जेल में बंद Lawrence whatsapp पर लेता है सुपारी:फेसबुक पर online बेचता है हथियार, विदेशी सिमकार्ड इस्तेमाल करता है

Lawrence Bishnoi तिहाड़ जेल (दिल्ली) में बंद गैंगस्टर Lawrence बिश्नोई ने कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बरार के साथ मिलकर मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवा दी। लॉरेंस काफी समय से राजस्थान में एक्टिव है। राजस्थान आने का मकसद एक ही था कि वह गैंग बना सके। पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया। जेल से उसने कई गुर्गो को अपनी गैंग में शामिल कर बड़ा नेटवर्क बना लिया। एक पुलिस अफसर के मुताबिक- Lawrence whatsapp पर सुपारी लेता है। हथियारों की online खरीद-फरोख्त फेसबुक के माध्यम से करता है। Lawrence ने जोधपुर कोर्ट में 2 साल पहले बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को मारने की धमकी भी दी थी। सलमान को मारने मुंबई शूटर भी भेजा था। हमला करने से पहले ही वह पकड़ा गया। इसके महज 2 साल बाद लॉरेंस व गोल्डी के गुर्गो ने 29 मई को मूसेवाला की हत्या कर दी। गोल्डी और लॉरेंस ने सोशल मीडिया पर हत्या की जिम्मेदारी भी ली। पुलिस वाले का बेटा बन गया गैंगस्टरLawrence स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) नामक संगठन का कर्ताधर्ता है। डिफरेंट स्टाइल में समाज सेवा करने का दावा करता है। पंजाब और हरियाणा की सबसे खतरनाक गैंग में से एक का लीडर है। जेल से ही गैंग ऑपरेट करता है। उसके पास महंगी पिस्तौलों और बंदूको का जखीरा भी है। करीब पंद्रह साल पहले कॉलेज में दो बार हवाई फायरिंग करके वो अपना रुतबा कायम कर चुका है। गैंगस्टर के पिता लविंद्र कुमार पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल थे। जेल से गैंग को करता है ऑपरेटजेल से लॉरेंस पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान में अपनी गैंग को ऑपरेट करता है। वह जेल में whatsapp पर सुपारी लेकर अपनी गैंग के लोगों को धमकी दिलवाता है और पैसे नहीं देने पर मरवा देता है। इसके अलावा लॉरेंस के गुर्गे फेसबुक व इंस्टाग्राम पर हथियार भी बेचते हैं। दिल्ली पुलिस ने लॉरेंस गिरोह के कुछ बदमाशों को सोशल मीडिया पर हथियार बेचने के मामले में गिरफ्तार किया था। हमेशा विदेशी सिम लेता है काम मेंनाम नहीं छापने की शर्त पर जोधपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लॉरेंस की गैंग का नेटवर्क देश के बाहर भी फैला हुआ है। लॉरेंस जेल के भीतर हमेशा विदेशी सिम का उपयोग करता है। इसी के माध्यम से उसका पूरा नेटवर्क चलता है। उसके पास से जोधपुर में तीन बार विदेशी सिम बरामद हो चुकी है। जोधपुर जेल में इन हरकतों के बाद लॉरेंस को हाई सिक्योर वाली अजमेर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया।

Telangana के मंत्री एम. Malla Reddy पर जूते, पत्थर और कुर्सियों से हुआ हमला, बाल-बाल बचे

हैदराबाद, आइएएनएस। तेलंगाना के श्रम मंत्री एम. Malla Reddy उस समय बाल-बाल बचे, जब उनके काफिले पर घाटकेसर में एक जनसभा के दौरान कुछ लोगों ने हमला कर दिया। एक अराजनीतिक सामुदायिक बैठक में जा रहे मंत्री के काफिले पर जूते, पत्थर और कुर्सियां फेंकी गईं, जिसके चलते अचानक उन्हें बैठक छोड़नी पड़ी।मंत्री को ‘Reddy सिम्हा गर्जना’ की बैठक में कुछ प्रतिभागियों के गुस्से का उस समय सामना करना पड़ा जब उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की प्रशंसा की। कांग्रेस नेता ने रुकवाया भाषण बता दें कि जैसे ही मंत्री ने सीएम की प्रशंसा के कसीदे पढ़े कुछ लोग मंच की ओर दौड़ पड़े और उनसे अपना भाषण रोकने को कहा। कांग्रेस के एक नेता ने उनसे सरकार की प्रशंसा करना बंद करने और समुदाय की भलाई के लिए सरकार की मंशा पर बोलने के लिए कहा। हंगामे के बीच, मल्ला रेड्डी ने अपना भाषण रोक दिया और आयोजकों की अपील के बाद भाषण फिर से शुरू किया। बैठक में शामिल लोगों ने मंत्री (Malla Reddy) के खिलाफ लगाए नारे जैसे ही मंत्री ने सरकार की प्रशंसा करना जारी रखा बैठक में शामिल लोगों ने उन्हें बाधित किया और उनके खिलाफ नारे लगाए। इस बार लोग काफी गुस्से में थे और परेशानी को भांपते हुए, मंत्री के सुरक्षा कर्मियों और पुलिस ने उन्हें घेर लिया और उन्हें मंच से हटा दिया। कार्यक्रम से निकलते समय चले जूते-पत्थरजैसे ही मंत्री Reddy का काफिला कार्यक्रम स्थल से निकल रहा था, कई लोगों ने जूते, पत्थर और यहां तक कि कुर्सियां भी फेंकना शुरू कर दी। उनमें से कुछ ने काफिले का पीछा भी किया। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए थे। रेड्डीज की संयुक्त कार्रवाई समिति ने मांग की कि मुख्यमंत्री 5,000 करोड़ रुपये के साथ रेड्डी आयोग का गठन करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करें। बता दें कि मल्ला रेड्डी ने इस हमले के लिए राज्य कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी को दोषी ठहराया है। मंत्री ने कहा कि चूंकि वह रेवंत रेड्डी के गलत कर्मों पर सवाल उठा रहे थे, इसलिए उन्होंने अपने समर्थकों के माध्यम से हमले को अंजाम दिया।

Nepal Plane Crash: “विमान दुर्घटना में किसी के बचने की उम्मीद नहीं”, 22 यात्रियों में 4 भारतीय भी थे सवार

नेपाल (Nepal) में दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से 8 मौजूद हैं. इनमें एवरेस्ट भी शामिल है. यहां रिकॉर्ड संख्या में हवाई दुर्घटनाएं होती हैं. नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान (Nepal Plane Crash) में सवार सभी यात्रियों के मारे जाने का डर है. नेपाल के एक सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को यह जानकारी दी. इस विमान के दुर्घटनास्थल से मृतकों के शव निकाले जाने के बीच यह शंकाएं तेज हो गई हैं. नेपाल के गृहमंत्रालय के प्रवक्ता पधींद्र मणि पोखरेल ने कहा, हमें डर है कि इस विमान में सवार सभी यात्री अपनी जान गंवा चुके हैं. हमारा प्राथमिक आंकलन बताता है कि कोई भी इस विमान दुर्घटना में नहीं बच सका होगा. लेकिन आधिकारिक सूचना आने में अभी समय है.” नेपाल (Nepal) के पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान (Plane Crash) के मलबे से 14 मृतकों के शव बरामद किए गए हैं. इस विमान में 22 लोग सवार थे, जिनमें 4 भारतीय शामिल थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नेपाल के नागरिक उड्डयन अधिकारी के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. प्रवक्ता देओ चंद्र लाल करन ने दुर्घटना के एक दिन बाद AFP से कहा अब तक 14 शव बरामद किए गए हैं. बाकी बचे लोगों की तलाश की जा रही है. मौसम बेहद खराब है लेकिन हमारी टीम क्रैश साइट पर पहुंच गई है. किसी दूसरी फ्लाइट की संभावना नहीं है.” क्रैश की जगह उत्तर-पश्चिमी नेपाल में मस्टैंग जिले में थैसांग में सानो स्वार भीर पर 14,500 फीट की ऊंचाई पर मिली. विमान के खोने के करीब 20 घंटे बाद दुर्घटना की जगह मिल सकी. यह टर्बोप्रॉप ट्विन ऑटर 9N-AE विमान तारा एयर ऑपरेट कर रही थी और पोखरा से रविवार सुबह 10 बजे उड़ान भरने से कुछ मिनट बाद उसका संपर्क टूट गया था. कनाडा में बना हुआ यह विमान पोखरा से जॉमसोम जा रहा था जो केंद्रीय नेपाल का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है. एएनआई को फोन पर मुख्य जिला अधिकारी नेत्रा प्रसाद ने शर्मा ने कहा, “यह विमान मस्टांग में जॉमसोम के आसमान में देखा गया था और फिर माउंट धौलागिरी की ओर मुड़ा जिसके बाद इससे संपर्क नहीं हो पाया.” एयरलाइन ने उन यात्रियों की सूची भी जारी की है जो इसपर सवार थे, इसमें अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नि वैभवी और उनके बच्चे धनुष और रितिका सवार थे. यह परिवार मुंबई के निकट थाने का रहने वाला था. एक अधिकारी ने बताया कि वैभवी त्रिपाठी की बड़ी बहन ने अधिकारियों ने उनकी मां को यह जानकारी नहीं देने को कहा है क्योंकि उनकी तबियत खराब है. हिमालय टाइम्स अबबार के अनुसार नेपाल के गृह मंत्रालय ने मस्टांग और पोखरा से खोए हुए विमान की तलाश के लिए दो प्राइवेट हैलीकॉप्टरों को तैनात किया था. सुरक्षाबलों की निगरानी और खोज यूनिट और स्थानीय लोग भी धौलागिरी में तलाशी अभियान में जुटे. नेपाल में दुनिया के 14 सबसे ऊंचे पहाड़ों में से 8 मौजूद हैं. इनमें एवरेस्ट भी शामिल है. यहां रिकॉर्ड संख्या में हवाई दुर्घटनाएं होती हैं. कोर्ट के निर्देश पर बच्चों के साथ गए थे घूमने, अशोक-वैभवी का चल रहा था तलाक का केस अनिल कुमार शुक्ल, ठाणे: नेपाल की तारा एयरलाइंस (Nepal Tara Airlines) का विमान रविवार को उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही लापता हो गया। दो इंजन वाले इस छोटे विमान में ठाणे के एक परिवार के चार लोगों-अशोक त्रिपाठी (54), वैभवी बांदेकर (51), धनुष (22) और रितिका (15) समेत कुल 22 लोग सवार थे। वे सभी समाचार लिखे जाने तक लापता थे। उनकी तलाश में सेना के हेलिकॉप्टर लगाए गए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण यह अभियान रोकना पड़ा। अशोक त्रिपाठी का वैभवी बांदेकर से प्रेम विवाह हुआ था। उनका बेटा धनुष और बेटी रितिका पढ़ते हैं। कापुरबावडी पुलिस स्टेशन के सीनियर पीएआई उत्तम सोनवणे के मुताबिक, अशोक और वैभवी का कोर्ट में तलाक का मामला चल रहा था। कोर्ट ने अशोक को बच्चों के साथ साल में दस दिन रहने की अनुमति दी थी। इसी के चलते वे सब तीन दिन पहले नेपाल गए थे, लेकिन रविवार को पूरा परिवार हादसे की चपेट में आ गया। मां वेंटिलेटर परठाणे-नासिक हाइवे स्थित रुस्तमजी एथीना में वैभवी अपने दोनों बच्चों और बीमार मां के साथ रहती थीं। उनकी मां वेंटिलेटर पर हैं और एक केयर टेकर उनकी देखभाल करता है। अशोक त्रिपाठी भुवनेश्वर में रहते थे, वैभवी मुंबई में बीकेसी में काम करती थीं। वैभवी का पड़ोसियों से मेलजोल नहीं था। अशोक का एक घर बोरीवली में है।