मनी लॉन्ड्रिंग केस: 14 दिन की न्यायिक हिरासत में Nawab Malik, 23 फरवरी को ईडी ने किया था गिरफ्तार 

एनसीपी नेता Nawab Malik को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता Nawab Malik को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मनी लॉन्ड्रिंग और अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन मामले में मुंबई की विशेष अदालत ने उन पर यह कार्रवाई की है। इससे पहले नवाब मलिक को सात मार्च तक ईडी की हिरासत में रखा गया था, उन्हें ईडी ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया था। पहले कोर्ट ने नवाब मलिक को तीन मार्च तक हिरासत में भेजा था, इसके बाद हिरासत अवधि बढ़ाकर सात मार्च कर दी थी।

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Nawab ने हसीना को 55 नहीं सिर्फ 5 लाख दिए

इससे पहले Nawab Malik के वकील अमित देसाई ने कोर्ट में कहा था, ईडी ने रिमांड आवेदन में आरोप लगाया था कि मलिक ने भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर को कुर्ला की जमीन के लिए 55 लाख रुपये दिए थे। लेकिन आज इसे प्रिंटिंग मिस्टेक बताते हुए सिर्फ 5 लाख दिए जाने की बात कही जा रही है। जबकि इसी आवेदन के आधार पर मलिक को ईडी की हिरासत में भेजा गया। इसी के आधार पर मलिक पर टेरर फंडिंग का भी आरोप लगाया गया।

क्या है पूरा मामला
ईडी ने कोर्ट में बताया था कि, मंत्री नवाब मलिक ने कथित रूप से मुनिरा प्लंबर से 300 करोड़ रुपये का प्लाट कुछ लाख रुपये में एक कंपनी के जरिये हड़पा था। इस कंपनी का नाम सॉलिड्स इन्वेस्टमेंट प्रा.लि. है और कंपनी का मालिक मलिक परिवार है।

ईडी ने आरोप लगाया कि मलिक यह कंपनी भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और डी गैंग के अन्य सदस्यों के सहयोग से चलाते रहे हैं। इस संबंध में मुनिरा प्लंबर ने ईडी को दिए बयान में बताया कि कुर्ला में गोवाला कंपाउंड में उनका 3 एकड़ का प्लॉट था। इस जमीन पर अवैध कब्जे को खाली कराने और विवादों को निपटाने के लिए सलीम पटेल ने उससे पांच लाख रुपये लिए थे,

लेकिन उसने यह जमीन थर्ड पार्टी को बेच दी जबकि सलीम को कभी प्रापर्टी को बेचने के लिए नहीं कहा था। यही नहीं, 18 जुलाई 2003 को जमीन के मालिकाना हक ट्रांसफर करने से संबंधित कागज पर ही हस्ताक्षर नहीं किया था। उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि सलीम पटेल ने यह जमीन किसी दूसरे को बेच दी है।

वहीं, इस जमीन से जुड़े कागजातों को खंगालने के बाद ईडी को पता चला कि इसके पीछे सरदार शाहवली खान है जो 1993 के मुंबई बम धमाके का आरोपी है। वह डाटा और मकोका के तहत औरंगाबाद की जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। शाहवली खान ने ईडी को बताया था कि सलीम पटेल भगोड़े डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का करीबी था। हसीना के निर्देश पर ही सलीम ने मुनिरा की जमीन के बारे में सभी फैसले लिए थे।

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