हम हवाई यातायात कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर चिंतित हैं और उनमें से तीन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।
Nepal के हवाई यातायात कर्मचारियों ने एक बड़े विमान हादसे को टालने में अहम भूमिका निभाई। ताजा जानकारी के मुताबिक, अगर एयर इंडिया और नेपाल एयरलाइंस के पायलटों ने उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया होता तो उनके विमान आपस में टकरा सकते थे। नतीजतन, नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAAN) ने इसमें शामिल तीनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। फ़िलहाल हम इस मामले की और जाँच कर रहे हैं।
ताजा जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह दोनों विमान टकराने से बाल-बाल बचे। एयर इंडिया का विमान 19,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, जबकि नेपाल एयरलाइंस का विमान 15,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। यदि दोनों विमान आपस में टकरा जाते तो यह एयरलाइनों और उनके यात्रियों दोनों के लिए एक आपदा होती।
इसके बाद यह जल्दी से तय हो गया कि दोनों विमान एक-दूसरे के काफी करीब आ रहे हैं। इसके बाद नेपाल एयरलाइंस के विमान को आनन-फानन में 7000 फीट तक ऊपर उठाया गया।
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना हुई है। कुछ साल पहले बेंगलुरु में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी। उस दौरान इंडिगो के दो विमान आपस में टकराने से बाल-बाल बचे थे। दोनों विमानों में करीब 330 यात्री सवार थे। विमानन सूत्रों ने हमें बताया है कि अधिकारियों ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच बिठा दी है. घटना में शामिल विमान कोयम्बटूर-हैदराबाद और बेंगलुरु-कोचीन हवाई मार्ग पर यात्रा कर रहे थे।
उस दौरान इंडिगो ने पुष्टि की थी कि हैदराबाद जाने वाली एक फ्लाइट में 162 यात्री थे, जबकि दूसरी फ्लाइट में 166 यात्री थे। सूत्रों ने हमें बताया था कि हवा में एक-दूसरे के सामने आने पर दोनों विमानों के बीच की दूरी महज 200 फीट थी और अगर ट्रैफिक कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम (टीसीएएस) का अलार्म बज जाता तो इस हादसे को टाला जा सकता था।