भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे खालिस्तानी आतंकियों ने कनाडा में बनाया अपना नया ‘बेस’

भारत और कनाडा के बीच सितंबर में तनाव और भी बदतर हो गया था क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा में हुई हत्या में भारत का कोई व्यक्ति शामिल हो सकता है. इससे भारत नाराज़ हो गया क्योंकि उन्हें लगता है कि जो व्यक्ति मारा गया वह आतंकवादी था। कनाडा में कुछ लोग जो भारत से अलग होकर अपना देश बनाना चाहते हैं, वे अपने विचारों को फैलाने के लिए गुरुद्वारों (जो सिखों के लिए मंदिर की तरह हैं) का उपयोग कर रहे हैं। अब ख़ुफ़िया एजेंसियों का कहना है कि उनकी योजना इन विचारों को कनाडा के और भी गुरुद्वारों तक फैलाने की है. कनाडा में 8 विशेष सिख मंदिर हैं जिनके बारे में कुछ लोगों का कहना है कि ये उन लोगों के समूह से जुड़े हैं जो भारत से अलग होना चाहते हैं जिन्हें खालिस्तानी अलगाववादी आतंकवादी कहा जाता है। इनमें से एक मंदिर, जिसे सरे गुरुद्वारा कहा जाता है, में हरदीप सिंह निज्जर नाम का एक नेता था जिसे आतंकवादी माना जाता था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस बारे में कुछ कहने के बाद सरे गुरुद्वारे में भारत के खिलाफ कुछ पोस्टर लगाए गए. जब भारत सरकार ने इसकी शिकायत की तो पोस्टर हटा दिए गए क्योंकि स्थानीय अधिकारियों पर ऐसा करने का दबाव था. हमें सुरक्षित रखने वाले कुछ महत्वपूर्ण लोगों ने पता लगाया है कि कनाडा में 8 विशेष सिख मंदिर हैं। कुछ बुरे लोग जो भारत से अलग होना चाहते हैं उन्होंने अपने बुरे कार्यों की योजना बनाने के लिए इन मंदिरों को चुना है। वे कनाडा में 5000 सिखों को नाराज कर परेशानी पैदा करना चाहते हैं. ये मंदिर सरे, ब्रिटिश कोलंबिया, ब्रैम्पटन और एबॉट्सफ़ोर्ड में हैं। गुरुद्वारे नामक कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं जिन्हें खालिस्तानी अलगाववादी आतंकवादी कहे जाने वाले बुरे लोगों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। ये गुरुद्वारे उन लोगों के समूहों द्वारा चलाए जाते हैं जिन्हें चुनाव के माध्यम से चुना जाता है, और वे इससे कोई पैसा नहीं कमाते हैं। हाल ही में जिन गुरुद्वारों को निशाना बनाया गया है उनमें गुरुद्वारा दशमेश दरबार, गुरुनानक सिख मंदिर और डिक्सी गुरुद्वारा शामिल हैं। भारत सरकार को इन बुरी गतिविधियों के बारे में पता चल गया है और वे इन्हें रोकने के लिए कनाडा सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत और कनाडा की आपस में नहीं बन रही थी क्योंकि कनाडा के नेता जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा में हुई हत्या में भारत का कोई व्यक्ति शामिल हो सकता है. इससे भारत बहुत क्रोधित हुआ और उन्होंने अन्य देशों में कनाडाई लोगों की मदद करना बंद कर दिया। भारत ने पहले ही कहा था कि जो मारा गया वो आतंकवादी था. भारत ट्रूडो के दावों से सहमत नहीं था और उसने सोचा कि वह गलत कारणों से ऐसा कह रहा है।

Nijjar Row: ‘कनाडा छोड़ो, भारत जाओ…’ हताश खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को धमकी दी।

सिख फॉर जस्टिस नामक एक समूह ने कनाडा में हिंदुओं के लिए घटिया बातें कही हैं क्योंकि उनका मानना ​​है कि भारत उनकी मदद कर रहा है। ये बातें कहने वाला शख्स गुरपतवंत सिंह पन्नू नाम का एक बुरा इंसान है. लोगों को चिंता है कि इससे अलग-अलग नस्ल के लोग एक-दूसरे को पसंद नहीं करेंगे क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कुछ ऐसी टिप्पणियां की थीं जिससे स्थिति और खराब हो गई. 2019 में, सिख फॉर जस्टिस नामक एक समूह ने कनाडा में उन लोगों को धमकी दी जो हिंदू धर्म नामक एक अलग धर्म को मानते हैं। इस समूह को भारत में अनुमति नहीं है. वे चाहते हैं कि ये लोग कनाडा छोड़ दें और भारत का समर्थन करें। समूह के एक व्यक्ति ने एक वीडियो बनाकर कनाडा के सिखों से वैंकूवर में होने वाले एक विशेष कार्यक्रम के लिए वोट करने को कहा। भारत में खतरनाक माने जाने वाले शख्स पन्नू ने कहा कि भारत के जो लोग हिंदू धर्म को मानते हैं उन्हें कनाडा छोड़कर वापस भारत चले जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का समर्थन किया है। यह वीडियो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस मुद्दे पर बयान देने के दो दिन बाद सामने आया है. 2019 में सिख फॉर जस्टिस नाम के एक ग्रुप ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को धमकी दी थी. वे अपने नेता की मौत से दुखी हैं और चाहते हैं कि लोग उनके मुद्दे का समर्थन करें। वे कनाडा में सिखों से वैंकूवर में हो रहे एक विशेष कार्यक्रम में वोट करने के लिए कह रहे हैं। पन्नू नाम का एक शख्स है जिसे भारत में आतंकवादी कहा जाता है. पन्नू ने कहा, ”भारत-हिंदू…कनाडा छोड़ो, भारत जाओ.” पन्नू ने कहा कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का समर्थन किया है। यह वीडियो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के दो दिन बाद सामने आया है. अनीता आनंद, जो कनाडा की नेता हैं और हिंदू पृष्ठभूमि से हैं, ने सभी से शांतिपूर्ण रहने के लिए कहा है। उन्होंने एक सोशल मीडिया वेबसाइट पर संदेश लिखकर कहा कि ट्रूडो ने सोमवार को जो कहा उससे दक्षिण एशिया और भारत के परिवार, चाहे वे किसी भी धर्म को मानते हों, परेशान हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कानूनी प्रक्रिया को वैसे ही चलने देना चाहिए जैसे उसे चलना चाहिए, और हम सभी को शांत, एक साथ और समझदारी से रहना चाहिए।

कनाडा की ओछी हरकत…चीन-पाकिस्तान ने भी कभी नहीं किया ऐसा, भारत ने दिया करारा जवाब!

भारत कनाडा तनाव: कनाडा दूतावास में रेलवे भारतीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी का नाम कनाडा की सरकार ने जगाहिर कर दिया है। आम तौर पर यह परंपरा है कि किसी अन्य देश के खुफिया अधिकारी का नाम शामिल नहीं किया जाता है। यहां तक ​​कि किसी कंपनी और दुकान ने भी भारत के किसी रॉ ऑफिसर का नाम शेयर नहीं किया है। खालिस के समर्थक कनाडा से भारत के रिलेटिव्स के सबसे प्यारे डॉयटर पर पहुंच गए। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की सरजमीं पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निजजर की हत्या का आरोप भारतीय सुरक्षा एजेंसी पर लगाया था। अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए कनाडा ने एक ऐसी हरकत की है, जो कभी और चीन जैसे विरोधी राष्ट्र ने भी आज तक नहीं की थी। कनाडा ने भारतीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी पवन कुमार राय का नाम जान उजागर कर दिया। भारत ने कई बार पहले भी चीन और दुकानों के गोदामों का निरीक्षण किया था, लेकिन कभी भी उनकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी का नाम उजागर नहीं किया गया। यहां तक ​​कि भारत के कट्टर विरोधी देशों की कंपनियों और कंपनियों ने भी इस तरह की खुफिया एजेंसी के अधिकारियों का नाम कभी उजागर नहीं किया। कनाडा की इस ओछी हरकत की हर कोई आलोचना कर रही है। खुफिया एजेंसी के अधिकारी को लेकर चल रही है परंपरा?यह एक पुरानी परंपरा है कि अन्य देशों में मौजूद दूतावासों में खुफिया एजेंसी के एक आला अधिकारी की मध्यस्थता की जाती है। इस बात की जानकारी केवल उस देश की सरकार को ही दी जाती है, जहां यह दूतावास होता है। यह परम्परा चल रही है कि कभी भी उक्राट देश के इस अधिकारी का नाम सामने नहीं आता है। यह पहला मौका है जब कनाडा ने भारतीय एजेंसी के अधिकारी पवन कुमार राय का नाम जगजाहिर कर ओझी मान्यता की है। पवन कुमार राय को अपने देश से वापस लिए गए कनाडा ने भारत वापसी का आक्षेप लगाया है। भारत ने भी दिया करारा जवाबकनाडा की इस ओछी हरकत का भारत सरकार की तरफ से भी जवाब दिया गया. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के खुफिया अधिकारी ओलिवियर सिल्वे स्टार्स को निर्दोष करार दिया है। शेष पांच दिनों के अंदर भारत आउटलुक का ऑर्डर जारी हो गया है। भारत सरकार ने कनाडा के सभी सहयोगियों को ब्लॉग और बेबुनियाद पर अधिकार दिया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कनाडा सरकार के अनुयायियों को वोट दिया गया और बेबुनियाद पर अधिकार दिया गया। साथ ही एकलव्य भारत विरोधी कम्युनिस्ट पार्टी में लिगुप्त खालिस्तानी इंस्टीट्यूट पर एक्शन लेने की सलाह दी गई।

Viral Pigeon:एक कबूतर जेल में तस्करी करते पकड़ा गया और उसका राज उसकी पीठ के पीछे छिपा था।

Pigeon Viral Video

Pigeon Viral Video कनाडा में एक कबूतर क्रिस्टल मेथ के एक छोटे थैले के साथ पकड़ा गया। यह चौंकाने वाला है क्योंकि इससे पता चलता है कि इस रास्ते से कनाडा में ड्रग्स की तस्करी की जा रही है। घटना पिछले महीने 29 दिसंबर की है। यह एक कबूतर के बारे में एक कहानी का वर्णन करता है जिसे कनाडा में क्रिस्टल मेथ के साथ पकड़ा गया था, चौंकाने वाला क्योंकि इससे पता चलता है कि कबूतरों को ड्रग्स देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कनाडा में हाल ही के एक मामले में, एक कबूतर को उसके अंदर ड्रग्स से भरी एक छोटी सी थैली के साथ पकड़ा गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि बैग को पक्षी की पीठ से बांधा गया था, जिससे वह ड्रग्स को एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता था। कनाडा के सुधार संघ के जॉन रैंडल ने कहा कि पैसिफिक इंस्टीट्यूशन में दीवारों के अंदर एक कबूतर पाया गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि कबूतर एक छोटा पैकेज ले जा रहा है, जो एक बैग हो सकता है। एक कबूतर पर एक संदिग्ध क्रिस्टल मेथ पैकेज मिला जो एक यार्ड के पास बैठा था जहां अधिकारी खड़े थे। जेल के कैदी नियमित रूप से इस यार्ड का उपयोग टहलने के लिए करते हैं, इसलिए पक्षी को देखकर अधिकारी हैरान रह गए। अधिकारियों ने नोट किया कि पैकेज को एक छोटे बैग की तरह ही पक्षी से बांधा गया था, जिससे इसे पकड़ना आसान हो गया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार अधिकारियों ने कबूतर को पकड़ लिया और उसका बैग बाहर निकाल लिया गया। जॉन रैंडल को एक कबूतर की पीठ पर क्रिस्टल मेथ से भरा एक छोटा सा बैग मिला, और अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार है कि कबूतर को ड्रग्स की तस्करी करते हुए पकड़ा गया है। मेथेम्फेटामाइन एक उत्तेजक है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। जब बड़ी मात्रा में लिया जाता है, तो यह मस्तिष्क और रीढ़ की गतिविधि को बढ़ा सकता है। पक्षी को प्रशिक्षित करने के लिए कौन जिम्मेदार था, यह निर्धारित करने के लिए अभी भी पर्याप्त जानकारी नहीं है, लेकिन अधिकारी सावधानी बरत रहे हैं कि यह जेल के भीतर कोई था। उन्होंने किसी भी संभावित मामलों का पता लगाने के लिए कर्मचारियों और गश्ती को बढ़ा दिया है। कनाडा की सुधार सेवा और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस भी जांच कर रही है कि क्या हुआ था।