भारत की महिला U19 क्रिकेट टीम ने महिला ट्वेंटी-20 विश्व कप का खिताब जीत लिया है। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड को हराया। यह अद्भुत जीत 16 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी और शेफाली वर्मा द्वारा किए गए महान काम की बदौलत सही समझ में आती है।
16 साल पहले महेंद्र सिंह धोनी ने जो हासिल किया वह उनके नेतृत्व गुणों का प्रमाण है। वर्मा ने धोनी के नक्शेकदम पर चलने के लिए बहुत प्रतिबद्धता दिखाई है और उनकी टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।
दक्षिण अफ्रीका में रविवार को भारत और इंग्लैंड के बीच महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला गया। दोनों टीमें इतिहास रचने के लिए दृढ़ थीं और फाइनल जीतने का मतलब होगा इस आयु वर्ग की पहली विश्व चैंपियन बनना। शेफाली यह देखना चाह रही थीं कि क्या विराट कोहली का 2007 का करिश्मा उतना ही मजबूत है जितना तब था।
शेफाली के नेतृत्व में भारतीय U19 महिला टीम ने अपनी कुशल बल्लेबाजी और सावधान गेंदबाजी की बदौलत फाइनल में इंग्लैंड पर एक संकीर्ण जीत हासिल की। मैच जीतने के बाद पारी में 38 गेंदें बाकी थीं. यह शेफाली की शानदार जीत को दर्शाता है।
2007 का टी20 विश्व कप एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत की। पुरुषों का टी20 विश्व कप एक अनूठा आयोजन था जिसने दुनिया को टी20 प्रारूप पेश किया। इसी तरह, महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप एक महत्वपूर्ण घटना थी जिसने युवा एथलीटों के बीच क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता को प्रदर्शित किया। यह पहली बार है कि महिला अंडर -19 विश्व कप आयोजित किया गया है।
2007 का टी20 विश्व कप दक्षिण अफ्रीका में आयोजित एक शानदार आयोजन था। वहीं, इस साल दक्षिण अफ्रीका में महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन भी किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने खेल में अपना दबदबा दिखाते हुए दोनों टूर्नामेंट जीते।
धोनी ने 2007 में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान संभाली और उन्हें अपने पहले विश्व कप टूर्नामेंट में विश्व गौरव तक पहुंचाया। शेफाली भी पहली बार प्रभारी बनीं, लेकिन वह धोनी के नक्शेकदम पर चल पाई और बड़ी सफलता हासिल की। यह स्पष्ट है कि भारत की सफलता में धोनी का नेतृत्व एक प्रमुख कारक है।