‘अग्निपथ’ की ‘आंच’ कई राज्‍यों तक पहुंची: प्रदर्शनकारियों(Protests) ने 12 ट्रेनों में लगाई आग, तेलंगाना में युवक की मौत, 10 बातें

Agnipath Scheme Protests : यूपी-बिहार में सुबह से ही प्रदर्शन चालू हो गए थे. कई जगह प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी. रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ की. तेलंगाना, यूपी और बिहार के अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में भी प्रदर्शन की आंच पहुंची है. Agnipath Scheme Protests : केंद्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन भीषण होता जा रहा है. देश के कम से कम सात राज्यों में शुक्रवार को प्रदर्शन देखे जा रहे हैं. बिहार और फिर उत्तर प्रदेश से फैली आग देश के कई और राज्यों तक पहुंच गई है. शुक्रवार को तेलंगाना में हिंसक हो गए एक प्रदर्शन में एक मौत हो गई. खबर है कि तेलंगाना के सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन हिंसक हो गया था और वहां आगजनी की गई, जिसके बाद पुलिस को भीड़ हटाने के लिए हवाई फायरिंग करनी पड़ी. इसी दौरान एक जान चली गई और 15 से ज्यादा घायल हो गए. मामले से जुड़ी अहम जानकारियां : तेलंगाना के सिकंदराबाद में अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसक Protests के दौरान एक 19 वर्षीय युवा की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हो गए. बिहार और यूपी के अलावा हरियाणा, मध्‍य प्रदेश, दिल्‍ली और पश्चिम बंगाल जैसे राज्‍यों में भी प्रदर्शन की ‘आंच’ पहुंच गई है. सिकंदराबाद में कम से कम 5,000 आंदोलनकारियों ने रेलवे स्टेशन में हमला बोल दिया और तोड़फोड़ की. एक यात्री ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगाने की कोशिश की, जिसमें लगभग 40 लोग सवार थे. उन कर्मचारियों ने सूझबूझ से समय पर कार्रवाई कर लोगों को बचा लिया. अग्निपथ योजना के खिलाफ Protests के चलते 316 ट्रेनों पर असर पड़ा है. रेल मंत्रालय के शीर्ष आधिकारिक सूत्र के अनुसार, आंदोलन के कारण अब तक 214 ट्रेनें ( मेल-एक्‍सप्रेस 80 और पैसेंजर 134) रद्द हुई हैं आंशिक तौर पर 61 मेल एक्‍सप्रेस और 30 पैसेंजर ट्रेन कैंसल की गईं. 11 मेल एक्‍सप्रेस को डायवर्ट करके चलाया गया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे उग्र विरोध को लेकर लालू यादव की पार्टी आरजेडी पर निशाना साधा है. उन्‍होंने कहा कि विपक्षी पार्टी को इसका जवाब देना होगा. बेगूसराय से बीजेपी सांसद ने कहा कि कुछ सियासी पार्टियों सार्वजनिक संपत्ति नष्‍ट करने के लिए स्‍टूडेंट्स को “ढाल” की तरह इस्‍तेमाल कर रही हैं. बिहार में नेताओं को भी निशाना बनाया गया. उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के बेतिया के आवास पर हमला किया गया था. इसके बाद बीजेपी के बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल के आवास पर भी भीड़ ने हमला किया. वो उस दौरान घर में ही थे. हमले में घर मे लगे गेट को तोड़ने का प्रयास किया गया. घर का शीशा चकनाचूर हो गया. शहर के अस्पताल रोड स्थित प्रदेश अध्यक्ष के आवास को निशाना बनाया गया जिसमें एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गया है. यूपी के बलिया में सुबह रेलवे स्टेशन पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी. वहां की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने बताया कि अब तक 100 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है और कार्रवाई की जा रही है. बलिया के बाद यूपी के मथुरा और आगरा में भी हंगामा देखा गया. बनारस में भी इसकी आंच पहुंची. सरकारी बस स्टेशन पर भीड़ अचानक घुसी और बसों पर हमला बोल दिया. कई बसों में तोड़फोड़ की गई. स्टाफ ने बताया कि सुबह में कम से 200-300 लोगों की भीड़ ने वहां हंगामा किया. अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे उग्र Protests के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने युवाओं से हिंसक प्रदर्शन में शामिल नहीं होने और रेलवे की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है. उन्‍होंने कहा, “रेलवे देश की संपत्ति है.” देशभर में चल रहे प्रदर्शनों के बीच, बीजेपी सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi)केंद्र सरकार की योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सैन्‍य अभ्‍यर्थियों के पक्ष में खुलकर सामने आए हैं. वरुण ने ट्वीट में लिखा, “सैन्य अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूं. आप सभी से निवेदन है कि धैर्य से काम लें और ‘लोकतांत्रिक मर्यादा’ बनाए रखते हुए अपने ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुंचाएं. ‘सुरक्षित भविष्य’ हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा.” हरियाणा में गुरुग्राम जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर धारा 144 लागू कर दी है, हालांकि यहां शुक्रवार को दोपहर तक कोई ताजा विरोध नहीं हुआ था. उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि यह आदेश इसलिए जारी किया गया, क्योंकि दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है और प्रशासन ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजारों, राष्ट्रीय राजमार्गों और बिजली ग्रिड सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर गुस्साई भीड़ के जुटने की आशंका जताई है. नोएडा में भी पुलिस अलर्ट पर है. नालंदा के इस्लामपुर स्टेशन पर खड़ी इस्लामपुर हटिया एक्सप्रेस ट्रेन में भीड़ ने आग लगा दी, जहां 3 एसी बोगी जलकर राख हो गईं. इस दौरान कई बोगियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. बता दें कि इसके पहले सुबह में ही बिहार में समस्तीपुर, सुपौल और लखीसराय में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन में आग लगा दी थी.

Explainer: सिर्फ चार साल की नौकरी, NO पेंशन… जानिए Agnipath Scheme से क्यों भड़के हुए हैं देश भर के युवा

जानिए Agnipath Scheme से क्यों भड़के हुए हैं देश भर के युवा Agnipath Scheme : अग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. सेना में भर्ती के इस नये नियम की कई बातों पर आपत्ति जताई जा रही है. अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें बिहार के युवा सबसे ज्यादा उग्र और गुस्से में नजर आ रहे हैं. सेना में भर्ती की नई स्कीम को लेकर बिहार में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी छात्रों की कई चिंताएं हैं. इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि वे सेना में भर्ती के लिए – जान से मेहनत करते हैं. फिर इतनी मेहनत जी-ज करके अगर सिर्फ चार साल की नौकरी मिलेगी तो क्या फायदा? केंद्र सरकार, राज्य सरकार भले कह रही है कि विभिन्न मंत्रालयों, अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी लेकिन युवा इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनकी बड़ी चिंता यही है कि चार साल बाद आखिर वे लोग क्या करेंगे. ये छात्र इन बातों से भी नाराज हैं कि सेना की अबतक जो भर्ती प्रक्रिया चली आ रही थी, उसका फिजिकल होने के बावजूद इनको अबतक सेना की नौकरी नहीं मिली है. Agnipath Scheme का विरोध क्यों कर रहे युवा ? बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं. उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा. फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है. गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले (Muzaffarpur) में भी भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. यह उन इलाकों में शामिल हैं जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होने जाते हैं. मुजफ्फरपुर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि पिछले दो सालों से सेना की भर्ती रुकी हुई है. उन्होंने भर्ती के लिए जरूरी फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया है, बावजूद इसके उनको नौकरी नहीं मिल रही है. इस बीच सेना में नौकरी के नए नियम लाना हताश करने जैसा है. इसके अलावा कई ऐसे युवा भी हैं जो पिछले तीन सालों से सेना में भर्ती होने की राह तक रहे हैं. कोरोना की वजह से सेना भर्ती बंद रही, अब बड़ी संख्या में युवा ओवरएज हो चुके हैं. इस बीच अब अग्निपथ स्कीम में भी सिर्फ 21 साल की उम्र तक ही अप्लाई किया जा सकता है. ऐसे में युवाओं का कहना है कि अग्निपथ पॉलिसी लागू होने के बाद सेना भर्ती की आस लगाकर बैठे ओवरएज युवाओं और सेना भर्ती के लिये लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट दे चुके नौजवानों की भी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. ‘चार साल बाद हम लोग कहां जाएंगे?’प्रदर्शन कर रहे छात्र बेहद गुस्से में नजर आए. एक छात्र ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए. जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है. क्या है Agnipath Scheme ? भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल 21से साल की उम्र के बीच के होंगे. ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी. -इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी. -30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे. -पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा. -चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियांकी जाएंगी. -सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा. ऐसे में युवा सवाल कर रहे हैं कि 25 फीसदी अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा. उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी?