Sri Lanka में आर्थिक संकट को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्जा कर लिया। राजपक्षे प्रेसिडेंट हाउस छोड़कर भाग गए हैं। राजपक्षे कहां हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं हैं। वह Sri Lanka में ही हैं या देश छोड़कर चले गए हैं, यह अभी साफ नहीं हुआ हैं।
इस बीच प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया में इसकी जानकारी दी। इससे पहले PM ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी, जिसमें असेंबली स्पीकर महिंदा यप्पा अभयवर्धने को अंतरिम राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा। श्रीलंकाई संविधान के अनुसार-राष्ट्रपति इस्तीफा दे, तो स्पीकर एक महीने के लिए अंतरिम राष्ट्रपति बन सकते हैं।
Sri Lanka में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से ‘Gota Go Gama’ और ‘Gota Go Home’ आंदोलन जारी है। सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता है। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाड़ियों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं।
Sri Lanka संकट से जुड़े बड़े अपडेट्स…
- श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट के 16 सांसदों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से तुरंत इस्तीफा देने की अपील की।
- श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद बुलाने का अनुरोध।
- श्रीलंका पुलिस ने देश में बिगड़ते हालात के बीच कई प्रांतों में कर्फ्यू लगाया।
- प्रदर्शनकारियों ने समागी जाना बालवेगया (SJB) के सांसद रजिता सेनारत्ने पर हमला किया।
राष्ट्रपति से मिला श्रीलंका का बार काउंसिल
देश में बढ़ते अराजक माहौल के बीच बार काउंसिल ऑफ श्रीलंका ने राष्ट्रपति गोटबाया से मुलाकात की है। काउंसिल ने राष्ट्रपति से पूछा है कि अब जब उनके सचिवालय और घर पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया है तो क्या ऐसे में वो अपनी ड्यूटी निभा पाएंगे?
गॉल के बाहर पहुंच प्रदर्शनकारी
प्रर्दशनकारियों का जत्था गॉल में चल रहे ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका मैच के स्टेडियम के बाहर तक पहुंच गया है। पूर्व लंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हैं। वहीं, राजधानी कोलंबो में आंदोलन उग्र हो गया है। पुलिस के साथ झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बिगड़ते हालात को लेकर प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है।
आर्मी कर रही पेट्रोल पंप की निगरानी
श्रीलंका में आम लोगों की रोज पुलिस, आर्मी और एयरफोर्स के साथ झड़पें हो रही हैं, क्योंकि यहीं पेट्रोल पंप की निगरानी कर रहे हैं। समाज में उग्रता अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी है, जो दंगों के रूप में उभर जाती है। स्कूल-कॉलेज, अस्पताल बंद पड़े हैं। लिहाजा युवक घर पर अपने परिवार को बेबस जूझते हुए देखने पर मजबूर हैं।
गैस की कमी से लोग घरों में लकड़ी का चूल्हा जलाने को मजबूर
केमिकल फर्टिलाइजर पर बैन के चलते देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जला रहे हैं। श्रीलंका के मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी अपने भोजन की खपत को कम कर दिया है, क्योंकि वे इतनी महंगी खाद्य सामग्री लेने से कतरा रहे हैं।
मई में जो महंगाई 39.1% थी, वो जून में बढ़कर 54.6% हो गई है। अगर सिर्फ खाद्य महंगाई को देखें तो मई में जो 57.4% थी, वो जून में बढ़कर 80.1% हो गई है।