. ऐसा एक बड़े तूफ़ान के कारण हुआ है जिसके कारण बारिश का मौसम जल्दी शुरू हो गया है। बारिश बहुत तेज़ होगी और कुछ देर तक रहेगी. जब लंबे समय के बाद बारिश का मौसम वापस आता है, तो आमतौर पर बहुत अधिक बिजली गिरती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आसमान में ठंडी और गर्म हवाएं एक दूसरे से टकराती हैं और बिजली चमकाती हैं। बिजली कैसे चमकती है और क्यों गिरती है? खैर, बिजली आकाश में बिजली के एक बड़े विस्फोट की तरह है। ऐसा तब होता है जब आकाश में बड़े बादल होते हैं जिनमें पानी होता है। ये बादल सचमुच बहुत ऊँचे हैं, लगभग 10-12 किलोमीटर! कभी-कभी बादलों से बिजली ज़मीन पर आ जाती है और तभी हमें बिजली चमकती हुई दिखाई देती है। ये बादल वास्तव में आकाश में जमीन से लगभग एक से दो किलोमीटर ऊपर हैं। बादलों का ऊपरी हिस्सा और भी ऊँचा है, ज़मीन से लगभग 12 से 13 किलोमीटर ऊपर। वहां बहुत ठंड है, शून्य से लगभग 35 से 45 डिग्री नीचे। जब बादलों में पानी ऊपर जाता है और जम जाता है, तो वह बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाता है। ये क्रिस्टल जैसे-जैसे बादलों में ऊपर जाते हैं, बड़े होते जाते हैं। अंततः वे इतने बड़े हो जाते हैं कि नीचे गिरने लगते हैं। जब वे एक-दूसरे से टकराते हैं, तो वे बिजली बनाते हैं जिसे इलेक्ट्रॉन कहा जाता है। ऐसा बार-बार होता है, और अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉन बनते हैं। आकाश में जब बादल घूमते हैं तो वे धनात्मक और ऋणात्मक आवेश उत्पन्न करते हैं। बादल के शीर्ष और मध्य भागों के बीच आवेश की मात्रा में बहुत बड़ा अंतर होता है। इससे तेज़ विद्युत धारा उत्पन्न होती है, जो बहुत शक्तिशाली हो सकती है। इसमें से कुछ धारा ज़मीन तक पहुँचती है और लोगों और चीज़ों को बहुत अधिक नुकसान पहुँचा सकती है। ऐसा हर साल होता है और दुनिया भर के कई लोगों के लिए बहुत दुख और नुकसान का कारण बनता है। मानचित्र से पता चलता है कि भारत में सबसे अधिक बिजली कहाँ गिरती है। इसमें कहा गया है कि बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं मध्य प्रदेश में होती हैं, इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और बंगाल का नंबर आता है। भारत में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत कई राज्यों में बिजली गिर सकती है. भारत में हर साल बिजली गिरने से दुर्भाग्यवश बहुत से लोग घायल हो जाते हैं या मर भी जाते हैं। क्या लोगों को यह जानने का कोई तरीका है कि बिजली कब गिरने वाली है? हां, भारत में उन्होंने एक विशेष प्रणाली बनाई जो लोगों को पहले से बताती है कि बिजली कब गिर सकती है। वे यह दिखाने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग करते हैं कि बिजली कितनी जल्दी गिर सकती है, और वे समय से एक से दो दिन पहले अलर्ट देते हैं। इससे लोगों को आकाशीय बिजली से सुरक्षित रहने में मदद मिलती है और दुर्घटनाओं से बचाव होता है। इसके अलावा किसी क्षेत्र में बिजली गिरने से तीन घंटे पहले चेतावनी दी जाती है. चेतावनी प्रणाली के पास हमें बिजली गिरने के बारे में पहले से बताने के दो तरीके हैं। बादलों की चाल को देखकर वे अनुमान लगा सकते हैं कि बिजली चमकेगी या बारिश होगी, ऐसा होने से लगभग 30 मिनट पहले। बेहतर सेंसर के साथ, वे 3 या 4 घंटे पहले तक यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि बिजली गिरेगी या बारिश होगी। ऐसे विशेष फ़ोन प्रोग्राम हैं जिन्हें ऐप्स कहा जाता है जो फैंसी तकनीक का उपयोग करते हैं। ये ऐप्स हमें भविष्य में होने वाली बिजली जैसी घटनाओं के बारे में बता सकते हैं। भारत सरकार ने आकाशीय बिजली से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए दामिनी नाम से एक ऐप बनाया। यह हमें बता सकता है कि हम जहां हैं उसके 20 किलोमीटर के दायरे में बिजली गिर सकती है या नहीं। लेकिन कभी-कभी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को यह चेतावनी भेजना कठिन होता है क्योंकि उनके पास संदेश प्राप्त करने का कोई अच्छा तरीका नहीं होता है। बिजली की छड़ बिजली को इमारतों को नुकसान पहुँचाने से कैसे बचाती है? बिजली की छड़ एक विशेष धातु की छड़ होती है, जो आमतौर पर तांबे से बनी होती है, जिसे इमारतों के शीर्ष पर रखा जाता है। इसका एक नुकीला भाग छत के ऊपर चिपक जाता है और दूसरा भाग नीचे जमीन में चला जाता है। यह छड़ बिजली को आकर्षित करने और इमारत से सुरक्षित रूप से दूर ले जाने में मदद करती है, जिससे उसे नुकसान होने से बचाया जा सके। तड़ित चालक एक विशेष उपकरण की तरह होता है जो आकाश से बिजली एकत्र करता है और उसे सुरक्षित रूप से जमीन पर भेजता है। यह हमारे घरों को बिजली से क्षतिग्रस्त होने से बचाने में मदद करता है। लाइटनिंग अरेस्टर लगाकर हम अपने घर को आकाशीय बिजली से सुरक्षित रख सकते हैं। हम आकाशीय बिजली से कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? बारिश होने पर पेड़ों के नीचे रहना या तालाबों में तैरना सुरक्षित नहीं है क्योंकि वहां बिजली गिर सकती है। हमें बरसात के