रायगढ़ में टूटी हॉस्पिटल की लिफ्ट:सेकंड फ्लोर से गिरे 9 Doctors, लिफ्ट में ज्यादा वजन से हुआ यह हादसा
महाराष्ट्र के रायगढ़ में एक हॉस्पिटल की लिफ्ट गिरने से 9 Doctors गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह दिल दहला देने वाली घटना रायगढ़ जिले के न्यू पनवेल शहर के ‘आमले अस्पताल’ में शुक्रवार सुबह हुई है। रायगढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर पहुंचने पर लिफ्ट की मेटल केबल टूट गई। माना जा रहा है कि लिफ्ट में केपेसिटी से ज्यादा वजन था, इसलिए यह दुर्घटना हुई है। हादसे के वक्त लिफ्ट में 9 Doctors मौजूद थे। खास यह यह कि यह हॉस्पिटल कुछ ही महीने पहले शुरू हुआ था। सभी डॉक्टर्स तीसरी मंजिल से खाना खा कर ग्राउंड फ्लोर पर जा रहे थे। दुर्घटना का शिकार हुए सभी डॉक्टर्स खतरे से बाहर दुर्घटना के तुरंत बाद दमकल कर्मियों को बुलाया गया। दमकल ने डॉक्टरों को लिफ्ट से रेस्क्यू किया और उन्हें रायगढ़ के दूसरे प्राइवेट अस्पताल में पहुंचाया। गनीमत यह रही कि हादसे में घायल सभी डॉक्टर्स फिलहाल ठीक हैं। आज हॉस्पिटल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया था। ये सभी डॉक्टर्स इसी में शामिल होने के लिए आये थे। इनमें से कुछ हॉस्पिटल और कुछ हॉस्पिटल से बाहर से थे हॉस्पिटल के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज इस दुर्घटना के बाद खांदेश्वर पुलिस स्टेशन में हॉस्पिटल के खिलाफ लापरवाही का एक केस दर्ज किया गया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कैसे एक नई लिफ्ट वजन बढ़ने के बाद टूट गई। आमतौर पर वजन बढ़ने के बाद लिफ्ट बंद नहीं होती है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कैसे यह लिफ्ट बंद हुई और चलने लगी। दुर्घटना में हॉस्पिटल के मलिक समेत यह 9 Doctors घायल अस्पताल के मालिक डॉ. संदीप आमले ने बताया कि हमने इस पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिया है। दुर्घटना कैसे हुई और इसमें किस की गलती थी यह जल्द ही बताया जाएगा। इस हादसे में घायल हुए डॉक्टरों में अस्पताल के मालिक डॉ. संदीप आमले, डॉ. बालकृष्ण नागरगोजे, डॉ. गोविंद पाटिल, डॉ. श्रेया वीर, डॉ. विनोद ढोले, डॉ. दीपाली नरवणे, डॉ. संतोष जयभय और डॉ. सुरेश नाईक और डॉ. वृंदा कक्कड़ शामिल हैं। इस हादसे में आमले अस्पताल के मालिक डॉ. संदीप आमले को सबसे ज्यादा चोट आई है।
PM मोदी की हत्या की साजिश का खुलासा, NIA को दी गई ईमेल की जांच
Connivance To Assassinate PM Narendra Modi: ईमेल के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है. ईमेल किसने भेजा है इसका पता लगाया जा रहा है. ईमेल की जांच NIA को दे दी गई है. नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश (Connivance To Assassinate PM Modi) का खुलासा हुआ है. ईमेल की जांच NIA को दे दी गई है. खुफिया सूत्रों के हवाले से प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) को जान से मारने की धमकी देने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को धमकी भरा ई-मेल मिला है. ईमेल में कही गई 20 स्लीपर सेल होने की बात ईमेल करने वाले ने कहा है कि वो आत्महत्या कर रहा है, जिससे इस साजिश का पर्दाफाश ना हो सके. प्रधानमंत्री मोदी को मारने के लिए तैयार हैं. इनके पास 20 स्लीपर सेल मौजूद हैं. कुल 20 किलो RDX है. मेल लिखने वाले के कई आतंकियों से हैं संबंध! मेल के मुताबिक, हमले की योजना तैयार हो चुकी है. मेल में कहा गया है कि मेल लिखने वाले के कई आतंकियों से संबंध हैं. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने धमकी भरा ई-मेल खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को भी भेजा है. जिस मेल आईडी से मेल आया है उसकी जांच जारी है. ईमेल नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की मुंबई ब्रांच को आया है. सुरक्षाबलों को किया गया अलर्ट बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश रचने का खुलासा होने के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है. ईमेल भेजने वाले का पता लगाया जा रहा है.
PM मोदी ने Russian Foreign Minister से की मुलाकात, ‘हिंसा खत्म करने’ का किया आह्वान
PM Modi meet Russian Foreign Minister : पीएम मोदी ने यूक्रेन संकट के बीच Russian Foreign Minister सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. इससे पहले दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच भी मुलाकात हुई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने शुक्रवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergey Lavrov) से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने हिंसा खत्म करने का आह्वान किया है. साथ ही यह भी कहा कि शांति प्रक्रिया में भी किसी भी तरह के योगदान के लिए भारत तैयार है. पीएम मोदी और लावरोव के बीच करीब 40 मिनट मुलाकात चली. हालांकि पीएम मोदी ने पिछले दो हफ्तों में ब्रिटेन, चीन, ऑस्ट्रिया, ग्रीस या मैक्सिको से आए किसी भी मंत्री से कोई मुलाकात नहीं की है. यह मुलाकात ऐसे वक्त हो रही है, जब रूस से कच्चे तेल औऱ अन्य सामानों की आपूर्ति को लेकर भारत अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है. भारत ने रूस से रूबल-रुपये की अदला-बदली के जरिये बेहतर क्ववालिटी का कच्चा तेल खरीदने का भी संकेत दिया है. इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी. दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई थी. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने विदेश मंत्री की मुलाकात के पहले कहा था कि अगर भारत कुछ भी रूस से खरीदना चाहता है तो उनका देश आपूर्ति पर विचार करने को तैयार है. उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की मध्यस्थता के सवाल पर कहा कि भारत एक जिम्मेदार देश है. 40 मिनट तक चली दोनों नेताओं के बीच मुलाकात भारत पर रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर एक रुख अपनाने का लगातार दबाव बढ़ रहा है. लावरोव ने शुक्रवार को पहले कहा था कि वो राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन का एक व्यक्तिगत संदेश प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाना चाहते हैं. लावरोव ने कहा था, राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी नियमित संपर्क में रहते हैं और मैं लौटकर प्रेसिडेंट को वार्ता के बारे में जानकारी दूंगा. उन्होंने पीएम मोदी को अपनी ओर से सम्मान दिखाया है और मैं व्यक्तिगत तौर पर उनका संदेश प्राइम मिनिस्टर तक पहुंचाने का मौका मिलने के लिए उनका शुक्रगुजार हूं. यूक्रेन संकट में पीएम मोदी के मध्यस्थ के तौर पर भूमिका पर लावरोव ने कहा, अगर भारत समाधान की दिशा में कोई भूमिका निभाना चाहता है, तो भारत ऐसी प्रक्रिया में मदद कर सकता है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह भेंट ऐसे समय हुई है, जब भारत ने रूस से अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीद का संकेत दिया है. वहीं अमेरिकी डिप्टी एनएसए दलीप सिंह ने कहा है कि जो भी देश इन आर्थिक पाबंदियों को कमजोर करना चाहते हैं या बचने का रास्ता खोज रहे हैं, उन्हें इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस भारत को अच्छी गुणवत्ता का कच्चा तेल 35 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर देने को तैयार है. रूस का प्रयास है कि भारत 1.5 करोड़ बैरल आपूर्ति का समझौता कम से कम इस साल के लिए करे. दुनिया भर में कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमतों के कारण भारत में भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. भारत ने अपनी तेल-गैस की जरूरतों के लिए बेहतर समझौते करने के अपने फैसले का बचाव किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर हम दो तीन महीने बाद देखेंगे कि कौन से देश रूस से तेल-गैस का सबसे बड़ा खरीदार होंगे, तो मुझे संदेह है कि ये सूची पहले जैसी ही होगी, उनका इशारा यूरोपीय देशों की तरफ था.