19 और 20 अक्टूबर को बॉक्स ऑफिस पर मचेगा हंगामा, दो दिन में रिलीज होंगी साउथ और बॉलीवुड की छह बड़े बजट की फिल्में
दशहरा का मौका है और ऐसा लगता है कि सभी फिल्म कलाकारों ने इस मौके का फायदा उठाया है। तब तक 19 और 20 एस्ट्रेचर की दो दिन में छह बड़े बजट की फिल्में रिलीज हो रही हैं। नई: इस दशहरा दिल्ली में एक से बढ़कर एक धांसू फिल्में रिलीज हो रही हैं। कई बड़े स्टार्स की फिल्में एक साथ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने को तैयार हैं लेकिन डेट को लेकर फिल्मों का क्लैश भी देखने को मिल रहा है। बॉलीवुड से लेकर साउथ सिनेमा तक की कई बड़ी फिल्में एक साथ मूवी में नजर आएंगी। इनमें साउथ सुपरस्टार तलपती विजय की फिल्म ‘लियो’ और बॉलीवुड के एक्शन हीरो टाइगर टाइगर ‘गणपत’ भी शामिल हैं। आइए जानते हैं 19-20 कलाकारों को कौन-कौन सी फिल्में रिलीज होती हैं… साउथ एक्टर्स से मिलेगा बॉलीवुड का एक्शन हीरो तलपती विजय साउथ इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के इतने बड़े नाम हैं कि उनकी फिल्मों का दर्शकों को बेसब से इंतजार रहता है। हाथ-हाथ उनकी फिल्में के टिकटें बिकती हैं। फ़ाइफ़र में उनकी मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘लियो’ आ रही है। इस फिल्म की बेकरारी बॉयफ्रेंड में साफा देखने को मिल रही है। उनकी ये फिल्म अब तक सोलो ही आ रही थी लेकिन अब उसके जैसी दिखने वाली बॉलीवुड के एक्टर टाइगर श्रॉप की फिल्म ‘गणपत’ तैयार है। कब रिलीज होंगी ‘लियो’ और ‘गणपत’ इस बार दशहरा 24 को मनाया गया। इससे पहले 19 एयॉवर्स को तलपती विजय की ‘लियो’ रिलीज हो रही है। फिल्म में उनके साथ तृषा कृष्णन और संजय दत्त भी नजर आये। विक्ट्री की फिल्म ‘लियो’ के सामने कोई भी एक्टर अपनी फिल्म नहीं लाना चाहता लेकिन एक्शन हीरो टाइगर मांग के लिए तैयार हैं। टाइगर के कैरियर की 10वीं फिल्म ‘गणपथ’ 20 को रिलीज होने जा रही है। इसकी जानकारी हाल ही में टाइगर ने पोस्ट के माध्यम से दी है। इस क्लैश को लेकर खूब चर्चाएं शुरू हो गई हैं. 19-20 को बॉक्सऑफिस क्लैश तलपति विजय की ‘लियो’ और टाइगर मैग्जी की ‘गणपथ’ के अलावा इस दौरान कई फिल्में आईं। इनमें से एक तेलुगू फिल्म ‘भगवंत केसरी’, कन्नड़ फिल्म ‘घोस्ट’ 19 एरियल को डायरेक्टर में रिलीज हो रही है। जबकि 20 एरियल की तेलुगू फिल्म ‘टाइगर नागेश्वर राव’ और कन्नड़ की ‘ससाई सईद बी’ रिलीज हो रही है। ऐसे में इन दोनों की डेट्स को एक साथ कई फिल्में क्लैश करेंगी। अब देखिए ये होगा कि किस फिल्म पर दर्शकों का प्यार लुटाता है।
परिवहन मंत्री के काफिले की कार से गिरे स्कूली बच्चे: उद्घाटन समारोह में जा रहे थे मंत्री बृजेंद्र ओला; सवाल उठाए
परिवहन मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला के काफिले में मोटर वाहन कैंपर कार की तरह ही घूमती हुई 5 किलोमीटर लंबी सड़क पर चलती हुई चलती है। हालाँकि पुरावशेष सभी बच्चे हो गए। बाकी लोगों ने उन पर कब्ज़ा कर लिया। लेकिन जिस तरह के बच्चों को ओपन कैंपर कार में ले जाया जा रहा था, ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल हो गए। यह है कि यह काफिला सड़क सुरक्षा एवं परिवहन मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला का बताया जा रहा है। हादसा रविवार सुबह 11 बजे झुंझुनू के विरासत गांव हेरीज़पुरा से देर रात तक स्मारक और सम्मान समारोह में गया। साथ में परिवहन विभाग के अधिकारी भी थे। अधिकारियों की 3 जीप और सिलिकॉन सबसे आगे चल रही थी। इसके बावजूद उद्योगपति बने। युवाओं और बच्चों को खुले कैंप में सवार कर बिना सुरक्षा के काफिले में शामिल किया गया। बच्चा बाल-बाल बच्चा गनीमत यह रही कि किसी भी बच्चे को ज्यादा चोट नहीं आई। लेकिन पीछे से अगर तेज गति से कोई वाहन निकले तो बच्चों के साथ बड़ा हादसा हो सकता है। कपूर से बेहाल दो बच्चों को चोट लगी है। इस घटना का वीडियो सामने आया है. वीडियो में देखा जा रहा है कि मोटरसाइकल हुई कैंपर कच्चे रास्ते से पक्की सड़क पर तेजी से चढ़ी हुई है। कई वाहन खरीद से आ रहे थे। सबसे अधिक कैंपर के पीछे (लोडिंग क्षेत्र) चाइल्ड किनारे पर बैठे थे। वे एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखकर बैठे थे। कुछ बच्चों ने हाथ में झंडे और झंडे ले रखे थे। कैंपर टर्न पर तेजी से घूमी तो बच्चा धड़ाधड़ साइकिल चला गया। कैंपर के ड्राइवर को तब पता चला जब पीछे से लोग चिल्लाते हुए रुके की बात देखने लगे। बड़ी बात ये है कि सामने के तीन पत्थरों में पुलिस थी। इसके बाद कैंपर में बच्चों को रखा गया था। सड़क पर उतरने से बच्चों को ज्यादा चोट लगी। एक बच्चे का मोबाइल छिटककर दूर गिर गया। मंत्री-अधिकारी सबने की अनदेखी वीडियो में देखा जा सकता है कि बच्चा कैंपर गाड़ी में ठुमंस-ठूंस कर रहा था। सवाल ये है कि परिवहन मंत्री के परिवार में अनभिज्ञता की अनदेखी क्यों की गई। काफ़िले में सबसे आगे ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स की दुकानें थीं, ऐसे में उनकी भी जिम्मेदारी थी कि वे बच्चों की जान जोखिम में डालकर लोगों को अलग कर दें। इस मामले में सदर थाने के इरादों से बात की गई तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से इंकार कर दिया।
Nijjar Row: ‘कनाडा छोड़ो, भारत जाओ…’ हताश खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को धमकी दी।
सिख फॉर जस्टिस नामक एक समूह ने कनाडा में हिंदुओं के लिए घटिया बातें कही हैं क्योंकि उनका मानना है कि भारत उनकी मदद कर रहा है। ये बातें कहने वाला शख्स गुरपतवंत सिंह पन्नू नाम का एक बुरा इंसान है. लोगों को चिंता है कि इससे अलग-अलग नस्ल के लोग एक-दूसरे को पसंद नहीं करेंगे क्योंकि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कुछ ऐसी टिप्पणियां की थीं जिससे स्थिति और खराब हो गई. 2019 में, सिख फॉर जस्टिस नामक एक समूह ने कनाडा में उन लोगों को धमकी दी जो हिंदू धर्म नामक एक अलग धर्म को मानते हैं। इस समूह को भारत में अनुमति नहीं है. वे चाहते हैं कि ये लोग कनाडा छोड़ दें और भारत का समर्थन करें। समूह के एक व्यक्ति ने एक वीडियो बनाकर कनाडा के सिखों से वैंकूवर में होने वाले एक विशेष कार्यक्रम के लिए वोट करने को कहा। भारत में खतरनाक माने जाने वाले शख्स पन्नू ने कहा कि भारत के जो लोग हिंदू धर्म को मानते हैं उन्हें कनाडा छोड़कर वापस भारत चले जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का समर्थन किया है। यह वीडियो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस मुद्दे पर बयान देने के दो दिन बाद सामने आया है. 2019 में सिख फॉर जस्टिस नाम के एक ग्रुप ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को धमकी दी थी. वे अपने नेता की मौत से दुखी हैं और चाहते हैं कि लोग उनके मुद्दे का समर्थन करें। वे कनाडा में सिखों से वैंकूवर में हो रहे एक विशेष कार्यक्रम में वोट करने के लिए कह रहे हैं। पन्नू नाम का एक शख्स है जिसे भारत में आतंकवादी कहा जाता है. पन्नू ने कहा, ”भारत-हिंदू…कनाडा छोड़ो, भारत जाओ.” पन्नू ने कहा कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का समर्थन किया है। यह वीडियो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के दो दिन बाद सामने आया है. अनीता आनंद, जो कनाडा की नेता हैं और हिंदू पृष्ठभूमि से हैं, ने सभी से शांतिपूर्ण रहने के लिए कहा है। उन्होंने एक सोशल मीडिया वेबसाइट पर संदेश लिखकर कहा कि ट्रूडो ने सोमवार को जो कहा उससे दक्षिण एशिया और भारत के परिवार, चाहे वे किसी भी धर्म को मानते हों, परेशान हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें कानूनी प्रक्रिया को वैसे ही चलने देना चाहिए जैसे उसे चलना चाहिए, और हम सभी को शांत, एक साथ और समझदारी से रहना चाहिए।
भारत ने किया पलटवार, एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से कनाडा के हिंसक इलाकों में न जाने को कहा
भारत ने अपने नागरिकों को कनाडा के संयुक्त अरब अमीरात से भागने की सलाह दी है, जहां भारतीयों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं होती रहती हैं। भारत सरकार यात्रा सलाह: कनाडा से तल्खी के बीच भारत ने पलटवार किया है। कनाडा को इन्हीं बातों का जवाब देते हुए भारत ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एड डिमांडरी जारी की है। भारतीय नागरिकों और कनाडा में पढ़ रहे छात्रों को संयुक्त राज्य अमेरिका से भागने की सलाह दी गई है, जहां हाल-फिलहाल में भारतीयों के खिलाफ हिंसक घटनाएं हुई हैं। भारत सरकार ने क्या कहा? सरकार ने अपनी एड्री में कहा, ”कनाडा में भारत विरोधी क्रांतिकारी और हेट क्राइम को ध्यान में रखते हुए सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वहां यात्रा करते हुए विशेष सावधानी बरतें।” Advisory for Indian Nationals and Indian Students in Canada:https://t.co/zboZDH83iw pic.twitter.com/7YjzKbZBIK — Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 20, 2023 एड इश्यूरी में आगे कहा गया है, ‘हाल ही में भारत में कई भारतीय दार्शनिकों और भारतीय समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसक घटनाएं हो रही हैं। ‘आदिवासी ऐतिहासिक ‘हो गया’ एड फ़रमाइशी में यह भी बताया गया है कि कनाडा में स्थित भारतीय उच्चायोग, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के स्थिरांक वहाँ की कंपनियों के संपर्क में हैं। सरकार ने कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को सख्त सावधानी बरतने की सलाह दी है और हमेशा संयमित रहने को कहा है। नागरिकों से नामांकन को कहा गया: सरकार ने कनाडा में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों को कोटा स्थित हाई कमीशन और टोरंटो और वैंकूवर स्थित कांस ओलंपिक में खुद को पंजीकृत करने को कहा है। ताकि किसी भी तरह की स्थिति में कंपनी के रेलवे से संपर्क किया जा सके। भारतीय नागरिकों के लिएmadad.gov.in नाम की एक वेबसाइट है। आप इस वेबसाइट के माध्यम से भी साइन अप कर सकते हैं। भारत सरकार की यह एड्रिया, कनाडा की एड एग्री के बाद ठीक है। एक दिन पहले कनाडा ने भी अपने नागरिकों के लिए ऐसी ही एड्री जारी की थी। असम, जम्मू कश्मीर और डेमोक्रेट्स का ख़ास ज़िक्र करते हुए अपने नागरिकों को जापान से भागने को कहा गया था।