नागपुर ब्लास्ट: नागपुर में सोलर विस्फोटक कंपनी में बड़ा धमाका, कम से कम 9 लोगों की मौत, 3 की हालत गंभीर.

नागपुर में एक बेहद दुखद घटना घटी. विस्फोटक बनाने वाली एक कंपनी में बड़ा धमाका हो गया. पुलिस का कहना है कि धमाके में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई. महाराष्ट्र के नागपुर में बहुत बुरा हुआ. एक कंपनी में बड़ा धमाका हुआ है और अफ़सोस की बात है कि 9 लोगों की मौत हो गई है. विस्फोट तब हुआ जब वे कंपनी में कुछ पैक कर रहे थे. पुलिस अभी वहां है और अधिक लोगों को चोट लग सकती है। तीन लोगों की हालत बेहद खराब है. एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नागपुर गांव में सोलर एक्सप्लोसिव कंपनी नाम की कंपनी में बड़ा उछाल आया। अफसोस की बात है कि इस विस्फोट में नौ लोगों की जान चली गई। यह तब हुआ जब वे कंपनी के कास्ट बूस्टर प्लांट में कुछ पैक कर रहे थे। हमारे पास अभी तक सभी विवरण नहीं हैं, लेकिन हम और अधिक जानने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। Maharashtra | Nine people died after there was a blast in the Solar Explosive Company in Bazargaon village of Nagpur. This blast happened at the time of packing in the cast booster plant in the Solar Explosive Company. More details awaited: Harsh Poddar, SP Nagpur Rural — ANI (@ANI) December 17, 2023 डॉ. संदीप पखाले नाम के पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक फैक्ट्री में बड़ा हादसा हुआ है. फैक्ट्री में गोलियां और केमिकल जैसी कई खतरनाक चीजें थीं, इसलिए लोगों और इमारतों को काफी नुकसान हो सकता था. विस्फोट वास्तव में जोरदार था, लेकिन उन्हें अभी तक ठीक से पता नहीं है कि यह कितना भयानक था। उन्हें पता चला कि हादसे में 6 पुरुष और 3 महिलाओं की मौत हो गई. यह फैक्ट्री नागपुर और अमरावती के बीच सड़क पर एक गांव में है और विस्फोट सुबह करीब 9 बजे हुआ. एक कंपनी है जो भारत में अलग-अलग कंपनियों को गोला-बारूद नाम की खास चीजें बेचती है। इनमें से कुछ कंपनियाँ रक्षा से संबंधित हैं। गोला बारूद रसायनों का उपयोग करके बनाया जाता है और विस्फोट हो सकता है। विस्फोट तब हुआ जब वे गोला-बारूद पैक कर रहे थे।
‘मैं प्यार में थी, लेकिन…’, जिस इन्फ्लुएंसर को बॉयफ्रेंड ने SUV से कुचला, बताई झगड़े की वजह

सोशल मीडिया पर मशहूर प्रिया सिंह ने कहा कि अश्वजीत गायकवाड़ से उन्हें ठेस पहुंची है. अश्वजीत महाराष्ट्र के ठाणे के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति का बेटा है। प्रिया ने कहा कि वह उसे डेट कर रही थी, लेकिन वह नहीं जानती थी कि वह पहले से शादीशुदा है। खबरों में एक कहानी है कि मुंबई के पास ठाणे नामक जगह पर कुछ हुआ था। इंस्टाग्राम पर मशहूर और ब्यूटीशियन का काम करने वाली प्रिया सिंह नाम की महिला ने अपने बॉयफ्रेंड पर कार चढ़ाकर उसे चोट पहुंचाने का आरोप लगाया है। जिस शख्स पर वह आरोप लगा रही है उसका नाम अश्वजीत गायकवाड़ है और उसके पिता महाराष्ट्र में सड़क बनाने वाली कंपनी में बड़े पद पर हैं. अब इस स्थिति पर प्रिया ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि वह और अश्वजीत एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे, लेकिन उन्हें पहले नहीं पता था कि वह पहले ही किसी और से शादी कर चुके हैं. प्रिया को पता चला कि वह जिसके साथ थी, गायकवाड़, वह पहले से ही शादीशुदा था। लेकिन गायकवाड़ ने उसे बताया कि वह और उसकी पत्नी अब साथ नहीं हैं. प्रिया ने यह भी कहा कि गायकवाड़ उससे शादी करना चाहते थे और वे लंबे समय से साथ रह रहे थे। View this post on Instagram A post shared by PRIYA SINGH (@priyasingh_official) प्रिया रात में किसी से मिलने गई, लेकिन उस व्यक्ति को अपनी पत्नी के साथ देखकर वह हैरान रह गई। जब उसने उससे बात करने की कोशिश की, तो वह वास्तव में क्रोधित हो गया और वे झगड़ने लगे। मारपीट में प्रिया को चोट लग गयी. उनके दाहिने पैर की तीन हड्डियाँ टूट गई हैं और उनकी सर्जरी करनी पड़ी है। उनके बाएं कंधे से लेकर कूल्हों तक भी गंभीर चोटें आई हैं, जिससे उनका हिलना-डुलना मुश्किल हो गया है। प्रिया ने कहा कि वह चार दिन पहले पुलिस के पास अपने साथ हुई घटना की शिकायत करने गई थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. हालाँकि, जब उसने अपनी कहानी सोशल मीडिया पर साझा की, तो पुलिस ने आखिरकार कार्रवाई की। पीड़िता की वकील दर्शना पवार ने कहा कि उन्होंने सुबह प्रिया को देखा और वह ठीक है लेकिन उसे कुछ गंभीर चोटें आई हैं. वकील ने यह भी कहा कि पुलिस को चोटों की गंभीरता के आधार पर एक निश्चित प्रकार का मामला दर्ज करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
पालघर: ‘ये लोग मुझे मार डालेंगे, 30 हजार भेजो…’ पिता से पैसे ऐंठने के लिए बेटे ने रची अपहरण का नाटक

एक आदमी को उसके बेटे का फोन आया और उसने कहा कि तीन बुरे लोग उसे ले गए हैं और उसे छोड़ने के लिए ढेर सारा पैसा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पैसे नहीं मिले तो वे उसे चोट पहुंचाएंगे। बेटे ने अपने पिता को एक विशेष कोड भी भेजा ताकि वह पैसे भेज सकें। महाराष्ट्र के पालघर नाम की जगह पर वाकई कुछ हैरान करने वाली घटना घटी। एक युवा व्यक्ति जिसकी उम्र 20 वर्ष है, ने अपहरण का नाटक किया ताकि वह अपने पिता से पैसे प्राप्त कर सके। लेकिन पुलिस को पता चल गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. वालिव पुलिस को वसई में फादरवाडी नामक स्थान पर रहने वाले किसी व्यक्ति से एक रिपोर्ट मिली। उन्होंने बताया कि उनका बेटा सात दिसंबर को घर से निकला लेकिन वापस नहीं आया. इसके बाद पुलिस ने इसका रिकॉर्ड बनाया और 8 दिसंबर को लापता हुए लड़के की तलाश शुरू कर दी. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब पुलिस एक समस्या की जांच कर रही थी, तो इसकी सूचना देने वाले व्यक्ति को उनके बच्चे का फोन आया। बच्चे ने बताया कि उन्हें तीन लोग ले गए थे और छोड़ने के लिए काफी पैसे मांग रहे थे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो वे उन्हें बहुत बुरी तरह चोट पहुंचाएंगे. बच्चे ने अपने माता-पिता को एक विशेष कोड भी भेजा ताकि वे पैसे का भुगतान कर सकें। अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के चार समूह अलग-अलग स्थानों पर एक युवा व्यक्ति की तलाश के लिए बनाए गए थे. उन्होंने वसई, विरार, नल्लासोपोरा और अन्य इलाकों में तलाशी ली। अधिकारी ने कहा कि उन्हें कुछ संकेत मिले और शनिवार को उन्हें पता चला कि युवक वसई फाटा में था. पुलिस अधिकारी ने एक युवक से बात की और पता चला कि वह युवक अपने पिता से पैसे चाहता था। लेकिन जब पिता ने मना कर दिया, तो युवा व्यक्ति ने पैसे पाने की कोशिश करने के लिए अपहरण होने की कहानी रची। अब पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।
नवी मुंबई में 24 घंटे के अंदर 6 बच्चे लापता होने से हड़कंप, पुलिस ने एक की तलाश की, अचानक ऐसा क्यों हुआ?

नवी मुंबई में एक बेहद बुरी खबर आ रही है। कुछ बच्चों को बुरे लोगों ने छीन लिया है, और इससे हर कोई बहुत परेशान है। लेकिन चिंता न करें, पुलिस सभी बच्चों को ढूंढने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। जांच शुरू कर उनकी तलाश की जा रही है। वे छह लापता बच्चों में से एक को पहले ही ढूंढ चुके हैं। कल, नवी मुंबई नामक स्थान के विभिन्न हिस्सों से चार लड़कियां और दो लड़के लापता हो गए। यह स्थान महाराष्ट्र नामक राज्य के ठाणे नामक जिले में है। लेकिन चिंता मत कीजिए, पुलिस को लापता बच्चों में से एक मिल गया है। पुलिस ने हमें मंगलवार को यह बताया. लापता बच्चों की उम्र 12 से 15 साल के बीच थी और वे 3 और 4 दिसंबर के बीच गायब हो गए। छह लापता बच्चों में से, एक 12 वर्षीय लड़का ठाणे के एक रेलवे स्टेशन पर पाया गया और पुलिस ने उसे उसके घर वापस जाने में मदद की। परिवार। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन सभी बुरी चीजों के लिए लोगों का एक समूह जिम्मेदार है। फिलहाल वे लापता बच्चों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. एक लड़की जो 13 साल की है एक जन्मदिन की पार्टी में गई और वापस नहीं आई। एक अन्य लड़की जो 14 साल की है वह अपने दोस्त के घर एक धार्मिक कार्यक्रम में गई थी और घर नहीं आई। आख़िरकार, एक 12 वर्षीय लड़की अपना घर छोड़कर चली गई और उसका पता नहीं चला। रबाले में एक 13 साल की लड़की और 13 साल का लड़का लापता हो गए। लड़की स्कूल से वापस नहीं आई और लड़का सार्वजनिक शौचालय में जाने के बाद गायब हो गया। पुलिस अपहरण का मामला दर्ज कर बच्चों की तलाश कर रही है.
पुणे: ‘करोड़ों रुपये की बारिश होगी…’ फर्जी बाबा ने शख्स को दिया चूना, …और उड़ाए लाखों रुपये

पुणे में एक दुष्ट व्यक्ति पवित्र व्यक्ति होने का दिखावा कर रहा था। उन्होंने किसी को यह वादा करके ढेर सारे पैसे देने का झांसा दिया कि एक विशेष समारोह में ढेर सारा पैसा बरसेगा। परन्तु यह सब झूठ था, और दुष्ट व्यक्ति पैसे लेकर भाग गया। एक समय की बात है, पुणे में एक युवक रहता था। उसे जादू-टोना करना बहुत पसंद था। लेकिन उस पर बहुत सारा पैसा पाने का जुनून सवार हो गया। एक दिन एक तांत्रिक नामक चालाक व्यक्ति ने उसे बेवकूफ बना दिया। तांत्रिक ने कहा कि अगर युवक उसे 5 लाख रुपये देगा तो वह बदले में उसे और भी पैसे देगा. लेकिन अफसोस की बात यह है कि युवक को इसके बदले 18 लाख रुपये का नुकसान हो गया। यह कहानी हमें सिखाती है कि पैसों का बहुत अधिक लालच करने से कभी-कभी बुरी चीजें भी घटित हो सकती हैं। विनोद परदेशी की मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो खुद को बाबा कहने का ढोंग करता था। विनोद के दोस्त ने उसे ऐरा शोब नाम के इस फर्जी बाबा से मिलवाया. नकली बाबा ने विनोद को अघोरी पूजा नामक एक विशेष प्रार्थना करने के लिए कहा, यह वादा करते हुए कि इससे बहुत सारा पैसा आएगा। जब वे प्रार्थना कर रहे थे, कुछ पुलिस अधिकारी आये और बाबासाह तरूण नामक एक अन्य व्यक्ति पर हमला कर दिया। उन्होंने प्रार्थना के लिए रखे गए 18 लाख रुपये भी चुरा लिए। जब परदेशी को पता चला कि एक फर्जी बाबा ने इस पूरे बुरे काम की योजना बनाई है, तो वह पुलिस स्टेशन गया। पुलिस अब भोंदू बाबा ऐरा शोब, माधुरी मोरे, रॉकी वैद्य और किशोर पंडागले समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुणे शहर में अक्सर घोटाले होते रहते हैं जहां लोग पैसे के लिए दूसरों को बरगलाने की कोशिश करते हैं। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति नाम का एक समूह है जो लंबे समय से लोगों को इन घोटालों के बारे में आगाह करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दुर्भाग्य से, कुछ लोग अभी भी धोखा खा जाते हैं क्योंकि वे अधिक पैसा प्राप्त करना चाहते हैं। इसलिए इस घटना के बाद भी पुणे में पुलिस सभी को सावधान रहने और लालची न होने के लिए कह रही है।
वीडियो: मुंबई में 4 मंजिला इमारत में लगी भीषण आग, 2 की मौत, दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर

मुंबई की एक ऊंची इमारत में सचमुच भीषण आग लग गई. यह रात में गोमती भवन नामक इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल पर हुआ। मुंबई की एक ऊंची इमारत में सचमुच भीषण आग लग गई. दमकलकर्मी आग बुझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. शहर सरकार ने कहा कि तीन लोगों की मौत हो गई, लेकिन तीन अन्य लोगों को अग्निशामकों ने बचा लिया। #WATCH | Maharashtra: Fire broke out at Gomti Bhawan Building in Mumbai's Girgaon Chowpatty. Firefighting operations are underway. pic.twitter.com/jZHbCxkNUF — ANI (@ANI) December 2, 2023 एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, गोमती भवन नामक इमारत में आग लग गई। यह घटना शाम को इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल पर हुई। आग बुझाने के लिए दमकलकर्मी आठ दमकल गाड़ियों के साथ आए। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आग किस वजह से लगी। बीएमसी (एक सरकारी संस्था) ने कहा है कि मुंबई में गोमती भवन नामक इमारत में भीषण आग लग गई है. इमारत की दूसरी और तीसरी मंजिल पर भीषण आग लग गई.. दमकलकर्मी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. आग बुझाने के लिए पांच लाइनों का उपयोग किया गया है। दो रेखाएँ सीढ़ी से आईं, एक इमारत के उत्तर की ओर से आई, एक इमारत के दक्षिण की ओर से आई, और एक उच्च दबाव रेखा से आई। इससे पहले इसी बिल्डिंग से तीन लोगों को बचाया गया था. अग्निशमनकर्मियों के पास एक एम्बुलेंस तैयार है और वे आग बुझाने का काम कर रहे हैं।
उर्फी जावेद गिरफ्तार: नॉकी जावेद हुई गिरफ्तार? सामने आया वीडियो- जानें क्या है सच

उर्फी जावेद, एक व्यक्ति जिसे हम टीवी से जानते हैं, को पुलिस द्वारा ले जाते हुए कैमरे में कैद किया गया था। उर्फी जावेद नाम की मशहूर शख्सियत एक वीडियो में नजर आईं जहां उन्हें गिरफ्तार किया गया था और सोशल मीडिया पर लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं. वीडियो में पुलिस अधिकारियों ने उनके कपड़ों पर भी टिप्पणी की. हम नहीं जानते कि यह सच है या सिर्फ ध्यान आकर्षित करने का एक तरीका है। सोशल मीडिया पर लोगों की इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं तो कुछ लोग उनका समर्थन भी कर रहे हैं. View this post on Instagram A post shared by Viral Bhayani (@viralbhayani) जो वीडियो कई लोग देख रहे हैं उसमें कहा जा रहा है कि उर्फी जावेद को मुंबई में पुलिस ले गई है. वीडियो में उर्फी सुबह कॉफी लेने जाती नजर आ रही हैं. फिर, कुछ लोगों ने कहा कि वे पुलिस अधिकारी हैं, उर्फी को ले गए। एक महिला पुलिस अधिकारी ने उर्फी को अपने साथ पुलिस स्टेशन चलने के लिए कहा। उर्फी ने पूछा क्यों, और अधिकारी ने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि उर्फी ने ऐसे कपड़े पहने थे जो कुछ लोगों को बहुत छोटे लगे। उर्फी ने लाल रंग का टॉप पहना हुआ था जिसमें उसकी पीठ और जींस दिख रही थी। जब उसने पुलिस अधिकारी से पूछा कि वे उसे क्यों परेशान कर रहे हैं, तो उन्होंने उसे पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा और उसे गिरफ्तार कर लिया। लेकिन हम नहीं जानते कि वीडियो असली है या सिर्फ ध्यान आकर्षित करने का एक तरीका है। आप JioSaavn.com पर जाकर नए गाने सुन सकते हैं।
काली-पीली टैक्सी: मुंबई की सड़कों पर अब नहीं दिखेंगी काली-पीली टैक्सियां, 30 अक्टूबर को खत्म होगा ‘पद्मिनी’ का सफर, जानें क्यों लिया गया ये फैसला?

‘काली पीली‘ टैक्सी, जिसे ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सी के नाम से भी जाना जाता है, अब मुंबई की सड़कों पर नजर नहीं आएगी। यह टैक्सी सेवा कई वर्षों से शहर के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रही है। ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सी मुंबई के लिए गौरव का प्रतीक है और जब भी कोई इस शहर के बारे में सोचता है तो उसके मन में अक्सर इसी टैक्सी की तस्वीर आती है। यह लंबे समय से लोगों के लिए परिवहन का एक लोकप्रिय और सुविधाजनक साधन रहा है। ‘काली पीली’ नाम टैक्सी के काले और पीले रंग से आया है। शहर के लोगों को यह टैक्सी सेवा काफी पसंद है, लेकिन अब काफी लंबे समय बाद यह बंद होने जा रही है। फैंसी ऐप्स के साथ नई टैक्सी सेवाएँ हैं, और उसके कारण, पुरानी काली और पीली टैक्सियों का अब उपयोग नहीं किया जाएगा। ऐसा लाल डबल डेकर बसों के भी सड़कों से हटने के बाद हो रहा है. तो अब, हम उन टैक्सियों को आसपास नहीं देखेंगे। सरकार के परिवहन विभाग के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि आखिरी ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सी को आधिकारिक तौर पर 29 अक्टूबर, 2003 को एक विशिष्ट स्थान पर काली-पीली टैक्सी के रूप में पंजीकृत किया गया था। चूंकि नियम यह है कि टैक्सियाँ केवल 20 लोगों के लिए ही चल सकती हैं। साल, सोमवार से अब मुंबई में ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सियों को चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मुंबई में आखिरी प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी की मालिक प्रभादेवी ने कहा कि यह उनके और शहर के लिए बहुत खास है। कुछ लोग इनमें से कम से कम एक टैक्सी को सड़क पर या संग्रहालय में रखना चाहते हैं क्योंकि वे लंबे समय से मुंबई का हिस्सा रहे हैं और कई लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। डेनियल सिकेरा, जिन्हें पुरानी टैक्सी कारें बहुत पसंद हैं, ने कहा कि ये टैक्सियाँ पचास वर्षों से भी अधिक समय से मौजूद हैं और विभिन्न पीढ़ियों के लोगों का इनसे गहरा भावनात्मक संबंध है। बहुत समय पहले मुंबई में टैक्सी चालकों ने सरकार से कम से कम एक विशेष प्रकार की टैक्सी रखने की मांग की थी, लेकिन सरकार नहीं मानी। अब इन टैक्सियों की तस्वीरें आप मुंबई की दीवारों पर ही देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही यह धीरे-धीरे खत्म हो गया है, लेकिन लोग अब भी इसे पसंद करते हैं। मुंबई टैक्सीमेन यूनियन के प्रभारी एएल क्वाड्रोस को याद आया कि प्रीमियर पद्मिनी एक प्रकार की टैक्सी हुआ करती थी। इसका इस्तेमाल 1964 में टैक्सी के रूप में किया जाने लगा और यह फिएट-1100 डिलाइट कार मॉडल पर आधारित थी।
खाना देने में देरी हुई तो बेटे ने गुस्से में आकर अपनी मां की पिटाई की, हंसिया मारकर हत्या कर दी और फिर जिंदा जला दिया.

रायगढ़ नाम की जगह पर बेहद डरावनी स्थिति में एक बेटे ने अपनी मां को बहुत बुरी तरह चोट पहुंचाई. उनमें झगड़ा हो गया क्योंकि वह उसे खाना नहीं देना चाहता था। उसने अपनी मां पर किसी धारदार हथियार से वार किया, जिससे उनका काफी खून बह गया। फिर, उसने आग जलाई और अपनी माँ को उसमें डाल दिया। उसे बहुत चोट लगी और बाद में जब डॉक्टरों ने उसकी मदद करने की कोशिश की तो उसकी मौत हो गई। महाराष्ट्र में कुछ बेहद दुखद और डरावना हुआ. एक आदमी ने अपनी ही माँ को चोट पहुँचाई और उसे बहुत बीमार कर दिया। वह आदमी गुस्से में था क्योंकि उसकी माँ ने उसे खाना दिया था, और उसने पहले उसे चोट पहुँचाई थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जयेश खोत नाम के शख्स का रात के खाने को लेकर अपनी बूढ़ी मां चंगुना खोत से झगड़ा हो गया. उसे बहुत गुस्सा आया और उसने उन्हें डंडे से मारा. फिर, उसने उनके सिर पर चोट पहुंचाने के लिए दरांती नामक एक तेज उपकरण का इस्तेमाल किया। इसके बाद वह अपनी मां को बाहर खींच ले गया और फिर से दरांती से उसे घायल कर दिया. फिर उसने उस पर कूड़ा और सूखी लकड़ी डालकर आग लगा दी. कोई इलाज के लिए अस्पताल गया, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस को पता चला कि उस व्यक्ति के बेटे ने उन्हें चोट पहुँचाने या मारने के लिए कुछ किया होगा। उन्होंने बेटे को गिरफ्तार कर लिया और उस पर किसी को मारने की कोशिश करने और उन्हें धमकी देने जैसे विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया।
फर्जी एसीबी अधिकारी बनकर अधिकारी के घर पहुंचे और धावा बोला, 35 लाख रुपये लूटे और…

जिस व्यक्ति पर आरोप लगाया गया था उसने कहा कि वे एसीबी के अधिकारी थे और एक सेवानिवृत्त पीडब्ल्यूडी अधिकारी के घर में गए। पुलिस ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया जो चोरों के एक समूह का प्रभारी था। उन्होंने तीन महीने पहले नवी मुंबई में एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के घर से बहुत सारा पैसा और कीमती सामान चुरा लिया। सरकार के लिए काम करने वाले किसी शख्स ने बुधवार को लोगों को इस बारे में बताया. करीब तीन महीने पहले कुछ ऐसा हुआ. 21 जुलाई को छह लोगों ने खुद को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले एक विशेष समूह का अधिकारी बताया. वे किसी ऐसे व्यक्ति के घर में गये जो लोक निर्माण नामक सरकारी विभाग में काम करता था। लोगों के एक समूह ने तलाशी ली और 34.85 लाख रुपये के पैसे और कीमती सामान ले गए। उन्होंने लूटे गए व्यक्ति को यह कहकर भी डराया कि अगर उसने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे उसकी पत्नी को नुकसान पहुंचाएंगे। पुलिस को घटना के बारे में बताया गया और उन्होंने गिरोह के खिलाफ चोरी करने, डराने-धमकाने, सरकारी अधिकारी होने का नाटक करने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। विरार में पुलिस ने कुछ गलत करने के आरोप में 11 लोगों को गिरफ्तार किया, और वे अभी भी इसके प्रभारी व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं। उनका नाम अमित वारिक है और उनकी उम्र 35 साल है. उन्होंने कहा कि नवी मुंबई पुलिस को पता चला कि वारिक विरार के चंदनसर में है. उन्होंने 22 अक्टूबर को उसे पकड़ने के लिए विरार पुलिस के साथ मिलकर काम किया।