पाकिस्तान में शादी कर मुंबई की नगमा बनी सनम खान, पुलिस ने की जांच तो रह गई दंग

मुंबई की नगमा नाम की एक महिला मुसीबत में पड़ गई और उसने एक दुकानदार की मदद से कुछ नियम तोड़े। इस वजह से उसे कानून का सामना करना पड़ा। अगस्त की शुरुआत में उसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया गया था, लेकिन उसने जज से यह नहीं पूछा कि क्या ऐसा करना ठीक है। मुंबई की नगमा नाम की एक महिला ने अपना नाम बदलकर सनम खान रख लिया क्योंकि उसने ऑनलाइन पाकिस्तान के एक व्यक्ति से शादी कर ली थी। पुलिस यह जानकर हैरान रह गई कि उसने अपना नाम ऐसे तरीके से बदला जिसकी अनुमति नहीं थी। जब उन्होंने पाकिस्तान जाने के लिए उसके यात्रा दस्तावेजों की जाँच की, तो उन्हें यह पता चला। अब, वह पुलिस के साथ मुसीबत में है, जो यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर हुआ क्या था। हालाँकि उसे अगस्त की शुरुआत में जमानत पर छोड़ दिया गया था, लेकिन वह तब तक पाकिस्तान वापस नहीं जा सकती जब तक कि जज उसे ठीक न कहे। नगमा नूर मकसूद अली, जो अब 27 साल की हैं, ने लगभग दस साल पहले 18 साल की उम्र में एक दुकानदार की मदद से आधार कार्ड नामक एक विशेष पहचान पत्र बनवाया था। उसे अपना जन्म नाम वास्तव में पसंद नहीं था, इसलिए उसने इसे बदलकर सनम खान रखने का फैसला किया। पुलिस को पता चला कि उसने अपना नाम और जन्म वर्ष भी 1997 से बदलकर 2001 कर लिया था और उन्होंने कहा कि उसने दुकानदार को इसके लिए 20,000 रुपये दिए थे। उसने जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड और नए नाम से आधार कार्ड बनवाया, लेकिन अब उसे अपने द्वारा इस्तेमाल किए गए कागजात में गड़बड़ी के कारण गिरफ्तार कर लिया गया है। नगमा के पति का 2019 में निधन हो गया। मई 2021 में जब वह फेसबुक देख रही थी, तो उसकी मुलाकात बाबर नाम के एक व्यक्ति से हुई जो पाकिस्तान में रहता है। नगमा ने उसे बताया कि वह पहले शादीशुदा थी और उसकी दो छोटी बेटियाँ हैं। वे दोनों एक साथ रिलेशनशिप में रहना चाहते थे। 2022 में उसके माता-पिता ने उससे वीडियो कॉल के ज़रिए बात की। फिर 2023 में नगमा ने कुछ ज़रूरी कागजात का इस्तेमाल करके अपने और अपनी बेटियों के लिए पासपोर्ट बनवा लिया। 25 जुलाई को पुलिस ने नगमा को गिरफ़्तार कर लिया क्योंकि उन्होंने कहा कि उसने फ़र्जी कागज़ात का इस्तेमाल करके अपना पहचान पत्र बनवाया था। इसके तुरंत बाद उसे छोड़ दिया गया। इसी कारण एक दुकानदार भी मुसीबत में पड़ गया और उसे भी गिरफ़्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि उन्हें लगता है कि नगमा को शायद यह पता नहीं था कि वह कुछ गलत कर रही है।

‘ये जो हो रहा है, बहुत चौंकाने वाला है?’ बदलापुर की घटना पर HC नाराज, पुलिस को फटकार- कार्रवाई करने में नहीं हिचकिचाएंगे

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामला महाराष्ट्र के बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के साथ हुई मारपीट के बारे में है। बॉम्बे हाई कोर्ट, जो एक बड़ी और महत्वपूर्ण अदालत है, ने कहा कि लड़कियों के साथ जो हुआ वह बहुत ही परेशान करने वाला था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमें हमेशा लड़कियों को सुरक्षित रखना चाहिए और ऐसा न करने के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि स्कूल को दंडित किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने किसी को भी इस बुरी घटना के बारे में नहीं बताया, जबकि उन्हें इसके बारे में पता था। उन्होंने पुलिस से यह भी कहा कि उन्होंने जांच शुरू करने में बहुत देर कर दी। बदलापुर मामले के बारे में बात करते समय हाई कोर्ट वास्तव में परेशान था। उन्होंने पुलिस से इस बारे में बहुत सारे सवाल पूछे कि उन्होंने इस मामले को कैसे संभाला और उन्हें बताया कि उन्होंने बहुत खराब काम किया। बदलापुर मामले में जो हुआ उससे न्यायाधीश दुखी थे और उन्होंने कहा कि अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं, तो बच्चों के सीखने और स्कूल जाने के बारे में बात करने का क्या मतलब है। दो जजों, जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने आज यानी गुरुवार को मामले की सुनवाई की। कपिल सिब्बल और तुषार मेहता के बीच जोरदार असहमति थी, लेकिन जब वे लंच पर गए, तो CJI चंद्रचूड़ ने उनकी बातों से सहमति जताई। हाईकोर्ट पुलिस से वाकई नाराज है, क्योंकि ऐसा लगता है कि वे अपना काम तभी गंभीरता से करना शुरू करते हैं, जब लोग विरोध करते हैं या किसी बात को लेकर गुस्सा होते हैं। उन्होंने देखा कि 13 तारीख को एक घटना हुई, 16 तारीख को रिपोर्ट दर्ज की गई और उन्होंने 22 तारीख तक पीड़िता से बात भी नहीं की। जज पूछ रहे थे, “यहां क्या हो रहा है?” उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर उन्हें लगता है कि कोई सच छिपाने की कोशिश कर रहा है या ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो वे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कोर्ट ने यह भी बताया कि पुलिस ने अभी तक दूसरी पीड़िता से बात भी नहीं की है। जब कोर्ट ने इस मामले को देखने का फैसला किया, तो उन्होंने जल्दी से आधी रात को दूसरी पीड़िता के पिता से बात की। जजों ने वकील से कहा कि 27 अगस्त को अगली बैठक तक उनके पास बहुत से सवालों के जवाब होंगे। यह वाकई हैरान करने वाला और परेशान करने वाला है। कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं, तो बच्चों के स्कूल जाने और सीखने के बारे में बात करने का क्या फायदा? उन्होंने कहा कि छोटी बच्चियाँ भी जो सिर्फ़ 4 साल की हैं, सुरक्षित नहीं हैं। यह वाकई बहुत बुरी स्थिति है। हाल ही में अक्षय शिंदे नाम के एक व्यक्ति ने स्कूल के बाथरूम में 4 साल की दो बच्चियों के साथ कुछ बहुत गलत किया और बदलापुर में कई लोग इस बात से बहुत परेशान थे।

बदलापुर आंदोलन पर पुलिस का चौंकाने वाला अपडेट, वॉयस रिकॉर्डिंग से साजिश का खुलासा, 68 गिरफ्तार

पुलिस को बदलापुर में हाल ही में हुई एक घटना के बारे में कुछ चौंकाने वाली जानकारी मिली है। इस जानकारी से पता चलता है कि इसमें कौन शामिल था और वे क्या करना चाहते थे। शिवसेना-उद्धव और शिंदे नामक दो समूह पुलिस द्वारा की गई खोज के कारण बहुत बहस कर रहे हैं। बदलापुर में एक बहुत दुखद घटना घटी: 4 और 6 साल की दो छोटी लड़कियों को उनके स्कूल में काम करने वाले एक व्यक्ति ने चोट पहुंचाई। लड़कियों के माता-पिता द्वारा घटना के बारे में बताए जाने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जब इलाके के लोगों को इस बारे में पता चला, तो वे बहुत परेशान हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे, यहाँ तक कि अपना गुस्सा दिखाने के लिए उन्होंने ट्रेनें भी रोक दीं। स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। इस घटना के दौरान कुछ बुरी चीजें भी हुईं। कुछ कारों में आग लगा दी गई और पुलिस को चोटें आईं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उन्हें लाठियों का इस्तेमाल करना पड़ा और कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। बाद में, यह फिर से चालू हो गया। पुलिस ने 68 लोगों को हिरासत में लिया और उन्होंने 300 से ज़्यादा लोगों के बारे में रिपोर्ट लिखी। लेकिन पुलिस को एक चौंकाने वाली बात मिली: उनके पास एक रिकॉर्डिंग है जो इस घटना के दौरान वास्तव में क्या हुआ, इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देती है। लोगों को कैसे पता चला कि स्कूल में एक लड़की को चोट लगी है? जब माता-पिता ने सुना कि बदलापुर में क्या हुआ, तो वे बहुत दुखी हुए और रोने लगे। लोगों ने समय से पहले ही रेलगाड़ियाँ रोकने की योजना बना ली थी। पुलिस को एक रिकॉर्डिंग मिली, जिसमें दिखाया गया कि इलाके के लोग कुछ लड़कियों के चोटिल होने के बाद परेशान थे। पहले तो उनके विरोध प्रदर्शन को संगठित करने में मदद करने वाला कोई नहीं था। फिर, इलाके के बाहर से कुछ लोग इसमें शामिल होने और स्थिति से पैसे कमाने के लिए आए। कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने और लोगों का नेतृत्व करने में मदद की। उनका लक्ष्य सरकार और उसके द्वारा चीजों को संभालने के तरीके को चुनौती देना था। अब तक पुलिस ने इस मामले से जुड़े 68 लोगों को पकड़ा है। कल्याण रेलवे पुलिस ने 28 और बदलापुर ईस्ट वेस्ट पुलिस ने 40 को गिरफ्तार किया है। उन्होंने 300 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और 100 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस प्रदर्शनकारियों की वजह से हुई कुछ बड़ी समस्याओं की जांच कर रही है। उनका कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सरकार की चीज़ों को नुकसान पहुँचाकर, कर्मचारियों को उनके काम करने से रोककर और सरकारी कर्मचारियों को चोट पहुँचाकर कानून तोड़ा है। घटना के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विशेष दल बनाए गए हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि प्रदर्शन कर रहे कई लोग उस इलाके के नहीं थे। उन्होंने सभी से सावधान रहने और किसी भी झूठी कहानी पर विश्वास न करने को कहा है। शिवसेना नामक एक समूह के नेता ने कहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला एक अन्य समूह बदलापुर नामक जगह पर उपद्रव मचा रहा है। उन्होंने दावा किया कि ट्रेन की पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे लोग बदलापुर के नहीं थे, बल्कि मुंब्रा, पनवेल और नवी मुंबई जैसी अन्य जगहों से आए थे। उनका मानना ​​है कि उद्धव ठाकरे का समूह बदलापुर को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। शिवसेना नामक समूह के नेता संजय राउत ने कहा कि लोग बहुत परेशान हैं और अपनी भावनाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि ये लोग बुरे या अपराधी नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो कुछ हो रहा है उसके लिए विरोधी समूह को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लोग अब पुलिस से नहीं डरते। राउत ने सरकार के प्रति गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि वे लड़कियों को उनके साथ होने वाली बुरी घटनाओं से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों का ऐलान क्यों नहीं हुआ? चुनाव आयोग ने बताई 3 बड़ी वजहें

मुख्य चुनाव आयुक्त ने तीन कारण बताते हुए बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी तक क्यों नहीं हुआ है। इस बार मुकाबला काफी कड़ा होने की उम्मीद है। महाविकास अघाड़ी समूह का नेतृत्व कर रही उद्धव ठाकरे की शिवसेना लंबे समय से चुनाव की तैयारी कर रही है। वहीं, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति समूह अभी भी सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर रही है। इसलिए चुनाव की तारीखों का खुलासा होने में कुछ और समय लगेगा। कई लोगों को लगा था कि चुनाव आयोग हरियाणा और जम्मू-कश्मीर चुनावों के साथ ही महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव आयोग ने बताया कि उसने महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी तक क्यों नहीं किया है। महाराष्ट्र और हरियाणा दो जगहों पर विधानसभा चुनाव एक साथ होने थे। इसलिए सभी को लगा कि जब हरियाणा के चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा तो महाराष्ट्र के भी तारीखों का ऐलान हो जाएगा। सभी राजनीतिक दल इन चुनावों की तैयारी में जुटे थे। लेकिन आखिरी समय में मुख्य चुनाव आयुक्त ने सिर्फ जम्मू-कश्मीर और हरियाणा की तारीखों का ऐलान किया। जब लोगों ने पूछा कि उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों का ऐलान क्यों नहीं किया तो उन्होंने इसकी वजह बताई। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि महाराष्ट्र में अभी विधानसभा चुनाव न होने की मुख्य वजह बारिश और त्यौहार हैं। इस मौसम में महाराष्ट्र में बहुत बारिश हो रही है और आयोग नहीं चाहता कि बारिश की वजह से मतदान में बाधा आए। इसके अलावा, बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण काम अभी पूरे नहीं हुए हैं। चुनाव कराने से पहले हमें इन सभी बातों का ध्यान रखना होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपने फैसले के पीछे तीसरी वजह बताई: सुरक्षा गार्डों की संख्या। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले हैं, जहां अधिक सुरक्षा गार्डों की जरूरत है क्योंकि हाल ही में वहां आतंकवादी घटनाएं अधिक हुई हैं। इस वजह से उन्होंने केवल दो राज्यों में एक ही समय पर चुनाव कराने का फैसला किया ताकि सभी को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा गार्ड उपलब्ध हो सकें।

आओ मैं तुमसे मिलना चाहता हूं… लड़कियों के एक फोन पर दौड़े चले आते थे बुजुर्ग, फिर जो हुआ उसे देख पुलिस भी रह गई दंग

पुणे में महिलाओं का एक समूह बुजुर्गों को धोखा देकर उनके पैसे चुराते हुए पकड़ा गया। वे बुजुर्गों को फोन करके उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेती थीं। इस गिरोह में एक पुलिस अधिकारी भी शामिल था। पुणे में कुछ दुष्ट महिलाओं को पुलिस ने बुजुर्गों को धोखा देकर उनके पैसे चुराने के आरोप में पकड़ा। इनमें से एक पुलिस अधिकारी भी इस दुष्ट काम में शामिल था, लेकिन जब उसे पता चला कि महिलाएं पकड़ी गई हैं तो वह भाग गया। पुलिस अब उसकी तलाश कर रही है। पुणे में एक 64 वर्षीय व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि कुछ महिलाओं ने उसे धोखा देकर उसके पैसे चुरा लिए। पुलिस ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया जो बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले एक समूह का हिस्सा थीं। लोग उनकी रिपोर्ट करने से डरते हैं क्योंकि उनकी छवि खराब है। एक बुजुर्ग व्यक्ति से अलका नाम की महिला ने दो बार पैसे मांगे, उसने दावा किया कि यह पैसे उसके इलाज के लिए हैं। अलका ने फिर उसे एक लॉज में मिलने के लिए बुलाया, जहाँ उसने पैसे लौटाने का वादा किया। हालाँकि, जब वह व्यक्ति वहाँ पहुँचा, तो उसकी मुलाकात अलका, दो अन्य महिलाओं और एक व्यक्ति से हुई, जिसने उसे धमकाया और उस पर गलत काम करने का आरोप लगाया। अलका रोने लगी, जिससे बुजुर्ग व्यक्ति भ्रमित और भयभीत महसूस करने लगा। बुजुर्ग व्यक्ति से फिरौती के तौर पर पांच लाख देने को कहा गया, लेकिन वह तीन लाख देने को तैयार हो गया। महिलाओं ने उसकी जेब से 20 हजार रुपए निकाल लिए और उसके खाते से 60 हजार और निकालने की कोशिश की, लेकिन गलत पिन डालने के कारण वे असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने उसकी अंगूठियां ले लीं और उन्हें एक जौहरी की दुकान पर बेच दिया। बाद में पता चला कि इस योजना के पीछे पीएसआई काशीनाथ मारुति नामक एक पुलिस अधिकारी का हाथ था और वह फिलहाल लापता है।

ईमेल भेजकर पूर्व पति को करती थी बदनाम… पति की करानी पड़ी सर्जरी, दिल्ली कोर्ट ने पत्नी को दी ऐसी सजा…

दिल्ली में एक विशेष मामले में, एक व्यक्ति द्वारा अपनी पूर्व पत्नी से परेशान किए जाने के मामले में कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया जो बेहद चौंकाने वाला है। आइए जानें कि क्या हुआ। सरल शब्दों में कहें तो इसका मतलब है कि अगर कोई किसी दूसरे व्यक्ति के साथ कुछ गलत करता है, तो उसे कानून द्वारा दंडित किया जाएगा, चाहे वह पुरुष हो या महिला। इस मामले में, एक महिला को अपने पूर्व पति को चोट पहुँचाने और उसे बीमार करने का दोषी पाया गया। उसे अपने कार्यों के कारण उसके इलाज के लिए बहुत सारा पैसा देना पड़ा। पूर्व पत्नी अपने पूर्व पति के चाचा को बुरे-बुरे ईमेल भेजती रहती थी और उसे अपनी बेटी से मिलने नहीं देती थी। पूर्व पति दुखी था क्योंकि वह अपनी बेटी के साथ नहीं रह सकता था। पूर्व पत्नी ने अपने दोस्तों को ईमेल में भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। साकेत कोर्ट ने कहा कि महिला ने कुछ गलत किया है और फैसला सुनाया। दिल्ली के जज ने कहा कि महिला ने अपने पूर्व पति के साथ कुछ बुरा किया है और अब उसे उसे बहुत सारा पैसा देना होगा। जज ने यह फैसला इसलिए सुनाया क्योंकि महिला की हरकतों से उसका पति दुखी था और इससे उसकी नौकरी पर असर पड़ा। जज ने फैसला करने के लिए ईमेल और दूसरी चीजें देखीं। यह 29 जुलाई को हुआ। पूर्व पत्नी क्या सोचती है या क्या मानती है? महिला कह रही है कि पुरुष की शिकायत सच नहीं है और उसे मतलबी और परेशानी पैदा करने के लिए बनाया गया है। उसने यह भी कहा कि शिकायत की अनुमति नहीं है क्योंकि यह उन चीजों के बारे में है जो बहुत पहले हुई थीं। पुरुष ने जज से कहा कि उसकी पूर्व पत्नी ने उसके साथ बुरा किया और वह चाहता है कि वह इसकी कीमत चुकाए। 2001 में दो लोगों ने शादी की। 2021 में, एक अदालत ने फैसला सुनाया कि उन्हें अब शादी नहीं करनी चाहिए क्योंकि उनमें से एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता था। पति ने कहा कि पत्नी 2009 में उनके बच्चे को लेकर चली गई और अलग-अलग अदालतों में उसके और उसके परिवार के बारे में झूठ बोला। शादी खत्म होने के बाद भी, पत्नी पति के बीमार चाचा के बारे में बुरी बातें कहती रही जो उसका बॉस भी था।

बेटे के लिए फ्लाइट टिकट, रिश्तेदार को मैसेज… इस मामले ने हिला दिया पुलिस का दिमाग, क्या है पूरा मामला?

मुंबई में, सामान बेचने वाले एक व्यक्ति को बहुत गुस्सा आया और उसने अपनी पत्नी को चोट पहुंचाई जो लोगों के शरीर के दर्द में मदद करती है। फिर, उसने कुछ बहुत बुरा किया और खुद को भी चोट पहुंचाई। मुंबई में, गोरेगांव की एक इमारत में एक पुरुष और एक महिला मृत पाए गए। महिला एक अपार्टमेंट में पाई गई और पुरुष इमारत के एक अलग क्षेत्र में पाया गया। पुलिस को लगता है कि पुरुष ने महिला की हत्या की होगी और फिर खुद की जान लेने के लिए इमारत से कूद गया होगा। पुलिस मामले की सावधानीपूर्वक जांच कर रही है। मुंबई में पुलिस को 2 अगस्त को एक शव मिलने की सूचना मिली थी। वे तुरंत उस स्थान पर गए, एक महिला को उसके अपार्टमेंट में गला घोंटकर मार दिया गया था, और पता चला कि वह एक ऐसे व्यक्ति से विवाहित थी जिसने एक इमारत से छलांग लगा दी थी। वह व्यक्ति नीचे सड़क पर मृत पाया गया। ऐसा लगता है कि वह व्यक्ति बहुत दुखी था और उसने अपनी जान लेने से पहले अपनी पत्नी को मार डाला था। उन्होंने ऐसा करने से पहले एक रिश्तेदार को मैसेज भी किया था और अपने बेटे के लिए फ्लाइट भी बुक की थी। पुलिस अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ऐसा क्यों हुआ। दंपति के बेटे, जो दिल्ली में रहता है, को इस बारे में बताया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

एक नहीं, दो नहीं बल्कि 20 से ज्यादा लड़कियों की थी डिमांड, तलाकशुदा और विधवा महिलाएं थीं पहली पसंद

जिन वेबसाइटों पर लोग पति या पत्नी की तलाश करते हैं, वहां वह खुद को अविवाहित और नौकरीपेशा बताता था, जबकि वह वास्तव में शादीशुदा था। वह केवल उन महिलाओं से संपर्क करता था, जो पहले से शादीशुदा थीं। वह अपने झूठ में इतना फंस जाता था कि महिलाएं भी उसे बहुत पसंद करने लगती थीं। कुछ लोगों को घूमना-फिरना पसंद होता है, कुछ को खाना-पीना पसंद होता है और कुछ को दोस्त बनाना पसंद होता है। लेकिन इस व्यक्ति को शादी करना बहुत पसंद था। उसने सिर्फ एक या दो लोगों से नहीं, बल्कि 20 से ज़्यादा लोगों से शादी की! उसकी सभी शादियों की वजह से उसका परिवार पूरे देश में फैला हुआ है। भले ही वह 43 साल का था, फिर भी उसे कुछ लोगों को अविवाहित या तलाकशुदा कहना पसंद था। वह वेबसाइटों पर साथी की तलाश में विज्ञापन पोस्ट करता था और तलाकशुदा या विधवा महिलाओं से संपर्क करता था। जब वह उनसे बात करता था, तो वह बहुत आकर्षक होता था और वे तुरंत उससे प्यार करने लगती थीं और उसे सब कुछ दे देती थीं। ऐसा लगता था कि उसके पास शब्दों का एक खास तरीका था, जिससे लोग उस पर भरोसा करते थे। महाराष्ट्र के पालघर नामक जगह पर पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा, जिसने अलग-अलग जगहों पर 20 से ज़्यादा महिलाओं से शादी की थी। वह व्यक्ति महिलाओं से शादी करता, उनके पैसे और सामान लेता और फिर भाग जाता। पुलिस ने कल्याण से फिरोज नियाज शेख नामक व्यक्ति को नाला सोपारा की एक महिला के साथ कुछ गलत करने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस क्षेत्र के प्रभारी मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस हैं। विजय सिंह भागल नामक एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिरोज नियाज शेख नामक व्यक्ति ने शादी करने के इच्छुक लोगों के लिए एक वेबसाइट पर एक महिला से दोस्ती की। उनकी शादी हो गई, लेकिन फिर नियाज शेख ने महिला से पैसे, एक लैपटॉप और अन्य कीमती सामान ले लिए। उसने अक्टूबर और नवंबर 2023 में उससे करीब 6.5 लाख रुपये लिए। जब ​​महिला को पता चला कि उसके साथ धोखा हुआ है, तो उसने पुलिस को बताया। उन्होंने जांच की और नियाज शेख को गिरफ्तार कर लिया, और महिला से छीनी गई कुछ चीजें वापस ले लीं। जब पुलिस ने नियाज शेख से बात की, तो उन्हें कुछ वाकई चौंकाने वाली बातें पता चलीं। उन्हें पता चला कि शेख डेटिंग वेबसाइट पर तलाकशुदा या विधवा महिलाओं को धोखा देता था, उनसे शादी करता था और उनकी कीमती चीजें चुरा लेता था। नियाज़ शेख ने 2015 से अब तक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे भारत के विभिन्न स्थानों में 20 से अधिक महिलाओं को धोखा दिया है।

आइसक्रीम में किसकी उंगली थी पता चल गया, DNA रिपोर्ट ने बताई सच्चाई, FIR दर्ज

मुंबई में एक व्यक्ति को ऑनलाइन ऑर्डर करने के बाद अपनी आइसक्रीम में उंगली का टुकड़ा मिला। मुंबई पुलिस अब जांच कर रही है कि आखिर हुआ क्या था। मुंबई में एक डरावनी घटना हुई, जहां किसी व्यक्ति को अपनी आइसक्रीम में उंगली मिली। अब पुलिस ने पता लगा लिया है कि उंगली किसकी थी और आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी की जांच कर रही है। इस घटना ने देश में हर किसी को ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने को लेकर चिंतित कर दिया है। पुणे की एक कंपनी में काम करने वाले ओमकार पोटे नामक व्यक्ति ने आइसक्रीम पैक करते समय गलती से अपनी उंगली काट ली। कंपनी ने पैक करने से पहले आइसक्रीम की ठीक से जांच नहीं की और कटी हुई उंगली आइसक्रीम में चली गई। पुलिस अब कंपनी की लापरवाही की जांच कर रही है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। आइसक्रीम इंटरनेट से खरीदी गई थी। मुंबई के मलाड में एक लड़के को आइसक्रीम खाते समय उसमें एक व्यक्ति की उंगली का टुकड़ा मिला। जब उसे पता चला कि वह क्या है, तो उसने पुलिस को इस बारे में बताया। आइसक्रीम को Zepto नामक ग्रॉसरी डिलीवरी ऐप से ऑर्डर किया गया था। यह आइसक्रीम का ब्रांड था। युम्मो नामक ब्रांड की आइसक्रीम में एक इंसानी उंगली पाई गई। युम्मो की शुरुआत 2012 में हुई थी और इसका स्वामित्व वाको फूड कंपनी के पास है। वे अलग-अलग तरह के जमे हुए डेसर्ट और खाद्य पदार्थ बनाते हैं। उंगली वाली आइसक्रीम की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर हैं और लोग परेशान हैं। वे चाहते हैं कि इस बारे में कुछ किया जाए।

अमेरिका में नौकरी दिलाने के नाम पर ₹40 लाख की ठगी, गिरफ्तारी के डर से विदेश भाग रहा था, मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार

धरमिंदर सिंह ने सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह को नकली नाविक की किताब देकर धोखा दिया और उनसे 10 लाख रुपये ले लिए। जब वे मेक्सिको पहुंचे, तो वे सभी धरमिंदर सिंह को 30 लाख रुपये देने पर सहमत हुए। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह नाम के दो लोगों को पकड़ा, जिनके पास नकली सीमैन बुक थी, जब वे इस्तांबुल से दिल्ली वापस आए। इमिग्रेशन ब्यूरो ने उन्हें पूछताछ के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस को दे दिया। उन्होंने पुलिस को बताया कि धरमिंदर सिंह नाम के शख्स ने उन्हें नकली किताब दी थी. एयरपोर्ट पर कार्यरत डीसीपी उषा रंगनानी ने दो ऐसे लोगों से बात की जो बेहतर जिंदगी के लिए अमेरिका जाना चाहते थे. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात धरमिंदर सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति से हुई. धरमिंदर ने वादा किया कि अगर वे उसे 40 लाख रुपये देंगे तो वह उनमें से एक को विदेश जाने में मदद करेगा। उन्होंने उसे पहले ही 10 लाख रुपये दे दिए थे और 6 लाख रुपये बैंक खाते में डाल दिए थे जबकि बाकी 4 लाख रुपये धरमिंदर को नकद दे दिए थे। सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह ने कुछ गलत करने की बात स्वीकार की, इसलिए पुलिस इसमें शामिल धरमिंदर सिंह नाम के एक अन्य व्यक्ति को ढूंढना चाहती थी। उन्होंने धरमिंदर सिंह को पकड़ने के लिए यशपाल सिंह नाम के एक पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम बनाई। टीम में सरोज नाम की एक महिला पुलिसकर्मी और ओमप्रकाश नाम का एक अन्य अधिकारी भी था. पुलिस को सूचना मिली कि धरमिंदर सिंह मुंबई एयरपोर्ट से दूसरे देश भागने की फिराक में है. डीसीपी उषा रंगनानी को कुछ जानकारी मिली और उन्होंने तुरंत एक टीम मुंबई एयरपोर्ट पर भेजी. उन्होंने धरमिंदर सिंह नाम के एक शख्स को पकड़ा, जो मूल रूप से पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला है. वह दुबई में ठेकेदार के रूप में काम करता है। पुलिस को पता चला कि वह पंजाब में विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को बरगलाने के लिए लोगों के साथ काम कर रहा है। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने सविंदर पाल सिंह और गगनप्रीत सिंह को एक निश्चित रकम पर मैक्सिको भेजने का समझौता किया था. वे कुल मिलाकर 40 लाख रुपये देने पर सहमत हुए, लेकिन शुरुआत में उन्होंने केवल 10 लाख रुपये का भुगतान किया। उन्होंने 6 लाख रुपये बैंक खाते में डाले और 4 लाख रुपये नकद दिए। उन्होंने शेष 30 लाख रुपये मेक्सिको पहुंचने पर देने की योजना बनाई।