Best Elon Musk का ‘अरबों का दान कहां जा रहा है’? चौंकी दुनिया ने पूछा क्या Tax बचाने के लिए है पूरी मशक्कत?

Elon Musk इलॉन मस्क (Elon Musk) ने नवंबर में  $5.7 बिलियन की कीमत के स्टॉक उस समय दान किए थे जब वो राजनेताओं के साथ ट्विटर पर अपने आयकरों को लेकर उलझ रहे थे. मस्क ने ट्वीट किया था कि वो इस साल $11 बिलियन का टैक्स चुकाएंगे.  दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ( Elon Musk) भी शायद अपने साथी अरबपतियों की देखा-देखी बड़े परोपकारी बनते जा रहे हैं. इलेक्ट्रिक गाड़ियों और अंतरिक्ष के मामले में अपना जलवा बिखेरने वाले इलॉन मस्क ने नवंबर में केवल 10 दिन में टेस्ला इंक (Tesla Inc.) के  $5.7 बिलियन की कीमत के स्टॉक परोपकार के लिए दिए. हैरानी की बात यह है कि उनके नाम से चल रही फाउंडेशन से पिछले 2 दशक में भी इतना दान नहीं दिया गया था जितना इलॉन मस्क ने अब चंद दिनों में दे दिया. लेकिन अब सवाल ये उठ रहे हैं कि इलॉन मस्क का दान कहां जा रहा है? लेकिन यह केवल एक और संकेत है कि दुनिया के सबसे धनी शख़्स इलॉन मस्क अब लोकोपकार (philanthropy) को गंभीरता से ले रहा है.  ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 50 साल के मस्क 5 बिलियन से अधिक के के शेयर्स दान देने जा रहे हैं, इस बात का खुलासा एक रेगुलेटरी फाइलिंग में हुआ. इससे पहले इलॉन मस्क ने कुछ दान दिए हैं लेकिन अरबों डॉलर जितना बड़ा दान इलॉन मस्क ने पहले कभी नहीं दिया था. यह इलॉन मस्क का टैक्स बिल भी कम करने में मदद करेगा. इलॉन मस्क इसे अमेरिकी इतिहास में सबसे अधिक टैक्स बिल बताते हैं.    मस्क की फाउंडेशन पिछले कुछ सालों में अपने टेक्सास स्पेसपोर्ट के पास मौजूग स्थानीय स्कूली सिस्टम के लिए 8 अंकों का दान दे चुके हैं. पर्यावरण बदलाव (Climate Change) से बचने के लिए उन्होंने $100 मिलियन दान दिए थे और कोविड19 रिसर्चर्स को भी उन्होंने करोड़ों डॉलर दिए थे.  Elon Musk की तरफ से दान पाने वाले प्राथमिक तौर से इगोर कुर्गानोव (Igor Kurganov) के साथ काम कर रहे थे, जो पहले एक पोकर प्लेयर थे और फिर परोपकारी बन गए. इन्हें मस्क ने हाल ही में ग्रांट पाने वालों से संपर्क में रहने के लिए सूचित किया था.  ‘दूसरों का भला करने का सिद्धांत”  कुर्गानोव (Kurganov)ने अपने पोकर करियर में  $18 million जीते थे. वह दुनिया में कथित तौर पर दूसरों की मदद करने के मामले में सक्रीय रहते हैं और परेशानियों को दूर करने में ध्यान से पैसा खर्च करने में यकीन रखते हैं. कुर्गानोव रेज़िंग फॉर इफेक्टिव गिविंग( Raising for Effective Giving) के कोफाउंडर हैं. यह ऑर्गनाइज़ेशन कुछ पोकर खिलाड़ियों ने बनाया है. इनका ध्येय है “लागत मूल्य का अधिकतम लाभ देने वाला दान”. वह फोरथॉट फाउंडेशन (Forethought Foundation) के एडवाइज़र भी हैं. यह सेंटर फॉर इफेक्टिव ऑल्ट्रुइज़्म (Centre for Effective Altruism) का एक प्रोजक्ट है.    Elon Musk की तरफ से दान की राशि के बारे में पूछने के लिए कुर्गोनोव को कॉल किया गया, उन्हें ईमेल किए गए लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. मस्क के पारिवारिक ऑफिस के मैनेजिंग डायरेक्टर जेरेड बिरचैल (Jared Birchall)और टेस्ला के स्टॉक एडमिनिस्ट्रेशन के सीनियर मैनेजर (Aaron Beckman) ने भी कोई जवाब नहीं दिया.   अगर मस्क की फाउंडेशन कुर्गानोव के सेंटर फॉर इफेक्टिव ऑल्ट्रुइज़्म की मदद कर कर रही है, तो अभी तक इसका नतीजा दिका नहीं है.  न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और इफेक्टिव ऑल्ट्रुइज़्म पर शोध करने वाली एलिक्ज़ेंड्रा बेरेश (Alixandra Barasch) ने यह बताया.  मस्क ने अपने गिफ्ट और टैक्स डॉक्यूमेंट्स नियमित तौर पर सार्वजनिक नहीं करते हैं और साल भर बाद ही यह सामने आता है.  ‘बड़ा खेल’ एलिक्ज़ेंड्रा बेरेश ने कहा, ” इफेक्टिव ऑल्ट्रुइज़्म का मुख्य फोकस जान बचाना है. लेकिन इलॉन मस्क के स्पेस सेंटर के पास के स्कूल में चित्रकारी और लाइटिंग के लिए पैसे दिए गए यह उनके बताए गए लक्ष्य से अलग है.”  बेरेश ने कहा इलॉन मस्क ने कैमरून काउंटी को $20 मिलियन दिए और XPrize कार्बन रिमूवल प्रतियोगिता के लिए $100 मिलियन का वायदा किया है. खान एकेडमी को उन्होंने  $5 मिलियन दिए हैं. उनके दान में फोकस अलग-अलग है. लेकिन कद बड़ा करना भी एक फैक्टर है. अगर मस्क की फाउंडेशन दान करना चाहेगी तो यह बहुत बढ़ सकता है.   बेरेश ने कहा, ” अगर दान की जा रही रकम को देखें तो लगता है कि अरे ये कितना पैसा है, लेकिन यह उनकी संपत्ति के सामने कुछ नहीं है.” ब्लूमबर्ग बिलिनियर इंडेक्स के अनुसार मस्क के पास $227 बिलियन की निजी संपत्ति है. $5.7 बिलियन के टेस्ला स्टॉक का दान यह संकेत भी है कि वो इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि उन्होंने परोपकारी संस्था के लिए असल में अभी तक कुछ अधिक भेजा है.  ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में गैर लाभकारी संस्थाओं पर स्टडी करने वाले प्रोफेसर ब्रिएन मिटनडॉर्फ  (Brian Mittendorf) कहते है कि ऐसा लगता है कि यह तोहफा मस्क की फाउंडेशन के लिए ही गया है. मस्क के पिछले  फंड DAF का जिस तरीके से प्रयोग हुआ था, उसके अनुसार अगर मस्क अपने ट्विटर या मस्क फाउंडेशन की वेबसाइट पर नहीं बताएंगे तो जनता को शायद कभी ना पता चले कि अधिकतर दान का पैसा कहां जा रहा है.   ‘कयासों का खेल’  अर्बन इंस्टिट्यूट में सेंटर फॉर नॉनप्रॉफिट एंड फिलेंथ्रॉपी (Center on Nonprofits and Philanthropy ) के वरिष्ठ शोधकर्ता कहते है, “हमें कयासों का यह खेल नहीं खेलना चाहिए. जनता को इसमें अधिक रुचि इसलिए हो रही है क्योंकि इस बार दान की रकम बहुत बड़ी है.” मस्क ने नवंबर में  $5.7 बिलियन की कीमत के स्टॉक उस समय दान किए थे जब वो राजनेताओं के साथ ट्विटर पर अपने आयकरों को लेकर उलझ रहे थे. बड़े दान से सरकार को उनका टैक्स कम हो जएगा. कुछ दिन पहले उन्होंने $16 बिलियन के स्टॉक भी बेच डाले थे. टेस्ला के चीफ एक्ज़ीक्यूटिव इलॉन मस्क ने ट्वीट किया था कि वो इस साल $11 बिलियन का टैक्स चुकाएंगे. 

Thinking About घूंगट पगड़ी क्रॉस के बारे में क्या? कर्नाटक High Court में हिजाब केस? Why It’s Time To Stop!

कर्नाटक High Court में हिजाब केस : कर्नाटक High Court ने स्कूलों में सभी धार्मिक प्रतीकों के पहनने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि वह हेडस्कार्फ़ प्रतिबंध पर विचार करता है। बेंगलुरु: कर्नाटक की हिजाब पंक्ति बुधवार को High Court में चौथे दिन चली, जिसमें मुख्य न्यायाधीश ने मुस्लिम लड़कियों की दलीलें सुनीं, जिन्होंने कक्षाओं में धार्मिक स्कार्फ पहनने पर प्रतिबंध को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से तर्क देते हुए, अधिवक्ता रवि वर्मा कुमार ने न्यायाधीशों से पूछा कि हिजाब को क्यों अलग किया जा रहा है जब ” दुपट्टे , चूड़ियाँ, पगड़ी, क्रॉस और बिंदी से सैकड़ों धार्मिक प्रतीक हर दिन लोगों द्वारा पहने जाते हैं”। “मैं केवल समाज के सभी वर्गों में धार्मिक प्रतीकों की विशाल विविधता दिखा रहा हूं। सरकार अकेले हिजाब को क्यों उठा रही है और यह शत्रुतापूर्ण भेदभाव कर रही है? चूड़ियां पहनी जाती हैं? क्या वे धार्मिक प्रतीक नहीं हैं? आप इन गरीब मुस्लिमों को क्यों चुन रहे हैं लड़कियाँ?” उन्होंने कहा। “यह केवल उसके धर्म के कारण है कि याचिकाकर्ता को कक्षा से बाहर भेजा जा रहा है। एक बिंदी पहनने वाली लड़की को बाहर नहीं भेजा जाता है। चूड़ी पहनने वाली लड़की नहीं है। एक ईसाई क्रॉस पहने हुए नहीं है। केवल इन लड़कियों को ही क्यों? यह संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है,” श्री कुमार ने कहा। ” घूंघट की अनुमति है। चूड़ियों की अनुमति है। केवल यह (हिजाब) क्यों? सिख की पगड़ी, ईसाइयों का क्रॉस क्यों नहीं?” उन्होंने कहा। “किसी अन्य धार्मिक प्रतीक पर विचार नहीं किया जाता है … केवल हिजाब ही क्यों? क्या यह उनके धर्म के कारण नहीं है? मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ भेदभाव विशुद्ध रूप से धर्म के आधार पर है और इसलिए एक शत्रुतापूर्ण भेदभाव है,” श्री कुमार ने तर्क दिया। हिजाब पहनने के लिए छात्रों को दंडित या कक्षा से हटाए जाने के विरोध में बुधवार को भी, वकील ने कहा, “हमें अनुमति नहीं है। हमें सुना नहीं जाता है लेकिन सीधे दंडित किया जाता है। क्या यह अधिक कठोर हो सकता है? क्या उन्हें शिक्षक कहा जा सकता है? “ “यह धर्म के कारण पूर्वाग्रह से भरा है। कोई नोटिस नहीं, बिना अधिकार वाले व्यक्तियों द्वारा सीधे कक्षा से बाहर भेजा गया,” उन्होंने कहा। कुमार ने कहा, “न्यायिक रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में कम से कम प्रतिनिधित्व किया जाता है। अगर उन्हें इस बहाने बंद कर दिया जाता है, तो यह बहुत कठोर होगा।” मामले में तर्क कर्नाटक में बढ़ते तनाव के बीच आते हैं, जहां पिछले साल के अंत में, छात्रों को मुस्लिम हेडस्कार्फ़ पहनने से रोका गया था, विरोध प्रदर्शन और भगवा स्कार्फ से जुड़े काउंटर प्रदर्शन जो तब से दूसरे राज्यों में फैल गए हैं। तनाव को शांत करने के प्रयास में, कर्नाटक की राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह अस्थायी रूप से स्कूल बंद कर दिए, लेकिन पिछले दो दिनों से धीरे-धीरे खुल रहे हैं। High Court

Bappi Lahiri Death: मशहूर सिंगर और कंपोजर बप्पी लहिरी का निधन, मुंबई के अस्पताल में ली आखिरी सांस

Bappi Lahiri Death मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर बप्पी लहिरी (Bappi Lahiri passes away) का मंगलवार देर रात निधन हो गया है। वह 69 वर्ष के थे। उन्होंने मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली। बप्पी दा ने 80 और 90 के दशक में कई हिट गाने दिए जिनमें ‘डिस्को डांसर’, ‘चलते चलते’ जैसे कई गाने शामिल हैं। बॉलिवुड के मशहूर सिंगर और म्यूजिक कंपोजर बप्पी लहिरी (Bappi Lahiri) का मंगलवार (15 फरवरी) देर रात निधन हो गया है। वह 69 वर्ष के थे। डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने मुंबई के हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। बप्पी दा ने 80 90 के दशक में कई फिल्मों में ब्लॉकबस्टर गाने दिए और अलग पहचान बनाई। Bappi Lahiri को बीते साल अप्रैल में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब वह कोरोना की चपेट में आ गए थे। हालांकि कुछ दिनों में ही वह ठीक भी हो गए थे। इस वक्त वह मुंबई के Criticare अस्पताल में भर्ती थे। डॉक्टर बोले- कई हेल्थ इशूज से जूझ रहे थे बप्पी दापीटीआई ने बप्पी लहिरी के निधन की पुष्टि की। वहीं अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. दीपक नामजोशी ने बताया कि बप्पी लहिरी एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सोमवार (14 फरवरी) को डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन मंगलवार को उनकी हालत बिगड़ गई। बप्पी दा के परिवार ने डॉक्टर को घर पर बुलाया। बप्पी दा को तुरंत ही अस्पताल लाया गया। डॉक्टर के मुताबिक, बप्पी दा हेल्थ संबंधी काफी (Bappi Lahiri health issues) परेशानियों से जूझ रहे थे। उनका निधन OSA (obstructive sleep apnea) के कारण हुआ। इंडस्ट्री में शोक, फैंस और सेलेब्स कर रहे यादबBappi Lahiri के निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर सिलेब्रिटीज और फैंस ‘डिस्को किंग’ को याद कर भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि अब बप्पी दा भी इस दुनिया में नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया था। अभी देश लता जी को खोने के सदमे से उबर भी नहीं पाया था कि अब बप्पी दा हमेशा के लिए अलविदा कह गए। यह था असली नाम, 3 साल की उम्र से बजाने लगे थे तबलाबप्पी लहिरी का असली नाम आलोकेश लहिरी था। उनका जन्म बंगाल में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बप्पी लहिरी ने मात्र 3 साल की उम्र से तबला बजाना शुरू कर दिया था। उनकी शुरुआती ट्रेनिंग घर पर माता-पिता ने करवाई। बप्पी लहिरी को ‘डिस्को किंग’ कहा जाता था क्योंकि उन्होंने ही भारतीय सिनेमा में synthesized disco म्यूजिक को पॉप्युलर किया था। बप्पी लहिरी को 2018 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था। उन्होंने फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता।