पोलैंड से ऑपरेशन गंगा के तहत यह आखिरी विमान है. इस विमान में जंग के दौरान गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र Harjot भी शामिल है.
यूक्रेन से निकलने के दौरान गोलियां लगने से घायल भारतीय Harjot singh सहित 210 भारतीय स्टूडेंट्स को लेकर C17 ग्लोब मास्टर विमान सोमवार शाम को पोलैंड से भारत पहुंचा. पोलैंड से ऑपरेशन गंगा के तहत यह आखिरी विमान है. इस विमान में जंग के दौरान गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र हरजोत भी शामिल है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, ‘हरजोत की स्थिति स्थिर है (हालचाल ठीक है).

उसे रिसर्च एंड रेफेरल हॉस्पिटल ले जाया गया है. गोलियों का इलाज कैसे किया जाता है इसके बार में सैन्य बलों से बेहतर कोई नहीं जानता. उसे वापस लाने में देर हुई क्योंकि Vinytsia के एयरपोर्ट पर हमला हुआ था लेकिन यू्क्रेन स्थित भारतीय दूतावास अंतत: व्यवस्था करने में सफल हो गया. ‘
Hindan, Ghaziabad | Our Ukraine embassy evacuated him (Harjot Singh) and his condition is stable. He is referred to RR hospital for treatment. We've evacuated over 3,000 Indians from Poland: Union Minister Gen (Retd) VK Singh after returning from Poland#OperationGanga pic.twitter.com/BzwXVX04mr
— ANI (@ANI) March 7, 2022
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक 3 हजार से ज्यादा बच्चों को वहां से निकाल लिया गया. आज जितने बच्चे हम ला सकते थे, ले आए. आगे भी बच्चों को लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा की समाप्ति पोलैंड में हुई हो, ऐसी घोषणा Harjot को एम्बुलेंस के जरिये पोलैंड के रेजजोव हवाईअड्डे पर ले जाया गया और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने उनका हालचाल जाना. बता दें कि आज सात विशेष उड़ानों से 1,500 भारतीयों के वापस आने की उम्मीद है.
यूक्रेन की राजधानी कीव में एक कैब में सवार होते वक्त चार गोलियां लगी थीं और उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया था. वीके सिंह उन चार मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा गया है. वीके सिंह पोलैंड में इस मुहिम में जुटे हैं. हरजोत सिंह को जब गोली मारी गई थी तो उसी वक्त उसका पासपोर्ट भी गुम हो गया था. उम्मीद करता हूं कि घर के खाने और देखभाल के साथ वो जल्द ही स्वस्थ होगा.
Harjot singh
जब कीव में अस्पताल में भर्ती थे, तो उन्होंने एनडीटीवी से बात की थी और कहा था कि उनकी परेशानी को दुनिया के सामने लाने के लिए धन्यवाद. एएनआई से बातचीत में हरजोत ने पहले कहा था कि उन्हें भारतीय दूतावास से कोई मदद नहीं मिली थी. वो खुद ही लगातार उनके संपर्क में रहे थे. हर दिन मुझे लगता था कि वो मेरी मदद के लिए कुछ करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.