गंगा पर बनेगा 3 लेन का पुल, यूपी और बिहार दोनों को होगा फायदा, क्या है इसकी खासियत और कब तक बनकर तैयार होगा

बिहार में गंगा नदी पर एक नया पुल बनने जा रहा है! आगरा की PNC Infratech नामक कंपनी को इसे बनाने का काम मिला है और इस पर बहुत ज़्यादा पैसा खर्च होगा—380 करोड़ रुपये! हाल ही में बिहार में कुछ पुल गिर गए थे, जिससे बहुत से लोग परेशान हो गए थे। लेकिन अब एक अच्छी खबर है! यह नया पुल तीन लेन का होगा और इससे बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों के लोगों को फ़ायदा होगा। इसे बनाने के लिए कंपनी का चयन हो चुका है और उम्मीद है कि वे जल्द ही इस पर काम शुरू कर देंगे! उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों के बीच स्थित गंगा नदी पर एक नया पुल बनने जा रहा है। यह पुल करीब 800 मीटर लंबा होगा और इसमें कारों के चलने के लिए तीन लेन होंगी। PNC Infratech नामक कंपनी ने 380 करोड़ रुपये में पुल बनाने का वादा किया है और उन्हें यह काम इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने सबसे अच्छी कीमत की पेशकश की थी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने उन्हें यह काम दिया था। पुल को हाइब्रिड एन्युटी मोड नामक एक विशेष तरीके से बनाया जाएगा और यह राष्ट्रीय राजमार्ग 922 का हिस्सा होगा। जब दो लोगों को समस्या हुई और फिर उन्होंने इसे सुलझा लिया, तो तीसरा व्यक्ति वास्तव में भाग्यशाली रहा! इसकी वजह से, उनके शेयरों का मूल्य सिर्फ़ एक दिन में 12% बढ़ गया और सभी निवेशक वास्तव में खुश थे! पुल का उपयोग कब तक सुरक्षित रहेगा? पीएनसी इंफ्राटेक ने आगरा में केवल परियोजनाओं पर काम करते हुए छोटे स्तर पर शुरुआत की थी, लेकिन अब यह बहुत आगे बढ़ गया है और बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में, कंपनी ने 575 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान किए गए 180 करोड़ रुपये से बहुत अधिक है। साथ ही, जनवरी से कंपनी के शेयरों का मूल्य 32 प्रतिशत बढ़ गया है, और पिछले साल इसमें 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। यह पुल उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के भरौली गाँव को बिहार के बक्सर जिले से जोड़ेगा। इन दोनों जगहों के बीच गंगा नदी बहती है और पुल बन जाने के बाद लोगों के लिए दोनों जिलों के बीच आना-जाना काफी आसान हो जाएगा। अभी लोगों को लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।

कोलकाता डॉक्टर मामला: आरजी कर के हत्यारे को वकील मुहैया कराने वाले क्रूर संजय रॉय को बचाने के लिए अदालत पहुंची महिला वकील कौन है?

कविता सरकार एक वकील हैं जो 25 सालों से लोगों की कानूनी समस्याओं में मदद कर रही हैं। वह हुगली नामक जगह के मोहसिन कॉलेज में कानून की पढ़ाई करने गई थीं। उन्होंने अलीपुर कोर्ट में एक वकील के रूप में अपनी नौकरी शुरू की, जहाँ उन्होंने लोगों के अधिकारों और संपत्ति से जुड़े मामलों पर काम किया। बाद में, वह और भी ज़्यादा लोगों की मदद करने के लिए साउथ एशियन लीगल सर्विसेज एसोसिएशन (SALSA) नामक एक समूह का हिस्सा बन गईं। क्या कोलकाता में एक डॉक्टर को घायल करने और उसकी हत्या करने वाले संजय रॉय को फांसी की सज़ा दी जाएगी? क्या अस्पतालों में परेशान और विरोध कर रहे डॉक्टरों को वह न्याय मिलेगा जो वे चाहते हैं? एक माता-पिता जिसने अपनी बेटी को खो दिया है, उसे कोई पैसा नहीं चाहिए; वे बस चाहते हैं कि ऐसा करने वाले को फांसी दी जाए। ऐसा करना आसान माना जाता है। लेकिन संजय रॉय, जो पहले वकील नहीं ढूँढ़ पाए थे, अचानक वकील कैसे मिल गए? अब, अदालत में उनका बचाव कौन करेगा और उनकी मदद करने की कोशिश कौन करेगा? संजय रॉय एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर किसी के खिलाफ़ एक बहुत ही गंभीर अपराध का आरोप लगाया गया है। उन्होंने पॉलीग्राफ टेस्ट नामक एक विशेष परीक्षण किया, जो यह दिखाने में मदद करता है कि कोई सच बोल रहा है या नहीं, और उस परीक्षण के दौरान, उन्होंने जो कुछ भी किया, उसे स्वीकार किया। अब, उनके पास कविता सरकार नामक एक वकील है, जो एक महिला है, और वह उसे सबसे कठोर सजा, जो कि मृत्यु है, से बचाने की कोशिश कर रही है। भले ही देश में कई लोग चाहते हैं कि संजय को कड़ी सजा मिले, लेकिन कविता का मानना ​​है कि वह निर्दोष है। जब पॉलीग्राफ टेस्ट को मंजूरी दी गई थी, तब वह वहां मौजूद थीं और उन्होंने कहा कि वह जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में सच्चाई जानना चाहती थीं। अपराधों के आरोपी लोगों के लिए उनकी मदद करने के लिए एक वकील होना महत्वपूर्ण है, भले ही उन पर इस तरह के बहुत गंभीर आरोप हों, क्योंकि हर किसी को अपनी कहानी सुनाने का मौका मिलना चाहिए। जब उन्होंने संजय रॉय नामक एक व्यक्ति का मामला लिया, तो कविता ने कहा कि हर किसी को, चाहे उस पर कोई भी आरोप क्यों न हो, अदालत में अपनी कहानी कहने का उचित मौका मिलना चाहिए। उनका मानना ​​है कि उनका काम कानून के अनुसार लोगों की मदद करना है, और वह मृत्युदंड के खिलाफ हैं। इसके बजाय, उनका मानना ​​है कि सबसे बुरी सजा जेल में आजीवन कारावास होनी चाहिए। कविता जानती है कि कभी-कभी बुरे काम करने वाले लोगों को भी मदद के लिए वकील की ज़रूरत होती है, ख़ासकर तब जब वे ग़रीब हों और कोई और उनकी मदद न करना चाहे। भारत में, क़ानून कहता है कि हर किसी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 39A में समझाया गया है। सियालदह कोर्ट में, कविता राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के लिए काम करने वाली एकमात्र वकील हैं, इसलिए जब कोर्ट को संजय रॉय का केस लेने के लिए किसी की ज़रूरत थी, तो उन्होंने उन्हें चुना। कविता सरकार एक वकील हैं जो 25 सालों से कानूनी समस्याओं से जूझ रहे लोगों की मदद कर रही हैं। उन्होंने हुगली नामक जगह पर मोहसिन कॉलेज नामक स्कूल में क़ानून के बारे में सीखा। उन्होंने अलीपुर कोर्ट में काम करके अपना करियर शुरू किया, जहाँ उन्होंने दीवानी मामले संभाले, जो पैसे या संपत्ति जैसी चीज़ों से जुड़े होते हैं। बाद में, वह साउथ एशियन लीगल सर्विसेज़ एसोसिएशन (SALSA) नामक एक समूह में शामिल हो गईं और आपराधिक मामलों पर काम करना शुरू कर दिया, जो ज़्यादा गंभीर होते हैं। अनुच्छेद 39A भारतीय संविधान में एक नियम है जो यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि सभी को कानून से मदद पाने का उचित मौका मिले। इसमें कहा गया है कि जिन लोगों के पास वकील के लिए भुगतान करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं, उन्हें अभी भी मदद दी जानी चाहिए ताकि उन्हें अदालत में उचित मौका मिल सके। इस तरह, सभी के साथ समान व्यवहार किया जा सकता है और उन्हें वह न्याय मिल सकता है जिसके वे हकदार हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39A में कहा गया है कि सरकार को उन लोगों की मदद करनी चाहिए जो गरीब हैं या संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें मुफ़्त कानूनी मदद देकर ताकि उन्हें अदालत में उचित इलाज मिल सके। इसका मतलब है कि सभी को न्याय पाने का समान मौका मिलना चाहिए, चाहे उनके पास कितना भी पैसा क्यों न हो। सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर और प्रत्येक राज्य में, इस काम में मदद करने के लिए विशेष समूह बनाए हैं। अगर कोई वकील का खर्च वहन नहीं कर सकता है, तो अदालत मुफ़्त में उनकी मदद करने के लिए वकील ढूँढ सकती है।

राजस्थान समाचार: अब राजस्थान के इस जिले में बवाल, प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प, लाठीचार्ज

राजस्थान के भीलवाड़ा में 25 अगस्त को एक पूजा स्थल के बाहर कुछ जानवरों के अवशेष पाए गए, जिससे इलाके के बहुत से लोग परेशान हो गए। वे जिम्मेदार लोगों को दंडित करने की मांग करने के लिए एकत्र हुए। इससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। सोमवार को एक गाय को चोट पहुँचाने के मामले में एक सरकारी कार्यालय के बाहर बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। विरोध प्रदर्शन में अराजकता फैल गई और पुलिस को स्थिति को शांत करने के लिए कदम उठाना पड़ा। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने को कहा, जबकि प्रदर्शनकारी चाहते थे कि गाय को चोट पहुँचाने वालों के खिलाफ़ तुरंत कार्रवाई की जाए। स्थिति वास्तव में तनावपूर्ण हो गई क्योंकि कुछ जानवरों की हड्डियाँ एक ऐसे स्थान के पास पाई गईं जहाँ लोग प्रार्थना करते हैं और लोग दो दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद कर दीं और पत्थरबाजी की। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी परशुराम सर्किल नामक स्थान पर एकत्र हुए और फिर एक सरकारी कार्यालय की ओर बढ़ने लगे। जब पुलिस को परेशानी और गुस्साई भीड़ के बारे में पता चला, तो वे तुरंत मदद के लिए गए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अपनी लाठियाँ चलाईं। उन्होंने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करके सभी को घर जाने के लिए कहा। चंदौली में एक बच्चा था जो केवल छह दिन का था। एयरपोर्ट पर बच्चा बोतल से दूध पी रहा था। वहां काम करने वाले कुछ लोग चिंतित हो गए और उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ है। इससे बहुत से लोग भ्रमित और परेशान हो गए। शास्त्रीनगर और भवानी नगर में झंडों के साथ एक विशेष परेड हुई और पुलिस प्रमुख और शहर के नेता भी इसमें शामिल हुए। हालांकि, विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को लगा कि पुलिस मदद करने के लिए पर्याप्त नहीं कर रही है और इसके बजाय गलत काम करने वालों को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने शिकायत की कि भले ही पुलिस के पास सभी आवश्यक जानकारी थी, लेकिन उन्होंने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों का मानना ​​​​था कि अगर पुलिस ने पहले कार्रवाई की होती, तो उन्हें विरोध करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने पुलिस को कार्रवाई करने की समयसीमा दी थी, पहले रविवार शाम 5 बजे तक और फिर सोमवार दोपहर तक, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। अंत में, एसपी राजन दुष्यंत और कलेक्टर नमित मेहता ने मामले को सुलझाने में मदद की।

तांत्रिक पैसों की बारिश करवाता था! सिर्फ महिलाओं को देता था ऑफर, पैसे लाओ, दोगुनी बारिश होगी

उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक बुरे व्यक्ति ने आसमान से पैसे बरसाने का वादा करके महिलाओं को धोखा दिया। लेकिन इसके बजाय, वह उन्हें सुला देता और उनसे पैसे चुरा लेता। भारत में, कुछ लोग झूठे आध्यात्मिक टोटकों और धोखेबाज़ों के झांसे में आ जाते हैं, भले ही वे होशियार क्यों न हों। ये धोखेबाज़ अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों से लोगों को धोखा देते हैं और पीड़ितों के लिए बच पाना मुश्किल होता है। उत्तर प्रदेश की एक महिला ने रामपुर में पुलिस को इस तरह की धोखाधड़ी की शिकायत की। महिला ने पुलिस को बताया कि बाबा नाम के एक व्यक्ति ने वादा किया था कि अगर वह पहले उसे कुछ नकद देगी तो वह आसमान से पैसे बरसाएगा। उसने उसे पैसे दिए और वह उसे एक शांत जगह पर ले गया जहाँ उसने और उसके दोस्तों ने उसे कुछ ऐसा पिलाया जिससे उसे अजीब महसूस हुआ। इस आदमी ने दावा किया कि वह पैसे बरसा सकता है, लेकिन पहले महिला को उसके लिए कुछ काम करना था। उसने उसे बहुत सारे पैसे दिए, और फिर वह उसे एक ऐसी जगह ले गया जहाँ उसे चोट पहुँचाई गई और उसके और उसके दोस्तों ने उसका फ़ायदा उठाया। जब वह होश में आई, तो उसने उसे पैसे न बरसाने के लिए दोषी ठहराया। उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है और वह पुलिस के पास गई। वह व्यक्ति पहले से ही पुलिस को वांछित था और अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

चंडीगढ़ कोर्ट में कैसे पहुंचा हथियार? कहां थी सुरक्षा? ससुर ने कोर्ट में ही अपने IRS दामाद को मारी गोली

चंडीगढ़ कोर्ट में उन्हें पता चला कि जिस व्यक्ति ने कुछ गलत किया था, वह मालविंदर सिंह सिद्धू नामक एक महत्वपूर्ण पुलिस अधिकारी हुआ करता था। उनकी बेटी के पति हरप्रीत सिंह की कृषि विभाग में नौकरी थी। भारतीय सिविल लेखा सेवा में काम करने वाले हरप्रीत सिंह नामक व्यक्ति की चंडीगढ़ की एक कोर्ट बिल्डिंग में उसके ससुर ने हत्या कर दी, जो पहले पुलिस अधिकारी हुआ करते थे। ससुर मालविंदर सिंह सिद्धू को हिरासत में ले लिया गया है। आईसीएएस अधिकारी हरप्रीत सिंह और उनकी पत्नी अमितोज कौर के बीच बहस चल रही है और वे तलाक ले रहे हैं। वे अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए चंडीगढ़ की कोर्ट में मीटिंग के लिए गए थे, तभी गोलीबारी हुई। उन्होंने कहा कि हरप्रीत अपने माता-पिता के साथ था, और अमितोज के पिता मालविंदर सिंह दूसरी तरफ थे। पुलिस ने कहा कि बातचीत के लिए मीटिंग के दौरान मालविंदर ने हरप्रीत से पूछा कि बाथरूम कहां है, लेकिन इसके बजाय उसने बंदूक निकाली और गोली चलानी शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि हरप्रीत को चंडीगढ़ के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मालविंदर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके पास से हथियार बरामद हुआ है। उसके खिलाफ कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी ने हथियार को अदालत में कैसे पहुंचाया। सरल शब्दों में कहें तो पुलिस को एक अदालत में बुलाया गया था, जहां किसी को गोली लगी थी। जिस व्यक्ति को गोली लगी थी, हरप्रीत सिंह की अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने उसे गोली मारने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया, जो एक पूर्व पुलिस अधिकारी था। जब वे अदालत में बात कर रहे थे, तो शूटर ने हरप्रीत पर पांच गोलियां चलाईं। दो गोलियां हरप्रीत को लगीं, एक दरवाजे पर लगीं और दो चूक गईं। पुलिस ने तुरंत पहुंचकर शूटर को गिरफ्तार कर लिया। वे अब जांच कर रहे हैं कि क्या हुआ था। नवंबर में, मालविंदर सिंह पर सरकारी कर्मचारियों को धमकाने और उनसे पैसे लेने का आरोप लगाया गया था। वह पंजाब पुलिस के मानवाधिकार प्रकोष्ठ में काम करता था। इससे पहले, मालविंदर को बल प्रयोग और धमकी देकर एक सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

अमेरिका में नौकरी दिलाने के नाम पर ₹40 लाख की ठगी, गिरफ्तारी के डर से विदेश भाग रहा था, मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार

धरमिंदर सिंह ने सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह को नकली नाविक की किताब देकर धोखा दिया और उनसे 10 लाख रुपये ले लिए। जब वे मेक्सिको पहुंचे, तो वे सभी धरमिंदर सिंह को 30 लाख रुपये देने पर सहमत हुए। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह नाम के दो लोगों को पकड़ा, जिनके पास नकली सीमैन बुक थी, जब वे इस्तांबुल से दिल्ली वापस आए। इमिग्रेशन ब्यूरो ने उन्हें पूछताछ के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को दे दिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि धरमिंदर सिंह नाम के शख्स ने उन्हें नकली किताब दी थी. एयरपोर्ट पर कार्यरत डीसीपी उषा रंगनानी ने दो ऐसे लोगों से बात की जो बेहतर जिंदगी के लिए अमेरिका जाना चाहते थे. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात धरमिंदर सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति से हुई. धरमिंदर ने वादा किया कि अगर वे उसे 40 लाख रुपये देंगे तो वह उनमें से एक को विदेश जाने में मदद करेगा। उन्होंने उसे पहले ही 10 लाख रुपये दे दिए थे और 6 लाख रुपये बैंक खाते में डाल दिए थे जबकि बाकी 4 लाख रुपये धरमिंदर को नकद दे दिए थे। सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह ने कुछ गलत करने की बात स्वीकार की, इसलिए पुलिस इसमें शामिल धरमिंदर सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति को ढूंढना चाहती थी। उन्होंने धरमिंदर सिंह को पकड़ने के लिए यशपाल सिंह नाम के एक पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम बनाई। टीम में सरोज नाम की एक महिला पुलिसकर्मी और ओमप्रकाश नाम का एक अन्य अधिकारी भी था. पुलिस को सूचना मिली कि धरमिंदर सिंह मुंबई एयरपोर्ट से दूसरे देश भागने की फिराक में है. डीसीपी उषा रंगनानी को कुछ जानकारी मिली और उन्होंने तुरंत एक टीम मुंबई एयरपोर्ट पर भेजी. उन्होंने धरमिंदर सिंह नाम के एक शख्स को पकड़ा, जो मूल रूप से पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला है. वह दुबई में ठेकेदार के रूप में काम करता है। पुलिस को पता चला कि वह पंजाब में विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को बरगलाने के लिए लोगों के साथ काम कर रहा है। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह को एक निश्चित रकम पर मैक्सिको भेजने का समझौता किया था. वे कुल मिलाकर 40 लाख रुपये देने पर सहमत हुए, लेकिन शुरुआत में उन्होंने केवल 10 लाख रुपये का भुगतान किया। उन्होंने 6 लाख रुपये बैंक खाते में डाले और 4 लाख रुपये नकद दिए। उन्होंने शेष 30 लाख रुपये मेक्सिको पहुंचने पर देने की योजना बनाई।

बस एक बार मुझसे बात कर लो…! फोन पर पत्नी की आवाज सुनने की थी चाहत, फिर… मौत को लगा लिया गले!

महाराष्ट्र के ठाणे में एक दुखद घटना घटी. 41 साल के एक शख्स ने अपनी पत्नी से फोन पर बात करने के बाद अपनी जान दे दी। वह उसकी आवाज़ सुनना चाहता था, लेकिन वे पहले से ही एक-दूसरे से बहस कर रहे थे। महाराष्ट्र के ठाणे में एक शख्स ने अपनी पत्नी को फोन किया और कहा कि वह उसकी आवाज सुनना चाहता है. दुःख की बात यह है कि कुछ ही समय बाद उन्होंने अपना जीवन समाप्त कर लिया। सुधाकर यादव नाम का यह शख्स डोंबिवली में रहता था और उसका अपनी पत्नी संजना यादव से झगड़ा हो गया था। झगड़े के बाद वह अपनी बहन के पास रहने चली गई। एक दिन सुधाकर ने सुबह अपनी दोस्त संजना को फोन किया. संजना मुंबई के कुर्ला नाम की जगह पर काम पर जाने के लिए तैयार हो रही थी. सुधाकर ने संजना से कहा कि वह दो मिनट के लिए उसकी आवाज सुनना चाहता है। फोन पर बात करने के बाद संजना को अपने फोन पर एक तस्वीर मिली। तस्वीर में सुधाकर फांसी लगाकर खुद को चोट पहुंचाने की तैयारी में दिख रहा है। संजना ने तुरंत अपने पड़ोसी से अपने पति का पता लगाने के लिए कहा। पड़ोसी ने दरवाजा खटखटाया लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। आख़िरकार, पड़ोसी को दरवाज़ा तोड़ना पड़ा और सुधाकर को छत से लटका हुआ पाया। पुलिस यह पता लगाने की जांच कर रही है कि सुधाकर ने अपनी जान क्यों ली। कहानी के अनुसार, अधीर नाम के किसी व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने सुधाकर नाम के किसी व्यक्ति से दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। आखिरकार, एक पड़ोसी को दरवाजा तोड़ना पड़ा और सुधाकर को छत से लटका हुआ पाया। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सुधाकर ने ऐसा क्यों किया। गुरुवार को 24 साल की एक महिला और उसके दो छोटे बच्चे मृत पाए गए। पुलिस को लगता है कि हत्याओं के लिए उसका पति जिम्मेदार है, जिसके साथ वह अब नहीं रह रही थी। पुलिस को उनके शव कासारवडावली नामक स्थान पर उनके पति के भाई के घर में मिले। महिला का नाम भावना अमित भागड़ी था और उसकी बेटी छह साल की और बेटा आठ साल का था.

मिड-डे मील का राशन चुराकर स्कूटर से जा रहा था स्कूल प्रिंसिपल, वीडियो हुआ वायरल, जानें आगे क्या हुआ…

चर्चित वीडियो में जब स्कूल के प्रिंसिपल एमडीएम के खाने का बड़ा बैग अपने स्कूटर पर लेकर आए तो गांव के लोगों ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और इंटरनेट पर खूब शेयर किया. प्रिंसिपल सर्वेश बाजपेई का वीडियो जब कई लोगों ने देखा तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. राज्य की प्रभारी सरकार स्कूल में बच्चों को अच्छी शिक्षा और दोपहर के भोजन में स्वस्थ भोजन देना चाहती है। लेकिन कुछ शिक्षक ईमानदार नहीं हैं और बच्चों के लिए आने वाला भोजन ही ले रहे हैं। इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें प्रिंसिपल बिना किसी को बताए खाना ले रहे हैं। एक वीडियो था जो इंटरनेट पर बहुत लोकप्रिय हुआ. इसमें सर्वेश बाजपेयी नाम का एक व्यक्ति दिखाया गया, जो तेरुखा नामक स्थान पर एक स्कूल का प्रभारी है। वीडियो में वह स्कूटर चला रहा था और छात्रों के भोजन के लिए अनाज की एक बोरी ले जा रहा था। पास के गांव के कुछ लोगों ने यह देखा और उसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया. उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया और काफी लोगों ने इसे देखा. जब गांव वालों ने वीडियो देखा तो परेशान हो गए और शिकायत करने लगे. स्कूल के प्रिंसिपल को दुःख हुआ और उन्होंने जो कुछ हुआ उसके लिए गाँव वालों से माफ़ी मांगी। प्रिंसिपल सर्वेश बाजपेयी का एक वीडियो इंटरनेट पर काफी लोकप्रिय होने के बाद रायबरेली जिले के शिक्षा प्रभारी ने जांच की मांग की. वीडियो में एक शिक्षक को स्कूल से भोजन का बैग लेते हुए दिखाया गया है। प्रभारी ने कहा कि वे इसकी जांच करेंगे और अगर शिक्षक दोषी पाये गये तो उन्हें सजा दी जायेगी.

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद अगले 40 दिनों की क्या योजना है? मिशन कैसे चलाया जाएगा, इसकी जानकारी ले

आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 नामक एक विशेष अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र नामक एक विशेष स्थान से लॉन्च किया गया था। यह भारत और पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण मिशन है। यह मिशन हमें अंतरिक्ष के बारे में बहुत सी नई जानकारी देगा। आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 नामक अंतरिक्ष यान भेजा। यह एक बहुत ही खास मिशन है क्योंकि यह चंद्रमा के उन हिस्सों का पता लगाएगा जिन्हें पहले कभी किसी ने नहीं देखा है। अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक पहुंचने में लगभग 40-50 दिन लगेंगे और इसके 23 अगस्त को वहां उतरने की उम्मीद है। यह वास्तव में रोमांचक है क्योंकि इससे हमें चंद्रमा और उसके रहस्यों के बारे में और अधिक जानने में मदद मिलेगी। अंतरिक्ष यान को ‘एलवीएम-3 एम4’ नामक शक्तिशाली रॉकेट का उपयोग करके लॉन्च किया गया था। हम यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते कि चंद्रयान-3 अपनी यात्रा में क्या खोजता है! चंद्रयान-3 भी चंद्रयान-2 की ही राह पर चलेगा। चंद्रमा पर पहुंचने से पहले यह तीन महत्वपूर्ण चरणों से गुजरेगा। सबसे पहले, यह पृथ्वी की कक्षा में जाएगा। फिर, इसे चंद्रमा की ओर प्रक्षेप पथ पर भेजा जाएगा। अंतत: यह चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इन चरणों के बाद लैंडर मुख्य भाग से अलग हो जाएगा और चंद्रमा पर धीरे से उतरने का प्रयास करेगा। चंद्रयान-3 एक अंतरिक्ष यान है जिसे दोपहर 2 बजे अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया। यह रॉकेट की तरह 1627 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहुत तेजी से आगे बढ़ना शुरू कर दिया। फिर, 108 सेकंड के बाद, इसमें एक विशेष इंजन चालू हुआ और यह और भी तेज़ हो गया, 6737 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक पहुँच गया। उसी समय, दो बूस्टर अंतरिक्ष यान से गिर गए और यह और भी तेज़ हो गया, 7000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक पहुँच गया। चंद्रयान-3 आसमान में बहुत ऊंचाई पर, लगभग 92 किलोमीटर ऊपर उड़ रहा था। लेकिन तभी कुछ हुआ और इसे हवा की गर्मी से बचाने वाली खास ढाल अलग हो गई. वहीं, जो इंजन चंद्रयान-3 को और भी ऊपर यानी 115 किलोमीटर तक जाने में मदद कर रहे थे, वे भी अलग हो गए. लेकिन चिंता न करें, क्योंकि इसके स्थान पर क्रायोजेनिक इंजन नामक विशेष इंजन ने काम करना शुरू कर दिया। इन इंजनों ने चंद्रयान-3 को और भी आगे, लगभग 16 हजार किलोमीटर तक जाने में मदद की! फिर, क्रायोजेनिक इंजन चंद्रयान-3 को और भी ऊपर, लगभग 179 किलोमीटर तक ले गया। क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं? चंद्रयान-3 भी बहुत तेज़ गति से जा रहा था, 36,968 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से! चंद्रयान-3 एक अंतरिक्ष यान है जो चंद्रमा की यात्रा पर जाएगा. यह पहले पृथ्वी के कुछ चक्कर लगाएगा और फिर बेहद तेज गति से चंद्रमा की ओर बढ़ना शुरू कर देगा। जब यह चंद्रमा के करीब पहुंचेगा तो उसके चारों ओर चक्कर लगाना शुरू कर देगा। कुछ देर बाद यह चंद्रमा की सतह के बिल्कुल करीब पहुंच जाएगा। 3.84 लाख किलोमीटर की वास्तव में लंबी दूरी तय करने में लगभग 40-50 दिन लगेंगे। एक बार जब यह काफी करीब पहुंच जाएगा, तो अंतरिक्ष यान अपने इंजन से अलग हो जाएगा और धीरे-धीरे चंद्रमा की सतह पर उतरना शुरू कर देगा। वैज्ञानिकों ने ऐसा होने के लिए सही समय और स्थान की सावधानीपूर्वक गणना की है। चंद्रयान-3 में एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं है। इसका कारण यह है कि जब 2019 में चंद्रयान-2 उतरा, तो यह सहज लैंडिंग नहीं थी और रोवर से संपर्क टूट गया था। हालाँकि, ऑर्बिटर अभी भी ठीक काम कर रहा था, इसलिए उन्हें चंद्रयान-3 के साथ एक और ऑर्बिटर भेजने की ज़रूरत नहीं थी।

Bihar Crime:नाबालिग प्रेमी जोड़े की हत्या १६ साल के लड़के को १५ साल की लड़की के सामने हत्या कर दी

Bihar Crime :मोतिहारी में प्यार में पड़े दो नाबालिग की हत्या कर दी गई। 16 साल की मुस्कान नाम की लड़का और विनीता नाम का 15 साल का लड़की है। किसी ने मुस्कान को बांध दिया और फिर उसे और विनीता को बहुत बुरी तरह चोट पहुंचाई। वे जीवित नहीं रहे। मरने के बाद, उनके शरीर को एक ऐसी जगह ले जाया गया जहाँ उन्हें जलाया गया था। वहां आए एक व्यक्ति के परिवार को जाने के लिए कह दिया गया। बाद में पुलिस को सूचित किया गया और उन्होंने शवों को आंशिक रूप से जला हुआ पाया। डुमरी गांव में मुस्कान और विनीता नाम के दो नाबालिग की मौत हो गई। पुलिस को लगता है कि विनीता के पिता समेत कुछ लोगों ने उनकी मौत की वजह हो सकती है। विनीता की मां को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब सुनिए लड़के की मां ने क्या कहा। मुस्कान की माँ बहुत दुखी है क्योंकि मुस्कान के साथ कुछ भयानक हुआ है। मुस्कान स्कूल में छात्रा थी। एक रात वह परेड में डांस देखने के लिए निकली। लेकिन फिर, उसके पिता उसे अपने घर ले गए और उसे बहुत बुरी तरह से चोट पहुँचाई। उसने उसे बांध दिया और उसके गले में चोट लग गई। मुस्कान ने अपने पिता से रुकने के लिए विनती की, लेकिन उन्होंने नहीं सुना। यह वास्तव में दुखद और डरावनी घटना है जो घटित हुई है। देर रात गांव के ही कुछ लोगों ने कहा कि जादोलाल मेरे बच्चे को पीट-पीटकर नदी किनारे जला रहा है। हम जांच करने गए तो जादोलाल ने हमें भी चोट पहुंचाने की कोशिश की। हम सब सुरक्षित रहने के लिए भागे। पुलिस को बताया गया कि सुगौली में कुछ अनहोनी हो गई है। जब वे वहां पहुंचे, तो ऐसा करने वाले लोग पहले ही जा चुके थे। पुलिस को दो लोगों के शव मिले, जो ज्यादातर जले हुए थे। वे शवों को थाने ले गए और उन्हें बांधने के लिए इस्तेमाल की गई रस्सी मिली। गुप्त संबंध पूरे एक साल तक चलता रहा। लड़का-लड़की एक-दूसरे के करीब रहते थे और एक साल से एक-दूसरे को पसंद करते थे। एक दिन लड़का लड़की से मिलने उसके घर गया, लेकिन उसके परिवार वालों ने मिलकर उन्हें पकड़ लिया। पिता और परिवार के लोगों को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने लड़के को बुरी तरह से चोट पहुंचाई, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ऐसी स्थिति की जांच कर रही है जहां किसी परंपरा के कारण किसी को चोट पहुंचाई गई या मार दिया गया जो ठीक नहीं है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि न्याय हो। सदर एसडीपीओ आईपीएस राज नाम के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एक ऐसा मामला था जहां किसी की हत्या कर दी गई क्योंकि उनके परिवार को यह मंजूर नहीं था कि वे जिससे प्यार करते हैं। जब पुलिस वहां पहुंची तो उन्हें मारे गए लोगों के शव मिले और वे जले हुए थे। एक व्यक्ति की माँ ने पुलिस को बताया कि यह किसने किया और वे इसमें शामिल अन्य लोगों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पहले ही माँ को पकड़ लिया।