PHOTOS में Jalpaiguri ट्रेन हादसा:बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतरीं, 5 की मौत; 40 रेस्क्यू पर अभी कई यात्री फंसे
Jalpaiguri ट्रेन हादसा : बंगाल के Jalpaiguri में गुरुवार शाम 5 बजे बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस Jalpaiguri के डोमोहानी के पास मोएनोगुड़ी पटरी से उतर गई। हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई। जलपाईगुडी DM ने इसकी पुष्टि की है। कई यात्रियों के डिब्बों में फंसे होने की आशंका है, जिन्हें रेस्क्यू करने के लिए ऑपरेशन जारी है। अब तक 40 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। अंधेरे की वजह से बचाव अभियान में मुश्किल आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के तुरंत बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की है। बीकानेर एक्सप्रेस मंगलवार की रात राजस्थान के बीकानेर से रवाना हुई थी। गुरुवार सुबह 5.44 बजे ट्रेन पटना रेलवे स्टेशन से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई थी। अपडेट्स… बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के आला अधिकारी रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रख रहे हैं। घायलों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने और घायलों का हाल जानने जलपाईगुड़ी जाएंगे। रेलवे ने इमरजेंसी नंबर 8134054999 जारी किया है। दो हेल्पलाइन नंबर 036-2731622 और 036-2731623 जारी किए हैं। ट्रेन में 1200 यात्री थे। पटना से 98, मोकामा से 3 और बख्तियारपुर से 2 यात्री सवार हुए थे। NDRF की दो टीमें और एक रेस्क्यू टीम जलपाईगुड़ी रवाना की गई है। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से 15 को अस्पताल भेजा गया है। गैस कटर के जरिए डिब्बों में फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को एक लाख और कम गंभीर लोगों को 25 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। राजस्थान से 247 लोग गुवाहाटी के लिए रवाना हुए थे। (पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें) हादसे की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे दिखाई दे रहे हैं। रेस्क्यू टीम भी फंसे हुए लोगों को बचाती हुई दिखाई दे रही है। फोटोज में देखिए ट्रेन हादसा…
Bikaner :पेसेंजर बोले- झटके के साथ रुकी गाड़ी, चीख-पुकार मची; बाहर देखा तो डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़े थे
Bikaner बीकानेर से मंगलवार देर रात पौने दो बजे गुवाहाटी के लिए रवाना हुई Bikaner एक्सप्रेस जलपाईगुड़ी व मैनागुड़ी के बीच पटरी से नीचे उतर गई। गाड़ी में राजस्थान के 872 लोग थे। NWR पीआरओ शशिकिरण के मुताबिक 308 यात्री बीकानेर से और 564 जयपुर से चढ़े थे। ट्रेन में सवार एक यात्री गंगाशहर निवासी एम.के. जैन से दैनिक भास्कर ने बात की। उन्होंने बताया कि ट्रेन चल रही थी, इसी दौरान अचाकन तेज धक्का लगा और चीख पुकार मच गई। लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे। वे पीछे की बोगी में थे, इसलिए बच गए। बीकानेर से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए एम.के. जैन ने दैनिक भास्कर से बात की तब वो दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के एक डिब्बे में ही थे। जैन ने बताया कि करीब पांच बजे न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन निकला ही था कि अचानक से गाड़ी में जोर से धक्का लगा। चीख पुकार मचने लगी। हमारा डिब्बा तो काफी पीछे था, इसलिए ज्यादा पलटा नहीं। धक्के के बाद संभला तो बाहर देखा। ट्रेन पटरी से उतर गई थी और एक के ऊपर एक डिब्बा चढ़ा हुआ था। हम एक ही डिब्बे में चालीस से पचास लोग हैं। सभी सुरक्षित हैं लेकिन बाहर नहीं निकल पा रहे। बाहर जा भी नहीं सकता क्योंकि बच्चे और महिलाएं हमारे साथ हैं। अब काफी अंधेरा हो चुका है। बाहर से चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही हैं। ना जाने कितने लोगों की मौत हुई है और कितने लोग गंभीर घायल है। बीकानेर से चढ़े थे 308 यात्री 308 लोग बीकानेर से चढ़े थे। अन्य यात्री दूसरे स्टेशनों से चढ़े थे। अभी ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि दुर्घटना में कितने लोगों की मौत हुई है। हादसे में ट्रेन के 12 डिब्बों को नुकसान पहुंचा है। शुरुआती डिब्बों में बीकानेर के लोगों के होने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल, गुवाहाटी में बड़ी संख्या में बीकानेर के लोग रहते हैं। ऐसे में बीकानेर एक्सप्रेस के हर फेरे में यात्रियों की संख्या काफी ज्यादा होती है। बीकानेर से पटना व गुवाहाटी जाने वाले लोग भी इसी गाड़ी में यात्रा करते हैं। दुर्घटना के बाद से बीकानेर के गंगाशहर में सबसे ज्यादा चिंता बढ़ गई है। दरअसल, इसी एरिया के सबसे ज्यादा लोग गुवाहाटी में रहते हैं। वायदा व्यापारी पुखराज चौपड़ा ने बताया कि इस गाड़ी में बीकानेर के काफी लोग हैं और हम उनका पता लगाने में जुटे हुए हैं। बीकानेर के अलावा नोखा से भी कुछ लोग इस गाड़ी में सवार हुए हैं। गुवाहाटी में रहने वाले सभी बीकानेर के लोगों से मौके पर पहुंचने अथवा जैसे भी संभव हो घायलों की मदद करने की अपील की गई है। 70% यात्री बीकानेर बेल्ट सेइस गाड़ी में करीब सत्तर फीसदी यात्री बीकानेर, नोखा व नागौर से होते हैं। ज्यादातर लोग बंगाई गांव में रहते हैं। Bikaner से जाने वाले यात्री इसी गांव की तरफ जाते हैं। इसके अलावा धूमगुड़ी, मैना गुड़ी व दामोली में भी बीकानेर व नोखा के निवासी रहते हैं। मौके पर रवाना हुए स्थानीय बीकानेरीघटना के बारे में पता चलते ही वहां रहने वाले बीकानेर के लोग बड़ी संख्या में घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं। उन्हें मौके पर पहुंचने में करीब एक घंटे का वक्त लगेगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि कितने लोगों की मौत हुई है। इन स्टेशन के यात्री हैंइस गाड़ी में Bikaner के अलावा नोखा, नागौर, मेड़ता रोड, डेगाना, जयपुर, भरतपुर के लोग भी यात्रा करते हैं। बीकानेर नोखा व नागौर के यात्री गुवाहाटी तक जाते हैं, जबकि शेष दूसरे स्टेशन पर उतर जाते हैं। डीआरएम ऑफिस अलर्ट पर उधर, DRM ऑफिस पूरी तरह अलर्ट हो गया है। एक टीम ये पता लगाने में जुटी है कि इस यात्रा में बीकानेर से कौन से यात्री रवाना हुए थे और इस स्टेशन तक गाड़ी में बैठे थे। बीकानेर से गुवाहाटी तक के टिकट लेने वाले यात्रियों की सूची बनाई जा रही है।
karnataka में लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट हुई तो गुस्साए कस्टमर ने बैंक में आग लगाई; 12 लाख का नुकसान
karnataka karnataka के हावेरी जिले में एक शख्स ने एक बैंक में आग लगा दी। बैंक ने उसका लोन रिजेक्ट कर दिया था, जिसके बाद उसने यह कदम उठाया। आरोपी का नाम वसीम हजरतसाब मुल्ला है और वह रतिहल्ली का रहने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वसीम ने कैनरा बैंक की हेदुगोंडा ब्रांच में लोन की एप्लिकेशन दी थी, लेकिन उसका CIBIL स्कोर कम होने की वजह से उसकी एप्लिकेशन रिजेक्ट हो गई। इसके बाद वसीम गुस्से में शनिवार को बैंक पहुंचा। उसने बैंक की एक खिड़की खोली और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। राहगीरों ने बैंक से धुआं उठता देखकर पुलिस और फायर-ब्रिगेड को सूचना दी। जल गया 12 लाख रुपए का सामानपुलिस ने बताया कि आग लगने से करीब 12 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। पांच कंप्यूटर, पंखे, लाइट, पासबुक प्रिंटर, कैश काउंटिंग मशीन, दस्तावेज, CCTV समेत कैश काउंटर्स का नुकसान हुआ है। पुलिस ने आरोपी वसीम को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ कगीनेल्ली पुलिस स्टेशन में केस रजिस्टर किया गया। क्या है CIBIL स्कोर?CIBIL स्कोर तीन अंकों का एक नंबर होता है, जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और रेटिंग बताता है। यह 300 से 900 के बीच होता है। जितना ज्यादा आपका क्रेडिट स्कोर होगा, उतनी अच्छी आपकी क्रेडिट रेटिंग मानी जाएगी। ज्यादा क्रेडिट स्कोर का मतलब है कि आपको लोन आसानी से मिल सकता है।
‘Sulli deals’ जैसे ऐप के जरिए भारत में मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न निंदनीय : संयुक्त राष्ट्र अधिकारी
Sulli deals Sulli deals : अल्पसंख्यक मामलों पर विश्व निकाय के विशेष अधिकारी डॉ फर्नांड डे वारेनेज ने अपने एक ट्वीट में भारत में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चिंता जताई और कहा, “भारत में सोशल मीडिया ऐप पर मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनकी बिक्री की जा रही है.” जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष अधिकारी ने कहा है कि ‘Sulli deals‘ जैसे सोशल मीडिया ऐप के जरिए भारत में मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न की निंदा की जानी चाहिए और ऐसी घटनाएं होते ही जल्द से जल्द मुकदमा चलाया जाना चाहिए. अल्पसंख्यक मामलों पर विश्व निकाय के विशेष अधिकारी डॉ फर्नांड डे वारेनेज ने अपने एक ट्वीट में भारत में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर चिंता जताई और कहा, “भारत में सोशल मीडिया ऐप पर मुस्लिम महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनकी बिक्री की जा रही है.” वर्नेस ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, “भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिम महिलाओं को जातीय घृणा से प्रेरित सामग्री के रूप में सुल्ली डील्स जैसे सोशल मीडिया ऐप पर उत्पीड़ित एवं बिक्री की जा रही है. अल्पसंख्यकों के सभी मानवाधिकार पूरी तरह से एवं बराबरी के आधार पर संरक्षित होने चाहिए.” Bulli Bai App Case: Sulli Deals App का Mastermind गिरफ्तार, IFSO ने Indore से दबोचा दिल्ली पुलिस ने पिछले हफ्ते 26 वर्षीय ओंकारेश्वर ठाकुर को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया जिसे “Sulli deals” का निर्माता माना जा रहा है. यह इस मामले में पहली गिरफ्तारी है. सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को उनकी अनुमति के बिना, छेड़छाड़ की गई उनकी तस्वीरों के साथ मोबाइल ऐप्लिकेशन पर “नीलामी” के लिए सूचीबद्ध किया गया था. बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन डिग्री धारक ठाकुर ने स्वीकार किया कि वह ट्विटर पर एक समूह का सदस्य था और मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल करने का विचार वहां साझा किया गया था.
khwaja yunus हिरासत में मौत का मामला: सुप्रीम कोर्ट में याचिका, ट्रायल कोर्ट में प्रगति
khwaja yunus 27 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर khwaja yunus को घाटकोपर विस्फोट मामले में दिसंबर 2002 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें आखिरी बार 6 जनवरी 2003 को जिंदा देखा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल के एक आदेश में khwaja yunus मामले में निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह यह तय करने के लिए एक याचिका पर आगे बढ़े कि क्या 2003 में कथित हिरासत में मौत के लिए चार और पुलिसकर्मियों को आरोपी के रूप में जोड़ा जा सकता है। SC ने क्या याचिका सुनी? 2003 में khwaja yunus की कथित हिरासत में मौत के लिए हत्या और सबूत नष्ट करने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ वर्तमान में एक मुकदमा चल रहा है। 27 वर्षीय इंजीनियर यूनुस को चार अन्य लोगों के साथ संदेह के आधार पर बुक किया गया था कि वे इसमें शामिल थे। घाटकोपर में 2002 का धमाका। यूनुस के तीन सह-आरोपियों को बाद में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। हालांकि, यूनुस के बारे में दावा किया गया था कि वह जांच के लिए औरंगाबाद ले जाने के दौरान फरार हो गया था। इस दावे को सीआईडी ने झूठा पाया, जिसने यूनुस को एस्कॉर्ट कर रहे चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनके तत्कालीन सह-आरोपियों ने एक अदालत को यह भी बताया कि उन्होंने 6 जनवरी, 2003 को यूनुस पर बेरहमी से हमला करते हुए देखा था, जिस दिन उन्हें जीवित देखा गया था। उन्होंने कथित हमले के लिए चार अन्य पुलिसकर्मियों का नाम लिया लेकिन राज्य ने उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी। यह भी पढ़ें: UP में BJP को करारा झटका, एक मंत्री और 4 विधायकों ने पार्टी छोड़ी, अखिलेश यादव की ‘साइकिल’ पर हो सकते हैं सवार.. यूनुस की मां आसिया बेगम ने सरकार के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने 2012 में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मंजूरी देने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया, यह मानते हुए कि चार अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं देने का मंजूरी प्राधिकारी का निर्णय सही था। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बेगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. यह अभी तय होना बाकी है। बेगम ने हाल ही में 2015 से लंबित अपनी मुख्य अपील की शीघ्र सुनवाई के लिए एक अंतरिम आवेदन के साथ शीर्ष अदालत का रुख किया। निचली अदालत में क्या हो रहा है? मामले में मुकदमा 2018 में उन चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ शुरू हुआ, जिन्होंने दावा किया था कि वे यूनुस को औरंगाबाद ले जा रहे थे और वह रास्ते में भाग गया था। वर्तमान में मुकदमे के दौर से गुजर रहे इन लोगों में बर्खास्त सिपाही सचिन वेज़ और तीन कांस्टेबल राजेंद्र तिवारी, सुनील देसाई और राजाराम निकम हैं। जिन चार लोगों को मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी गई थी, वे हैं सेवानिवृत्त एसीपी प्रफुल्ल भोसले, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजाराम वनमाने, अशोक खोत और हेमंत देसाई। मामले के पहले गवाह ने जनवरी 2018 में गवाही देते हुए गवाही दी कि उसने इन चार पुलिसकर्मियों को यूनुस पर हमला करते हुए देखा था। उसने कहा कि यूनुस के हाथ उसके पीछे बंधे हुए थे, उसके पेट और छाती पर बेल्ट से पीटा गया था और उसने यूनुस को खून की उल्टी करते देखा था। इसके आधार पर तत्कालीन विशेष लोक अभियोजक धीरज मिराजकर ने यह कहते हुए एक याचिका दायर की कि गवाह के माध्यम से अदालत के सामने आए सबूतों के आलोक में, चार पुलिसकर्मियों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 319 (के खिलाफ आगे बढ़ने की शक्ति) के तहत तलब किया जा सकता है। अन्य व्यक्ति जो अपराध के दोषी प्रतीत होते हैं)। चार पुलिसकर्मियों ने इस आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि एक अपील सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है और इसलिए अभियोजक द्वारा पेश की गई याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है। इसके बाद मिराजकर को राज्य सरकार ने विशेष लोक अभियोजक के पद से हटा दिया था। बेगम ने अपनी बहाली के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई लंबित है। परीक्षण में 2018 के बाद से कोई प्रगति नहीं देखी गई है।