Russia Ukraine: भड़क उठी युद्ध की चिंगारी? यूक्रेन पर रूस समर्थक विद्रोहियों ने लगाया गोलाबारी का आरोप
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Russia Ukraine: यूक्रेन की सेना पर Russia विद्रोहियों के कब्जे वाले लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक ( Luhansk People’s Republic) इलाके के प्रतिनिधियों ने गोलाबारी का आरोप लगाया है. एक महीने से यूरोप पर बने युद्द के संकट के बीच पहली बार जंगी सामान के प्रयोग की खबर है. यूक्रेन (Ukraine) में रूस (Russia) के हमले के खतरे के बीच पहली बार हथियारों के प्रयोग की खबर आई है. रूस समर्थित विद्रोही संगठनों का कहना है कि यूक्रेन की सरकार ने उनके कब्ज़े वाले पूर्वी इलाकों में गोलाबारी कर युद्धविरोध के समझौते का उल्लंघन किया है. ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट के अनुसार यूक्रेन की सेना पर रूसी विद्रोहियों के कब्जे वाले लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक (Luhansk People’s Republic) इलाके के प्रतिनिधियों ने यह आरोप लगाया है. एक महीने से यूरोप पर बने युद्द के संकट के बीच पहली बार जंगी सामान के प्रयोग की खबर है. रूस की स्वतंत्र न्यूज़ एजेंसी इंरफैक्स (Interfax) के अनुसार विद्रोही इलाके लुहांस्क के यूक्रेनी-रूसी युद्धविराम नियंत्रण समूह के विद्रोही प्रतिनिधि ने कहा यूक्रेन की सेनाओं ने युद्धविराम का बेरुखी से उल्लंघन किया है और भारी हथियारों का प्रयोग किया है. यह मिंस्क समझौते (Minsk arrangements) के अनुसार अब युद्धविराम ख़त्म होना चाहिए. हालांकि यूक्रेन के अधिकारियों ने विद्रोही इलाकों पर हमले की खबर से इंकार किया है और कहा है कि हमला उन पर हुआ था लेकिन उन्हें जवाबी कार्रवाई नहीं की. गौरतलब है कि अमेरिका ने कहा था कि यूक्रेन पर हमले के लिए Russia अपने उपर छद्म हमले की साज़िश रच सकता है ताकि जवाबी कार्रवाई के नाम पर वो यूक्रेन पर हमला कर सके. यूक्रेन की सेना ने भी गुरुवार को रूस समर्थक सेना पर लुहांस्क के एक गांव में एक प्रीस्कूल (Preschool) पर गोलाबारी करने का आरोप लगाया. यूक्रेन की सेना ने कहा कि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. पिछले कुछ सालों में दोनों तरफ से गोलीबारी की खबरे सामान्य हैं लेकिन गुरुवार को गोलाबारी की खबरें यूक्रेन के रूस के साथ युद्ध के खतरे के बीच आई हैं. यूक्रेन के चारों तरफ करीब 1 लाख रूसी सैनिक तैनात हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने NATO से मांग की है कि पूर्व सोवियत देश यूक्रेन को कभी नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा. बुधवार को नाम ना बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने यूक्रेन की सीमा से रूसी सेनाओं की वापसी की खबर को गलत बताते हुए कहा था कि बाइडेन प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की है कि, “रूस ने यूक्रेन के बॉर्डर पर 7000 सैनिक और बढ़ा लिए हैं. इनमें से से कई बुधवार को पहुंचे हैं.” Russia के रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले कहा था कि कि उसकी सेनाएं यूक्रेन के पास युद्धभ्यास खत्म कर लौट रही हैं. साथ ही एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें रूसी सेना को क्रिमिया से लौटते हुए दिखाया गया था. लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने MSNBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “रणनीतिक दस्ते” बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं.
Ukraine पर रूस का हमला अगले कुछ दिनों में संभव : जो बाइडेन
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Russia-Ukraine Conflict: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि रूस के यूक्रेन पर का खतरा काफी अधिक है, भले ही मॉस्को यह दावा कर रहा हो कि वह Ukraine सीमा से और सैन्य बलों को वापस बुलाने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने गुरुवार को कहा कि यह हमला अगले कुछ दिनों में संभव है.बाइडेन ने यह भी कहा कि उनकी रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को फोन करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि रूस की ओर से हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है. वैसे, अमेरिका के इस दावे के उलट रूस ने कहा है कि उसकी Ukraine पर आक्रमण करने की कोई भी योजना नहीं है. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘यू्क्रेन पर रूस के आक्रमण की कोई योजना है जिसके बारे में अमेरिका और उसके सहयोगी पिछले कुछ समय से ऐलान कर रहे हैं, यह हमारी योजना नहीं है.’ इस बीच, अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध भारत, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की सूरत में अमेरिका का साथ देगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने कहा है कि रूस (Russian-Ukraine issue) ने हाल के दिनों में यूक्रेन की सीमा पर सात हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई. भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे. प्राइस ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है.
The Ultimate Revelation of देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले में CBI ने मुख्य आरोपी ऋषि अग्रवाल से पूछताछ की: सूत्र
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देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच कर रही CBI : सूत्रों ने बताया कि शनिवार को छापेमारी के वक्त ऋषि अग्रवाल अपने मुंबई स्थित घर पर थे और उन्होंने तलाशी अभियान के दौरान सहयोग किया. देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले की जांच कर रही CBI ने मुख्य आरोपी ऋषि अग्रवाल (Rishi Agarwal) से पूछताछ की. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक और कथित बैंक लोन धोखाधड़ी में आरोपी ऋषि अग्रवाल मुंबई में हैं. शनिवार को छापेमारी के बाद सीबीआई ने इस हफ्ते की शुरुआत में उनसे पूछताछ की. बता दें कि ये पूरा मामला 22,842 करोड़ रुपये के कर्ज घोटाले से जुड़ा है. सूत्रों ने बताया कि शनिवार को छापेमारी के वक्त ऋषि अग्रवाल अपने मुंबई स्थित घर पर थे और उन्होंने तलाशी अभियान के दौरान सहयोग किया. अग्रवाल ने पंचनामा इत्यादि कागजातों पर हस्ताक्षर भी किए. तलाशी के बाद, सीबीआई ने सोमवार को समन जारी किया और पूछताछ की गई. पॉलिसी के तहत, सीबीआई की बैंक धोखाधड़ी के मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करती है. वह सिर्फ आरोपी से पूछताछ करती है और उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार करते हैं. आमतौर पर बैंक फ्रॉड केस में गिरफ्तारी का काम ईडी करती है. सीबीआई ने लुकआउट सर्कुलर इसलिए जारी किया है ताकि आरोपी देश छोड़कर भाग नहीं सके. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में बुधवार को एबीजी शिपयार्ड लिमिडेट, उसके पूर्व प्रवर्तकों के साथ अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है. एक या दो दिन में ऋषि अग्रवाल को समन जारी किया जाएगा. सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल व अन्य लोगों के खिलाफ बैंकों के एक समूह (कंसोर्टियम) के साथ करीब 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है.