Indore : नकली टीटीआई एक ऐसा कार्यक्रम है जो पुलिस को रेलवे टिकट पर धोखाधड़ी करने वाले लोगों को पकड़ने में मदद करता है। इस प्रोग्राम का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने के आरोप में प्रशांत नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। वह अपने पीड़ितों को रेलवे स्टेशन के आसपास ढूंढता, उनके एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन लेता और फिर उनके खातों से पैसे निकाल लेता। बाद में वह ओएलएक्स या अन्य प्लेटफॉर्म पर मोबाइल फोन बेचता था। पुलिस ने जब प्रशांत से पूछताछ की तो उसने कई राज्यों में सौ से ज्यादा लोगों से ठगी करने की बात कबूल की।
ट्रेन ड्राइवर बनकर लोगों से ठगी करने वाले एक आरोपी को इंदौर रेलवे पुलिस ने पकड़ा है। ऐसा करते हुए वह सौ बार पकड़ा जा चुका है और उसके पास से पुलिस पहले ही काफी पैसा बरामद कर चुकी है।
Indore की जीआरपी पुलिस ने ठगी के आरोप में प्रशांत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। वह रेलवे में खुद को टीटी कहता था और रेलवे स्टेशन के आसपास अपने शिकार ढूंढता था। टिकट और रिजर्वेशन कराने के नाम पर वह लोगों के एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन ले लेता था और फिर एटीएम, पेटीएम, गूगल पे और अन्य एप्लिकेशन के जरिए पैसे निकाल कर फरार हो जाता था. बाद में वह लोगों से लिए गए मोबाइल फोन को ओएलएक्स आदि प्लेटफॉर्म पर बेचता था। ठगी का शिकार हुई महिला की शिकायत पर पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने अब तक कई राज्यों में 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम देना कबूल किया है।
कई अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यक्ति पुणे का रहने वाला है और उस पर यात्रियों के पैसे चुराने का आरोप है. उसने पहले ऐसा करने की बात स्वीकार की, और कहा कि उसने यह करना उन अन्य लोगों से सीखा जो धोखा दे रहे थे। हालाँकि, वह अंत में पकड़ा गया और अब सजा भुगत रहा है।
प्रशांत को अपनी गर्लफ्रेंड से बहुत लगाव था इसलिए वह उसके साथ समय बिताने के लिए कुछ भी कर सकता था। वह और उसकी प्रेमिका पहले बैंगलोर के एक मॉल में एक साथ काम कर चुके थे, और वे बहुत करीब आ गए थे। जब प्रशांत मुंबई जाने की तैयारी कर रहे थे, तो उन्हें कुछ परेशानी हुई। किसी ने खुद को टीटी बताया और प्रशांत से कहा कि उसे रिजर्वेशन टिकट चाहिए। प्रशांत के पास एक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उस व्यक्ति ने उसका मोबाइल फोन और उसके एटीएम और ओटीपी कार्ड ले लिए। प्रशांत को तब एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है, और वह भाग गया। जब प्रशांत को पता चला कि क्या हुआ है, तो उसे बहुत बुरा लगा।
अगर कोई धोखा देता है और पकड़ा जाता है, तो वह अपराधी बन जाता है। प्रशांत टिकट मशीनों से लोगों के टिकट और पैसे लेकर ऑनलाइन पासवर्ड हासिल करने के लिए फोन का इस्तेमाल कर उनसे ठगी करता था। उसने उन्हें इंटरनेट पर बेचने के लिए फोन भी चुराए। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो पता चला कि उसने 79 फोन चुराए हैं।
रेलवे ने कहा कि अगर आप किसी को खुद को रेलवे अधिकारी कहते हुए देखें तो बेहद सावधान हो जाएं क्योंकि हो सकता है कि वह आपको ठगने की कोशिश कर रहा हो। प्रशांत एक बहुत ही दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हुआ करता था, लेकिन हाल ही में उसने कई अलग-अलग जगहों पर धोखा दिया। एक मामले में उसने किसी से दस लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसका चोरी हुआ फोन बरामद कर लिया है। उसकी प्रेमिका को भी गिरफ्तार किया जा रहा है। रेलवे अधीक्षक ने इस घोटाले को लेकर यात्रियों को आगाह किया है और कहा है कि अगर आप किसी को रेलवे अधिकारी होने का दावा करते देखें तो बहुत शक करें.