जीएसटी संग्रह दिसंबर में 13 प्रतिशत बढ़कर 1.29 लाख करोड़ रुपये के पार

दिसंबर, 2021 में जीएसटी संग्रह इससे पिछले साल के 1.15 लाख करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत अधिक है. वहीं यह दिसंबर, 2019 से 26 प्रतिशत ज्यादा है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में औसत जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये प्रतिमाह रहा है. नई दिल्ली:  माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह दिसंबर, 2021 में इससे पिछले साल के समान महीने की तुलना में 13 प्रतिशत बढ़कर 1.29 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया. वित्त मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी. हालांकि, दिसंबर में जीएसटी संग्रह नवंबर के 1.31 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से कम रहा है. दिसंबर, 2021 में लगातार छठे महीने सरकार का जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. यह भी पढ़ें Vaishno Devi में भगदड़ : जिंदा बचे लोगों ने खराब इंतजाम को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘दिसंबर, 2021 में सकल जीएसटी संग्रह 1,29,780 करोड़ रुपये रहा. इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का हिस्सा 22,578 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) का हिस्सा 28,658 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का हिस्सा 69,155 करोड़ रुपये रहा. आईजीएसटी में वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए 37,527 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. इसके अलावा इसमें 9,389 करोड़ रुपये का उपकर (614 करोड़ रुपये वस्तुओं के आयात पर जुटाए गए) भी शामिल है.” दिसंबर, 2021 में जीएसटी संग्रह इससे पिछले साल के 1.15 लाख करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत अधिक है. वहीं यह दिसंबर, 2019 से 26 प्रतिशत ज्यादा है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में औसत जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये प्रतिमाह रहा है. वहीं पहली तिमाही में यह 1.10 लाख करोड़ रुपये और दूसरी तिमाही में 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा था. मंत्रालय ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के साथ कर चोरी रोकने के उपायों, विशेषरूप से जाली बिल जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई से जीएसटी राजस्व बढ़ाने में मदद मिली है. इसके अलावा दरों को युक्तिसंगत बनाने के उपायों से भी जीएसटी संग्रह बढ़ा है.” मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि 2021-22 की चौथी तिमाही में भी संग्रह में बढ़ोतरी का यह रुख जारी रहेगा. नवंबर, 2021 में कुल 6.1 करोड़ ई-वे बिल निकाले गए. यह अक्टूबर, 2021 के 7.4 करोड़ के आंकड़े से करीब 17 प्रतिशत कम है. मंत्रालय ने कहा कि कर अनुपालन में सुधार और केंद्र और राज्यों के कर विभागों के बेहतर कर प्रशासन की वजह से जीएसटी संग्रह बढ़ा है. डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम एस मणि ने कहा कि ई-वे बिल में कमी के बावजूद जीएसटी राजस्व बढ़ा है. इसकी मुख्य वजह सेवा क्षेत्र से ऊंचे संग्रह के अलावा कर-अपवंचना रोकने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपायों को लागू करना है. इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जीएसई ई-वे बिल में कमी के बावजूद सालाना आधार पर और माह-दर-माह आधार जीएसटी संग्रह कुल मिलाकर अच्छा रहा है.

SA v IND ODI Series:भारतीय वनडे टीम के ऐलान के बाद कोहली के नाम को लेकर चौंक गया पूर्व भारतीय क्रिकेटर, बोला, ‘ये अटपटा सा लग रहा..’

SA v IND ODI Series:  साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो गया है. रोहित शर्मा के चोटिल रहने से टीम की कप्तानी करने की जिम्मेदारी केएल राहुल (KL Rahul) को दी गई है. SA v IND ODI Series:  साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो गया है. रोहित शर्मा के चोटिल रहने से टीम की कप्तानी करने की जिम्मेदारी केएल राहुल (KL Rahul) को दी गई है. इसके अलावा टीम में ऋतुराज गायकवाड़ और वेंकटेश अय्यर जैसे युवा खिलाड़ियों को भी मौका मिला है. बता दें कि वनडे टीम के ऐलान को  बाद भारत के पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में कमेंट्री करने वाले आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) काफी हैरान हैं. दरअसल भारतीय वनडे टीम में एक खिलाड़ी को लेकर एक खास बयान दिया है, उन्होंने कहा कि है टीम में उस खिलाड़ी के नाम के आगे ‘कैप्टन’ शब्द न देखकर उन्हें अटपटा सा लग रहा है. कमेंटेटर ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर इस बात को स्वीकार किया है. आकाश चोपड़ा ने कहा कि हमें कोहली के नाम के आगे कैप्टन (C) देखने की आदत सी बन गई थी. लेकिन इस बार उनके नाम के आगे (c) न देखकर काफी अटपटा सा लग रहा है.  अपने यू-ट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा ने कहा, ‘मैं बहुत ईमानदारी से कह रहा हूं कि, टीम के ऐलान के बाद मुझे एक छोटा सा अहसास हुआ, विराट कोहली (Virat Kohli) के नाम के बाद कोई ‘c’ नहीं था और यह वास्तव में अजीब लगा; क्योंकि सालों से हमने ऐसा होते देखा है.’ चोपड़ा ने आगे कहा कि हाल ही में हमने टी-20 सीरीज में ऐसा देखा था. लेकिन वह उस सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे. यह पचाने में अब थोड़ा समय लेगा, लेकिन अब विराट कप्तान नहीं है, इसे हमें हम कबूलना होगा. बता दें कि टी-20 वर्ल्ड कप के बाद कोहली ने टी-20 की कप्तानी छोड़ दी थी, जिसके बाद रोहित शर्मा को कप्तान बनाया गया था. यही नहीं विराट के टी-20 की कप्तानी छोड़ने के बाद यह ऐलान किया गया कि अब वनडे में भी कोहली कप्तान नहीं रहेंगे. दरअसल कोहली ने इच्छा जाहिर की थी कि वो वनडे में टीम की कप्तानी करना चाहते हैं लेकिन इसके बाद भी चयनकर्ताओं ने उनसे वनडे की कप्तानी छीन ली. अब वनडे और टी-20 में भारत की कप्तानी स्थाई तौर पर रोहित ही करेंगे.

India ने पाकिस्तान से भारतीय मछुआरों और कैदियों की जल्द रिहाई सुनिश्चित करने को कहा

India विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के बयान के अनुसार, पाकिस्तान से 182 भारतीय मछुआरों और 17 आम नागरिक कैदियों के लिये तत्काल Indiaराजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को भी कहा गया है जो अभी पाकिस्तान की हिरासत में है और जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय हैं . India ने शनिवार को पाकिस्तान (Pakistan)  से 356 भारतीय मछुआरों और दो आम नागरिक कैदियों (Prisoners) की रिहाई एवं उन्हें वापस भेजना सुनिश्चित करने की मांग की जिनकी नागरिकता की पहले ही पुष्टि हो गई है एवं पाकिस्तान के प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई है. विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के बयान के अनुसार, पाकिस्तान से 182 भारतीय मछुआरों और 17 आम नागरिक कैदियों के लिये तत्काल राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने को भी कहा गया है जो अभी पाकिस्तान की हिरासत में है और जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय हैं . India ने दोनों देशों के बीच मछुआरों एवं आम नागरिक कैदियों की सूची के आदान प्रदान के परिप्रेक्ष में यह आग्रह किया . दोनों देशों के बीच वर्ष 2008 के समझौता ढांचा के तहत हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को ऐसा किया जाता है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि India ने पाकिस्तान के 282 नागरिक कैदियों एवं 73 मछुआरों की सूची पड़ोसी देश को सौंपी जो India की हिरासत में हैं. इसी प्रकार से पाकिस्तान ने उसकी हिरासत में रहने वाले 51 आम नागरिक कैदियों एवं 577 मछुआरों की सूची भारत को सौंपी जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं . Vaishno Devi में भगदड़ : जिंदा बचे लोगों ने खराब इंतजाम को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया बयान के अनुसार, भारत ने आम नागरिक कैदियों, लापता रक्षा कर्मियों एवं मछुआरों तथा उनकी नौकाओं की जल्द रिहाई एवं उनकी वापसी सुनिश्चित करने को भी पाकिस्तान से कहा है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने पाकिस्तान से चिकित्सा दल के सदस्यों के लिये वीजा प्रदान करने में तेजी लाने को कहा है ताकि वे पाकिस्तान में उन कैदियों की मानसिक स्थिति एवं स्वास्थ्य की जांच कर सके जो उसकी जेल में बंद हैं और जिनके बारे में समझा जाता है कि वे भारतीय नागरिक हैं . मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ इसमें संयुक्त न्यायिक समिति के लिये जल्द पाकिस्तान का दौरा आयोजित करने का भी प्रस्ताव किया गया है.” विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक दूसरे देश में कैदियों एवं मछुआरों को सभी मानवीय विषयों एवं अन्य मामलों को प्राथमिकता देने को प्रतिबद्ध है. मंत्रालय ने कहा कि इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान से अपील की है कि वह मछुआरों सहित 68 पाकिस्तानी कैदियों की नागरिकता की पुष्टि के लिये जरूरी कदम उठाये जिनको वापस भेजने का विषय पाकिस्तान की ओर से नागरिकता की पुष्टि को लेकर लंबित है. इसमें कहा गया है कि कोविड-19 के मद्देनजर पाकिस्तान से सभी भारतीयों एवं भारतीय समझे जाने वालों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया गया है.

Vaishno Devi में भगदड़ : जिंदा बचे लोगों ने खराब इंतजाम को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया

माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हुई और 20 अन्य घायल हुए. भगदड़ मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई. माता वैष्णो देवी मंदिर जम्मू से करीब 50 किलोमीटर दूर त्रिकुटा पर्वत पर है. जम्मू:  जम्मू के कटरा में साल के पहले दिन तड़के मां Vaishno Devi मंदिर में मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हुई है. जिंदा बचे लोग इस भगदड़ के लिए स्थानीय एजेंसियों के खराब इंतजामों और कुप्रबंधन को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया. Vaishno Devi मंदिर में मची भगदड़ के बीच जिंदा बचे कुछ लोगों ने कहा कि नए साल के पहले दिन दर्शन को लेकर अचानक बड़ी तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंच गए.  भारी भीड़ के बीच भगदड़ मची और लोग एक दूसरे के ऊपर कुचलते चले गए. इन लोगों ने इस भयावह घटना के लिए कुप्रबंधन को दोषी ठहराया.  यह भी पढ़ें : mumbai: फिल्मी स्टाइल में दिनदहाड़े स्टेट बैंक में डकैती, 1कर्मचारी की हत्या कर कैश लेकर फरार हुए बदमाश, सीसीटीवी में वारदात कैद बहरहाल, श्री माता Vaishno Devi श्राइन बोर्ड ने यह कहते हुए आरोपों का खंडन किया कि संभावित भीड़ के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि एक मामूली लड़ाई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है. हादसे में मारे गए अपने रिश्तेदार को पहचानने के लिए एक शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से आए एक तीर्थयात्री ने कहा कि इस हादसे का कारण केवल खराब इंतजाम है. एजेंसियों को भीड़ बढ़ सकने की जानकारी थी, लेकिन लोगों को बेरोकटोक आने की अनुमति दी गई. एक शख्स ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि अगर संबंधित अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों का बेहतर प्रबंधन किया होता, तो इस हादसे से बचा जा सकता था. ऐसी स्थिति कुछ मिनट पहले भी हुई थी, लेकिन सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ और हालात काबू में कर लिए गए थे. उसने कहा कि हम 10 श्रद्धालु साथ आए थे. हम सभी पड़ोसी हैं. भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची, क्योंकि लोग अंदर-बाहर आ-जा रहे थे और हर कोई जल्दी में था. तीर्थयात्री ने कहा कि कई लोग वापस जाने के बजाय, जमीन पर आराम कर रहे थे और इसके कारण भवन में और भीड़ बढ़ गई. इस भगदड़ में अपने मित्र अरुण पी सिंह (30) को खो देने वाले एक युवक ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आए थे और भवन में बहुत भीड़ थी. उन्होंने कहा, वो करीब 10 साल पहले मंदिर आया था, लेकिन इस बार भारी भीड़ देखकर हैरानी हुई. इस त्रासदी के बाद हम असहाय थे और हमें तड़के 6 बजे तक कोई मदद नहीं मिली. बिहार के मुजफ्फरपुर की रानी देवी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि इस भगदड़ में उनकी मौत नहीं हुई. रानी देवी ने कहा कि उन्होंने कई लोगों को जमीन पर मृत पड़े देखा और और उनका दिल बुरी तरह टूट गया. उन्होंने इसके लिए भवन में श्रद्धालुओं की बेकाबू भीड़ को जिम्मेदार ठहराया. एक अन्य तीर्थयात्री आदित्य शर्मा ने कहा कि जमीन पर सो रहे कुछ लोग भगदड़ में कुचले गए. इस घटना के बाद कई तीर्थयात्रियों को दर्शन किए बिना ही मंदिर के आधार शिविर कटरा से लौटते देखा गया. तीन बच्चों समेत अपने परिवार के पांच अन्य सदस्यों के साथ यहां आईं रेखा ने कहा कि हम पठानकोट से हैं. हम भगदड़ के कारण दर्शन किए बिना ही भवन से लौट गए. मध्य प्रदेश में ग्वालियर के रहने वाले प्रेम सिंह ने कहा कि भवन में पूरी तरह से अव्यवस्था का आलम था. न तो तीर्थयात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध था और ना ही कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा था. सिंह ने दावा किया कि एक्सरे जांच केंद्र पर तैनात पुलिस कर्मी भारी भीड़ के आगे कुछ नहीं कर पा रहे थे. श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार हालात का जायजा लेने सबसे पहले पहुंचे लोगों में शामिल थे और उन्होंने नारायण अस्पताल में भर्ती घायलों से भी मुलाकात की. बोर्ड के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की भीड़ के कारण सुरक्षा समेत पर्याप्त प्रबंध किए गए थे. डीजीपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ युवकों के बीच झगड़ा हुआ था और कुछ ही सेकेंड में भगदड़ के हालात बन गए. स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और भीड़ को तत्काल संभाला, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था.बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि यह इस मंदिर में हुई इस प्रकार की पहली घटना है. माता Vaishno Devi तीर्थ क्षेत्र में भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई है और 20 अन्य घायल हुए हैं. भगदड़ मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई. माता Vaishno Devi मंदिर जम्मू से करीब 50 किलोमीटर दूर त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है.