कुदरत के आगे घुटनों पर इंसान, यूपी-उत्तराखंड से लेकर महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात तक बारिश से भारी तबाही

मानसून की वजह से कई राज्यों में भारी बारिश हुई है। इससे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसी जगहों पर काफी नुकसान हुआ है। शनिवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए हादसों में 4 लोगों की मौत हो गई। दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम और उत्तर भारत के कुछ इलाकों में बारिश हुई। दिल्ली में हुई बारिश ने मौसम को ठंडा करने में मदद की, लेकिन इससे बाढ़ और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं भी पैदा हुईं। उत्तराखंड में भूस्खलन से मां-बेटी की मौत हो गई, जबकि उत्तर प्रदेश में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र के पुणे में बाढ़ के पानी में बह जाने के बाद 26 वर्षीय एक व्यक्ति का शव बरामद किया गया। बुधवार से अब तक इस तरह की घटनाओं में कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत में पुणे और महाराष्ट्र के अन्य इलाकों जैसे मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में काफी बारिश हुई। दुखद बात यह है कि नवी मुंबई में एक इमारत ढह गई और तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। मौसम विभाग ने कहा कि छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई और कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश हुई। दिल्ली में 26.5 मिलीमीटर बारिश हुई। दिल्ली में पूसा वेधशाला ने 26.5 मिमी बारिश मापी और तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से अधिक है। दिल्ली पुलिस ने लोगों को सड़कों पर पानी भरने के बारे में चेतावनी दी और उन्हें अलग रास्ते अपनाने का सुझाव दिया। अणुव्रत मार्ग पर बाढ़ के कारण कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन के पास यातायात बाधित रहा। हिमाचल प्रदेश में हालात बदतर होते जा रहे हैं। भारत के शिमला में आपातकालीन केंद्र ने कहा कि 27 जून से भारी बारिश के कारण 56 लोगों की मौत हो गई है। राज्य के कुछ हिस्सों में अभी भी बारिश हो रही है, जिसमें धौलकुआं में सबसे अधिक 123 मिमी बारिश हुई है। नाहन, कटोला, पालमपुर, पांवटा साहिब, धर्मशाला, सुंदरनगर और बैजनाथ जैसे अन्य स्थानों पर भी बारिश हुई। उत्तराखंड में एक पहाड़ से चट्टानों और मिट्टी का एक बड़ा ढेर गिर गया। उत्तराखंड के एक गांव में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मौत हो गई। पुलिस और बचाव दल ने उनके शव बरामद किए। भूस्खलन के कारण दुकानें, पुल, सड़कें भी नष्ट हो गईं और पानी और बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई। नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित इलाकों में ले जाया गया।

फरीदाबाद न्यूज़: मासूम बच्चों की शरारती हरकत, ट्यूशन टीचर को पसंद नहीं आई तो रची खुद के अपहरण की साजिश, पूरे शहर में मची दहशत

फरीदाबाद में बड़ौली गांव के नरेश नाम के व्यक्ति की एनआईटी नंबर एक में वर्कशॉप है। वह अपने बेटे और भतीजे को रोजाना स्कूल ले जाता है और स्कूल के बाद वे वर्कशॉप में आते हैं। दुर्भाग्य से शुक्रवार को कोई उसके बेटे और भतीजे को स्कूल के बाद ले गया। हरियाणा के फरीदाबाद शहर में पुलिस को जब पता चला कि एक इलाके में चार बच्चों को उठा लिया गया है तो वे बहुत चिंतित हो गए। उन्होंने तुरंत पूरे शहर की नाकाबंदी कर दी और बच्चों की तलाश शुरू कर दी। लेकिन जब उन्होंने दो बच्चों से बात की तो उन्हें पता चला कि बच्चों ने यह कहानी इसलिए गढ़ी थी क्योंकि वे अतिरिक्त कक्षाओं में नहीं जाना चाहते थे। पुलिस ने बच्चों से बात की और उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया। एनआईटी डीसीपी कुलदीप सिंह ने बताया कि बड़ौली गांव के नरेश नाम के व्यक्ति अपने बेटे, भतीजे और दो अन्य बच्चों को रोजाना स्कूल छोड़ते हैं। स्कूल के बाद बच्चे नरेश की वर्कशॉप में जाते हैं। लेकिन शुक्रवार को किसी ने स्कूल के बाद नरेश के बेटे और भतीजे को अगवा कर लिया। पुलिस ने शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज देखकर तुरंत जांच शुरू की और आखिरकार पता लगा लिया कि बच्चों के साथ क्या हुआ। पुलिस को पता चला कि बच्चों ने अपहरण के बारे में झूठ बोला था और अपने बैग पार्क में छिपा दिए थे। पुलिस को बाद में बैग मिल गए। ये सभी बच्चे एक विशेष स्कूल में जाते हैं और तीसरी या पाँचवीं कक्षा में हैं। पुलिस शुक्रवार दोपहर को स्कूल गई थी क्योंकि नरेश के दो बच्चे कार्यशाला में नहीं आए थे। वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि बच्चे सुरक्षित हैं और पता लगाना चाहते थे कि वे कहाँ हैं। स्कूल ने कहा कि बच्चे स्कूल के बाद घर चले गए, लेकिन नरेश को तब चिंता हुई जब उसे पता चला कि वे घर नहीं गए हैं। बाद में, बच्चों ने एक फोन से कॉल किया और कहा कि एक वैन चालक ने उनका अपहरण कर लिया लेकिन वे बच गए और पार्क में चले गए। पुलिस को लगता है कि बच्चों ने यह कहानी इसलिए गढ़ी क्योंकि उन्हें अपना शिक्षक पसंद नहीं था। पुलिस ने बच्चों से बात की और उन्हें उनके परिवारों के पास भेज दिया।

Video: जब तुम रोए… मैं भी रोया, गौतम गंभीर ने भावुक वीडियो के साथ KKR छोड़ा, कहा अब समय आ गया है…

भारतीय क्रिकेट टीम के नए कप्तान ने इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स टीम को दुखद अलविदा कह दिया। उन्होंने एक वीडियो बनाकर कोलकाता के सभी लोगों और टीम के सभी प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया। भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच चुने गए गौतम गंभीर अब इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा नहीं रहेंगे। टीम इंडिया के लिए जीत पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें केकेआर छोड़ना होगा। अलविदा कहने से पहले गंभीर ने अपने प्रशंसकों के लिए एक भावुक संदेश साझा किया। आईपीएल में कोलकाता को जीत दिलाने वाले इस क्रिकेट स्टार का वीडियो काफी भावुक करने वाला है। गंभीर ने कहा कि जब टीम खुश होती है तो उन्हें खुशी होती है और जब टीम दुखी होती है तो उन्हें दुख होता है। वह उनकी जीत को अपना मानते हैं और उनकी हार को अपना। वह उनका समर्थन करते हैं और उनके साथ सपने देखते हैं और उनकी सफलता को अपना मानते हैं। वह खुद को टीम का हिस्सा मानते हैं और हमेशा उनके साथ रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह समझते हैं कि चीजें कितनी कठिन हो सकती हैं और दुखी होना कैसा लगता है। वह यह भी जानता है कि ‘नहीं’ कहे जाने पर कैसा लगता है, लेकिन वह सकारात्मक रहता है और कोशिश करता रहता है। वह कहता है कि हर किसी द्वारा पसंद किए जाने से बेहतर है कि सफल हो। वह कोलकाता से है और वह बिल्कुल हमारे जैसा है। कोलकाता शहर अपनी हवाओं, आवाज़ों, सड़कों और ट्रैफ़िक जाम के ज़रिए मुझसे संवाद करता है। मैं समझ सकता हूँ कि आप कैसा महसूस करते हैं और आप क्या चाहते हैं क्योंकि मैं भी आपकी तरह ही भावुक हूँ। कोलकाता हमारे बीच एक ख़ास बंधन की तरह है, हमारी एक साथ एक कहानी है और हम एक टीम के रूप में अच्छा काम करते हैं। अब समय आ गया है कि हम साथ मिलकर अपनी पहचान बनाएँ और कुछ ख़ास बनाएँ। हमें एक साथ मिलकर एक दमदार कहानी लिखने की ज़रूरत है, इस बार भारतीय टीम की नीली जर्सी में। आइए साथ मिलकर एक नई शुरुआत करें और हमेशा एक-दूसरे का साथ देने का वादा करें। हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और एक-दूसरे की मदद करेंगे, अपने देश और भारतीय ध्वज के लिए अपना सब कुछ देंगे।

सूरत : बचा लो मुझे… जब मलबे से आई आवाज, खौफ से भरी हादसे की कहानी…

सूरत में भारी बारिश के कारण एक बड़ी इमारत गिर गई। बचावकर्मियों ने एक महिला को मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना और जल्दी से उसे मलबे के नीचे से बचा लिया। यह एक डरावनी रात थी, लेकिन अब सभी सुरक्षित हैं। गुजरात के सूरत में एक बड़ी इमारत गिर गई और कई लोग घायल हो गए। टूटी हुई इमारत के नीचे और भी लोग पाए गए, जिससे मरने वालों की कुल संख्या सात हो गई। यह एक डरावनी और दुखद रात थी, जिसमें बहुत रोना-धोना और चीखना-चिल्लाना था। शनिवार दोपहर 3 बजे एक दुर्घटना हुई। मलबे में 7 लोग मिले, लेकिन संभव है कि कम लोग फंसे हों। बचावकर्मियों ने एक महिला को चीखते हुए सुना और उसे बचाने के लिए जल्दी से मलबा हटाया। शव को उस जगह से कब निकाला गया जहां उसे रखा गया था? मलबे में अलग-अलग समय पर सात लोग मृत पाए गए। उनमें से छह की पहचान हिटमैन केवट, अभिषेक केवट, साहिक चमार, शिवपूजन केवट, परवेश केवट और बृजेश गौड़ के रूप में हुई। जब जोर-जोर से चीख-पुकार मची। आठ साल पहले बनी एक इमारत ढह रही थी और खाली पड़ी थी। इमारत ढहने से बहुत शोर और चीख-पुकार मच गई। आस-पास के लोग मदद के लिए दौड़े। जब इमारत गिरी तो कुछ लोग काम कर रहे थे और कुछ सो रहे थे। सो रहे कई लोग मलबे में फंस गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक इमारत पुरानी थी और लोगों के रहने के लिए असुरक्षित थी।

देखें VIDEO: अमरनाथ यात्रा से लौट रही थी बस, अचानक ब्रेक फेल, खतरे में पड़ी सबकी जान, रक्षक बनकर आए सेना के जवान और फिर…

अमरनाथ यात्रा के दौरान एक बस के ब्रेक काम करना बंद कर देते हैं, जिससे 44 लोग खतरे में पड़ जाते हैं। सौभाग्य से, सेना ने तुरंत कदम उठाया और बस में सवार सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया। अमरनाथ तीर्थयात्रा से लौट रही एक बस में ब्रेक फेल होने के कारण उसमें सवार 44 यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई। हालांकि, सेना ने तुरंत कार्रवाई की और सभी यात्रियों की जान बचाने में कामयाब रही। भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को रामबन जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर अमरनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस के नियंत्रण खो जाने के बाद एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया। अमरनाथ से होशियारपुर जा रही बस के ब्रेक कथित तौर पर फेल हो गए थे। तीर्थयात्री पंजाब के थे। ऑनलाइन एक वीडियो में, लोग चलती हुई बस से कूद रहे थे। सौभाग्य से, पुलिस ने तुरंत आकर बस को दुर्घटनाग्रस्त होने से रोक दिया। कोई भी घायल या मारा नहीं गया। बस में 40 लोग सवार थे जो यात्रा से वापस आ रहे थे। ब्रेक काम नहीं करने के कारण चालक बस को रोक नहीं सका। दस लोग घायल हो गए, जिनमें छह पुरुष, तीन महिलाएं और एक बच्चा शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि जब उन्होंने तीर्थयात्रियों को चलती बस से कूदते देखा, तो सेना और पुलिस ने बस को नदी में जाने से रोकने के लिए टायरों के नीचे पत्थर रख दिए। घायल लोगों की मदद के लिए सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम और एंबुलेंस पहुंची। डरावनी तस्वीरों में लोग बस से कूदते हुए दिखाई दे रहे थे, जबकि सुरक्षा बल बस को चट्टान से गिरने से रोकने की कोशिश कर रहे थे। मई में, जम्मू के अखनूर में बहुत अधिक लोगों को ले जा रही एक बस एक गहरी घाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुखद रूप से, 22 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। बस लोगों को मंदिर ले जा रही थी, तभी वह सड़क से फिसल गई।

पति-पत्नी और वो: पैसों के लेन-देन के बीच बढ़ी नजदीकियां, मंजू ने राकेश को मिलने बुलाया, फिर कर दी वारदात

ट्रक चलाने वाले शंकर नामक व्यक्ति ने सोनीपत में रहने वाले अपने दोस्त राकेश को पैसे भेजे। दुखद बात यह है कि सोनीपत में किसी की हत्या कर दी गई और शंकर पर इस अपराध का आरोप लगाया जा रहा है। हरियाणा के सोनीपत में सेक्टर-12 नामक स्थान पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस अपराध के लिए पति-पत्नी को गिरफ्तार किया। मृतक की पहचान उसकी मोटरसाइकिल से हुई। पुलिस को हत्या के बारे में जल्दी ही पता चल गया और यह आश्चर्यजनक था। पति-पत्नी अब हिरासत में हैं। शंकर और उसकी पत्नी मंजू पर हत्या नामक अपराध का आरोप लगाया जा रहा है। शंकर की राकेश नामक व्यक्ति से दोस्ती थी। शंकर जम्मू-कश्मीर नामक स्थान पर ट्रक चलाता है और राकेश को ऑनलाइन पैसे भेजता था। मंजू राकेश से पैसे लेने गई और लेन-देन के दौरान उनकी दोस्ती हो गई। जब शंकर को इस बारे में पता चला तो उसने मंजू से राकेश को फोन करने के लिए कहा। शंकर ने मंजू से सेक्टर 12 में मिलने के लिए कहा। जब राकेश मंजू से मिलने वहां गया तो शंकर ने उसे चाकू से घायल कर दिया। इसके बाद शंकर और मंजू भाग गए। पुलिस को फोन रिकॉर्ड की वजह से इस बारे में पता चला। एसीपी राजपाल सिंह नाम के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि सेक्टर 12 के पास एक इलाके में राकेश नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई है। उन्होंने उसकी बाइक देखकर पता लगाया कि वह कौन है। पुलिस को पता चला कि राकेश की हत्या करने वाले शंकर और उसकी पत्नी अंजू हैं और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। सोनीपत में एसीपी राजपाल सिंह नाम के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है।

हाथरस भगदड़ समाचार: हाथरस कांड के भोले बाबा की थी निजी सेना, पहले भी कर चुके थे कई अपराध… भाई की मौत के बाद बदल गई जिंदगी

भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बहादुर नगरी नामक गांव में हुआ था। उनके अपने कोई बच्चे नहीं हैं और वे हमेशा अपनी पत्नी को अपने साथ आध्यात्मिक समागमों में लाते हैं। दुर्घटना के बाद से बाबा, उनकी पत्नी और उनके सभी सहायक लापता हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सभा जहां लोग पूजा कर रहे थे, एक दुखद घटना में बदल गई। भोले बाबा, जिन्हें नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है, के लिए एक पूजा सत्र के दौरान अचानक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी जिससे उनमें से कई लोग घायल हो गए। दुख की बात है कि इस दुर्घटना में 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 110 से अधिक महिलाएं थीं। भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बहादुर नगरी नामक गांव में हुआ था। वे अब कासगंज जिले के बहादुर नगर में रहते हैं। बाबा के अपने कोई बच्चे नहीं हैं और वे हमेशा अपनी पत्नी को अपने आध्यात्मिक समागमों में लाते हैं। दुर्घटना के बाद से बाबा, उनकी पत्नी और अन्य सहायक लापता हैं। वे पुलिस अधिकारी से बाबा कैसे कहलाने लगे? यह बाबा पुलिस के साथ काम करता था, लेकिन 1990 के दशक में उसने आध्यात्मिक होने और अपने अनुयायियों की मदद करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया। वह कहता है कि उसने इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ काम किया, जो गुप्त एजेंटों के एक समूह की तरह है जो महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करता है। सूरजपाल के एक भाई की मृत्यु हो गई, इसलिए उसने बहादुरगढ़ में एक आश्रम नामक एक विशेष स्थान शुरू करने का फैसला किया। इलाके के लोग भोले बाबा के बारे में बात करने लगे और कई गरीब लोग उनके अनुयायी बनने लगे। बाबा ने अपनी सेना में शामिल होने के लिए लोगों का एक समूह इकट्ठा किया था। भोले बाबा के पास सेवादार नामक एक विशेष समूह है जो हर मंगलवार को उनके कार्यक्रमों में उनकी मदद करता है। वे सुनिश्चित करते हैं कि सब कुछ सुचारू रूप से चले और बाबा के दर्शन करने आने वाले लोगों का ख्याल रखें। वे चीजों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने में भी मदद करते हैं। बाबा ने बूट के साथ सफेद पोशाक पहनी हुई है। नारायण हरि एक धार्मिक शिक्षक हैं जो सामान्य नारंगी कपड़ों के बजाय सफेद कपड़े पहनना पसंद करते हैं। वह कभी-कभी कुर्ता-पायजामा भी पहनते हैं। वह अपने अनुयायियों से कहते हैं कि वे उन्हें जो भी पैसा देते हैं, उसका इस्तेमाल उनकी मदद के लिए करते हैं। भोले बाबा पहले भी कई शरारतें कर चुके हैं। भोले बाबा पहले भी कई विवादों और विवादों में घिरे रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने फर्रुखाबाद में एक बड़ी सभा की थी। सरकार ने कहा था कि सिर्फ 50 लोग ही आ सकते हैं, लेकिन फिर भी 50,000 से ज़्यादा लोग आए।

मां के साथ खेल रही थी डेढ़ साल की बच्ची, कार ने कुचल दिया, वीडियो देख रोंगटे खड़े हो जाएंगे

नोएडा में एक बहुत दुखद घटना घटी। एक कार ने एक छोटी बच्ची को टक्कर मार दी, जो सिर्फ़ 19 महीने की है। उस समय उसकी माँ भी वहाँ मौजूद थी। बच्ची को बहुत ज़्यादा चोट लगी है और वह बहुत बीमार है। वह ठीक होने की बहुत कोशिश कर रही है। इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है। नोएडा में एक बहुत दुखद घटना घटी। एक छोटी बच्ची अपनी माँ के साथ सड़क पर खेल रही थी, तभी एक कार ने उसे टक्कर मार दी। इसे देखने वाले लोग डर गए। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और अब हर कोई वीडियो देख रहा है। बच्ची बहुत ज़्यादा घायल है और अस्पताल में है। कार चलाने वाला व्यक्ति भाग गया और छिप गया। #नोएडा के सेक्टर 63ए के बी ब्लॉक में विचलित कर देने वाली घटना हो गई. यहां किराये से रहने वाली एक महिला घर के सामने अपनी 19 महीने की मासूम बच्ची को फुटपाथ पर खिला रही थी. इसी बीच वहां से गुजर रही एक कार ने बच्ची को कुचल दिया. #Noida @Uppolice pic.twitter.com/yN1vd68s7X — Mahesh Amrawanshi (@MaheshAmravans1) June 29, 2024 नोएडा के एक मोहल्ले में एक बहुत दुखद घटना घटी। एक महिला अपने घर के बाहर अपने छोटे बच्चे को खाना खिला रही थी, तभी एक कार ने गलती से बच्ची को टक्कर मार दी। कार रुक गई और ड्राइवर मदद के लिए बाहर आया, लेकिन बच्ची घायल हो गई। बहुत से लोग यह देखने आए कि क्या हुआ और यह बहुत डरावना और शोरगुल वाला था। एक कैमरे ने एक भयानक दुर्घटना का वीडियो कैद किया जो सोशल मीडिया पर फैल रहा है। ड्राइवर घायल बच्ची को अस्पताल ले गया, लेकिन फिर वहाँ से चला गया। बच्ची बुरी तरह घायल है और अस्पताल में भर्ती है। खबर के मुताबिक, नोएडा में रहने वाले हरियाणा के अजय शर्मा नाम के एक व्यक्ति का व्यवसाय है। उनकी पत्नी और बेटी घर के बाहर खेल रही थीं, तभी एक पड़ोसी ने उनकी बेटी को कार से टक्कर मार दी और भाग गया। पुलिस उस व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसने यह घटना की है।

एयरपोर्ट के बाद वंदे भारत ट्रेन में बहता झरना? वीडियो वायरल, रेलवे ने दी सफाई

वंदे भारत नामक ट्रेन में झरने की तरह पानी टपक रहा था। लेकिन ट्रेन कंपनी ने कहा कि दरअसल वंदे भारत नहीं, बल्कि कोई दूसरी ट्रेन थी, जिसमें पानी टपक रहा था। दिल्ली एयरपोर्ट पर एक बड़ा हादसा हुआ, जहां बारिश के पानी की वजह से छत गिर गई। अब वंदे भारत नामक ट्रेन में पानी बहने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर फैल रहा है। लेकिन रेलवे ने कहा है कि यह वीडियो वंदे भारत ट्रेन का नहीं है। महुआ मोइत्रा फैन्स नाम के एक व्यक्ति ने X नाम की वेबसाइट पर एक वीडियो पोस्ट किया। पोस्ट में व्यक्ति ने कहा कि भारत में एक विशेष ट्रेन की छत टपक रही है, इसलिए यात्रियों को ट्रेन में यात्रा करते समय मुफ्त में नहाने का मौका मिल रहा है। Abki baar #Leakage Sarkar. After Temple, Bridge & Airports…. Here comes the video from Vande Bharat Train. Roof of WORLD CLASS #VandeBharat train is leaking. Passengers in train gets free SHOWER FACILITY. Thank you @AshwiniVaishnaw & @narendramodi 👏🏻👏🏻🙏🏻 pic.twitter.com/mgapdg5R9J — Mahua Moitra Fans (@MahuaMoitraFans) June 28, 2024 ट्रेन ने चीजों को स्पष्ट करने के लिए क्या कहा? ट्रेन कंपनी ने उस वीडियो के बारे में बताया जिसे कई लोगों ने देखा है। उन्होंने कहा कि एक निश्चित तारीख को एक ट्रेन में पानी टपक रहा था। ट्रेन को रोका गया, उसकी जांच की गई और अगले स्टेशन पर पहुंचने से पहले समस्या को ठीक कर दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर क्या हुआ? दिल्ली एयरपोर्ट पर बहुत दुखद घटना हुई, जब बहुत बारिश हो रही थी। छत का एक हिस्सा गिर गया और कुछ लोग घायल हो गए। एक व्यक्ति की मौत भी हो गई। बारिश के कारण छत से झरने की तरह पानी बह रहा था। कुछ गाड़ियाँ भी दब गईं। दिल्ली में भारी बारिश के कारण यह बहुत बुरा हादसा था।

हर्षद मेहता से 2 कदम आगे निकले सीआर भंसाली, वेब सीरीज बनी तो होगी सुपरहिट, पढ़ें पूरी कहानी

सीआरबी घोटाला: यह भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में हुआ एक बहुत बड़ा घोटाला है। यह एक आम आदमी के बारे में है जो बहुत सारा पैसा बनाने की कोशिश में फंस गया और इससे बाहर नहीं निकल पाया। आइए जानें कि चैन रूप भंसाली के साथ क्या हुआ। जब आप शेयर बाजार में घोटाले के बारे में सोचते हैं, तो आपको हर्षद मेहता की याद आती होगी। लेकिन सीआरबी घोटाला नामक एक और बड़ा घोटाला था जिसके बारे में बहुत कम लोग बात करते हैं। इस घोटाले को देश का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड घोटाला कहा जाता था। इसने बहुत से लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने से डरा दिया। सीआरबी घोटाला भारतीय शेयर बाजार के सबसे बड़े घोटालों में से एक है। इसमें चैन रूप भंसाली नाम का एक शख्स शामिल है, जो एक मध्यमवर्गीय व्यापारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट था। उसने ऐसा खेल खेला जिसने लोगों को चौंका दिया। हर्षद मेहता के बारे में लोकप्रिय वेब सीरीज स्कैम 1992 की तरह, इस घोटाले के बारे में एक वेब सीरीज भी बहुत सफल हो सकती है। चैन रूप भंसाली मूल रूप से राजस्थान के सुजानगढ़ के रहने वाले थे, लेकिन वे कोलकाता चले गए। वे एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे जो जूट के कारोबार से जुड़ा था। 1980 में बी.कॉम की डिग्री प्राप्त करने के बाद वे चार्टर्ड अकाउंटेंट बन गए। उन्होंने सीआरबी कंसल्टेंसी नाम से अपनी खुद की कंसल्टेंसी फर्म शुरू की, जो लोगों को वित्तीय मदद मुहैया कराती थी। भंसाली बहुत जुड़े हुए थे और उनके अलग-अलग क्षेत्रों में कई कनेक्शन थे। उन्होंने कोलकाता में क्लाइंट बनाए और उन्हें वित्तीय मामलों में मदद करने के लिए सेवाएँ देना शुरू किया। भंसाली ने लंबे समय तक स्कूल में पढ़ाई की और कई शानदार डिग्रियाँ हासिल कीं। वे पढ़ाई करते रहे और पत्रकारिता में डिप्लोमा भी किया। वे पैसे कमा रहे थे, लेकिन उन्हें लगा कि उन्हें और चाहिए। इसलिए, वे बेहतर अवसरों की तलाश में दिल्ली चले गए। उन्हें एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई, लेकिन वे बुरे काम करने लगे और उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी। लोगों ने कहा कि वे कंपनी के क्लाइंट से पैसे ले रहे हैं। कैसे शुरू हुआ झूठ? भंसाली ने 1992 में अपनी कंपनी का नाम बदलकर सीआरबी कैपिटल मार्केट्स कर दिया। उन्होंने अगले सालों में सीआरबी म्यूचुअल फंड और सीआरबी शेयर कस्टोडियल सर्विसेज जैसी नई कंपनियाँ भी शुरू कीं। कुल मिलाकर, उसने अपने घोटाले के तहत 133 फर्जी कंपनियां बनाईं। 1990 के दशक में, कई कंपनियाँ जो बैंक नहीं थीं, वित्तीय उद्योग में अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं। भंसाली नाम के एक व्यक्ति ने एक योजना शुरू की, जिसमें उसने लोगों को निवेश करने के लिए अपना पैसा देने पर बहुत सारा पैसा देने का वादा किया। बहुत से लोग इस बात से उत्साहित हुए और उन्होंने उसे अपना पैसा दिया। भंसाली ने अपनी कंपनियों को और अधिक सफल बनाने के लिए शेयरों की कीमतों को भी प्रभावित किया। उनकी एक कंपनी 1992 में 2 करोड़ रुपये से 1996 में 430 करोड़ रुपये तक पहुँच गई। भंसाली हर्षद मेहता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं! सीआरबी कैपिटल मार्केट्स ने व्यवसायों को पैसे से मदद करने और फंड का प्रबंधन करने जैसी विभिन्न सेवाएँ प्रदान कीं। भंसाली ने 1992 से 1996 तक एक सफल व्यवसाय चलाया, जब उन्हें जनता से बहुत सारा पैसा मिला। उनकी मुख्य कंपनी, सीआरबी कैपिटल मार्केट्स ने केवल 3 वर्षों में 176 करोड़ रुपये जुटाए। 1994 में उन्होंने अरिहंत मंगल ग्रोथ स्कीम नाम से एक म्यूचुअल फंड शुरू किया जो 1999 में खत्म हो गया। इस स्कीम से उन्हें 230 करोड़ रुपये और फिक्स्ड डिपॉजिट से 180 करोड़ रुपये मिले। हर्षद मेहता घोटाले के बाद, 1992 से 1995 तक शेयर बाजार में गिरावट आई। बाजार में एक भरोसेमंद व्यक्ति भंसाली ने करीब 900 करोड़ रुपये लेकर अपनी कंपनियों में लगा दिए जो असली नहीं थीं। किसी को उस पर शक नहीं हुआ, लेकिन वह ऐसा करता रहा। धार्मिक गुरुओं और नेताओं ने निवेशकों और ग्राहकों से मिलवाकर सीआर भंसाली की मदद की। भंसाली की कंपनियों की रेटिंग शीर्ष थी और वे निवेशकों को नकद भुगतान की पेशकश कर रही थीं। भंसाली ने अपनी कंपनी के शेयर की कीमतों को बढ़ाने के लिए कुछ चालाकी भरे काम किए। उन्होंने अपनी कंपनी के और शेयर खरीदने के लिए अपने पैसे का इस्तेमाल किया और अपनी स्वामित्व वाली अन्य कंपनियों के साथ सौदे भी किए। इससे उन्हें शेयर बाजार से और पैसे कमाने में मदद मिली। कल्पना कीजिए कि अगर आपके दोस्त ने आपको खिलौने खरीदने के लिए 15 डॉलर दिए और फिर आपने उस पैसे से दूसरे दोस्त के लिए 17 डॉलर के खिलौने खरीदे। फिर उस दोस्त ने उन खिलौनों में से कुछ का इस्तेमाल करके आपके लिए 16 डॉलर के खिलौने खरीदे। यह सब एक बड़ी गड़बड़ी थी और किसी को भी नहीं पता था कि क्या हो रहा था।