Shinde को ढाल के साथ दो तलवारों का निशान मिला: आदित्य ठाकरे बोले- 40 देशद्रोही हमारी पहचान छीनने की कोशिश कर रहे हैं
Shinde को ढाल के साथ दो तलवारों का निशान मिला शिवसेना में चल रहे विवाद के बीच अब चुनाव आयोग की ओर से एकनाथ shinde को नया चुनाव चिह्न भी मिल गया है. आयोग ने नए चुनाव चिन्ह के रूप में shinde गुट को दो तलवारें प्रदान की हैं। इस चुनाव चिह्न के साथ शिंदे धड़ा आगामी अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में मैदान में उतरेगा। शिंदे गुट को सोमवार को ही शिवसेना (बालासाहेबंची) नाम मिला। आदित्य बोले- बालासाहेब कई, ठाकरे सिर्फ एकचुनाव आयोग से shinde गुट को शिवसेना (बालासाहेबंची) नाम मिलने के बाद आदित्य ठाकरे ने हमला बोला है. एक इंटरव्यू में आदित्य ने कहा- बालासाहेब देश में बहुत हैं लेकिन देश में उद्धव बालासाहेब ठाकरे ही हैं, जो सबको जोड़ते हैं। आदित्य ने आगे कहा- शिवसेना के 40 गद्दार हमसे हमारा नाम और हिंदुत्व की पहचान छीनने की कोशिश कर रहे हैं. उद्धव का प्रतीक मशाल, बाण-बाण जम गएचुनाव आयोग ने सोमवार को उद्धव धड़े को ‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम और मशाल का चुनाव चिन्ह दिया। 8 अक्टूबर को आयोग ने दोनों गुटों के बीच लड़ाई को देखते हुए तीर-कमांड चिन्ह को सील कर दिया। आयोग ने फैसले में कहा- शिवसेना के असली नाम पर फैसला होने तक कोई भी गुट पार्टी के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता. उद्धव ने आयोग को दिए ये तीन नाम और निशानउद्धव ठाकरे ने बताया था कि उपचुनाव के लिए उन्होंने चुनाव आयोग को तीन नाम और तीन चुनाव चिन्ह का विकल्प दिया था। निशान में एक त्रिशूल, उगता सूरज और एक मशाल शामिल था। वहीं, पार्टी के नाम शिवसेना बालासाहेब ठाकरे, शिवसेना बालासाहेब प्रबोधनकर ठाकरे, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे दिए गए। shinde ने चुनाव चिन्ह के रूप में त्रिशूल, उगते सूरज और गदा की भी मांग की थी। आयोग द्वारा उन्हें इन तीनों में से कोई भी चिन्ह नहीं दिया गया था। इसका कारण यह है कि उगता हुआ सूरज द्रमुक का चुनाव चिन्ह है, जबकि त्रिशूल और गदा को धार्मिक प्रतीक बताते हुए आयोग ने इसे देने से इनकार कर दिया।
“aarey की सुरक्षा केवल…” मेट्रो कारशेड परियोजना को लेकर आदित्य ठाकरे की CM एकनाथ शिंदे से अपील
“aarey की सुरक्षा केवल…” शिवसेना आरे में शेड बनाने की योजना का विरोध तब भी करती रही है, जब वे बीजेपी की सहयोगी थी. लेकिन अब सत्ता पलट के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने इस फैसले को पलटने का ऐलान कर दिया है. मुंबई: पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने रविवार को aarey मेट्रो कारशेड परियोजना को हरी झंदी नहीं देने की राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, “मैं नम्रतापूर्वक नई सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करता हूं. हमारे प्रति अपने नफरत को हमारे प्रिय मुंबई पर मत निकालो.” ये ट्वीट उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर के चुनाव के लिए आयोजित दो दिवसीय विशेष सत्र में शामिल होने से पहले किया. बता दें कि आदित्य ठाकरे का ये बयान तब सामने आया जब कल ही पूर्व मुख्यमंत्री और आदित्य ठाकरे के पिता उद्धव ठाकरे द्वारा कहा गया था कि वह “बहुत परेशान” हैं. उन्होंने भी सरकार से मेट्रो कारशेड योजना को हरी झंडी नहीं देने का आग्रह किया था. आदित्य ठाकरे ने कहा कि आरे जंगल की सुरक्षा, जिसे कई लोग मुंबई का ‘ग्रिन लंग्स’ कहते हैं, 2,700 पेड़ों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मुंबई की बायोडायवर्सिटी की रक्षा के बारे में है. उन्होंने कहा, “कारशेड की जगह और उसके आसपास तेंदुओं और अन्य छोटी प्रजातियों को रोजाना देखा जाता है. हमें इसके आसपास के 800 एकड़ से अधिक जमीन को अपने कार्यकाल में जंगल घोषित करने पर गर्व है.” उन्होंने कहा कि यह परियोजना “हमारे मुंबई के आरे वन को नष्ट कर देगी” और शहर के लिए सतत विकास और बेहतर योजना के खिलाफ होगी. बता दें कि ये मुद्दा जिस पर पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था, 2019 का है जब मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से aarey कॉलोनी में पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी. जैसे ही कार्यकर्ताओं ने अपना आंदोलन तेज किया, तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेट्रो कारशेड के लिए पहचाने गए क्षेत्र को जैव विविधता या वन भूमि के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मेट्रो कार्बन की मात्रा को भी कम करेगी. हालांकि, कार्यकर्ता नहीं मानें जिसके बाद नई सरकार ने कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए मेट्रो कारशेड को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने का फैसला किया. शिवसेना आरे में शेड बनाने की योजना का विरोध तब भी करती रही है, जब वे बीजेपी की सहयोगी थी. लेकिन अब सत्ता पलट के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने इस फैसले को पलटने का ऐलान कर दिया है.
महाराष्ट्र की लड़ाई LIVE:Aditya Thackeray बोले- हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो जवाब देते
Aditya Thackeray:महाराष्ट्र का सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। 16 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच सोमवार को इस पर सुनवाई करेगी । शनिवार को डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने 16 विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा था। इस बीच, शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी से सीधे 40 विधायकों के शव मुंबई आएंगे, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए विधानसभा भेजेंगे। वहीं Aditya Thackeray ने बताया कि एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव जी की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की। बोले-हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो जवाब देते। सियासी संकट के 3 बड़े अपडेट्स… शिवसेना के मंत्री उदय सावंत गुवाहाटी पहुंच गए। सुबह से उनका मोबाइल फोन बंद था। सावंत उद्धव के करीबी हैं। शिवसेना में उठे विद्रोह को रोकने के लिए उद्धव की पत्नी रश्मि Thackeray ने भी मोर्चा थाम लिया है। सूत्रों के मुताबिक रश्मि ने बागी विधायकों की पत्नियों को मैसेज भेजा है और कहा है कि अपने पति को मनाएं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के डीजीपी,मुंबई पुलिस कमिश्नर और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को को चिट्ठी लिखकर बागी शिवसेना विधायकों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने की मांगी की है। केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को Y प्लस सुरक्षा दी है। विधायकों के घरों और दफ्तरों पर शिव सैनिकों के हमलों के बाद यह फैसला लिया गया है। ठाणे में एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने रविवार को शिवसेना नेता संजय राउत का पुतला जलाया। शिंदे के पोस्टर से 10 दिन में बाल Thackeray गायब एकनाथ शिंदे के पोस्टर से 10 दिन के भीतर बाल ठाकरे गायब हो गए हैं। 16 जून को सोशल मीडिया पर शिंदे ने एक पोस्टर शेयर किया था, जिसमें बाल ठाकरे, उद्धव और आदित्य नजर आ रहे हैं। वहीं रविवार को शिंदे ने जो पोस्टर शेयर किया है, उसमें उद्धव और आदित्य के साथ बाल ठाकरे भी गायब हैं। बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें बागी विधायक भरतशेट गोगावले कह रहे हैं कि सीएम उद्धव ठाकरे ने 2.5 साल में शिवसेना के उन विधायकों के साथ कोई बैठक नहीं की जो 2019 का चुनाव हार गए थे। इसके उलट उप मुख्यमंत्री ने उन एनसीपी उम्मीदवारों को फंड दिया जो 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। शिंदे गुट फ्लोर टेस्ट का सामना करने को तैयारएकनाथ शिंदे खेमे के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि किसी भी समय महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एकनाथ शिंदे समूह को मान्यता दी जानी चाहिए। हम महा विकास अघाड़ी सरकार के साथ नहीं जाएंगे। एक से दो विधायक और आएंगे और हमारे साथ जुड़ेंगे। उनके समर्थन और अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ हमारी संख्या 51 हो जाएगी। हम 3-4 दिनों में किसी निर्णय पर पहुंचेंगे जिसके बाद हम सीधे महाराष्ट्र वापस जाएंगे पवार के घर भी कानूनी मसलों पर राय मशविरा इधर, शरद पवार के घर पर भी कानूनी मसलों को लेकर राय-मशविरा जारी है। सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में इस बात पर डिस्कस किया जा रहा है कि डिप्टी स्पीकर के पास क्या विकल्प है? सियासी संकट के बीच 3 बड़े बयान… राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी-मुझे आज अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। मैं बिल्कुल ठीक हूं। हालांकि, मुझे कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी गई है। NCP चीफ शरद पवार – मुझे उद्धव Thackeray पर भरोसा है। विधायक गुवाहाटी से आए तो गठबंधन को सपोर्ट करेंगे। संजय राउत का शव वाला बयान सही नहीं है। शिवसेना सांसद संजय राउत-महाराष्ट्र को तीन टुकड़े करने की साजिश रची जा रही है। शिवसेना को भी तोड़ने की कोशिश है, मगर कामयाबी नहीं मिलेगी। अब 5 प्वॉइंट में जानिए 5 दिन का घटनाक्रम पहले दिन करीब 30 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ सूरत के होटल में पहुंचे। इन विधायकों को ली मेरेडियन होटल में रखा गया। कांग्रेस ने कमलनाथ को मुंबई भेजा। दूसरे दिन सूरत से करीब 40 विधायकों को गुवाहाटी ले जाया गया। मुख्यमंत्री उद्धव ने बागी एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की। बागियों को समझौते का प्रस्ताव दिया गया तीसरे दिन एकनाथ शिंदे ने 34 विधायकों की सूची जारी की। शिवसेना ने 12 विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए डिप्टी स्पीकर से शिकायत की। शरद पवार संजय राउत से मिले। चौथे दिन शिवसेना हिंसा पर उतर आई। शिवसैनिकों ने कुर्ला में बागी विधायक के घर पर तोड़फोड़ की। हिंसा को देखते हुए महाराष्ट्र में हाईअलर्ट जारी किया गया। पांचवे दिन शिवसैनिकों ने शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत के दफ्तर पर तोड़फोड़ की। वहीं शिवसे