Srilanka Crisis: जान की दुश्मन बनी जनता; देश छोड़ने की फिराक में इस जगह पहुंचा राजपक्षे का परिवार

Srilanka Crisis:

देश में भारी विरोध-हिंसा और प्रदर्शन के बाद Srilanka के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने परिवार सहित नौसैनिक अड्डे में शरण ली है, वह किसी वक्त देश छोड़ सकते हैं, वहीं विपक्ष उनकी गिरफ्तार की मांग कर रहा है.

कोलंबोः आर्थिक संकट से जूझ रहे Srilanka में सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद देशभर में भड़की हिंसा के बाद लोग महिंदा राजपक्षे की जान के दुश्मन बन गए हैं. इस हिंसा में अब तक कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 225 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं. सरकार और उसके समर्थकों को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. देश में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग तेज होती जा रही है.

इसी बीच खबर है कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार ने मंगलवार को भारी सुरक्षा के बीच कोलंबो से निकलने के बाद त्रिंकोमाली में एक नौसैनिक अड्डे में शरण ली. वह वहां से किसी दूसरे देश में शरण मिलने की अनुमति मिलने पर देश छोड़ सकते हैं.

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देश छोड़ने की फिराक में राजपक्षे का परिवार
सैन्य सूत्रों ने बताया कि राजपक्षे, उनकी पत्नी शिरंथी और उनके सबसे छोटे बेटे रोहिता सहित पूरे परिवार ने मंगलवार की सुबह प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज से वायु सेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर प्रस्थान किया और अब भारी सुरक्षा वाले नौसैनिक अड्डे में शरण ली है. राजपक्षे के दूसरे बेटे, योसिता, जो पूर्व प्रधानमंत्री के सचिव भी थे, उनका परिवार भी सोमवार को देश छोड़ चुका है.

इस बीच, Srilanka में लागू कर्फ्यू को बुधवार तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. आपातकाल की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर सैनिकों को लोगों को गिरफ्तार करने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं.

सभी विपक्षी दलों ने राजपक्षे की गिरफ्तार की मांग की
विपक्ष ने महिंदा राजपक्षे पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हमला करने के लिए अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को उकसाने का इल्जाम लगाया है. प्रमुख तमिल सांसद एमए सुमनथिरन ने एक संदेश जारी कर कहा, “महिंदा राजपक्षे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उनके खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और मुख्य विपक्षी दल समागी जना बालवेग्या पार्टी के नेता रंजीत मद्दुमा बंडारा ने भी महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की. सिरिसेना ने कहा कि महिंदा राजपक्षे को हिंसा को बढ़ावा देने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

विरोध- प्रदर्शन में आठ की मौत सैकड़ों घायल
सोमवार को राजपक्षे के इस्तीफे और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा शुरू की गई हिंसा के बाद, सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने टेंपल ट्रीज को घेर लिया था और जबरन परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की. इससे पहले विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे भाईयों के पैतृक आवास को आग के हवाले कर दिया था. हिंसा के दौरान कई राजनेताओं के घरों पर हमले की खबरें भी सामने आ रही हैं. सेना ने हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं. हिंसा में एक सांसद समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 225 से ज्यादा लोग घायल हो गए.

तत्काल संसद की बैठक बुलाने की मांग
महिंदा राजपक्षे ने अपने इस्तीफ में कहा कि वह सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का रास्ता साफ करने के लिए प्रधानमंत्री पद छोड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री के इस्तीफे के साथ ही कैबिनेट भी भंग कर दी गई. देश वर्तमान में उनके छोटे भाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे द्वारा चलाया जा रहा है. वहीं, विपक्षी दलों ने 17 मई की निर्धारित तिथि से पहले संसद की बैठक को दोबारा बुलाने का आग्रह किया है. संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने भी राष्ट्रपति से तत्काल संसद की बैठक बुलाने का अनुरोध किया है.

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