Ukraine War : “Russia के 10,000 सैनिक मारे गए,” रूस समर्थक अखबार ने कहा, फिर पीछे हटा

“Russia के 10,000 सैनिक मारे गए,” Ukraine war: रूसी (Russian) मौतों का आंकड़ा कोमसोमोल्सक्या प्रावदा (Komsomolskaya Pravda) पर छपा था. इस रूस की संंसद समर्थक अखबार ने रूसी सैन्य मंत्रालय के अधिकारियों का हवाला दिया था. यूक्रेन (Ukraine) के साथ युद्ध (War) में रूस (Russia) के लगभग 10,000 सैनिक मारे गए हैं, रूसी संसद के समर्थक एक अख़बार की वेबसाइट पर यह दावा किया गया. लेकिन फिर जल्द ही इस आंकड़े को वेबसाइट से लगभग “नुकसान नियंत्रण” के तरीके से हटा दिया. लेकिन इस खबर को हटाने से पहले ही इसके स्क्रीनशॉट इंटरनेट पर वायरल (Internet Viral) होने लगे हैं. सरकार की समर्थक मने जाने वाली वेबसाइट-Komsomolskaya Pravda ने रविवार को एक खबर प्रकाशित की. इस खबर में रूस के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस के मारे गए सैनिकों की जो संख्या बताई है उस पर विवाद हो रहा है. वेबसाइट के अनुसार रूसी पक्ष ने कहा कि यूक्रेन में उसके 9,861 सैनिक मारे गए और 16,153 घायल हुए है जबकि यूक्रेन के अधिकारियों ने दावा किया था कि इस लड़ाई में रूस के 15,000 से अधिक सैनिक मारे गए हैं. द डेली मेल के अनुसार, इसे यूक्रेन के समर्थक कर्मचारी का काम माना जा रहा था. रूस ने 2 मार्च को आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि उसके 498 सैनिक मारे गए हैं. पुराना लेख हटाया और नया छापा गया हालांकि टैब्लॉयड ने लेख हटा दिया गया है लेकिन उसे सुरक्षित (Chronicle ) कर लिया गया है. इस लेख में रूस के सैन्य अधिकारियों द्वारा बताए गए हताहतों के संख्या बताई गई है. प्रावदा पर लेख के एक नए संस्करण में अब कोई आंकड़ा नहीं दिया गया है. लड़ाई में रूस के आगे बढ़ने की खबरों का एक सकारात्मक लेखा-जोखा दिया गया है. लेख के अनुसार – रूस की सेना ने दो टैंक, छह फील्ड आर्टिलरी और मोर्टार नष्ट कर दिए गए हैं साथ ही यूक्रेनी के राष्ट्रवादी गुट के लगभग 60 आतंकवादी मारे गे हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को जल्द ही एक महीना पूरा हो जायेगा लेकिन रूस अब तक रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा नहीं कर पाया है। हालांकि, टैंकों और मिसाइलों के हमले में यूक्रेन के कई शहरों तबाह हो गए हैं. अब तक, रूस ने 2 मार्च के बाद लड़ाई में मारे गए हताहतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. पिछले हफ्ते, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि 7,000 रूसी सैनिक मारे गए हैं. यह संख्या इराक और अफगानिस्तान में संयुक्त रूप से 20 वर्षों में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की संख्या से अधिक है. सीएनएन ने भी रूस के हताहत सैनिकों की संख्या पर रिपोर्ट करते हुए कहा कि रूस के 3,000 से 10,000 सैनिक मारे गए हैं. 1979 के आक्रमण में, अफगानिस्तान में लगभग 15,000 सोवियत सैनिक मारे गए थे, लेकिन यह लड़ाई 10 साल तक चली थी.

Petrol Diesel Price: तेल कंपनियों ने लगातार 2 दिन बढ़ाए पेट्रोल-डीजल के दाम

Petroleum Diesel Price: बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 80 पैसा और महंगा होकर 97.01 प्रति लीटर हो गया है, जबकि डीजल भी 80 पैसे महंगा होकर 88.27 रुपये प्रति लीटर हो गया है. Petrol-डीजल की कीमतों में आग लगनी शुरू हो गई है. बुधवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में 24 घंटे के अंदर दूसरी बार बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही, डीजल महंगा होने से देश में महंगाई और बढ़ने के आसार हैं. बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 80 पैसा और महंगा होकर 97.01 प्रति लीटर हो गया है, जबकि डीजल भी 80 पैसे महंगा होकर 88.27 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं मुंबई की बात करें तो पेट्रोल 85 पैसा महंगा होकर 111.67 रुपये प्रति लीटर हो गया है. उधर, Petrol -डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ संसद में विरोध बढ़ता जा रहा है. बुधवार को पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी पर चर्चा की मांग को सभापति ने स्वीकार नहीं किया. जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर जमकर विरोध किया. सपा सांसद राम गोपाल यादव ने एनडीटी से कहा, “डीजल महंगा होने से सिर्फ 1 दिन में कई जगहों पर दूध और कई आम जरूरत की चीजें महंगी हो गई हैं. ऐसे में सरकार को पेट्रोल-डीजल और एलपीजी की कीमतों में की गई बढ़ोतरी को तत्काल वापस लेना चाहिए”. जबकि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “ये सरकार 10,000 करोड़ रुपये लूटने की साजिश कर रही है. हमारी कोशिश लोगों की परेशानी को देश और संसदके सामने रखने की है. बता दें कि इस विवाद के बीच सवाल ये भी महत्वपूर्ण हो कि क्या सरकारों को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटना चाहिए? दिल्ली की बात करें तो 16 मार्च को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर थी. इसमें भारत सरकार के एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा 27.90 रुपये प्रति लीटर और दिल्ली सरकार को जाने वाले वैट 15.40 रुपये प्रति लीटर है. जिसका मतलब है कि प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत में टैक्स का हिस्सा 43.40 रुपये है यानी 45.48 प्रतिशत है. गौरतलब है कि पिछले दो दिन में दो बार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाकर तेल कंपनियों ने साफ संकेत दिया है कि वो रोज़ाना अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार के ट्रेंड के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करने की व्यवस्था दोबारा बहाल करने वाली हैं. जिसका मतलब है कि यूक्रेन युद्ध की वजह से महंगा होते कच्चा तेल के इस दौर में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल देश में और महंगा हो सकता हैं.

”Mask पहनने, हाथ साफ रखने जैसे दिशानिर्देश 31 मार्च के बाद भी जारी रहेंगे” : स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने किया स्‍पष्‍ट

Mask पहनने, हाथ साफ रखने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा है कि Mask के उपयोग और हाथ स्वच्छ रखने सहित कोविड रोकथाम उपायों पर परामर्श महामारी के खिलाफ संपूर्ण राष्ट्रीय अभियान में प्रमुखता से रहेंगे कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में भारी कमी आने के चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Wellbeing Ministry)ने कोविड की रोकथाम के लिए उठाए गए सभी कदमों को समाप्त करने का फैसला किया है. हालांकि, केंद्र ने बुधवार को स्पष्ट किया कि Mask का उपयोग और हाथों की लगातार सफाई जैसे उपाय जारी रहेंगे.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि Mask पहनने और हाथ स्वच्छ रखने में छ्रट देने की बात कहने वाली खबरें ”असत्य” हैं. मंत्रालय ने ट्वीट किया, ”मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया है कि मास्क पहनने और हाथ स्वच्छ रखने के प्रोटोकॉल में छूट दी गई है. वे असत्य हैं. फेस मास्क का उपयोग और हाथों की सफाई जैसे उपाय जारी रहेंगे.” केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा है कि मास्क के उपयोग और हाथ स्वच्छ रखने सहित कोविड रोकथाम उपायों पर परामर्श महामारी के खिलाफ संपूर्ण राष्ट्रीय अभियान में प्रमुखता से रहेंगे.भल्ला ने पत्र में कहा है कि पिछले 24 महीने में, निदान, निगरानी, संपर्क का पता लगाना, उपचार, टीकाकरण, अस्पताल का बुनियादी ढांचा जैसे महामारी प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के लिए कई महत्वपूर्ण क्षमताएं विकसित की गई हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा अब आम लोगों में कोविड उपयुक्त व्यवहार के बारे में उच्च स्तर की जागरूकता है.उन्होंने कहा कि देश में 22 मार्च को कोविड के सिर्फ 23,913 मामले सामने आये और संक्रमण दर घट कर 0.28 प्रतिशत रह गई है. भल्ला ने कहा कि यह जिक्र करना भी जरूरी है कि समन्वित प्रयासों के चलते अब तक कोविड रोधी टीके की कुल 181.56 करोड़ खुराक दी जा चुकी है.पत्र में कहा गया है, ”स्थिति में हुए संपूर्ण सुधार और महामारी से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों पर विचार करते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यह फैसला किया है कि कोविड रोकथाम उपायों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों को आगे लागू रखने की जरूरत नहीं है. ”भल्ला ने कहा कि मौजूदा आदेश के 31 मार्च को निष्प्रभावी होने के बाद गृह मंत्रालय आगे कोई आदेश जारी नहीं करेगा.