Samajwadi party:योगी के मंत्री ने किया ‘आधे-अधूरे’ पुल का उद्घाटन तो भड़क उठी Samajwadi party
Samajwadi party Samajwadi party ने इस मामले पर प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरा है. पार्टी के जिला अध्यक्ष तनवीर खान ने आरोप लगाया कि भाजपा आधे अधूरे कार्यो का उद्घाटन करके श्रेय लेना चाहती है. यह जनता को धोखा देने की कोशिश है. शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Polls 2022) की तारीखों का ऐलान होते ही सत्ता और विपक्षी पार्टियों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है. समाजवादी पार्टी ( Samajwadi party ) ने उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा शाहजहांपुर में एक आधे-अधूरे पुल का लोकार्पण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह काम जनता को बेवकूफ बनाने के लिए किया गया है. नगर आयुक्त संतोष शर्मा ने सोमवार को बताया कि मंत्री सुरेश खन्ना ने गर्रा नदी पर ककरा से अजीजगंज नगरिया मोड़ को जोड़ने वाले सेतु निगम के एक पुल का पिछले बृहस्पतिवार को लोकार्पण किया था. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, पुल की रेलिंग और पुल से मुख्य सड़क को जोड़ने वाला मार्ग अभी नहीं बना है, लेकिन नगर निगम ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के डर से जल्दबाजी में मंत्री से इसका लोकार्पण करा दिया. Corona मरीज के संपर्क में आने वालों को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं, जब तक ज्यादा जोखिम ना हो : सरकार Samajwadi party ने इस मामले पर प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरा है. पार्टी के जिला अध्यक्ष तनवीर खान ने आरोप लगाया कि भाजपा आधे अधूरे कार्यो का उद्घाटन करके श्रेय लेना चाहती है. यह जनता को धोखा देने की कोशिश है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा हर जगह से नाकाम हो चुकी है और उसे पता है कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता उसके हाथ से निकल जाएगी, इसीलिए जल्दबाजी में अधूरी परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जा रहा है. सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक देवेंद्र सिंह ने बताया कि पुल को जनता के लिए 26 जनवरी को खोल दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी कुछ काम बाकी है जिसे पूरा किया जा रहा है और सड़क पर पत्थर लगाने का काम जारी है.
Corona मरीज के संपर्क में आने वालों को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं, जब तक ज्यादा जोखिम ना हो : सरकार
Corona Corona :इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एडवाइजरी में ये कहा गया है. ज्यादा जोखिम का मतलब ज्यादा उम्र या बीमारी के शिकार लोगों से है. नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, जब तक ज्यादा जोखिम (High risk) वाले व्यक्ति के तौर पर उनकी पहचान न हो. ज्यादा जोखिम का मतलब ज्यादा उम्र या बीमारी के शिकार लोगों से है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एडवाइजरी में ये कहा गया है. आईसीएमआर ने टेस्टिंग की इस नई स्ट्रैटजी को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि लक्षण वाले मरीजों की जल्द से जल्द पहचान हो और उन्हें सही समय पर आइसोलेशन के साथ उचित इलाज दिया जाए. बुजुर्गों और बीमारियों के शिकार लोगों में संक्रमण की पहचान में तेजी लाई जाए. खासकर हाइपरटेंशन, फेफड़े और किडनी से जुड़ी बीमारियों, मोटापा आदि. Bulli Bai क्रिएटर गिरफ्तार: दिल्ली पुलिस के रूप में मुंबई पुलिस ने ‘मास्टरमाइंड’ को गिरफ्तार किया Corona जांच इलाज कर रहे डॉक्टरों के विवेक के आधार पर निम्नलिखित मानकों के आधार पर की जा सकती है. अस्पतालों में सिर्फ टेस्टिंग के लिए सर्जरी या डिलीवरी जैसी इमरजेंसी प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए. सिर्फ टेस्टिंग सुविधा न होने पर किसी मरीज को किसी अन्य चिकित्सा केंद्र नहीं भेजा जाना चाहिए. टेस्ट सैंपल इकट्ठा करने और उसे जांच केंद्र तक भेजे जाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. बिना लक्षण वाले ऐसे मरीजों, जो सर्जरी या बिना सर्जरी वाली ऑपरेशन प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, (जिनमें प्रसव काल के नजदीक महिलाएं भी शामिल हैं और जिन्हें डिलिवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाना है) जब तक ऐसा जरूरी न हो या उनमें कोई लक्षण न दिखें. जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनका हफ्ते में एक बार से ज्यादा कोरोना टेस्ट न कराया जाए. किन्हें जांच की जरूरत नहीं होगी—-1. सामुदायिक स्थानों पर रह रहे बिना लक्षण वाले लोग. 2. कोरोना संक्रमित की पुष्टि वाले मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को( जब तक कि उनकी ज्यादा उम्र न हो या कोई गंभीर बीमारी न हो.3. ऐसे व्यक्ति जो होम आइसोलेशन की गाइडलाइन के आधार पर डिस्चार्ज घोषित हो चुके हों.4.ऐसे व्यक्ति जो अस्पताल से छुट्टी यानी संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी के आधार पर कोविड-19 केंद्र से छुट्टी पा चुके हों.5. एक से दूसरे राज्य में यात्रा करने वाले लोगों के लिए किन्हें टेस्ट की जरूरत होगी…सामुदायिक जगहों पर…1. लक्षण वाले मरीजों (बुखार, खांसी, गले में खराश, स्वाद या गंध महसूस न होना, सांस लेने में दिक्कत आदि) 2. कोरोना के लैब टेस्ट के आधार पर संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले जोखिम श्रेणी के लोग3. अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले (जोखिम वाले देशों के आधार पर)4. भारतीय हवाई अड्डों, बंदरगाहों या प्रवेश के अन्य मार्गों पर आने वाले विदेशी यात्रियों के लिए अभी कोविड-19 के संदिग्धों के लिए कौन से टेस्ट मौजूद हैं, उनकी लिस्ट भी आईसीएमआर ने दी है. इसमें प्वाइंट ऑफ केयर टेस्ट यानी ऐहतियाती जांच के तौर पर होम या सेल्फ टेस्ट या रैपिड एंटीजन टेस्ट शामिल है. जबकि अन्य तरीकों में आरटीपीसीआर, ट्रूनैट, सीबीएनैट, आरटीलैंप, रैपिड मॉलीक्लूयर टेस्टिंग सिस्टम और अन्य तरह के मान्यताप्राप्त टेस्ट शामिल हैं.
Bulli Bai App Case: Sulli Deals App का Mastermind गिरफ्तार, IFSO ने Indore से दबोचा
Bulli Bai App मामले में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल IFSO ने Bulli Bai App के निर्माता और मास्टरमाइंड को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के Indore से दबोचा है। IFSO के DCP (केपीएस मल्होत्रा) KPS Malhotra ने बताया कि Sulli Deals App के Creator और Mastermind ओंकारेश्वर ठाकुर (Aumkareshwar Thakur) को इंदौर से गिरफ्तार किया गया है। वो मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने के लिए ट्विटर पर बनाए गए Trad-Group का भी सदस्य था। सुल्ली की बात करें तो यह महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्द है। 4 जुलाई 2021 को ‘सुल्ली डील्स’ नाम के ट्विटर हैंडल पर बहुत सारे स्क्रीनशॉट शेयर किए गए थे। जिसमें कई मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’ की टैगलाइन के साथ पोस्ट की गईं थी। इसी तरह मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने के इरादे से बुल्ली बाई ऐप को बनाया गया था। बुल्ली बाई को ‘Sulli Deal’ का नया Version बताया जा रहा है। इस ऐप पर कई महिलाओं की तस्वीरों को ‘Your bully by the day…. के Caption के साथ शेयर और नीलाम किया जा रहा था। Bulli Bai App मामले में मुख्य आरोपी Neeraj Bishnoi ने शनिवार को खुलासा किया है कि वो 15 साल की उम्र से वेबसाइट्स को हैक, उनके बारे में जानने और उन्हें डीफेसिंग करने का आदी रहा है। नीरज ने दावा किया कि उसने भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के स्कूलों और विश्वविद्यालयों की कई वेबसाइटों को हैक किया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस की IFSO स्पेशल सेल ने मुख्य आरोपी Neeraj Bishnoi को बुधवार रात को असम के जोरहाट जिले से गिरफ्तार किया था और गुरुवार को उसको दिल्ली लाया गया था। आईएफएसओ के अनुसार नीरज बिश्नोई ने अपना गुनाह कबूल लिया है। Bulli Bai App का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा Bulli Bai App का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। दिल्ली हाई कोर्ट की महिला वकील फोरम DHCWLF के 77 सदस्यों ने CJI को पत्र याचिका भेजी है। याचिका में कहा गया है कि अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नरसंहार का आह्वान करना, अल्पसंख्यकों को बदनाम करना और उनके बारे में फर्जी खबरें फैलाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट हर जिले के DM और SP को उचित निर्देश जारी करे। Bulli Bai App क्या है? ‘Bulli Bai’ एक ऐसा एप्लीकेशन है जो Github एपीआई के माध्यम से बनाया गया था। यह ‘Sulli Deal’ एप्प के समान ही काम करता था। जानकारी के मुताबिक इस एप्प में कई नामचिन मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए ‘सौदे’ के रूप में पेश किया गया।