Dog Attack: जयपुर में परिवार के कुत्तों ने पड़ोसी को काटा बचाने आया पति पर भी पंजा मारा
जयपुर में परिवार के कुत्तों (dog) ने पड़ोसी महिला पर हमला कर दिया। महिला को जमीन पर गिराने के बाद उसने कई जगहों पर उसके पैर पटक दिए। महिला की चीख पुकार सुनकर उसका पति दौड़ता हुआ आया। बड़ी मुश्किल से उन्होंने कुत्तों को अलग किया। इस दौरान उन्हें कुत्तों ने भी काट लिया है। घायल महिला को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। पति ने पड़ोसी के खिलाफ रविवार रात सोडाला थाने में मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने बताया कि मामला रविवार शाम सात बजे का है. विकास पथ गिजगढ़ विहार निवासी देवेंद्र सिंह रावत (47) ने सोडाला थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है. देवेंद्र का मोबिल ऑयल का थोक कारोबार है। वह पिछले 11 साल से पत्नी नीतू (45) और बेटे एकांश (15) के साथ एक फ्लैट में रह रहा है। पास के फ्लैट में रहने वाली शोभा मिश्रा ने दो dog पल्स (रोटबिलर और लेब्रा) रखे हैं। शनिवार शाम करीब सात बजे नीतू अपार्टमेंट की छत पर सूखे कपड़े उतारने गई थी। वह कपड़े लेकर सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी। इस दौरान पड़ोसी के परिवार के कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से नीतू घबरा गई और जमीन पर गिर गई। दोनों कुत्तों ने उसका पैर जगह-जगह से पकड़ लिया। ऑनर के कहने पर भी नहीं हटे Dog पत्नी को बचाने आए देवेंद्र के पैरों में कुत्तों ने कील भी ठोंकी है। इस दौरान डॉग ऑनर कुत्तों पर चिल्लाता रहा। कुत्तों ने दूर जाने के लिए कहने के बाद भी नहीं सुना। आखिर दोनों कुत्ते हाथ में कपड़े में उलझ गए। फिर दोनों को डंडे से भगा दिया। तब तक कुत्तों ने नीतू के पैर में तीन-चार जगह गहरे जख्म कर दिए थे। बेहोशी की हालत में नीतू को तुरंत निजी अस्पताल ले जाया गया। दंपती को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अपार्टमेंट में डरदेवेंद्र सिंह का कहना है कि शोभा मिश्रा पिछले 10 साल से अपार्टमेंट में रह रही हैं। करीब 9 महीने पहले वह दो कुत्तों (रोटबिलर और लैब्रा) को लेकर आई थी। अपार्टमेंट के लोगों ने भी खूंखार कुत्तों को पालने से मना कर दिया था। शोभा मिश्रा ने किसी की नहीं सुनी। अपार्टमेंट के लोगों में दहशत का माहौल है। कुत्तों के डर से उनके परिजन बच्चों को स्कूल छोड़ने और छोड़ने के लिए साथ ले जाते हैं।
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे बुधवार को supreme court में होंगे आमने-सामने, CJI करेंगे मामले की सुनवाई
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे बुधवार को supreme court में होंगे आमने-सामने शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच विवाद से संबंधित मामले की बुधवार को supreme court में सुनवाई होगी. नई दिल्ली : देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट (High Court) की एक बैंच बुधवार को शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच विवाद से संबंधित मामले की सुनवाई करेगी. बेंच में जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली भी शामिल हैं. शिवसेना सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में तब तक राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है, जब तक कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ अपना फैसला नहीं दे देती. supreme court ने 11 जुलाई को शिवसेना पर कब्जे को लेकर टीम ठाकरे और टीम शिंदे के बीच कानूनी लड़ाई पर विराम लगा दिया था. अदालत ने विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता के नोटिस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था.supreme court ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को सूचित किया जाना चाहिए कि उन्हें अयोग्यता नोटिस पर तब तक फैसला नहीं करना चाहिए जब तक कि अदालत उस पर फैसला न दे. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में, जिसमें कई याचिकाएं शामिल हैं, एक पीठ के गठन की आवश्यकता होगी और इसे सूचीबद्ध होने में कुछ समय लगेगा. इससे पहले कपिल सिब्बल ने उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से महाराष्ट्र मामले की जल्द सुनवाई की मांग सीजेआई से की थी. महाराष्ट्र मामले में कपिल सिब्बल ने दलील दी कि 39 विधायकों की अयोग्यता का मामला supreme court ने 27 जून को 11 जुलाई के लिए लगाया गया था, आज नहीं लगा. गवर्नर की ओर से तुषार मेहता ने दलील रखी. सीजेआई ने कहा कि स्पीकर को सूचित करें कि विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन या सुनवाई अभी न करें. कोर्ट में फैसला आने तक स्थगित रखा जाए. राज्यपाल की तरफ से पेश तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि वो स्पीकर को इस बाबत जानकारी दे देंगे. इस मामले को लेकर संजय राउत ने एएनआई से कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में एक सरकार को थोपा गया है, वह पूरी तरह से अवैध है. यह सरकार संविधान के मुताबिक नहीं बनी है. यह विधायकों के अयोग्य होने का मुद्दा है. सर्वाेच्च न्यायालय में एक फैसला हो रहा है, उससे पता चलेगा कि देश में संविधान, क़ानून है या उसकी हत्या हो चुकी है. बता दें कि शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते दिनों पार्टी के 37 से अधिक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. इस कारण राज्य में सियासी संकट आ गया. हफ्ते भर चली सियासी खींचतान के बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली. पार्टी से बगावत के बाद बनी सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री.हालांकि, नई सरकार के गठन को उद्धव खेमे ने चुनौती दी है, जिसके बाद विधानसभा में एकनाथ शिंदे को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा. फ्लोर टेस्ट में उन्होंने सफलता हासिल की.