Gurugram Namaz Controversy: गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर काफी दिनों से बवाल जारी है. इस बीच आज शहर के उद्योग विहार इलाके में हिन्दू संगठन के लोग और नमाजी आमने-सामने आ गए. इस दौरान काफी देर तक हंगामा होता रहा. वहीं, हिन्दू संगठन के लोगों ने नमाजियों द्वारा भारत माता की जय के नारे लगाने के बाद भी इबादत करने दी. बता दें कि हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों गुरुग्राम के सभी 37 चिन्हित जगहों पर खुले में नमाज की परमिशन को रद्द कर है.
गुरुग्राम. हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram) में खुले में नमाज (Namaz) पढ़ने को लेकर काफी दिनों से बवाल जारी है. इस बीच आज भी खुले में नमाज को लेकर फिर हंगामा हुआ. इस दौरान गुरुग्राम के उद्योग विहार इलाके में हिन्दू संगठन के लोग और नमाजी आमने-सामने आ गए. इस दौरान काफी देर तक हंगामा होता रहा. इस दौरान हिन्दू संगठन के लोगों ने नमाजियों के सामने भारत माता की जय के नारे लगाने की शर्त रखी. आखिरकार नमाज अदा करने वाले लोगों ने भारत माता की जय बोली और फिर इबादत की.
बता दें कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बीते शुक्रवार को गुरुग्राम के सभी 37 चिन्हित जगहों की नमाज की परमिशन को रद्द कर दिया था. वहीं, जानकारी न होने के चलते उद्योग विहार के पार्क में कुछ लोग नमाज के लिए पहुंच गए थे. इस दौरान नमाजियों को हिन्दू संगठन के लोग के विरोध को सामना करना पड़ा. इस दौरान दोनों पक्ष के लोगों के बीच कई बार तनातनी भी हुई, लेकिन आखिरी में भारत माता की जय के नारे लगाने के बाद नमाज अदा की गई. जबकि हिन्दू संगठन के लोग के साथ नमाजियों के जयकारे लगाने के वीडियो भी सामने आए हैं.
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नमाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने को लेकर पिछले कई महीनों से चल रहा विवाद अब सुप्नीम कोर्ट पहुंच गया है. राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा के डीजीपी और मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि पुलिस और प्रशासन अभद्र भाषा और सांप्रदायिक उकसावे के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे, जहां ‘गुंडे’ लोगों को नमाज पढ़ने से रोकते हैं. इसके साथ पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब की याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार के अफसर सांप्रदायिक और हिंसक प्रवृत्तियों को रोकने के लिए उपाय करने में असफल रहे हैं, जिस कारण हेट क्राइम होता है. इसमें हरियाणा राज्य के मुख्य सचिव आईएस संजीव कौशल और पुलिस महानिदेशक आईपीएस पीके अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तहसीन पूनावाला के केस में भीड़ द्वारा हिंसा और लिंचिंग सहित हेट क्राइम को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन हाल के कुछ महीनों में, कुछ तत्वों के इशारे पर मुसलमानों द्वारा जुमे की नमाज के दौरान लोगों के इकट्ठा होने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है. ये लोग मुस्लिमों को धर्म के नाम पर गलत तरीके से पेश करते हैं और शहर भर में एक समुदाय के खिलाफ नफरत और पूर्वाग्रह का माहौल बनाना चाहते हैं.