Sidhu Moose Wala Murder Case: मूसेवाला के कातिलों का ‘गेम ओवर’, अमृतसर में Encounter में पुलिस ने किया ढेर
Sidhu Moosewala Murder Case: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल दोनों शूटर्स को पंजाब पुलिस ने मार गिराया है. DGP के मुताबिक अटारी बॉर्डर के पास पुलिस ने encounter कर दोनों शूटरों को मारा है. Sidhu Moosewala Murder Case: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के हत्यारों को पंजाब पुलिस ने ढेर कर दिया है. DGP के मुताबिक अटारी बॉर्डर के पास पुलिस ने encounter में दोनों शूटरों को मारा है. यह मुठभेड़ कई घंटों चली और शाम तक पुलिस को सफलता मिली है. इस encounter में शूटर जगरूप सिंह रूपा और मन्नू कुसा मारे गए हैं. साथ ही तीन पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. एक कैमरामैन भी जख्मी बीच में खबर आई थी कि मुठभेड़ को कवर कर रहे एक निजी चैनल के कैमरामैन को भी गोली लगी थी और वो भी जख्मी हो गए थे. पूरी मुठभेड़ के दौरान पुलिस के कई आला अधिकारी मौके पर मौजूद रहे. हवेली में छिपकर बैठे थे शूटर्स पुलिस को जब पता चला कि किसी सुनसान इलाके में बनी पुरानी हवेली में दो गैंगस्टर्स जगरूप सिंह रूपा और मन्नू कूसा छिपे बैठे हैं तब पुलिस एक्शन में आई. DGP के मुताबिक गैंगस्टर्स के पास भारी मात्रा में असलहा मौजूद था. खेतों के बीच में बनी हवेली से लगातार पुलिस के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें कि AK47 हथियार का इस्तेमाल किया गया. ‘लगातार नजर रख रही थी पुलिस’ पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि हम सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपियों पर नजर रख रहे थे और हमारी टास्क फोर्स ने इस इलाके में कुछ हलचल देखी. हमने उस पर कार्रवाई की. आगे की जांच के लिए हमारी फोरेंसिक टीम मौके पर है. पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर मन्नू और शूटर जगरूप सिंह रूपा पाकिस्तान भागना चाहते थे. 29 मई को हुई थी Moose Wala की मौतबता दें कि सिंगर सिद्धू मूसेवाला की 29 मई को पंजाब में मानसा के पास उनके पैतृक गांव के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस के मुताबिक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे मनप्रीत ने रूपा और अन्य लोगों के साथ मिलकर 29 मई को मूसेवाला पर गोली चलाई थी, जिससे गायक की मौके पर ही मौत हो गई थी. बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए थे शूटर्स एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स के प्रमुख प्रमोद बान ने पिछले महीने मीडिया को बताया था कि जेल में बंद मुख्य साजिशकर्ता गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने कबूल किया था कि Moose Wala को मारने की योजना पिछले साल अगस्त में विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए रची गई थी. बान ने कहा कि मूसेवाला की हत्या के एक दिन बाद 30 मई को पहली गिरफ्तारी के बाद से अब तक इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़, जो बिश्नोई गिरोह का सदस्य है, ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. प्लानिंग के तहत हुई थी सिंगर की हत्याबान ने इससे पहले कहा था कि शूटर 25 मई को घटना स्थल मूसा गांव के पास मनसा पहुंचे थे. उन्होंने कहा, ‘पंजाब पहुंचने पर उन्हें कुछ हथियार मुहैया कराए गए. मूसेवाला को मारने के लिए एके सीरीज की राइफलों का इस्तेमाल किया गया था.’
chocolate फंसने से 6 साल की बच्ची की मौत:स्कूल भेजने के लिए मां ने चॉकलेट दी थी, रैपर समेत खाने से दम घुटा
chocolate फंसने से 6 साल की बच्ची की मौत: कर्नाटक के उडुपी जिले में बुधवार को 6 साल की एक बच्ची की गले में chocolate फंसने से मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ, जब बच्ची (सामन्वी पुजारी) अपने घर पर थी और स्कूल बस में चढ़ने वाली थी। पुलिस के मुताबिक सुबह सामन्वी स्कूल जाने को तैयार नहीं थी। माता-पिता और परिवार के सदस्यों ने उसे स्कूल जाने के लिए जैसे-तैसे मना लिया। मां सुप्रिता पुजारी ने भी सामन्वी को मनाने के लिए एक चॉकलेट दी। इस बीच स्कूल वैन आ गई। जिसे देखकर सामन्वी ने रैपर के साथ ही chocolate खा ली। दम घुटने की वजह से वह बस के दरवाजे के पास ही बेहोश होकर गिर पड़ी। हॉस्पिटल ले जाने से पहले हुई मौतसामन्वी को होश में लाने के लिए बस के ड्राइवर और परिवार के लोगों ने कोशिश की, लेकिन वह बेहोश पड़ी रही। इसके बाद परिवार के लोग उसे पास के अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सामन्वी की बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए मणिपाल केएमसी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में भेज दिया गया है। स्कूल ने भी छुट्टी घोषित कीमामले की जांच कर रही बैंदूर पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा। वहीं स्कूल ने सामन्वी की मौत के बाद छुट्टी की घोषणा कर दी।सामन्वी विवेकानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में पहली क्लास की स्टूडेंट थी।
राजस्थान में अवैध खनन से दुखी संत का आत्मदाह:80% झुलसे baba विजय दास, 551 दिन से चल रहा आंदोलन खत्म
राजस्थान में भरतपुर के पसोपा गांव में संत baba विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में खुद को आग लगा ली। वे साधु-संतों के साथ पिछले 551 दिन से आंदोलन कर रहे थे। आग लगाने के बाद बाबा राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई, तब तक वे करीब 80 फीसदी जल चुके थे। baba को भरतपुर के राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया, शाम 4.40 बजे उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया। 7.15 बजे उन्हें गंभीर हालत में जयपुर के एसएमएस अस्पताल भर्ती कराया गया। baba के आत्मदाह के बाद राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया बैकफुट पर आ गए। मंत्री ने कहा कि संत जिन खानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, वे लीगल हैं। फिर भी उनकी लीज शिफ्ट करने पर विचार किया जाएगा। डेढ़ साल बाद हुआ धरना खत्मअवैध खनन के खिलाफ साधु संत करीब डेढ़ साल से धरना दे रहे थे। बुधवार शाम 5.45 बजे पसोपा में मान मंदिर सेवा संस्थान बरसाना के कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री ने धरना खत्म करने का ऐलान किया। मंत्री विश्वेंद्र सिंह की मौजूदगी में यह ऐलान किया गया। मंत्री ने 15 दिन में कनकांचल व आदिबद्री को वनक्षेत्र घोषित करने व 2 महीने में इन क्षेत्रों में चल रही सभी लीज को शिफ्ट करने का आश्वासन दिया, इसके बाद धरना खत्म कर दिया गया। संत ने टावर पर 33 घंटे धरना दियासहमति बनने से पहले बुधवार को आंदोलन से जुड़े एक और संत baba नारायण दास 33 घंटे से टावर पर चढ़कर बैठे थे, वे दोपहर में baba विजयदास के आत्मदाह के प्रयास के बाद दोपहर 1.10 बजे टावर उसे उतर आए। नारायण दास मंगलवार सुबह 6 बजे से मोबाइल टावर पर चढ़े थे। वे बरसाना के रहने वाले हैं। आंदोलन को देखते हुए कमिश्नर सांवरमल वर्मा ने भरतपुर के पांच कस्बों में इंटरनेट बंद कर दिया था। क्यों आंदोलन कर रहे थे साधु-संत?राजस्थान के भरतपुर जिले की डीग, कामां तहसील का इलाका 84 कोस परिक्रमा मार्ग में पड़ता है। साधु-संतों का कहना है कि यह धार्मिक आस्था से जुड़ी जगह है, यहां हिंदू धर्म के लोग परिक्रमा करते हैं, इसलिए यहां वैध और अवैध, दोनों तरह के खनन बंद होने चाहिए। इसी मांग को लेकर वे 551 दिनों से आंदोलन कर रहे थे। संत इस जगह चारों धाम मानते हैंसाधु-संतों का दावा है कि कनकांचल और आदि बद्री पर्वत धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं। आदि में भगवान बद्री के दर्शन होते हैं, जबकि कनकांचल पर्वत में कई पौराणिक अवशेष हैं। इनकी श्रद्धालु परिक्रमा करते हैं। इस जगह पर चारों धाम हैं। सरकार की रोक के बाद भी चल रहा खननराजस्थान सरकार ने 27 जनवरी 2005 को आदेश निकाला था कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग के दोनों तरफ 500 मीटर में खनन नहीं किया जाएगा। यह मार्ग भरतपुर जिले के डीग, कामां तहसीलों में पड़ता है। सरकार का दावा था कि धार्मिक स्थलों और पहाड़ों में खनन नहीं हो रहा है। हालांकि परिक्रमा मार्ग से 500 मीटर के बाहर खनन चलता रहा। साधु-संतों का दावा है कि 500 मीटर के अंदर भी माइनिंग हो रही है और पवित्र मानी जाने वाली पहाड़ियों को नुकसान हो रहा है। मंत्री बोले- खनन करने वाले रॉयल्टी दे रहेसंत के आत्मदाह के बाद खनन मंत्री ने कहा- पहाड़ी के आसपास 55-60 लीज दे रखी हैं। वे सब लीगल माइनिंग कर रहे हैं और उनके पास एनवायर्नमेंटल क्लियरेंस भी है। संत चाहते हैं कि वहां खनन बंद करके उस इलाके को वन क्षेत्र घोषित किया जाए। भाया ने कहा कि इस मामले में CM की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें चर्चा हुई है। वे नियमानुसार खनन कर रहे हैं, रॉयल्टी दे रहे हैं। उन खानों की लीज कैंसिल करके दूसरी जगह लीज देने पर विचार करेंगे। संतों baba ने पहले भी प्रशासन को चेतावनी दी थी आंदोलन कर रहे साधु-संतों की अगुआई कर रहे बाबा हरिबोल ने रविवार यानी 17 जुलाई को आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद पुलिस बल धरनास्थल पर पहुंच गया था। उन्होंने कहा-मेरी मृत्यु का समय अब निश्चित हो चुका है, जिसे कोई बदल नहीं सकता है। प्रशासन चाहे कितना ही पुलिस अमला लगा दे, 19 जुलाई को मेरा ब्रजभूमि की सेवा और रक्षा के लिए मरना तय है। मेरी मृत्यु की जिम्मेदार राजस्थान सरकार होगी। इसके बाद सोमवार को साधु-संतों की पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ मीटिंग हुई थी। मंत्री के आश्वासन के बाद baba ने कहा था कि मीटिंग तो रोज होती है, कोई फैसला हो तो बात बने। पिछले साल CM से मिले थे UP के पूर्व नेता प्रतिपक्षब्रज क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर आंदोलन को जब 260 दिन हो गए तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ब्रज चौरासी कोस में स्थित धार्मिक पर्वत कनकांचल और आदि बद्री को वनक्षेत्र घोषित कर खनन मुक्त करने का निर्णय लिया था। साधु संतों का आरोप है कि अवैध खनन रुक नहीं रहा है। ब्रज क्षेत्र में खनन रोकने की मांग करते हुए अप्रैल 2021 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रदीप माथुर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मिला था। सीएम ने कहा था-नगर और पहाड़ी तहसील में हो रहा खनन रोका जाएगा। माथुर ने कहा था कि ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा के मार्ग में आने वाली पहाड़ियों को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया जाए।