Go First फ़्लाइट G8 116 ने 50 यात्रियों के बिना, जिन्हें फ़्लाइट में होना चाहिए था, अपने आप बैंगलोर से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। उड़ान के यात्रियों ने ट्वीट करना शुरू कर दिया कि कैसे एयरलाइन उन्हें शामिल नहीं करने के लिए घोर लापरवाही कर रही थी, और एयरलाइन ने यह कहकर जवाब दिया कि स्थिति पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था।
गो एयर की फ्लाइट G8-116 बिना 50 यात्रियों को लिए रवाना हो गई। 50 यात्री चेक-इन कर विमान में चढ़े थे, लेकिन उनके बिना ही उड़ान भर गई। गो एयर मामले की आंतरिक जांच कर रही है। यात्रियों को आखिरकार उस दिन बाद में दूसरी उड़ान से दिल्ली भेजा गया।
डीजीसीए ने स्वीकार किया है कि यात्रियों के साथ जिस तरह व्यवहार किया गया उसमें गो एयर की गलती थी और उन्होंने मुख्य परिचालन प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वे जानना चाहते हैं कि इस लापरवाही के लिए उन्हें सजा क्यों नहीं मिलनी चाहिए।
सभी को एक-एक टिकट फ्री मिलेगा।
गो एयर अगले निर्देश तक सभी चालक दल को उस उड़ान से उतार रहा है। गो एयर ने घोषणा की है कि वह उस उड़ान के सभी यात्रियों को 12 महीनों में देश के किसी भी शहर का मुफ्त टिकट देगी। इस असुविधा के लिए गो एयर ने यात्रियों से माफी मांगी है।
लोगों के एक समूह को हवाई जहाज तक ले जाया जा रहा है। वे सभी एक ही विमान पर सवार होने जा रहे हैं।
फ्लाइट G8 116 ने आज सुबह बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए उड़ान भरी। यात्रियों को चार बसों में विमान तक ले जाया गया। कुछ यात्रियों ने कहा कि जब विमान ने उड़ान भरी तो वे बस में इंतजार कर रहे थे, लेकिन उनके बोर्डिंग पास और बैग चेक इन कर लिए गए।
हम रनवे पर इंतजार कर रहे थे।
सुमित कुमार एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार होने के लिए टरमैक पर इंतजार कर रहे यात्रियों में से एक थे। उन्होंने कहा कि यात्रियों को सुबह 10 बजे एयर इंडिया की फ्लाइट लेने का विकल्प दिया गया था, लेकिन बोर्डिंग पूरी नहीं हुई थी। सुमित की बस सुबह 6:20 बजे उड़ान भरने वाली थी, लेकिन एयरलाइन ने उन्हें सुबह 10 बजे दूसरी फ्लाइट में बिठा दिया।