गर्भवती को truck ने कुचला
यूपी के फिरोजाबाद में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। एक गर्भवती महिला के ऊपर से truck गुजर गया। हादसे में महिला का पेट फट गया। उसके गर्भ में पल रही बच्ची 5 फीट दूर सड़क पर जा गिरी। जिसने भी ये हादसा देखा, उसकी रूह कांप गई। महिला के शरीर के टुकड़े हो गए। लोगों ने पास जाकर देखा तो बच्ची सही-सलामत थी।
गर्भवती महिला पति के साथ अपने मायके जा रही थी। हादसे के बाद पति रामू ने कहा कि मेरे आंखों के सामने truck कामिनी के ऊपर से निकल गया। पत्नी तड़प-तड़प कर मर गई। उसके शरीर में कुछ नहीं बचा था। वहीं, दूर जाकर गिरी मेरी बच्ची रो रही थी। उधर, महिला की मौत की खबर पाकर उसके चाचा कालीचरण की हार्ट अटैक से मौत हो गई। चाचा को कैंसर भी था। महिला और उसके चाचा का बुधवार शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पति बोला– पत्नी की जिद पर उसे ससुराल लेकर जा रहा था
आगरा जिले के धनौला का रहने वाला रामू बुधवार को पत्नी कामिनी के साथ बाइक से ससुराल जा रहा था। उसकी ससुराल फिरोजाबाद के नारखी थाना क्षेत्र स्थित वजीरपुर कोटला में है। उसने बताया, ‘पत्नी 9 माह की प्रेग्नेंट थी। उसने मुझसे बुधवार सुबह बोला कि मायके घुमा लाइए। मायके वालों की याद आ रही है। बच्चा होने के बाद 4 महीने तक नहीं जा पाऊंगी।
हमारी शादी को 3 साल हुए थे, यह पहला बच्चा था
रामू ने बताया, “मैं पत्नी को बाइक से लेकर घर से 9 बजे निकला। घर से ससुराल की दूरी 40 किलोमीटर होगी। कुछ देर चलने के बाद कामिनी ने चाय के लिए बोला। हम लोगों ने ढाबे पर चाय पी। उसके बाद मुश्किल से 5 किलोमीटर आगे बढ़े होंगे, तभी एक तेज रफ्तार truckने बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर लगने से कामिनी बाइक से गिर गई।”
रामू ने बताया, “हादसे के बाद मेरे होश उड़ गए। मैं अपनी पत्नी को देख रहा था। तब उधर से गुजर रहे लोगों ने मेरी बच्ची को उठाया। मैं उसे लेकर वहीं बैठा था। तब कुछ भले लोग उसे लेकर जिला अस्पताल गए। एंबुलेंस आने के बाद मैं पत्नी के शव के साथ अस्पताल पहुंचा। वहां मैंने अपने परिवार के लोगों को बताया, कामिनी अब नहीं रही। शादी को 3 साल हुए थे। यह हम लोगों को पहला बच्चा है।”
डॉक्टर ने कहा- बच्चे के पेट में अंदरूनी चोट आई
जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एलके गुप्ता ने बताया कि बच्ची अब पहले से बेहतर है। गिरने से की वजह से उसे धमक लगी है। उसके पेट में अंदरूनी चोट है। गुरुवार सुबह बच्ची को दूध दिया गया है। जब तक वह दूध को पचा नहीं लेती, तब तक अस्पताल में ही रहेगी।