आरजी कर हत्याकांड: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर कसा शिकंजा, सीबीआई कर सकती है गिरफ्तारी, क्या पकड़े जाएंगी कई बड़ी मछलियां?

गंभीर अपराधों की जांच करने वाली सीबीआई, संदीप घोष पर कड़ी नजर रख रही है, जो कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल हुआ करते थे। वे जल्द ही उन्हें गिरफ्तार भी कर सकते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे एक गंभीर अपराध के बारे में बहुत कुछ जानते हैं। अभी, संदीप से बहुत पूछताछ की जा रही है, और आज वे पॉलीग्राफ नामक एक विशेष परीक्षण कर रहे हैं, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि कोई सच बोल रहा है या नहीं। सीबीआई ने अभी तक उन्हें किसी भी गलत काम से मुक्त नहीं किया है। इसके अलावा, वे मेडिकल कॉलेज में कुछ पैसे की समस्याओं की जांच करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें धोखाधड़ी शामिल हो सकती है। यदि सीबीआई, जो गंभीर समस्याओं की जांच करने वाली एक विशेष समूह है, संदीप घोष की जांच करने का फैसला करती है, जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रमुख हुआ करते थे, तो उनके लिए उनकी नजर से बचना बहुत मुश्किल होगा। उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। जब सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई बुरी चीजों की जांच शुरू करेगी, तो उन्हें कई ऐसे लोग मिल सकते हैं, जो महत्वपूर्ण और कम महत्वपूर्ण दोनों हैं, जिन्होंने गलत काम किए हैं। इससे अस्पताल में लंबे समय से चल रही पैसों की समस्याओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। पॉलीग्राफ टेस्ट, जिसे अक्सर झूठ डिटेक्टर टेस्ट कहा जाता है, यह जांचने का एक तरीका है कि कोई व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। यह इस बात पर गौर करता है कि सवालों के जवाब देते समय उसका दिल कितनी तेजी से धड़क रहा है और वह कैसे सांस ले रहा है। यह खास टेस्ट संदीप घोष नाम के व्यक्ति के लिए है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रमुख संदीप घोष आज झूठ डिटेक्टर टेस्ट दे रहे हैं, जिससे उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनसे करीब 100 घंटे तक पूछताछ की है, लेकिन उन्हें अभी भी लगता है कि वह कुछ छिपा रहे हैं या दबाव महसूस कर रहे हैं। कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में घायल हुए प्रशिक्षु डॉक्टर के मामले में मुख्य संदिग्ध और छह अन्य लोगों के लिए शनिवार को झूठ डिटेक्टर टेस्ट शुरू हुआ। दिल्ली से एक टीम मामले की जांच कर रही है। झूठ डिटेक्टर टेस्ट के दौरान, एक मशीन जांचती है कि सवालों के जवाब देने पर व्यक्ति का शरीर कैसे प्रतिक्रिया करता है, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि वह सच बोल रहा है या झूठ। मुख्य संदिग्ध संजय रॉय का परीक्षण जेल में किया जाएगा, जबकि संदीप घोष और अन्य छह लोगों, जिनमें उस रात काम करने वाले चार डॉक्टर और एक स्वयंसेवक शामिल हैं, का परीक्षण सीबीआई कार्यालय में किया जाएगा। परीक्षण में मदद के लिए दिल्ली की एक विशेष प्रयोगशाला के विशेषज्ञ कोलकाता आए हैं।

बड़ी कहानी: बिहार से झारखंड तक आतंकी कनेक्शन, दरभंगा, फुलवारीशरीफ, सीमांचल मॉड्यूल का खतरनाक नेटवर्क गजवा-ए-हिंद प्लान

अलकायदा और आईएसआईएस जैसे अन्य खतरनाक समूहों से भी इनके संबंध हैं, जिन्होंने भारत में अपना प्रभाव फैलाया है। हाल ही में सुरक्षा अधिकारियों ने डॉक्टर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया, क्योंकि उनका मानना ​​है कि वे भारत को बदलने की इस खतरनाक योजना का हिस्सा हैं। यह स्थिति गंभीर है और सभी के लिए सुरक्षित रहना महत्वपूर्ण है। बिहार के मिथिला, चंपारण और सीमांचल जैसे इलाकों को इन बुरी गतिविधियों के लिए अच्छे स्थान के रूप में देखा जाता है। 2010 से, जब यासीन भटकल नाम के व्यक्ति ने मिथिला में उत्पात मचाया, तब से दरभंगा के पास का यह इलाका आतंकवादियों के लिए छिपने का ठिकाना बन गया है। उदाहरण के लिए, 2022 में, NIA नामक एक विशेष टीम नूरुद्दीन जंगी नाम के एक व्यक्ति के घर की तलाशी लेने दरभंगा गई और उसके परिवार से सवाल पूछे। उन्होंने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया नामक एक समूह से जुड़े अन्य लोगों के घरों की भी तलाशी ली, जो प्रतिबंधित है। जुलाई 2022 में फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल नाम का एक समूह खोजा गया था। इस समूह में दरभंगा के कुछ लोग जैसे नूरुद्दीन जंगी, सनाउल्लाह (जिन्हें आकिब भी कहा जाता है) और मुस्तकीम का नाम शामिल है। नूरुद्दीन जंगी ने कुछ लोगों को जेल से बाहर निकलने में मदद की थी जो सिमी नामक समूह में शामिल थे, जिसे अब अनुमति नहीं है। वह PFI नामक एक अन्य समूह का भी सदस्य था और नियमित रूप से उनकी बैठकों और प्रशिक्षण सत्रों में जाता था। यासीन भटकल ने एक ऐसा समूह शुरू किया जो दरभंगा में बुरी गतिविधियों में शामिल था। बहुत समय पहले, यासीन भटकल नाम का एक व्यक्ति, जिसने इंडियन मुजाहिदीन नामक एक समूह शुरू किया था, दरभंगा नामक जगह पर था। उसने वहाँ कुछ युवाओं को बुरी चीजों के बारे में सिखाया, जैसे कि आतंकवादी समूह का हिस्सा बनना। उसने जो किया, उसके कारण उनमें से कुछ युवा, जैसे नूरुद्दीन जंगी, सनाउल्लाह, मुस्तकीम और अरमान मलिक, इसी तरह की बुरी गतिविधियों में शामिल हो गए। यासीन भटकल चालाक था और उन्हें प्रभावित करने के लिए उसने डॉक्टर होने का नाटक भी किया। उसने साइकिल के टायर ठीक करने वाले एक व्यक्ति की बेटी से शादी भी की। उसने साइकिल के टायर ठीक करने वाले मोहम्मद कफील के घर में चालाकी से एक छोटा सा क्लिनिक खोला, ताकि वह अपनी गुप्त योजनाओं को अंजाम दे सके। उसने लोगों को मुफ्त दवाइयाँ दीं, लेकिन जब वह उनकी मदद करता था, तो वह उनके दिलों में गुस्सा और नफरत भी भर देता था। फिर, उसने समुदाय के करीब आने के लिए कफील की बेटी से शादी कर ली। लोगों की मुफ्त में मदद करने और शादी करने के बाद, वह इलाके में काफी लोकप्रिय हो गया। एक बार जब लोगों ने उस पर भरोसा कर लिया, तो उसने लोगों में डर फैलाना शुरू कर दिया। यासीन भटकल को पुलिस ने भारत और नेपाल की सीमा पर पकड़ लिया। फिर, पटना शहर में आतंकवादियों द्वारा एक नई योजना बनाई जा रही थी। इस योजना का पता तब चला जब पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) नामक एक समूह पर नज़र डाली। पटना पुलिस को 11 जुलाई, 2022 को इस बारे में पता चला और अगले दिन उन्होंने आधिकारिक तौर पर इसकी सूचना दी। उन्होंने अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन, अरमान मलिक और नूरुद्दीन जंगी नामक एक वकील सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। ठीक दो दिन बाद, 14 जुलाई को, बिहार आतंकवाद निरोधी दस्ते ने फुलवारी शरीफ से मरगूब अहमद दानिश नामक एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो आतंकवादी योजना से जुड़ा था। दरभंगा में एक व्यक्ति केवटी, जाले, सिंहवाड़ा, हायाघाट और समस्तीपुर जैसे विभिन्न क्षेत्रों से युवाओं को इंडियन मुजाहिदीन नामक एक समूह में शामिल करने के लिए इकट्ठा कर रहा था। उसके बाद, देश भर के कई शहरों में बम विस्फोट हुए जो दरभंगा से जुड़े थे। बेंगलुरु, चेन्नई, वाराणसी और दिल्ली जैसी जगहों पर हुए इन धमाकों से जब इंडियन मुजाहिद्दीन का संबंध सामने आया तो पुलिस काफी चिंतित हो गई और दरभंगा से लोगों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। इस इलाके में भारत-नेपाल सीमा के पास यासीन भटकल नाम का एक खतरनाक आतंकी पकड़ा गया। एसएसपी कहे जाने वाले पुलिस नेता ने कुछ मामलों में दूसरे देशों से जुड़े होने की बात कही। एटीएस नामक विशेष टीम की सूचना पर फुलवारी शरीफ थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि उन्हें इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि ये मामले दूसरे देशों से जुड़े हैं। इसलिए उन्होंने इस मामले की आगे जांच के लिए एटीएस जैसे विशेषज्ञों से मदद मांगी। जुलाई 2022 में फुलवारी शरीफ में गलत गतिविधियों में शामिल एक समूह के बारे में पता चलने के बाद एनआईए नामक एक अन्य टीम ने एक ही समय में बिहार के छह अलग-अलग शहरों में तलाशी शुरू कर दी। झारखंड के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को आतंकवाद में शामिल एक बुरे व्यक्ति के रूप में पाया गया। इसके बाद पुलिस को बिहार के अलग-अलग इलाकों जैसे छपरा, अररिया और मुजफ्फरपुर में कुछ लोगों का एक समूह मिला जो कुछ गलत गतिविधियों में शामिल थे। झारखंड के मोहम्मद जलालुद्दीन नामक एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी पर भी एक खतरनाक समूह से जुड़े मामले में जांच चल रही थी। दरभंगा के नूरुद्दीन जंगी नामक व्यक्ति ने स्वीकार किया कि वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) नामक एक समूह से जुड़ा हुआ था। पुलिस को यह भी पता चला कि बिहार के सीमांचल नामक एक अन्य क्षेत्र को PFI द्वारा निशाना बनाया जा रहा था। उन्होंने सीमांचल के युवा मुस्लिम लोगों के दिमाग में अतिवादी विचार भरकर उनके सोचने के तरीके को बदलने की कोशिश की। जांच में पता चला कि PFI नामक एक समूह सीमांचल नामक जगह में बेरोजगार और अशिक्षित युवा मुस्लिम पुरुषों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा था। उनकी योजना इन युवाओं को संगठन में लाने के बाद हथियार चलाना सिखाने की थी। फुलवारी शरीफ नामक जगह से गिरफ्तार किए गए अतहर परवेज नामक व्यक्ति ने पूछताछ के दौरान यह जानकारी साझा की। उसने बताया कि वह खास तौर पर पूर्णिया, अररिया, फोर्ब्सगंज, किशनगंज,

राय: आरजी कर मेडिकल कॉलेज ही नहीं, पूरे देश में हर महिला को चाहिए ‘सुरक्षित आजादी’

महिलाओं को अपराधों से सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए, हमें दो महत्वपूर्ण काम करने होंगे। सबसे पहले, हमें इन अपराधों को होने से पहले ही रोकने के लिए मज़बूत और स्थायी तरीके बनाने चाहिए। दूसरा, अगर कोई अपराध होता है, तो ज़िम्मेदार लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसा करने वालों को उचित और गंभीर सज़ा मिले। आइए अपनी भावनाओं को एक तरफ़ रखें और स्पष्ट रूप से सोचें। आइए सुनिश्चित करें कि महिलाएँ हमारे देश में आज़ादी से रह सकें। कुछ लोगों को लगता है कि हमने स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एक बड़ी पार्टी की है, लेकिन हमें उन्हें यह समझने में मदद करनी चाहिए कि हमारे देश में बहुत से लोग अभी भी आहत हैं और आज़ाद महसूस नहीं कर रहे हैं। हर दिन, घर या बाहर जैसी कई अलग-अलग जगहों पर, कुछ लोग बहुत बुरी तरह से आहत हो सकते हैं। कभी-कभी उन्हें बलात्कार जैसी चीज़ का सामना करना पड़ता है, जो तब होता है जब कोई उन्हें बहुत ही डरावने तरीके से चोट पहुँचाता है। दूसरी बार, उन्हें अलग-अलग तरह की चोट का सामना करना पड़ता है जो अच्छी भी नहीं होती। अरे सब लोग, आइए ध्यान दें! क्या आप नहीं देख सकते कि हम सभी सिर्फ़ इंसान हैं, बिल्कुल आपकी तरह? जब सुप्रीम कोर्ट, सरकार और सीबीआई जैसे महत्वपूर्ण लोग कोलकाता में काम के दौरान ब्रेक लेने के दौरान चोटिल हुई एक प्रशिक्षु डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो टीएमसी पार्टी के एक नेता ने जो कहा, उसके बारे में भी बात की जा रही है। अरूप चक्रवर्ती ने सुरक्षा की मांग कर रहे डॉक्टरों से कहा कि अगर वे विरोध करते हैं, तो उन्हें घर चले जाना चाहिए या अपने बॉयफ्रेंड के साथ समय बिताना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब लोग उन पर गुस्सा करते हैं, तो वह उनकी मदद नहीं करेंगे। यह बयान वाकई दुखद है और दिखाता है कि हमें यह सुनिश्चित करने पर कितना ध्यान देने की जरूरत है कि डॉक्टर अपने महत्वपूर्ण काम करते समय सुरक्षित रहें। महिला और पुरुष दोनों डॉक्टर विरोध का हिस्सा थे, इसलिए केवल महिला डॉक्टरों के बारे में बात करना सही नहीं है। व्यक्ति द्वारा की गई टिप्पणी से पता चलता है कि वे शायद यह नहीं समझते कि लड़के और लड़कियां दोनों अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इस तरह की सोच ऐसे समाज में रहने से आती है जो अक्सर लड़कियों और लड़कों के साथ अलग-अलग व्यवहार करता है। उदाहरण के लिए, एक नेता ने एक बार कहा था कि लड़के कभी-कभी गड़बड़ कर देते हैं, इसलिए हमें उनके साथ बहुत कठोर नहीं होना चाहिए। महिलाओं के खिलाफ छेड़छाड़ और हिंसा जैसी बुरी चीजों को रोकने में मदद करने के दो महत्वपूर्ण तरीके हैं। सबसे पहले, अगर किसी ने कुछ गलत किया है, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें बिना किसी अन्याय के उचित सजा मिले। दूसरा, हमें इन बुरी चीजों को होने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में हर जगह उन योजनाओं का पालन किया जाए। इन योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार लोगों को अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार होना चाहिए। लड़कियों को सुरक्षित रखने के लिए घर पर रखने के बजाय, हमें उन्हें बिना किसी विशेष व्यवहार के स्वतंत्र और समान रूप से जीने देना चाहिए। उदाहरण के लिए, जब गोमती नगर में एक लड़की को चोट लगी, तो पास में ही एक पुलिस स्टेशन था। हमें वास्तव में यह समझने की जरूरत है कि पुलिस को बेहतर तरीके से मदद कैसे करनी है। लोग अक्सर महिलाओं को बताते हैं कि उन्हें कैसे व्यवहार करना चाहिए, लेकिन वे अपनी गलतियों को देखना भूल जाती हैं और वे क्या बेहतर कर सकती हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के बाद लोग कह रहे हैं कि डॉक्टरों को रात में काम नहीं करना चाहिए और महिला डॉक्टरों को कम समय तक काम करना चाहिए। हालांकि, अगर महिला डॉक्टर रात में अस्पताल में नहीं होंगी, तो महिला मरीजों के लिए चीजें मुश्किल हो सकती हैं। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि दिन में भी महिलाओं के साथ कुछ बुरा हो सकता है, जैसे अपराध और दूसरे खतरे। भले ही महिलाएं रात में सुरक्षित महसूस करने की कोशिश करती हों, लेकिन हमें उन्हें सिर्फ़ घर पर नहीं रखना चाहिए क्योंकि वहां भी कुछ बुरा हो सकता है। जबकि सभी को सुरक्षित रखने के लिए तुरंत कार्रवाई करना ज़रूरी है, लेकिन वे कार्रवाई पूरी तरह से सही नहीं है। बेहतर और लंबे समय तक चलने वाले समाधान हैं, लेकिन उन्हें काम करने में समय लगेगा। जब वे काम करेंगे, तो वे सभी के लिए चीजों को ज़्यादा स्थिर और सुरक्षित बना देंगे। अब समय आ गया है कि बच्चों को स्कूलों और कॉलेजों में सेक्स के बारे में पढ़ाया जाए और हमें इसे तुरंत शुरू करना चाहिए। सरकार को एक समूह बनाना चाहिए ताकि बच्चों को यह सिखाया जा सके। लड़कियों को सिर्फ़ चुप रहने और दूसरों के साथ घुलने-मिलने के लिए कहने के बजाय, हमें लड़कों को सभी को समझने और उनका सम्मान करने में मदद करनी चाहिए। यह बदलाव घर और परिवारों से शुरू होना चाहिए। अगर हम आज लड़के और लड़कियों दोनों को समान रूप से बड़ा करेंगे, तो हम भविष्य में अच्छे बदलाव देखेंगे। महिलाओं के लिए सभी तरह की नौकरियों का हिस्सा होना और ऐसी भूमिकाएँ निभाना ज़रूरी है जहाँ उन्हें पहले शामिल नहीं किया गया है, ताकि पुरुषों को उनके वहाँ होने पर अच्छा लगे। भारत में, महिला आरक्षण कानून (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) नामक एक नया नियम 2029 में लागू होगा। यह नियम सुनिश्चित करेगा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हों। यह बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन यह एकमात्र ऐसी चीज़ नहीं है जो सब कुछ बेहतर बना देगी। जनगणना के आंकड़ों के आधार पर कुछ बदलाव किए जाने के बाद इस कानून को लागू किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि बेल्जियम और रवांडा जैसे 64 देशों में भी महिला आरक्षण कानून का इस्तेमाल किया

‘ये जो हो रहा है, बहुत चौंकाने वाला है?’ बदलापुर की घटना पर HC नाराज, पुलिस को फटकार- कार्रवाई करने में नहीं हिचकिचाएंगे

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामला महाराष्ट्र के बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के साथ हुई मारपीट के बारे में है। बॉम्बे हाई कोर्ट, जो एक बड़ी और महत्वपूर्ण अदालत है, ने कहा कि लड़कियों के साथ जो हुआ वह बहुत ही परेशान करने वाला था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमें हमेशा लड़कियों को सुरक्षित रखना चाहिए और ऐसा न करने के लिए कोई बहाना नहीं होना चाहिए। न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि स्कूल को दंडित किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने किसी को भी इस बुरी घटना के बारे में नहीं बताया, जबकि उन्हें इसके बारे में पता था। उन्होंने पुलिस से यह भी कहा कि उन्होंने जांच शुरू करने में बहुत देर कर दी। बदलापुर मामले के बारे में बात करते समय हाई कोर्ट वास्तव में परेशान था। उन्होंने पुलिस से इस बारे में बहुत सारे सवाल पूछे कि उन्होंने इस मामले को कैसे संभाला और उन्हें बताया कि उन्होंने बहुत खराब काम किया। बदलापुर मामले में जो हुआ उससे न्यायाधीश दुखी थे और उन्होंने कहा कि अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं, तो बच्चों के सीखने और स्कूल जाने के बारे में बात करने का क्या मतलब है। दो जजों, जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने आज यानी गुरुवार को मामले की सुनवाई की। कपिल सिब्बल और तुषार मेहता के बीच जोरदार असहमति थी, लेकिन जब वे लंच पर गए, तो CJI चंद्रचूड़ ने उनकी बातों से सहमति जताई। हाईकोर्ट पुलिस से वाकई नाराज है, क्योंकि ऐसा लगता है कि वे अपना काम तभी गंभीरता से करना शुरू करते हैं, जब लोग विरोध करते हैं या किसी बात को लेकर गुस्सा होते हैं। उन्होंने देखा कि 13 तारीख को एक घटना हुई, 16 तारीख को रिपोर्ट दर्ज की गई और उन्होंने 22 तारीख तक पीड़िता से बात भी नहीं की। जज पूछ रहे थे, “यहां क्या हो रहा है?” उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर उन्हें लगता है कि कोई सच छिपाने की कोशिश कर रहा है या ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो वे उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। कोर्ट ने यह भी बताया कि पुलिस ने अभी तक दूसरी पीड़िता से बात भी नहीं की है। जब कोर्ट ने इस मामले को देखने का फैसला किया, तो उन्होंने जल्दी से आधी रात को दूसरी पीड़िता के पिता से बात की। जजों ने वकील से कहा कि 27 अगस्त को अगली बैठक तक उनके पास बहुत से सवालों के जवाब होंगे। यह वाकई हैरान करने वाला और परेशान करने वाला है। कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल सुरक्षित नहीं हैं, तो बच्चों के स्कूल जाने और सीखने के बारे में बात करने का क्या फायदा? उन्होंने कहा कि छोटी बच्चियाँ भी जो सिर्फ़ 4 साल की हैं, सुरक्षित नहीं हैं। यह वाकई बहुत बुरी स्थिति है। हाल ही में अक्षय शिंदे नाम के एक व्यक्ति ने स्कूल के बाथरूम में 4 साल की दो बच्चियों के साथ कुछ बहुत गलत किया और बदलापुर में कई लोग इस बात से बहुत परेशान थे।

46 दिन में 5 टेस्ट, टीम इंडिया के लिए आसान नहीं होगा इंग्लैंड दौरा, जानें कब है पहला मैच, पूरा शेड्यूल

भारत और इंग्लैंड अगली गर्मियों में क्रिकेट मैचों की एक सीरीज़ खेलने जा रहे हैं! ये मैच जून से अगस्त तक होंगे। वे पाँच बड़े मैच खेलेंगे, जिनमें से पहला मैच 20 जून को और आखिरी मैच 31 जुलाई को होगा। साथ ही, भारतीय महिला क्रिकेट टीम भी लगभग उसी समय इंग्लैंड जाएगी, जहाँ वह तीन एक दिवसीय मैच और पाँच छोटे मैच खेलेगी, जिन्हें T20 कहा जाता है। भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ़ वाकई रोमांचक सीरीज़ खेली। वे वाकई अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और 2 गेम से 1 से आगे थे। लेकिन फिर, कोरोना वायरस के कारण, उन्हें कुछ समय के लिए खेलना बंद करना पड़ा। जब उन्होंने आखिरकार अगले साल आखिरी गेम खेला, तो इंग्लैंड ने वह मैच जीत लिया। इसलिए, अंत में, दोनों टीमों ने बराबर गेम जीते, और यह 2-2 से बराबरी पर रहा! यह सीरीज़ इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जून 2025 में शुरू होने वाले WTC के नए चरण का हिस्सा है। भारत पहले ही पिछले दो WTC में फ़ाइनल में पहुँच चुका है, लेकिन वे न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से हार गए। भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ 20 जून से शुरू होगी और 4 अगस्त तक चलेगी। इस दौरान, 46 दिनों में 30 दिन के खेल खेले जाएँगे! पहला मैच लीड्स नामक शहर में होगा, फिर वे बर्मिंघम और प्रसिद्ध लॉर्ड्स स्टेडियम में खेलेंगे। चौथा मैच मैनचेस्टर में होगा, और आखिरी मैच 31 जुलाई से लंदन के ओवल में होगा।

ममता जी, बलात्कार रोकने का सुझाव तो ठीक है, लेकिन क्या आपको नहीं पता कि पीएम मोदी यूक्रेन-पोलैंड के दौरे पर हैं?

हालांकि, कई लोगों को लगता है कि पिछले 13 दिनों में राज्य पुलिस और सरकार ने अपना काम ठीक से नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट, जो देश की एक बहुत ही महत्वपूर्ण अदालत है, ने इस मामले में हस्तक्षेप किया क्योंकि उन्हें लगा कि पुलिस और अस्पताल ने स्थिति को ठीक से नहीं संभाला। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था कि अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिससे लोगों को लगा कि कुछ और गंभीर हो सकता है। अब, कई लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नाराज़ हैं और चाहते हैं कि वे बताएं कि क्या हुआ। उन्हें लगता है कि उन्हें ज़िम्मेदार होना चाहिए क्योंकि वे पुलिस और राज्य की प्रभारी हैं। मदद करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, ऐसा लगता है कि वे मामले में शामिल कुछ लोगों को बचाने में ज़्यादा दिलचस्पी ले रही हैं। कुछ लोगों को लगता है कि वे चीज़ों को छिपाने या स्थिति को अपने लिए बेहतर दिखाने की कोशिश कर रही हैं। कुल मिलाकर, ऐसा लगता है कि वे इस बहुत दुखद स्थिति में राजनीति को शामिल कर रही हैं और लोग इससे खुश नहीं हैं। मेरा मानना ​​है कि अगर हम साथ मिलकर काम करें, तो हम अपने देश को सभी के लिए और भी बेहतर जगह बना सकते हैं। सुनने के लिए धन्यवाद! क्या यह समझना आसान है? सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुछ सख्त बातें कहने और कोलकाता पुलिस से सवाल पूछने के बाद ममता बनर्जी इसे फिर से राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर भारत में बलात्कार के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है। लेकिन, ममता दीदी, आपको पता होना चाहिए कि पीएम मोदी इस समय यूक्रेन और पोलैंड की यात्रा पर हैं। आपका अनुरोध महत्वपूर्ण है, लेकिन समय के हिसाब से ऐसा लगता है कि आप इस स्थिति का इस्तेमाल राजनीति के लिए करने की कोशिश कर रही हैं। पिछले 13 दिनों से आपके राज्य में आरजी कर के साथ जो हुआ, उसे लेकर काफी शोर-शराबा हो रहा है। पहले तो आपने विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की, लेकिन जब चीजें बहुत ज्यादा बढ़ गईं, तो कोलकाता हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और उसके बाद ही आपने कुछ कार्रवाई शुरू की। लोगों का यह सोचना सामान्य है कि आप वास्तव में क्या चाहते हैं, खासकर तब जब आप पहले समस्या को नजरअंदाज करते दिखे। आपकी पुलिस ने अपना काम ठीक से नहीं किया और बहाने बनाती रही। आपको लोगों से ज्यादा राजनीति की परवाह थी। अब जब चीजें नियंत्रण से बाहर हो गई हैं और सुप्रीम कोर्ट देख रहा है, तो आप सभी का ध्यान भटकाने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिख रही हैं। यह उचित नहीं है। एक नेता के तौर पर आपको लोगों की मदद करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि किसी दुखद स्थिति का राजनीतिक लाभ उठाने पर। आपकी स्थिति में एक महिला को इस तरह से काम नहीं करना चाहिए।

अब डॉक्टर्स रहेंगे सुरक्षित, नेशनल टास्क फोर्स ने शुरू किया काम, सदस्य डॉक्टर ने बताया दो महीने में क्या होगा?

इस समूह में शामिल डॉ. सौमित्र रावत ने बताया कि उनका काम दो मुख्य काम करना है। पहला, वे डॉक्टरों और अन्य चिकित्साकर्मियों को नुकसान से बचाना चाहते हैं। दूसरा, वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि डॉक्टरों, नर्सों और प्रशिक्षुओं के पास काम करने के लिए सुरक्षित और अच्छी जगह हो। इस तरह, हर कोई बिना डरे अपना काम कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बुरी तरह घायल होने की दुखद घटना के बाद डॉक्टरों को सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए नेशनल टास्क फोर्स नामक एक विशेष समूह बनाया है। यह समूह डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण लोगों, जैसे स्वास्थ्य सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष से बना है। मंकीपॉक्स के बारे में चेतावनी दी गई है, इसलिए दिल्ली के कुछ अस्पताल उन लोगों के लिए विशेष कमरे तैयार कर रहे हैं जो बीमार हो सकते हैं। डॉ. रावत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई एक विशेष टीम इस स्थिति से निपटने के तरीके के बारे में नियम और सुझाव लेकर आएगी। उन्हें तीन सप्ताह में एक छोटी रिपोर्ट और दो महीने में एक पूरी रिपोर्ट लिखनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह महत्वपूर्ण है, और टीम मरीजों की मदद करते समय डॉक्टरों को सुरक्षित रखने की योजना बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। किसी के लिंग के कारण होने वाली हिंसा को रोकना। यह सुनिश्चित करना कि डॉक्टरों, नर्सों और अन्य चिकित्सा सहायकों के पास काम करने के लिए एक अच्छी और सम्मानजनक जगह हो। हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि अस्पताल के आपातकालीन क्षेत्र में अधिक सुरक्षा उपाय हों। सहायकों को केवल उन लोगों के आसपास घूमना चाहिए जिनकी वे देखभाल कर रहे हैं और इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए। जब बहुत सारे लोग एक साथ हों तो सभी को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने की योजना। हम डॉक्टरों और नर्सों के लिए एक विशेष बाथरूम बनाना चाहते हैं जिसका उपयोग हर कोई कर सके, चाहे वे लड़का हों या लड़की। इस बाथरूम में ऐसी शानदार तकनीक भी होगी जो लोगों के चेहरों को पहचान कर उसे सुरक्षित रख सके। अस्पताल में सभी को सुरक्षित रखने के लिए हर जगह पर्याप्त रोशनी और कैमरे होने चाहिए। डॉक्टरों और नर्सों के लिए रात में 10 बजे से सुबह 6 बजे तक काम पर जाने का एक सुरक्षित तरीका होना चाहिए। जिस कमरे में डॉक्टर आराम करते हैं वह सुरक्षित होना चाहिए और उसमें बाथरूम होना चाहिए। हर तीन महीने में, अस्पताल यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच करेगा कि सब कुछ सुरक्षित है और ठीक से काम कर रहा है। डॉ. रावत ने कहा कि एक विशेष टीम न केवल सभी को सुरक्षित रखने की योजना बनाएगी, बल्कि यह भी जांचेगी कि अस्पताल और क्लीनिक सुरक्षा नियमों का कितना पालन कर रहे हैं। वे हर तीन महीने में इन जगहों पर जाकर देखेंगे कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं। अगर उन्हें लगता है कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है, तो वे उसे ठीक करेंगे और सुरक्षा नियमों को और भी मजबूत बनाएंगे। डॉक्टरों की सभी मांगों का ध्यान रखा जाएगा। नई दिल्ली और जोधपुर के एम्स जैसे बड़े अस्पतालों के महत्वपूर्ण लोगों और अन्य शीर्ष अधिकारियों का एक विशेष समूह मिलकर काम करेगा। वे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की जरूरतों को सुनेंगे और फिर सुप्रीम कोर्ट को बताने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। डॉ. सौमित्र ने कहा कि पहले भी सुरक्षा नियम रहे हैं, लेकिन अब नेशनल टास्क फोर्स नए नियम बनाने जा रही है, जो पुराने नियमों में मौजूद समस्याओं को ठीक करेंगे। वे यह भी सुनिश्चित करने की योजना बनाएंगे कि सभी लोग इन नए नियमों का समय पर पालन करें। ये वे लोग हैं जो नेशनल टास्क फोर्स का हिस्सा हैं। ये सभी डॉक्टर लोगों को स्वस्थ रहने और उनके दिमाग और शरीर का ख्याल रखने में मदद करते हैं! इसलिए, यदि कोई व्यक्ति चाहता है कि आप कोई अन्य जानकारी या कहानी देखें, तो वह यह सुझाव देने के लिए कह सकता है कि “इसे भी पढ़ें” कि यह महत्वपूर्ण या दिलचस्प है।

बदलापुर आंदोलन पर पुलिस का चौंकाने वाला अपडेट, वॉयस रिकॉर्डिंग से साजिश का खुलासा, 68 गिरफ्तार

पुलिस को बदलापुर में हाल ही में हुई एक घटना के बारे में कुछ चौंकाने वाली जानकारी मिली है। इस जानकारी से पता चलता है कि इसमें कौन शामिल था और वे क्या करना चाहते थे। शिवसेना-उद्धव और शिंदे नामक दो समूह पुलिस द्वारा की गई खोज के कारण बहुत बहस कर रहे हैं। बदलापुर में एक बहुत दुखद घटना घटी: 4 और 6 साल की दो छोटी लड़कियों को उनके स्कूल में काम करने वाले एक व्यक्ति ने चोट पहुंचाई। लड़कियों के माता-पिता द्वारा घटना के बारे में बताए जाने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जब इलाके के लोगों को इस बारे में पता चला, तो वे बहुत परेशान हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे, यहाँ तक कि अपना गुस्सा दिखाने के लिए उन्होंने ट्रेनें भी रोक दीं। स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। इस घटना के दौरान कुछ बुरी चीजें भी हुईं। कुछ कारों में आग लगा दी गई और पुलिस को चोटें आईं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उन्हें लाठियों का इस्तेमाल करना पड़ा और कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया। बाद में, यह फिर से चालू हो गया। पुलिस ने 68 लोगों को हिरासत में लिया और उन्होंने 300 से ज़्यादा लोगों के बारे में रिपोर्ट लिखी। लेकिन पुलिस को एक चौंकाने वाली बात मिली: उनके पास एक रिकॉर्डिंग है जो इस घटना के दौरान वास्तव में क्या हुआ, इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देती है। लोगों को कैसे पता चला कि स्कूल में एक लड़की को चोट लगी है? जब माता-पिता ने सुना कि बदलापुर में क्या हुआ, तो वे बहुत दुखी हुए और रोने लगे। लोगों ने समय से पहले ही रेलगाड़ियाँ रोकने की योजना बना ली थी। पुलिस को एक रिकॉर्डिंग मिली, जिसमें दिखाया गया कि इलाके के लोग कुछ लड़कियों के चोटिल होने के बाद परेशान थे। पहले तो उनके विरोध प्रदर्शन को संगठित करने में मदद करने वाला कोई नहीं था। फिर, इलाके के बाहर से कुछ लोग इसमें शामिल होने और स्थिति से पैसे कमाने के लिए आए। कुछ सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने और लोगों का नेतृत्व करने में मदद की। उनका लक्ष्य सरकार और उसके द्वारा चीजों को संभालने के तरीके को चुनौती देना था। अब तक पुलिस ने इस मामले से जुड़े 68 लोगों को पकड़ा है। कल्याण रेलवे पुलिस ने 28 और बदलापुर ईस्ट वेस्ट पुलिस ने 40 को गिरफ्तार किया है। उन्होंने 300 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और 100 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं। पुलिस प्रदर्शनकारियों की वजह से हुई कुछ बड़ी समस्याओं की जांच कर रही है। उनका कहना है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सरकार की चीज़ों को नुकसान पहुँचाकर, कर्मचारियों को उनके काम करने से रोककर और सरकारी कर्मचारियों को चोट पहुँचाकर कानून तोड़ा है। घटना के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विशेष दल बनाए गए हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि प्रदर्शन कर रहे कई लोग उस इलाके के नहीं थे। उन्होंने सभी से सावधान रहने और किसी भी झूठी कहानी पर विश्वास न करने को कहा है। शिवसेना नामक एक समूह के नेता ने कहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला एक अन्य समूह बदलापुर नामक जगह पर उपद्रव मचा रहा है। उन्होंने दावा किया कि ट्रेन की पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे लोग बदलापुर के नहीं थे, बल्कि मुंब्रा, पनवेल और नवी मुंबई जैसी अन्य जगहों से आए थे। उनका मानना ​​है कि उद्धव ठाकरे का समूह बदलापुर को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। शिवसेना नामक समूह के नेता संजय राउत ने कहा कि लोग बहुत परेशान हैं और अपनी भावनाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि ये लोग बुरे या अपराधी नहीं हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो कुछ हो रहा है उसके लिए विरोधी समूह को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि लोग अब पुलिस से नहीं डरते। राउत ने सरकार के प्रति गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा कि वे लड़कियों को उनके साथ होने वाली बुरी घटनाओं से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं।

Video: पैपराजी ने की सैफ अली खान और करीना कपूर की तारीफ, जवाब में एक्टर ने कही ऐसी बात कि हंसने लगे सभी

सैफ अली खान और करीना कपूर को हाल ही में एक हाई-प्रोफाइल इवेंट में साथ देखा गया, जहाँ दोनों ने अपनी बेहतरीन स्टाइल का प्रदर्शन किया। बॉलीवुड के सबसे मशहूर पावर कपल में से एक के रूप में, उनकी मौजूदगी हमेशा प्रशंसकों और मीडिया का ध्यान आकर्षित करती है। इस खास इवेंट में, इस जोड़े ने अपने फैशनेबल आउटफिट और आकर्षक व्यवहार से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने पैपराज़ी के लिए पोज़ देने के लिए कुछ पल निकाले और उत्सुकता से अपनी तस्वीरें खिंचवाईं। फ़ोटोग्राफ़रों के साथ इस बातचीत के दौरान, सैफ़ अली खान ने एक हल्की-फुल्की टिप्पणी की, जिसने वहाँ मौजूद लोगों के बीच हँसी की चिंगारी भड़का दी, जिससे माहौल में एक सुखद एहसास जुड़ गया। इस मज़ेदार पल को वीडियो में कैद कर लिया गया और यह जल्द ही विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर वायरल हो गया, जिससे वे अपने प्रशंसकों के और भी ज़्यादा चहेते बन गए। सैफ़ और करीना के बीच की केमिस्ट्री को नकारा नहीं जा सकता है, और उनकी सार्वजनिक उपस्थिति हर जगह दर्शकों में उत्साह और प्रशंसा पैदा करती है। View this post on Instagram A post shared by Varinder Chawla (@varindertchawla) प्रसिद्ध सेलिब्रिटी फ़ोटोग्राफ़र वरिंदर चावला ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक आकर्षक वीडियो शेयर किया, जिसमें लोकप्रिय बॉलीवुड अभिनेता सैफ़ अली खान के एक सार्वजनिक कार्यक्रम से बाहर निकलने के पल को कैद किया गया है। फुटेज में, फोटोग्राफरों के एक समूह, जिन्हें अक्सर ‘पैप्स’ के रूप में संदर्भित किया जाता है, को सैफ और उनकी पत्नी करीना कपूर की उत्साहपूर्वक प्रशंसा करते हुए सुना जा सकता है, उन्हें फिल्म उद्योग में एक सच्चा पावर कपल करार देते हुए। विशेष रूप से एक फोटोग्राफर ने कहा, “आप आग लगा रहे हैं!” इस चंचल प्रशंसा ने सैफ अली खान से एक विनोदी प्रतिक्रिया को प्रेरित किया, जिन्होंने चुटकी ली, “20 साल बाद, वह कह रहे हैं कि वह आग लगा रहे हैं।” इस हल्के-फुल्के आदान-प्रदान ने करीना सहित उपस्थित लोगों को दिल खोलकर हँसाया, जो अपने पति की मजाकिया टिप्पणी पर मनोरंजन में शामिल होने से खुद को रोक नहीं पाईं। इस सुखद बातचीत ने जोड़े के आकर्षण और मीडिया के साथ साझा की गई दोस्ती को उजागर किया, जो सेलिब्रिटी जीवन के मजेदार पक्ष को प्रदर्शित करता है। करीना और सैफ ने एक साथ खड़े होकर कई तरह के पोज़ दिए, कैमरे के लिए मुस्कुराते हुए, जबकि एक फोटोग्राफर ने इस पल को कैद किया। उन्होंने अपने रुख और भावों को चंचल रूप से समायोजित किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक शॉट में उनकी केमिस्ट्री और खुशी दिखाई दे। माहौल हंसी और खुशी से भर गया क्योंकि उन्होंने एक साथ फोटो खिंचवाने का अनुभव लिया और इन तस्वीरों के माध्यम से स्थायी यादें बनाईं। इस पल के बाद, वीडियो में सैफ अली खान और करीना कपूर की आकर्षक जोड़ी को कैद किया गया है, क्योंकि वे प्रतीक्षा कर रहे पैपराज़ी के लिए पोज़ देते हैं, जिससे एक सुखद फोटो अवसर मिलता है। इस स्टाइलिश उपस्थिति में, करीना ने एक कुरकुरी सफेद शर्ट पहनी हुई थी जिसे उन्होंने शानदार ग्रे पैंट के साथ पहना था, जो उनके फैशन के सदाबहार अंदाज़ को दर्शाता है। इस बीच, सैफ अली खान ने एक स्लीक ब्लैक को-ऑर्ड सेट चुना, जो एक परिष्कृत लेकिन आकस्मिक वाइब को दर्शाता है जो करीना के पहनावे को पूरी तरह से पूरक करता है। उनकी समन्वित शैली और सहज केमिस्ट्री निश्चित रूप से देखने लायक थी, जिसने दर्शकों और प्रशंसकों का ध्यान समान रूप से आकर्षित किया। इसके अतिरिक्त, यह घोषणा की गई कि उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म, ‘देवरा’ इस विशेष दिन सिनेमाघरों में आने वाली है, जिससे उनके सार्वजनिक रूप से दिखने को लेकर उत्साह और बढ़ गया है। पेशेवर मोर्चे पर, सैफ अली खान बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘देवरा पार्ट 1’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, जिसमें प्रतिभाशाली जूनियर एनटीआर हैं। इस रोमांचक प्रोजेक्ट में उनके साथ लोकप्रिय अभिनेत्री जान्हवी कपूर भी शामिल हैं, जो फिल्म की अपील को और बढ़ा रही हैं। इस फिल्म में सैफ की भूमिका का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि वह एक खलनायक की भूमिका निभाएंगे, एक ऐसा किरदार जो उनके अभिनय कौशल को एक अलग रोशनी में दिखाने का वादा करता है। हाल ही में, सैफ के किरदार का पहला लुक सामने आया था, और इसे प्रशंसकों से उत्साह और प्रशंसा मिली है, जो उनके प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ‘देवरा पार्ट 1’ 27 सितंबर, 2024 को सिनेमाघरों में अपनी शानदार शुरुआत करने वाली है, और जैसे-जैसे रिलीज़ की तारीख नज़दीक आ रही है, उत्साह बढ़ता जा रहा है। इस बीच, इंडस्ट्री की एक और प्रमुख हस्ती करीना कपूर, प्रशंसित हंसल मेहता द्वारा निर्देशित एक प्रोजेक्ट ‘द बकिंघम मर्डर्स’ में दिखाई देंगी। करीना की स्टार पावर और निर्देशक की सम्मोहक कहानियां गढ़ने की प्रतिष्ठा को देखते हुए यह फिल्म निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित करेगी।

एक दिन में 17 विकेट गिरे, 100 रन बनाने में दोनों टीमों को बहाना पड़ा पसीना, 10वें नंबर का बल्लेबाज रहा टॉप स्कोरर

वेस्टइंडीज बनाम दक्षिण अफ्रीका दूसरा टेस्ट: दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच दूसरे टेस्ट मैच में बहुत ज्यादा रन नहीं बने, लेकिन कई खिलाड़ी आउट हो गए। दोनों टीमों को अपने खिलाड़ियों को आउट होने से बचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आजकल लोग छोटे टी20 और टी10 क्रिकेट मैचों में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं, जहां खिलाड़ी खूब चौके-छक्के लगाते हैं और इस वजह से लंबे टेस्ट मैच देखने वाले कम ही लोग हैं। हालांकि, जो लोग टेस्ट क्रिकेट का लुत्फ उठाते हैं, उन्हें दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज देखनी चाहिए। इस सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 15 अगस्त से शुरू हुआ। इसमें बहुत ज्यादा रन नहीं बने, लेकिन कई खिलाड़ी आउट हो गए। एक टीम आउट होने से पहले 100 से ज्यादा रन बनाने में सफल रही, जबकि दूसरी टीम अभी भी संघर्ष कर रही है। दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम कुछ मैचों के लिए वेस्टइंडीज का दौरा कर रही है। 15 अगस्त से शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच में गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी की, लेकिन केवल 160 रन ही बना सकी। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि वे केवल 100 रन पर ऑल आउट हो जाएंगी। लेकिन फिर, आखिरी में बल्लेबाजी करने वाले दो खिलाड़ियों डेन पीट और नांद्रे बर्गर ने मिलकर 63 रन बनाकर टीम की मदद की। दक्षिण अफ्रीका ने पहले ही 97 रन पर 9 विकेट खो दिए थे, लेकिन डेन पीट के 38 और नांद्रे बर्गर के 23 रन की बदौलत वे 160 रन तक पहुंच गए। वेस्टइंडीज के लिए, शमर जोसेफ ने सबसे अधिक विकेट लिए, उन्होंने 5 खिलाड़ियों को आउट किया। जेडन सील्स ने 3 विकेट लिए, और जेसन होल्डर और गुडाकेश मोटी ने एक-एक विकेट लिया। जब वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी की बारी आई, तो उन्होंने कुछ खास अच्छा नहीं किया। उन्होंने भी बहुत जल्दी विकेट गंवा दिए और पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 7 विकेट पर केवल 97 रन बनाए। उनकी सबसे बड़ी उम्मीद जेसन होल्डर हैं, जो अभी भी 33 रन बनाकर खेल रहे हैं