Amazon पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना, फ्यूचर रिटेल के साथ सौदा निलंबित -

Amazon पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना, फ्यूचर रिटेल के साथ सौदा निलंबित

Amazon :यह निर्णय यूएस ई-कॉमर्स दिग्गज के नियामक से अप्रूवल लेते समय जानकारियां छुपाने के आरोपों की समीक्षा के बाद लिया गया. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व कदम का अमेजन की कानूनी लड़ाई पर दूरगामी परिणाम हो सकता है, जो अब अलग हो चुके पार्टनर फ्यूचर के साथ है. ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन (Amazon) को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ( CCI ) से बड़ा झटका लगा है. CCI ने अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन के फ्यूचर ग्रुप के साथ सौदे को मिली मंज़ूरी पर रोक लगा दी है. अमेजन पर 200 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 57 पन्नों के आदेश में, सीसीआई ने कहा कि अमेजन डॉट कॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स LL के फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के सौदे के लिए 28 नवंबर, 2019 के आदेश के अनुसार मंजूरी फिलहाल फ्रीज रहेगी. CCI  ने माना कि अमेजन (E Commerce Company) ने कुछ प्रासंगिक जानकारी छुपाकर ये मंज़ूरी ली थी.  CCI ने कहा कि Amazon ने 2019 के सौदे के “वास्तविक उद्देश्य और विवरण” को छिपाया  और गलत प्रतिनिधित्व और सामग्री  तथ्यों को दबाने” की कोशिश की. CCI ने कहा कि अब इस सौदे की नए सिरे से जांच करना जरूरी है. इसकी मंजूरी तब तक रुकी रहेगी.  ‘सर्दी, नया साल औऱ यात्रा”, Omicron के बढ़ते खतरे के बीच सरकार ने दी सलाह देश की एंटीट्रस्ट बॉडी ने शुक्रवार को Amazon.com की फ्यूचर ग्रुप के साथ 2019 में हुई डील को निलंबित कर दिया. खबर के अनुसार यह निर्णय यूएस ई-कॉमर्स दिग्गज के नियामक से अप्रूवल लेते समय जानकारियां छुपाने के आरोपों की समीक्षा के बाद लिया गया. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा उठाए गए अभूतपूर्व कदम का अमेजन की कानूनी लड़ाई पर दूरगामी परिणाम हो सकता है, जो अब अलग हो चुके पार्टनर फ्यूचर के साथ है.अमेरिकी फर्म ने महीनों तक 2019 में अपने 200 मिलियन डॉलर के निवेश की शर्तों का सफलतापूर्वक उपयोग किया, ताकि फ्यूचर के रिलायंस इंडस्ट्रीज को 3.4 बिलियन डॉलर में खुदरा संपत्ति बेचने के प्रयास को रोक सके.  57-पृष्ठ के आदेश में, CCI ने कहा कि वह “संयोजन (सौदे) की नए सिरे से जांच करना आवश्यक है,” 2019 में दी गई इसकी मंजूरी को तब तक “स्थगित रखा जाएगा”.सीसीआई के आदेश में कहा गया है कि अमेजन ने सौदे के “वास्तविक दायरे को छुपाया” और अनुमोदन की मांग करते हुए “झूठे और गलत बयान” दिए.